tag:blogger.com,1999:blog-22157020435266162812024-03-17T00:22:01.707+05:30लोक वेब मीडियाजनभावना की निष्पक्ष आवाजRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comBlogger581125tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-28871876196432603632023-10-22T18:55:00.001+05:302023-10-22T18:55:03.559+05:30 देश की स्थिति को देखते हुए आज आजादी की दूसरी लड़ाई की जरूरत है-शहनाज आलम <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBHYeTMpxYfxUSHVKxRDfQ9DR2IebPjJpkaFIN1whCh1J0X1xi39p_swZoQ84q2srzArVYx8m3y4oGTLJVxXM-7EJkXsUURFki0wKQF9xlMLEin2TITqCXLrF2TOQLvNHWI_Xb1-peVD95AHAS_k5ks3gixOL_eCCKicMnTfs_w1VCkPvPgpqEczqqARpL/s1280/IMG-20231022-WA0190.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" height="200" data-original-height="1280" data-original-width="591" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjBHYeTMpxYfxUSHVKxRDfQ9DR2IebPjJpkaFIN1whCh1J0X1xi39p_swZoQ84q2srzArVYx8m3y4oGTLJVxXM-7EJkXsUURFki0wKQF9xlMLEin2TITqCXLrF2TOQLvNHWI_Xb1-peVD95AHAS_k5ks3gixOL_eCCKicMnTfs_w1VCkPvPgpqEczqqARpL/s200/IMG-20231022-WA0190.jpg"/></a></div><div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZ6OTqPzzWLWi-UOTpSRCbQG2kiQnTh8KWj2-hssXIVLcVoKQqznlf1NHMlB0kcP6hBLeFjqwyJiukStm9kgQsWDTflg2LpJG_De943r_wWHuzWbn47Qe95Fm1rM5VIg1RnkSt1wIUtJ2pBOc0LFv15Mh5pBLcb619n3MJzXm-czsVPl85CIjfYHOxiztl/s1156/IMG-20231022-WA0176.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="867" data-original-width="1156" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgZ6OTqPzzWLWi-UOTpSRCbQG2kiQnTh8KWj2-hssXIVLcVoKQqznlf1NHMlB0kcP6hBLeFjqwyJiukStm9kgQsWDTflg2LpJG_De943r_wWHuzWbn47Qe95Fm1rM5VIg1RnkSt1wIUtJ2pBOc0LFv15Mh5pBLcb619n3MJzXm-czsVPl85CIjfYHOxiztl/s200/IMG-20231022-WA0176.jpg"/></a></div><div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiIKXdVt_G7j0dSa_FQURD98tjKdXhuxzwDBPTrjJt_dfxDlzNfNOzudhwVsf83-vyawtLTWMgbhQR1pGusDRhCj7ST8qbj_67Lzb_5G-XOY4bzApAGONLY78pa_3mqX8BNpXTt96Wq8AuHnvdBNITo4IehlNeMGBp0Zff2xxZyYiB-IYDHICn5zx2SScsP/s1600/IMG-20231022-WA0211.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="720" data-original-width="1600" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiIKXdVt_G7j0dSa_FQURD98tjKdXhuxzwDBPTrjJt_dfxDlzNfNOzudhwVsf83-vyawtLTWMgbhQR1pGusDRhCj7ST8qbj_67Lzb_5G-XOY4bzApAGONLY78pa_3mqX8BNpXTt96Wq8AuHnvdBNITo4IehlNeMGBp0Zff2xxZyYiB-IYDHICn5zx2SScsP/s200/IMG-20231022-WA0211.jpg"/></a></div>
बाराबंकी। देश की स्थिति को देखते हुए आज आजादी की दूसरी लड़ाई की जरूरत है, पहले भी स्वतंत्रता पाने के लिए लोगों को जेल, अत्याचार, उत्पीड़न आत्मसर्ग करना पड़ा था, अब भी लोगों को जेल जाने से घबराना नहीं चाहिएI दादा गजेंद्र सिंह जीवन पर्यंत व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते रहें और जेल की यात्राएं बर्दाश्त करते रहे। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब आज व्यवस्था के खिलाफ नए निर्माण के लिए सरकार के खिलाफ जेल जाने की शुरुआत करेंI
यह विचार व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश कमेटी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि वर्तमान सरकारे फासिस्ट सरकारे हैं, जो मनुष्यता के खिलाफ है और इनको उखाड़ फेंकने की जरूरत हैI उन्होंने कहा कि 1976 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज की परिस्थितियों का पूर्वानुमान करते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना में 42 वां संशोधन करते हुए समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा थाI आज इन दोनों शब्दों को भाजपा संघ के इशारे पर हटाने का प्रयास कर रही है इसे रोकना भारत के हर नागरिक का दायित्व है I दादा गजेंद्र सिंह के साथ विधायक रहे पूर्व विधायक परमात्मा सिंह ने कहा कि देश इस संकटकालीन स्थिति से गुजर रहा है आवश्यकता है कि एक नया आंदोलन देश में शुरुआत शुरू किया जाए और देश की, स्वतं: और उनके सामाजिक ढांचे को सुरक्षित करने लिए जन संघर्ष किया जाएI आज का नौजवान व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का छात्र है और झूठा इतिहास पढ रहा हैI कार्यक्रम की शुरुआत दादा गजेंद्र सिंह के चित्र को रणधीर सिंह "सुमन", अजय सिंह व अन्य सभी लोगों ने माल्यार्पण कर प्रारंभ कियाI श्रद्धांजलि सभा को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा, रामनगर डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य वीरेंद्र बहादुर सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता उमाशंकर वर्मा उर्फ मुन्नू भैया, नवीन सेठ, आदि ने संबोधित किया। श्रद्धांजलि सभा में सुप्रसिद्ध पत्रकार आदिल तल्हा की आकस्मिक निधन पर दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहम्मद कदीर व संचालन मोहम्मद तारिक खान ने कियाI और अंत में कार्यक्रम के आयोजक वीरेंद्र. विक्रम बहादुर सिंह दद्दू ने सभी का आभार व्यक्त कियाI
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-66080685388071982892023-10-21T18:26:00.004+05:302023-10-21T18:26:22.479+05:30भाजपा हटाने के लिए अतीत की बातें न करें - डी राजा <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgJjlb1Urd3EmhbFSDpTSodn9nAuOmQnglS0n29pQT3EhD6G8O05h_c75V5HIZiCp9fHAPJ3cvSw_ZZhzBcUBQljcRe9F2sUloesfIB-_viVHM0ryef3Sd2bseu7V9-WbHD89jMbzeP3aaL3xct4BZkzd-qeCZT7QcVskV1nQDGJpxvWdlH8ATJiSSAq4Dz/s554/images.jpeg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="554" data-original-width="554" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgJjlb1Urd3EmhbFSDpTSodn9nAuOmQnglS0n29pQT3EhD6G8O05h_c75V5HIZiCp9fHAPJ3cvSw_ZZhzBcUBQljcRe9F2sUloesfIB-_viVHM0ryef3Sd2bseu7V9-WbHD89jMbzeP3aaL3xct4BZkzd-qeCZT7QcVskV1nQDGJpxvWdlH8ATJiSSAq4Dz/s200/images.jpeg"/></a></div>
समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और वामपंथी दल, सभी इडिया गठबंधन के बैनर तले एक साथ हैं। अब अतीत को क्यों खोदना? अब हमें वर्तमान में आना होगा और भविष्य की ओर देखना होगा। हम भाजपा शासन से लड़ रहे हैं, जो पूरे देश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। वामपंथियों सहित सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों के सामने प्राथमिक उद्देश्य भाजपा से लड़ना और उसे हराना है। इसी पर सहमति बनी है. देश और उसके भविष्य को बचाने के लिए एक साथ लड़ना और भाजपा को हराना प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए।
ंRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-18592293866577899842023-10-17T20:23:00.003+05:302023-10-17T20:23:44.030+05:30हवा में लटके शब्द - अनूप मणि त्रिपाठी <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhUgJKcqWOj-whmOF-mTXofyVoAMZQjOlQLN1Lf5AjtdndgF_tNeh8WAeVvgj_VaF7s6zs3XyqY10eEyYMiBsz1-2MTn55fuGOnNEfEux6BxTqwbSNqkRbiYRLfBW1o4k8MK2vLKeh4bNaNAFvQeT3EXMQcPDBWQsqXV76hVNQWNvIlLwfURp8YMSNae_d/s1600/FB_IMG_1697554173841.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" height="200" data-original-height="1600" data-original-width="720" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhhUgJKcqWOj-whmOF-mTXofyVoAMZQjOlQLN1Lf5AjtdndgF_tNeh8WAeVvgj_VaF7s6zs3XyqY10eEyYMiBsz1-2MTn55fuGOnNEfEux6BxTqwbSNqkRbiYRLfBW1o4k8MK2vLKeh4bNaNAFvQeT3EXMQcPDBWQsqXV76hVNQWNvIlLwfURp8YMSNae_d/s200/FB_IMG_1697554173841.jpg"/></a></div>
हवा में लटके शब्द
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साधो,एक बड़े से सभागार के मंच पर बहुत सारे कवि सजे-धजे जमे हुए हैं। श्रोता कसमसा रहे हैं। वे रह-रहकर हिलडुल रहे हैं अर्थात जीवित हैं। यह कविता वाचन का द्वितीय सत्र चल रहा है। शब्द पक रहे हैं। सुनने वाले तप रहे हैं। कविता की नई जमीन बन रही है। लेकिन कुछ कवि उत्साह के अतिरेक्त में जमीन से पहले पर्वत ,पठार, कछार बनाने पर तुले हुए हैं। कवि दूर-दूर से आएं हैं और कविता को दूर तक ले जाना चाहते हैं। मगर उनको सुनकर लगता है कि किंचित कविता उनसे दूर जाना चाहती है। मैं कोई कपोल-कल्पित बात नहीं कर रहा हूं। मैं श्रोताओं का हाल देखकर बोल रहा हैं। देखो न! अभी जो कवि पढ़ रहा है,वो निबंध को गा-गाकर पढ़ रहा है। जिसके बारे में संचालक ने बताया था कि हाल ही में उनकी कविता की तेरहवीं किताब आई है। उनको सुनते हुए बगल में बैठा व्यक्ति कह रहा है कि इससे अच्छा तो अखबार ही पढ़ देते!
साधो, जरा इस गीतकार की आंखों में तो देखो! सजल हैं। न-न वो हूट नहीं हुआ है। एक श्रोता ने मुखड़ा सुनाने की फरमाइश कर दी है। अब गीतकार क्या जाने! श्रोता का गला भरा हुआ है। कार्यक्रम के मध्यांतर में भोजन को चबाकर नहीं दबाकर खाया है। सुस्वादु भोजन,एसी की ठंडक तिस पर दुपहरिया। आ गई झपकी। निकल गया मुखड़ा । मुंह पर हाथ फेरते हुए श्रोता को कर्तव्यबोध जागा । कर दी फिर मुखड़े की फरमाइश जैसे भोजन के समय की थी रसगुल्ले की ख्वाइश। गीतकार ने श्रोता के मुखड़े पर मोहित होते हुए पुलकित भाव से अपने गीत का मुखड़ा दुबारा सुनाया। मुखड़ा सुनने के बाद श्रोता के मुंह से दाद की जगह डकार निकली।
साधो, बड़ा कवि हूट होने से नहीं डरता। महान कवि सूट होने से नहीं डरता। कवि की एक श्रेणी और है। जानो! एक होता है घुटा हुआ कवि । वह अपने निर्धारित समय से डेढ़ा-दुगुना समय लेता है। वह समय का कोटा नहीं देखता है। वह मात्र अपनी कविता की मात्रा देखता है। वह जानता है कि उसके लिखने से कहीं कुछ बदलने वाला नहीं है।(अपनी कविता से वह स्वयं नहीं बदला) इसलिए वह इस जड़ समाज को कविता के रूप में अपनी खरी-खोटी सुना-सुनाकर बदला लेता है। वह अपनी सारी घुटन इस समय ही निकाल देना चाहता है। सुनने वाले का भले ही दम क्यों न घुट जाए!
इससे अलग एक होता है सिर्फ कवि। यह कवि निर्धारित समय में ही काव्य पाठकर चुपचाप अपना आसन ग्रहण कर लेता है। हालांकि इस दर्जे का कवि हिंदी साहित्य में मिलना एक दुर्लभ घटना मानी जाती है।
साधो,कवि की एक कोटि और है। पहले तो वो जिनकी कविता आकार में इतनी बड़ी होती है कि अंतर्वस्तु दब के मर जाती है। दूसरे वह होते हैं जो आकार में छोटी कविता लिखकर भी बड़ी कविता लिखते हैं। अभी-अभी एक किस्म और याद आई। एक वे कवि जो सिर्फ विचारधारा को जानते हैं। दूसरे वे कवि जो सिर्फ धाराप्रवाह पढ़ना जानते हैं।
साधो! कालजयी रचना के बारे में हमें भ्रामक जानकारियां दी गईं हैं। और हद दर्जे तक दी गईं हैं। वस्तुतः कालजयी रचना वो जिसको सुनते हुए साक्षात काल आ जाए और जिसे सुनाते हुए कवि को न लाज आए।
कवि से पूछो, 'क्यों साहब कविता के बारे में क्या खयाल है। वह छूटते ही बोलेगा कि कविता लिखना आसान नहीं। कठिन कर्म करने वाले इस कवि ने मगर कविता सुनने को दुनिया का सबसे आसान काम मान बैठा है। अपनी बारी आने पर माइक से वह ऐसे चिपकता है जैसे जूते की तली में लगा च्यूइंगम! नीरज जी की इन पक्तियों को 'आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य' शायद कुछ कवियों ने इसे बहुत सिरयसली ले लिया है और श्रोताओं को अभागा छोड़ रखा है।
साधो, अभी जो कवि आया है। वह चीख रहा है। वह भूल गया कि यह कवि सम्मलेन नहीं है। यहां न चीखना चलेगा,न चुटकुला। वह चीख रहा,मगर उसकी कविता खामोश है। ऐसे में रूमी की यह बात याद आती है,'अपने शब्द उठाओ, आवाज नहीं। यह बारिश है जो फूल उगाती है, गरज नहीं।
साधो, संचालक महोदय फरमाते हैं कि ऐसे सुधि पाठकों के लिए भी तालियां होनी चाहिए,जो इतनी तन्मयता के साथ कविता सुन रहे हैं। दरअस्ल इस प्रशंसा के मूल में चापलूसी छुपी हुई है। संचालक के मन में खटका बना हुआ है। कहीं बचे खुचे श्रोता भी सभागार से निकल न जाए! जबकि संचालक जानता है और बखूबी जानता है। वह अनुभवी भी है और साथ में कवि भी है। वह जानता है कविता सुनने वाले ये जो बचे खुचे श्रोता हैं, कुर्सी छोड़कर जाना भी चाहें तो नहीं जा सकते। क्योंकि ब्रेक में आयोजको द्वारा उपलब्ध कराया गए भोजन को उन्होंने खींचकर इतना खा लिया है कि उनसे अपनी सांस तक नहीं खींची जा रही! सुधी श्रोताओं ने तो लंच के बाद सीधे अपने घर की राह पकड़ ली। अभी सभागार जो कुछ श्रोता दीख रहे हैं, तो उसके लिए कविता के स्तर से ज्यादा उदरस्थ कीं गईं पूडियों की संख्या जिम्मेदार है। इतना ठेलने के बाद ' सुधी' श्रोता को कुछ सुध ही कहां!
साधो, कविता सुनते-सुनते मैंने भी कविता लिख मारी है।
कविता की एक और किताब आने से
खुश है कवि
मगर शब्द कतई खुश नहीं
उनको शिकायत है
वे चाहते हैं कि कविता से
कभी तो
कवि भी
बड़ा दिखाई दे!
सहसा एक प्रसंग याद आया। कविता दिखाने के बाद कवि ने एक आलोचक से पूछा कि सर आपको मेरी यह कविता कैसी लगी!
'अंतिम दो पंक्तियां हटा लो!' आलोचक ने सुझाव दिया।
यह सुनते ही कवि का मुंह बन गया। जानते हो क्यों! क्योंकि कुलजमा उसकी कविता चार पक्तियों की ही थी।
साधो, सभागार में एक बच्चा भी है। जो बाल सुलभ हरकतें भी कर रहा है। कविता के बीच उसकी निरंतर आवाजाही बनी हुई है । कवि की कविता से ज्यादा वह ध्यान आकृष्ट कर रहा है। बच्चे की गणित अच्छी है। इसका प्रमाण यह कि उसने अपने पापा से जोर से अभी कहा कि पापा-पापा अब बस दो पोएट सुनाने को बचे हैं बस। बच्चे के इस बयान से सुनने वालों के होठों पर देखो मुस्कान तैर गई है।
साधो, जब से मोबाइल आया तब से बड़ी राहत है। कार्यक्रम के बीच में बजना शुभ माना जाता है। उधर कवि हाहाकारी समय के द्वंद का वर्णन कर रहा है, तो इधर कई श्रोता फेसबुक पर अपने टाइम लाइन में निर्द्वंद विचरण कर रहे हैं। कवि मंच से कविता सुना रहा है ,तो नीचे एक युवा अपने मित्र को मैसेज कर रहा है।
'ज्यादा वाह वाह न करो! नहीं तो ये रात भर सुनाएंगे!'
उसके मित्र ने भी मैसेज का जवाब फौरन रवाना कर दिया ,' मुझे लगा कि शायद ये तब से इसीलिए सुनाए जा रहे हैं कि कोई वाह नहीं कर रहा!'
किसी और के मोबाइल पर अभी यह संदेश टपका।
'व्यस्थापक महोदय! चाय की व्यवस्था है न!'
जवाब आया,'हां भाई! ऐसी कविता के बाद तो चाय लाजिमी है!'
सभागार में ही दो मोबाइल पर सदेशों का आदान-प्रदान कुछ यों हो रहा है,'भाई माफ करना!'
'क्या हुआ!'
'अब तक मैं तुम्हें निम्नकोटी का कवि समझता था!'
'कोटि कोटि आभार( हंसने वाले इमोजी के साथ)'
मंच पर कवि भरा हुआ है भावों से और नीचे सबके मोबाइल में अपनी-अपनी रसधार बह रही है...
साधो, कविता के बीच एक कहानी सुनो! एक कवि जब ईश्वर के पास पहुंचा तो उसने पूछा,'मैं यहां कैसे आया!'
'तुम्हारा दिल बैठ गया था!' उसे जवाब मिला।
'बैठने से मतलब!'
'सिंक कर गया!'
'मुझसे उम्रदराज एक से बढ़ कर एक खूसठ कवि पड़े हुए हैं, मुझे क्यों उठाया!'
'आते ही निंदा! खैर, तुम्हारे अच्छे और महान विचारों के कारण तुम्हारी यह हालत हुई है कवि महोदय!' उसे बताया गया।
'कैसे!'
'इतने अच्छे और महान विचार छोटे दिल में कैसे समा सकते थे।' कवि को जवाब मिल गया।
साधो! कविताएं लिखी जाती रहेंगी।कविता पाठ चलता रहेगा! और आगे भी चलेगा! यहां नही तो कहीं और चलेगा! चलेगा और चलते रहना भी चाहिए! साहित्य,समाज,समय,संवेदना सबके लिए जरूरी है। निसंदेह हमारी वाचिक परंपरा समृद्ध रही है। यहां तक इसे 'ब्रह्म नाद' कहा गया है। वाक्,वाणी का अर्थ ही है बोलना! भारतीय वाचिक परंपरा पर बोला जाए,तो यहां पर अलग से एक लेख लिखना पड़ जाएगा! तो मैं अंतिम बात कहकर अब विराम लेता हूं!
साधो,लिखकर डायरी के पन्ने फाड़ते रहो,ताकि नया अध्याय लिख सको!
अनूप मणि त्रिपाठीRandhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-67623822906592189062023-10-15T16:22:00.000+05:302023-10-15T16:22:04.562+05:30सम्राज्यवाद और पूंजीवाद की मृत्यु शान्ति है और युद्ध उसका जीवन-रण धीर सिंह सुमन <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBGA_8w1_0a4JYtyGbCBWFOjygVhzHlpLso0kkFuaZ06NoGwpx2VwklXyITzwk7DM97Hdzp5fsCHkW_stJZPHmVmP8A227iTFNufazyfdBibqrghDf_6xYY_DRnCG6_uRod-AHtYBMqb2U05I99QlR17IyZfNtsABUQ0LlK72YsAnQVUE78RvtTM6XUdrc/s1600/IMG-20231015-WA0419.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="738" data-original-width="1600" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBGA_8w1_0a4JYtyGbCBWFOjygVhzHlpLso0kkFuaZ06NoGwpx2VwklXyITzwk7DM97Hdzp5fsCHkW_stJZPHmVmP8A227iTFNufazyfdBibqrghDf_6xYY_DRnCG6_uRod-AHtYBMqb2U05I99QlR17IyZfNtsABUQ0LlK72YsAnQVUE78RvtTM6XUdrc/s200/IMG-20231015-WA0419.jpg"/></a></div>
बाराबंकी ।सम्राज्यवाद और पूंजीवाद की मृत्यु शान्ति है और युद्ध उसका जीवन है इसीलिए साम्राज्यवादी शक्तियां दुनिया में अनावश्यक विवादों को लेकर नरसंहार कर रही है। जिसमें निर्दोष बच्चों महिलाओं को फास्फोरस छिड़काव कर भयानक नरसंहार किया जा है और मौत के तांडव पर हम खुशी जाहिर कर रहे हैं। युद्ध अविलंब रोका जाना चाहिए। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा साथी शिक्षक रामलखन वर्मा की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि हमें मणिपुर में भी शान्ति स्थापित करने के लिए लिए प्रयास करना चाहिए। वहां डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है। श्रद्धांजलि सभा राम लखन - रामदास कालेज सलेमपुर में आयोजित थी जिसको पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा ने कहा कि रामलखन वर्मा ने विद्यालय की स्थापना के साथ-साथ शिक्षक आंदोलन के बड़े नेताओं में एक थे। कार्यक्रम की शुरूआत उनके चित्र को माल्यार्पण करके हुई। श्रद्धांजलि सभा को पार्टी के राज्य परिषद सदस्य प्रवीण कुमार डाँ कौसर हुसैन मुनेश्वर बक्श रामनरेश वर्मा रमेश कुमार कालेज के प्रचार्य ओमकार प्रबंधक अभिषेक वर्मा सत्य प्रकाश दीपक शर्मा,मोहदम्मद कासिफ,ज्ञानेश्वर वर्मा,रमेश वर्मा, सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता शिवदर्शन वर्मा व संचालन किसान सभा अध्यक्ष-विनय कुमार सिंह ने किया।Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-68751416080605256442023-09-20T17:51:00.007+05:302023-09-20T17:51:53.856+05:30संघ और भाजपा की कोई भी भूमिका आजादी की लड़ाई में नहीं थी - डी राजा <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjexLVQtPdlbs1vuCGV0LPilsjcB-CdKhBugl9Y2sr_LgZsvC4Nb74NFOXTIUUzNk0KqxXTn-LUO4UGA8jWiUPZXQKRcAw9tfuNUfwFMadB-XLtskGjsW_RUEEIsSWFs2mdreSgcZqlZrVK0sRPiuQAa9-4_OTYfXvgnvz1_vOpAllgSw6jgMomCvrFRHWn/s885/raja.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="498" data-original-width="885" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjexLVQtPdlbs1vuCGV0LPilsjcB-CdKhBugl9Y2sr_LgZsvC4Nb74NFOXTIUUzNk0KqxXTn-LUO4UGA8jWiUPZXQKRcAw9tfuNUfwFMadB-XLtskGjsW_RUEEIsSWFs2mdreSgcZqlZrVK0sRPiuQAa9-4_OTYfXvgnvz1_vOpAllgSw6jgMomCvrFRHWn/s200/raja.jpg"/></a></div>
हैदराबाद: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम और हैदराबाद के निजाम शासन के खिलाफ वामंपथियों ने साहसिक भूमिका निभाई है।
उन्होंने साथ ही दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती जनसंघ, और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है।
भाकपा द्वारा आयोजित एक सप्ताह के ‘तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष’ समारोह के समापन के अवसर पर राजा ने कहा कि वामपंथियों द्वारा निभाई गई साहसिक भूमिका का उल्लेख किए बिना कोई आधुनिक भारत और तेलंगाना का इतिहास नहीं लिख सकता।
निजाम शासन के अधीन रहे हैदराबाद को ‘ऑपरेशन पोलो’ नामक एक पुलिस अभियान के बाद भारतीय संघ में मिला लिया गया था।
‘ऑपरेशन पोलो’ 17 सितंबर, 1948 को पूरा हुआ था। इसकी 75वीं साल गिरह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का संदर्भ देते हुए राजा ने कहा, ‘‘इतिहास का यह विरोधाभास है कि भाजपा इस दिन को मना रही है, यहां तक भारत राष्ट्र समिति भी यह दिन मना रही है। चाहे किसी भी नाम से इसे मनाया जाए लेकिन भाजपा की क्या भूमिका थी? भाजपा का पूर्ववर्ती जनसंघ है उसका वैचारिक गुरु आरएसएस है। उनकी हमारे देश की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है।’’
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-56279985658861208132023-09-10T14:16:00.004+05:302023-09-10T14:16:24.043+05:30लाखों लाख रुपये की लूट सत्तारूढ़ दल द्वारा की जा रही है-रणधीर सिंह सुमन <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgHCVe4563xZRHisK6KSJ26sK4BYTbs4bgWCKcXM2MrSDu1llSo6IB3av83xELIsKG14myDHZvojgSHLuo1xgzryfFbyqPLtISGwUk6iDOVTu6YgAAl7LrITElGGnu9s00bu_j1Tr2eR-72a0xCXaF5SBWkiFDjnOyD9MNfSWYX9sjHY6LeMAfwOqmA2J8C/s1280/IMG-20230910-WA0241.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="591" data-original-width="1280" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgHCVe4563xZRHisK6KSJ26sK4BYTbs4bgWCKcXM2MrSDu1llSo6IB3av83xELIsKG14myDHZvojgSHLuo1xgzryfFbyqPLtISGwUk6iDOVTu6YgAAl7LrITElGGnu9s00bu_j1Tr2eR-72a0xCXaF5SBWkiFDjnOyD9MNfSWYX9sjHY6LeMAfwOqmA2J8C/s200/IMG-20230910-WA0241.jpg"/></a></div>
बाराबंकी ।आज देश में मंहगाई बेरोजगारी स्वास्थ्य शिक्षा का संकट पैदा हो गया है ऐसे समय में कामरेड गिरीशचंद्र वर्मा की मृत्यु किसान मजदूर संघर्ष की अपूर्णनीय क्षति है। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा मलूकपुर में पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि लाखों लाख रुपये की लूट सत्तारूढ़ दल द्वारा की जा रही है। वहीं प्रदेश नेता प्रवीण कुमार ने कहा कि मुखिया के दोस्त देश लूट रहे हैं उनके कर्ज माफ किए जा रहे हैं। पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा ने कहा कि मोदी जब तक रहेगें तब सभी समस्याओं का समाधान सम्भव नहीं है। मोदी की लूटेरी सरकार को हटाना ही कामरेड गिरीश को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रद्धांजलि सभा को किसान सभा के जिला अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कवि जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू भैया मुनेश्वर दीपक कुमार शिवदर्शन वर्मा महेंद्र यादव राजकुमार प्रमोद कुमार कामरेड के पुत्रगण सत्य प्रकाश शैलेंद्र कुमार सहित गांव के बहुत सारे लोगों ने अपने विचार रखे व फोटो पर माल्यार्पण किया। अध्यक्षता हनोमान प्रसाद ने की।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-90704087723590992722023-09-03T11:15:00.002+05:302023-09-03T11:15:26.267+05:30योगी का विकास और भाजपा विधायक का आंदोलन- ढोल के भीतर पोल <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhC22cr1LEPZ8OPtovfOGrCKx8jL8Al5OUruAoCmVKGdubv7CcedIolUr5XskT3kEa2Ih4EzdH1IEZxxr05zIokjIgX306Hk7NZpebBPo4HiDFtzgYX5xpEtomIIBnCgBiQrwHQs-6Si_aDUWkZCqTZZPy-kcOrNSSP3IVtac46Q4FuNMfUn5e14trsmi1J/s720/navjivanindia_2023-09_a6e65d7a-0d7d-43cf-ad3e-c7f5b65013d4_BJP_MLA.png" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="405" data-original-width="720" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhC22cr1LEPZ8OPtovfOGrCKx8jL8Al5OUruAoCmVKGdubv7CcedIolUr5XskT3kEa2Ih4EzdH1IEZxxr05zIokjIgX306Hk7NZpebBPo4HiDFtzgYX5xpEtomIIBnCgBiQrwHQs-6Si_aDUWkZCqTZZPy-kcOrNSSP3IVtac46Q4FuNMfUn5e14trsmi1J/s200/navjivanindia_2023-09_a6e65d7a-0d7d-43cf-ad3e-c7f5b65013d4_BJP_MLA.png"/></a></div>
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरे प्रदेश में विकास का ढिंढोरा पीट रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं उनके राज में जो विकास हुआ है, उतना किसी के राज में नहीं हुआ। लेकिन सीएम योगी के राज में हो रहे विकास का पोल खुद उन्हीं की पार्टी बीजेपी के विधायक खोल रहे हैं। राज्य में विकास का आलम यह है कि उन्नाव जिले के भगवंतनगर विधानसभा से बीजेपी विधायक आशुतोष शुक्ला करीब 9 महीने से टूटी पुलिया को ठीक कराने की मांग पर धरने पर बैठ गए हैं।
टूटी पुलिया के नहीं बनने से नाराज बीजेपी विधायक आशुतोष शुक्ला ने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, सूचना देने के बाद भी अधिशासी अभियंता ने पुलिया का निर्माण नहीं कराया। उन्होंने कहा कि 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव है, ऐसे में जनता के बीच कैसे जाएंगे और कैसे वोट मांगेंगे। धरने पर बैठे बीजेपी विधायक ने कहा कि यह पुलिया बीते 8-9 महीने से खराब है। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह को टूटी पुलिया के बारे में फोन कर जानकारी दी थी।
बीजेपी विधायक आशुतोष शुक्ला ने बताया जब उन्होंने टूटी हुई पुलिया के बारे में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह को जानकारी दी तो उन्होंने का कहा कि उनके विभाग में यह पुलिया नहीं आती है। विधायक ने बताया कि जब 15 दिन बाद दोबारा इस संबंध में अभियंता को जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि यह हमारे विभाग में आता है। विधायक के मुताबिक, निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर उन्होंने जेई और संबंधित अन्य अधिकारियों से भी जानकारी मांगी थी।
बीजेपी विधायक ने कहा कि जब मैं इस रास्ते से आया और अधिशासी अभियंता से बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिया बन रही है। विधायक आशुतोष शुक्ला ने कहा कि मैं पुलिया के रास्ते से गुजर रहा था और देखा कि जमीन पर कोई भी कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पुलिया पर कई हादसे हो चुके हैं। बाईपास तक नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत छोटी पुलिया है इसे एक महीने में बनकर तैयार हो जानी चाहिए थी। लेकिन इतने महीने बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मैं दुखी हूं। मुझे कष्ट है कि जनता की समस्या अधिकारी नहीं सुन रहे हैं।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-63693875533482270682023-08-29T19:05:00.002+05:302023-08-29T19:05:14.981+05:30सरकार का जुल्म मोहित ने की आत्महत्या <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgAxBX_pJGMg0azpAC9G7WghDCZIztzue_QPUcbbg5m6Jd3nBExgls0H64gBesojjuzypHUcBV1RzdIcNHYCG9IEKJcsJMxPCeueD21JhavXQcYAeAQg3cgOBjjTx-gVEndQs2PxwFVSVTqFeaY2p9djL4fC0_getzkSArcneBrN4Bq-DcbYBQgUt_txvs1/s720/aa0886dd3db763f8686e6acab1e558cb1693288664225369_original.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="540" data-original-width="720" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgAxBX_pJGMg0azpAC9G7WghDCZIztzue_QPUcbbg5m6Jd3nBExgls0H64gBesojjuzypHUcBV1RzdIcNHYCG9IEKJcsJMxPCeueD21JhavXQcYAeAQg3cgOBjjTx-gVEndQs2PxwFVSVTqFeaY2p9djL4fC0_getzkSArcneBrN4Bq-DcbYBQgUt_txvs1/s200/aa0886dd3db763f8686e6acab1e558cb1693288664225369_original.jpg"/></a></div>
बरेली में बस रोककर नमाज पढ़ाने के मामले में बर्खास्त कंडक्टर मोहित यादव ने अपने गृह जनपद मैनपुरी में ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली है. मोहित यादव पर आरोप था कि उन्होंने 3 जून की रात को दो यात्रियों को नमाज अदा करवाने के लिए बस रुकवा दी थी, जिसके बाद किसी यात्री ने इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वीडियो सामने आने के बाद मोहित की संविदा समाप्त कर दी गई थी. जिसके बाद से ही वो काफी परेशान चल रहा था.
मोहित यादव की संविदा समाप्त होने के बाद से ही वो काफी परेशान चल रहा था, नौकरी जाने के बाद वो अपने घर वापस मैनपुरी चले गए. तभी से वो काफी परेशान रहते थे. सोमवार को मोहित ने मैनपुरी में ही रेल के आगे कूदकर अपनी जान दे दी. इस घटना के बाद से बरेली रोडवेज कर्मचारियों में भी काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है. नाराज कर्मचारियों ने वर्कशॉप में काम करना बंद कर दिया.
जानें क्या था पूरा मामला?
दरअसल मोहित यादव संविदा पर यूपी रोडवेज बस में कंडक्टर थे. 3 जून को वो बरेली डिपो की जनरथ बस में सवारियों को लेकर सेटेलाइट बस स्टैंड से कौशांबी की ओर रवाना हुए, इस वक्त बस को केपी सिंह चला रहे थे. बरेली के निकलने के बाद बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने रामपुर आनेसे पहले कुछ समय के लिए रोक दिया. यात्रियों ने जब इसकी वजह पूछी तो पता चला कि बस में सवार दो मुस्लिम यात्रियों को नमाज पढ़नी थी. इस पर यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया.
हंगामे के बीच बस में सवार सतेंद्र नाम के यात्री ने नमाज पढ़ने की वीडियो बना ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उसने यूपी ट्विटर के जरिये परिवहन निगम के एमडी से इसकी शिकायत की भी की, मामला सामने आने के बाद आरएम दीपक चौधरी के निर्देश पर बरेली डिपो के एआरएम संजीव श्रीवास्तव ने बस चालक केपी सिंह और कंडक्टर मोहित यादव की संविदा समाप्त कर दी थी. Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-31707784359005463582023-08-24T18:12:00.003+05:302023-08-24T18:12:31.090+05:30चुनाव है तो ईडी के छापे <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhAwJbNgb6aU9i3GbV2_KW-hsXl5PsEeNjiO7znke5BNkUEfHDqEIggwSWOon3rii-hhXz_Mpjw-MVuaAgMbbAzu48H-Pqkf3bt0tfCrlgv6kqHvk0uc7heCUXCQKqkJmLdhYrQYfdPPeEld_Uug2vbauvAjOiMEsoqg98bwq90SYWWofcgVZ09tmUhOUrf/s768/Vinod-Verma-768x389.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="389" data-original-width="768" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhAwJbNgb6aU9i3GbV2_KW-hsXl5PsEeNjiO7znke5BNkUEfHDqEIggwSWOon3rii-hhXz_Mpjw-MVuaAgMbbAzu48H-Pqkf3bt0tfCrlgv6kqHvk0uc7heCUXCQKqkJmLdhYrQYfdPPeEld_Uug2vbauvAjOiMEsoqg98bwq90SYWWofcgVZ09tmUhOUrf/s200/Vinod-Verma-768x389.jpg"/></a></div>
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर प्रेस के सामने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मेरे घर में कल डकैती हुई है, लूट हुई है। ईडी ने कल मुझे प्रताड़ित किया है।
ईडी ने मेरे घर से जो सोना बरामद किया उसे मैंने 2005 में खरीदा है। मैंने सभी बिल दिए हैं, इसके बाद भी ईडी की टीम सारा गहना जब्त कर ले गई है।
विनोद वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में के दौरान कहा कि ईडी ने मुझे कागज दिया, उसमें सारा विवरण है। ईडी ने आईपीसी को नए सिरे से परिभाषित किया है। ईडी की मंशा क्या है, ये उजागर हो गई है। ईडी के छापे के पीछे का आधार जगत विजन पत्रिका में छपी एक कहानी है।
उन्होंने आगे कहा कि जगत विजन पत्रिका के संपादक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। चंद्रभूषण वर्मा मेरा रिलेटिव नहीं है। चंद्रभूषण की जो भूमिका सट्टा एप में तो उसकी पूरी जांच कर लेते। बिना किसी तथ्य के मेरे घर ईडी की टीम पहुंची।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तानाशाही चल रही है। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को रौंदने की कोशिश हो रही है। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर कार्रवाई हो रही है।
सीएम के आसपास के लोगों को लपेट लिया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस भी महादेव एप पर कार्रवाई कर रही है. भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के भरोसे चुनाव लड़ना चाहती है। विनोद वर्मा ने कहा कि मुझे खुशी होगी, अगर ईडी मेरे खिलाफ सबूत ले आए, मुझे ईडी गलत साबित कर दे। मैं उन चीजों से दूर रहा हूं, जो दलदल है, जो गलत है।
मुख्यमंत्री ने मुझे अपना सलाहकार बनाया तो यह मेरा दायित्व है कि उनकी छवि पर दाग न लगने दूं। मैं एआईसीसी का मेंबर हूं, उस नाते भी जिम्मेदारी से कह रहा हूं पार्टी की छवि पर, सरकार की छवि पर दाग नहीं लगने दूंगा।Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-62686710461199876992023-08-17T17:05:00.001+05:302023-08-17T17:05:26.763+05:30राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ट्रेन में भारी संख्या में मुसलमानों का कत्लेआम किया - भाजपा विधायक <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijq9cEsD9L55r8RFqqEOMhTk0RO05uqJFrQBpxcQ64Ozl6T1Bp6tW3nV42VzIcE920WBdOp7GZ-LvhUjjcsvx0hNamOtp46eu3BWCBUbdA3e4CpSkKWxZbzNTCpawiMuOFscEqYMEIfU507zhrrfB42K8dhn9sLnscTSLe2kdDn1VWErZjMwGEYBtS44Rl/s1200/RSS-slaughtered-trainload.jpeg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="675" data-original-width="1200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEijq9cEsD9L55r8RFqqEOMhTk0RO05uqJFrQBpxcQ64Ozl6T1Bp6tW3nV42VzIcE920WBdOp7GZ-LvhUjjcsvx0hNamOtp46eu3BWCBUbdA3e4CpSkKWxZbzNTCpawiMuOFscEqYMEIfU507zhrrfB42K8dhn9sLnscTSLe2kdDn1VWErZjMwGEYBtS44Rl/s200/RSS-slaughtered-trainload.jpeg"/></a></div>
हरियाणा के एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक ने यह दावा करते हुए विभाजन की भयावहता को उजागर किया कि पाकिस्तान में हिंदुओं की हत्याएं "केवल तभी रुक गईं जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ट्रेन में भारी संख्या में मुसलमानों का कत्लेआम किया"। -चेहरा बाद में.
दो बार के जींद विधायक कृष्ण लाल मिड्ढा ने फतेहाबाद में 'विभाजन भयावह स्मृति दिवस' के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। यह कार्यक्रम हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित किया गया था और इसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर थे।
मिड्ढा, जिनकी जड़ें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं, ने कार्यक्रम में कहा: “जब देश का विभाजन हुआ, तो हमारे पूर्वजों को उस हिस्से (अब पाकिस्तान में) से देश के इस हिस्से (भारत) में प्रवास करने में कठिन समय का सामना करना पड़ा। उनमें से कई रेलगाड़ियों में मारे गए।''
उन्होंने दावा किया कि भागने से पहले, कई लोगों ने पाकिस्तान में अपने घरों में अपना कीमती सामान यह सोचकर दफना दिया था कि जब वे लौटेंगे तो वे उन्हें वापस ले लेंगे।
“ट्रेनों में चढ़ते समय कई लोगों ने देखा कि मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं। यह सोचकर भी रूह कांप जाती है कि कैसे हमारे कुछ बुज़ुर्गों ने अपनी इज्जत बचाने के लिए अपनी महिलाओं को रोटी में जहर मिलाकर मार डाला,'' उन्होंने आगे कहा। “किसी तरह वे मुसलमानों से खुद को बचाकर भारत आये। यह तभी हुआ जब आरएसएस के लोगों ने मुसलमानों की एक ट्रेन का कत्लेआम किया और उसे पाकिस्तान भेज दिया, तभी मुसलमानों ने हिंदुओं को मारना बंद कर दिया।”
मीडिया ब्रीफिंग में टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, खट्टर, जो विधायक के भाषण के दौरान मौजूद नहीं थे, ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि मिड्ढा ही "उन्होंने जो कहा उसका जवाब दे सकता है"।Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-53549374789698468892023-08-09T19:21:00.001+05:302023-08-09T19:21:21.252+05:30माफी की बात कर राहुल गांधी ने लोकसभा में फोड़ा 'अडानी बम', मचा हंगामा<div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjy1a_l-NunUqIZ7XSQkJyBTlL2EN6y1y2LcAVz6sud9prJqpGpqQA9JCFqZsx8MaD6cjvURk2TdWwiVfne3zyF8tDOvAo7PDJo7wvxWxCclAAuA-LnxaZNLT0NxICW7vcL9ES34UilwMfszhtvDYhFM0R7N1lBcrT17p-0cuDUt0NdmKnAdK2KKaz9TE40/s380/rahul-gandhi-102563959.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="285" data-original-width="380" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjy1a_l-NunUqIZ7XSQkJyBTlL2EN6y1y2LcAVz6sud9prJqpGpqQA9JCFqZsx8MaD6cjvURk2TdWwiVfne3zyF8tDOvAo7PDJo7wvxWxCclAAuA-LnxaZNLT0NxICW7vcL9ES34UilwMfszhtvDYhFM0R7N1lBcrT17p-0cuDUt0NdmKnAdK2KKaz9TE40/s200/rahul-gandhi-102563959.jpg"/></a></div>
माफी की बात कर राहुल गांधी ने लोकसभा में फोड़ा 'अडानी बम', मचा हंगामा
राहुल गांधी ने आज दोपहर लोकसभा में अपना भाषण दिया। वैसे कल दोपहर में ही उन्हें बोलना था लेकिन कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदली और अविश्वास प्रस्ताव पर असम के सांसद गौरव गोगोई को पहले बोलने दिया। आज राहुल ने आते ही पहले माफी मांगी फिर अडानी का जिक्र छेड़ दिया। इस पर काफी हंगामा हुआ।
लोकसभा में भाषण शुरू करते ही अडानी का लिया नाम
राहुल ने कहा, मैं माफी मांगता हूं... बस एक दो गोले मारूंगा
बीजेपी के मित्रों को आज डरने की जरूरत नहीं है
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज लोकसभा में बोलना शुरू किया तो माफी मांगते हुए 'अडानी बम' फोड़ दिया। इस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। राहुल ने कहा कि स्पीकर सर, सबसे पहले मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मेरी लोकसभा सदस्यता बहाल की। पिछली बार जब मैं बोला तो शायद मैंने आपको थोड़ा कष्ट भी पहुंचाया। क्योंकि मैंने इतनी जोरों से अदानी जी पर फोकस किया कि जो आपके सीनियर नेता हैं शायद उनको कष्ट हुआ। इस पर सत्तापक्ष हंगामा करने लगा। राहुल ने कहा कि वो जो कष्ट हुआ, उसका असर शायद आप पर भी थोड़ा हुआ। इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं। राहुल ने आगे कहा कि मगर मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी। आज जो मेरे बीजेपी के मित्र हैं आज आपको डरने की जरूरत नहीं है। आज जो मेरा भाषण है... इतना कहते ही शोर-शराबा शुरू हो गया। दोनों तरफ से चीखें सुनाई देने लगीं।
बस एक दो गोले मारूंगा...
राहुल ने कहा कि आज कोई घबराने की जरूरत नहीं है। आज मैं अपना भाषण अडानी जी पर नहीं बोलने जा रहा हूं। आप रिलैक्स रह सकते हैं क्योंकि मेरा भाषण आज दूसरी डायरेक्शन में जा रहा है। रूमी ने कहा था- जो शब्द दिल से आते हैं वो दिल में जाते हैं, तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाह रहा हूं और मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। मुस्कुराते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि एक दो गोले जरूर मारूंगा मगर इतना नहीं मारूंगा।
फिर हंगामा शुरू हुआ तो विपक्ष के लोगों ने कहा कि सर, ये हमारा समय खत्म करने की साजिश है। अधीर भी कुछ बोलने के लिए खड़े हुए तो राहुल ने उन्हें शांत कराया। स्पीकर ने सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि ऐसे धमकाने वाले वाक्य यहां मत बोलिए।
राहुल ने कहा कि मैं समुंदर के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ी तक चला और यात्रा अभी जारी है। किसी ने टोका तो बोले कि जरूर लद्दाख आएंगे घबराइए नहीं। बहुत लोगों ने मुझसे पूछा कि राहुल तुम्हारा लक्ष्य क्या है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बारे में संसद में कहा कि जिस चीज से मुझे प्यार है, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में जाने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई उस चीज को मैं समझना चाहता था... सालों से मैं रोज 8-10 किमी दौड़ता हूं। मेरे दिमाग में था कि अगर मैं 10 किमी चल सकता हूं तो 25 किमी चलना कोई बड़ी बात नहीं है। वो भावना को देखूं तो वह अहंकार था। मेरे दिल में उस समय अहंकार था। मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। 2-3 दिन में घुटने में दर्द शुरू हो गया, पुरानी इंजरी थी। 2-3 दिन में अहंकार खत्म हो गया।
राहुल गांधी बोले- 'PM मोदी नहीं गए क्योंकि मणिपुर को हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं मानते'
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार (9 अगस्त, 2023) को दूसरे दिन की चर्चा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मणिपुर, नूंह हिंसा और गौतम अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र को घेरा है. लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद बुधवार को राहुल गांधी ने पहला भाषण दिया. पढ़ें उनके भाषण की खास बातें-
राहुल गांधी ने कहा, 'मेरा भाषण अडानी पर नहीं होने जा रहा है. रूमी ने कहा था, जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं. आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाह रहा हूं.' भारत जोड़ो यात्रा की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं. जिस के लिए मैंने गाली खाई, उसके लिए मैं जानना चाहता हूं जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे मैं समझना चाहता था.'
राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने पूछा बीमा का पैसा मिला और किसान ने हाथ पकड़कर कहा नहीं मिला. हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने वो मुझसे छीन लिया. इस बार बड़ी अजीब सी चीज हुई. जब मैंने किसान को देखा और वो मुझसे बोल रहा था तो जो उसके दिल में जो दर्द था वो मेरे दिल में आया. जो उसकी आंखों में पत्नी से बात करते हुए शर्म थी वो मेरी आंखों में आई, उसकी भूख मुझे समझ आई और फिर यात्रा बदल गई.'
कांग्रेस सांसद ने मणिपुर पर बात करते हुए कहा, 'जब हम सपनों को परे करते हैं तब हमें हिंदुस्तान की आवाज सुनाई देती है. भारत एक आवाज है, भारत इस देश के सब लोगों की आवाज है और अगर हमें वो सुननी है तो नफरत को भुलाना पड़ेगा. कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया, लेकिन प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं.'
मणिपुर के मुद्दे पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला और कहा, 'हिंदुस्तान को मणिपुर में मारा है, उसका कत्ल किया, मर्डर किया. भारत माता की हत्या मणिपुर में की. मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की, आप देशद्रोही हो आप देशप्रेमी नहीं हो. इसलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जाते. अब आप हरियाणा में कर रहे हो पूरे देश को जलाने में लगे हो.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ दो लोगों की सुनते हैं.
राहुल गांधी ने कहा, 'आप भारत माता रखवाले नहीं हो. आप भारत माता के हत्यारे हो. आप देशद्रोही हैं. एक मेरी मां यहां बैठी है. दूसरी मां को मणिपुर में मारा है.'
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सेना चाहे तो मणिपुर में एक दिन में शांति बहाल कर सकती है. सरकार मणिपुर में शांति नहीं चाहती है. पीएम मोदी देश की आवाज नहीं सुनते.
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की राजनीति ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. तुम देशद्रोही हो, राष्ट्रद्रोही हो, आपने भारत माता की हत्या की है. आप भारत माता के रखवाले नहीं हो, भारत माता के हत्यारे हो.
7 अगस्त को 136 दिन बाद राहुल गांधी की लोकसभा में वापसी हुई. मोदी सरनेम मामले में सजा के बाद गई उनकी संसद सदस्यता को लोकसभा अध्यक्ष ने फिर से बहाल कर दिया. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. विपक्ष लगातार मणिपुर हिंसा मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने में लगा है और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है. इसे लेकर नाराज विपक्ष सरकार को घेरेने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है.Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-19034235332727990772023-07-30T12:16:00.002+05:302023-07-30T12:16:10.932+05:30शिप्रा मॉल की नीलामी में बड़ा खेल, इंडिया बुल्स ने सरकार को लगाई करोड़ों की चपत-गिरफ्तारी नहीं <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi94hBXZ4A4iTxq2ZBs9MKTg30nsezT75B_vyPhM6g01nYGGKSr5vn5xjWcIlk4irJ_uBokAnfRbIcP8MXuy-0c9JEe263YtHJ6KX5UZIASE8-JpcT_CirYTOy97cHyzVMFWyoATjya5kSbT4FHUz0LzkrE07mNLYjeUOjzOp9rL-DrEq2DbQ7m2mi05RwB/s550/u-46619.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="368" data-original-width="550" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi94hBXZ4A4iTxq2ZBs9MKTg30nsezT75B_vyPhM6g01nYGGKSr5vn5xjWcIlk4irJ_uBokAnfRbIcP8MXuy-0c9JEe263YtHJ6KX5UZIASE8-JpcT_CirYTOy97cHyzVMFWyoATjya5kSbT4FHUz0LzkrE07mNLYjeUOjzOp9rL-DrEq2DbQ7m2mi05RwB/s200/u-46619.jpg"/></a></div>
शिप्रा मॉल की नीलामी में बड़ा खेल, इंडिया बुल्स ने सरकार को लगाई करोड़ों की चपत
गाजियाबाद। शिप्रा मॉल के नीलामी में बड़ा खेल उजागर हुआ है। इसमें इंडिया बुल्स फाइनेंस कंपनी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। इसमें सरकार को भी राजस्व का चूना लगाया है। इस बाबत कविनगर थाने में धोखाधड़ी और साजिश रचने की FIR दर्ज कराई गई।
एफआईआर में जिम्मेदारों के नाम नहीं
जानकारी के मुताबिक, शिप्रा एस्टेट के मालिक मोहित सिंह ने शिप्रा मॉल को नीलाम करने का जिम्मा इंडिया बुल्स फाइनेंस कंपनी को दिया था। जिस भूमि पर शिप्रा मॉल बना है, उसकी कीमत अनुमानित 2000 करोड़ रुपये आंकी गई थीं, लेकिन नीलामी में उतने रुपये नहीं मिले। आरोप है कि इंडिया बुल्स ने साठगांठ कर हिमरी एस्टेट को सिर्फ 551 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया। इससे सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। बावजूद इसके इंडिया बुल्स की रीना बग्गा, सुमित नरवर का नाम एफआईआर में नहीं है।
शिप्रा एस्टेट के मालिक ने की थी सीएम से शिकायत
शिप्रा मॉल की नीलामी में बाजार मूल्य के हिसाब से दाम न मिलने पर शिप्रा एस्टेट के मालिक मोहित सिंह भी अचरज में पड़ गए। इस नीलामी में उन्हें तो भारी नुकसान हुआ ही, सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का चूना लगा। बताया जा रहा है कि मोहित सिंह ने इस बात की शिकायत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी।
एफआईआर के बावजूद किसी की गिरफ्तारी नहीं
इस मॉल की नीलामी करने वाले इंडिया बुल्स और नीलामी में इस संपत्ति को खरीदने वाले हिमरी एस्टेट के CEO परविंदर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन दिलचस्प है कि FIR में इंडिया बुल्स की रीना बग्गा और सुमित नरवर का नाम नहीं है। बताया जाता है कि इस नीलामी की जिम्मेदारी कंपनी की तरफ से इन्हीं दोनों लोगों को सौंपी गई थी। इस मामले में धोखाधड़ी और साजिश रचने की एफआईआर तो दर्ज हो गई है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-88685719255774327552023-07-26T18:20:00.003+05:302023-07-26T18:20:33.421+05:30मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4J6khtcjIoN4L6yZSfh6EB3xxDRkoZhlKBuSNMaBfRdq8fWsuJNuHc7k-6shyaQiBE8LE9qtvCyMPu0YQ7FDlrsy4Aoke0EVGA3JR3ZdTMiW1hKoIgBxsAa9KfPz_dRlUYhyxaMM5fVCTpk-YORH_LhA66XeGgBhaljZS3-MLRWwHknixvjbKaaM_Zg2O/s800/e194c3f0-2b82-11ee-ad0f-1d8cf9ebdc84.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="450" data-original-width="800" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg4J6khtcjIoN4L6yZSfh6EB3xxDRkoZhlKBuSNMaBfRdq8fWsuJNuHc7k-6shyaQiBE8LE9qtvCyMPu0YQ7FDlrsy4Aoke0EVGA3JR3ZdTMiW1hKoIgBxsAa9KfPz_dRlUYhyxaMM5fVCTpk-YORH_LhA66XeGgBhaljZS3-MLRWwHknixvjbKaaM_Zg2O/s200/e194c3f0-2b82-11ee-ad0f-1d8cf9ebdc84.jpg"/></a></div>
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी इंडिया की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर फ़ैसला मंगलवार को लिया गया था.
बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर के पास 9.20 बजे भेज दिया गया था.
अगर अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर के पास 10 बजे के पहले चला जाता है तो माना जाता है कि इस पर चर्चा संसद में उसी दिन होगी.
हालांकि स्पीकर ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि चर्चा के बाद इसकी तारीख़ तय की जाएगी.
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-82439903550849287682023-07-24T16:15:00.007+05:302023-07-24T16:15:59.199+05:30मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करो - रणधीर सिंह सुमन <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj6_CGIBlW-B4WLLfzFuIXQomV-n-31WUEXrtZjXu8CTLxsY1JNaGFsllDaqbTYqn3KP9jvoGMYaLX-G0Qop6D0qw1kES5RpgHGsF1ZDFsgrRQje9CiK6WTJi0X1aH8cdVxgFCJXwXO33iWc1tuz0-mtYpAxArkOVq2V5ksnU0q7o_UIEY_qY4uwrv31G40/s1280/IMG-20230724-WA0350.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="771" data-original-width="1280" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj6_CGIBlW-B4WLLfzFuIXQomV-n-31WUEXrtZjXu8CTLxsY1JNaGFsllDaqbTYqn3KP9jvoGMYaLX-G0Qop6D0qw1kES5RpgHGsF1ZDFsgrRQje9CiK6WTJi0X1aH8cdVxgFCJXwXO33iWc1tuz0-mtYpAxArkOVq2V5ksnU0q7o_UIEY_qY4uwrv31G40/s200/IMG-20230724-WA0350.jpg"/></a></div>
बाराबंकी- देश के पूर्वोत्तर में मणिपुर प्रदेश जो भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित है, प्रदेश में कानून व्यवस्था लगभग 3 माह से समाप्त हो गई है। 3 मई 2023 से लेकर अब तक 142 से अधिक लोगों की हत्या हो चुकी है ,1000 से अधिक लोग बुरी तरह से जख्मी हो चुके हैं, 70 हजार से अधिक लोग अपना घर द्वार छोड़कर शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हैं या निकट के राज्यों में पलायन कर चुके हैं। 19 जुलाई 2023 को दो लड़कियों को बंधक बनाकर नंगा करके जुलूस निकालकर सामूहिक बलात्कार किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों महिलाओं में से एक ने बताया कि मणिपुर पुलिस ने ही उनको भीड़ के हवाले किया था, मणिपुर में भाजपा के मुख्यमंत्री ने इंडिया टुडे को बातचीत में बताया कि इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं जिनकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज भी है। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कही।
प्रदेश में हिंसा जारी हैं, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था बनाये रखने में असमर्थ साबित हो गया रहे हैं, गोलियां चल रही हैं जनता के मकान जलाए जा रहे हैं, महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में आपका हस्तक्षेप आवश्यक है। यह बात पार्टी सचिव बृजमोहन वर्मा ने कही।
राष्ट्रपति से मांग करते हुए पार्टी ने मणि पुर के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को बर्खास्त करो। राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया है
ज्ञापन पर महेंद्र यादव ,जिला आशीष शुक्ला विनय कुमार सिंह (जिला अध्यक्ष उ0प्र0किसान सभा) संदीप तिवारी शिवदर्शन वर्मा कोषाध्यक्ष भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, प्रवीण कुमार सह सचिव भाकपा ,महेंद्र यादव जिला अध्यक्ष एआईएसएफ ,आशीष शुक्ला प्रदेश उपाध्यक्ष ए आई वाई एफ, मुनेश्वर प्रसाद राज्य परिषद सदस्य किसान सभा, गिरीशचंद्र उपाध्यक्ष किसान सभा, रामनरेश महामंत्री किसान सभा, अमर सिंह को उपाध्यक्ष किसान सभा, किसान श्याम सिंह, नैमिष, राजेंद्र बहादुर सिंह एडवोकेट, नीरज वर्मा दीपक शर्मा,आशीष शुक्ला, जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू सच्चिदानंद, शैलेंद्र मिश्रा ,संदीप तिवारी, अभय शर्मा, सर्वेश यादव, कुलदीप यादव , रामनरेश,
अमर सिंह गुड्डू ,विनय सिंह, राजकुमार आदि प्रमुख नेताओं ने भी हस्ताक्षर किये हैं।Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-89560218659442082472023-07-22T22:12:00.006+05:302023-07-22T22:12:42.823+05:30संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को बनाया दंगा जोन - मुख्यमंत्री <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhGjr_L8NnzMqAoBjA5YvUB9e83HCbTAgRrchVstKvEOclAKLHMjxyMm7J2WIFSjRbuTbtTo7mun4tsLFkej08p-oJmK7HXz2jm5SdTkjGv0nQxNYIDPXVEQ5o4ldOipVq49VbIECAjHFICjzy3ayuHof3QwEjwWrJkbo1vM9F9pstDW1eqscIrfY191rOf/s850/Kerala-CM-Pinarayi-Vijayan-ON-Manipur-Violence.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="478" data-original-width="850" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhGjr_L8NnzMqAoBjA5YvUB9e83HCbTAgRrchVstKvEOclAKLHMjxyMm7J2WIFSjRbuTbtTo7mun4tsLFkej08p-oJmK7HXz2jm5SdTkjGv0nQxNYIDPXVEQ5o4ldOipVq49VbIECAjHFICjzy3ayuHof3QwEjwWrJkbo1vM9F9pstDW1eqscIrfY191rOf/s200/Kerala-CM-Pinarayi-Vijayan-ON-Manipur-Violence.jpg"/></a></div>
केरल मुख्यमंत्री विजयन बोले- संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को बनाया दंगा जोन केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ परिवार मणिपुर में नफरत के बीज बो रहा है। जिसके शिकार ईसाई हो रहे हैं।
मणिपुर हिंसा को लेकर केरल के मुख्यमंत्री ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा। मणिपुर हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। अब इसी बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार मणिपुर की घटना को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक समाज को यह महसूस करना चाहिए कि संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को दंगा जोन में बदल दिया।
विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि संघ परिवार मणिपुर में नफरत का बीज बो रहा है। उन्होंने कहा कि दंगे की आड़ में जो हो रहा है वह ईसाईयों पर हमला है। उसके शिकार ईसाई हो रहे हैं। ईसाई जनजातीय समूहों के चर्चों पर संगठित तरीके से हमला किया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक समाज को संघ परिवार के एजेंडे को समझना चाहिए, जिसने राजनीतिक लाभ के लिए नफरत पैदा कर मणिपुर को दंगा क्षेत्र में बदल दिया है।’
विजयन ने कहा कि मणिपुर से हर दिन चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। मणिपुर से बार-बार इंसान की अंतरात्मा को आहत करने वाली बेहद भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हिंसा के शुरुआती दिनों के दृश्य अब सामने आ गए हैं। कुकी समुदाय की महिलाओं को हिंसक भीड़ ने सबसे घृणित और क्रूर तरीके से शिकार बनाया है।’
पिनराई विजयन ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि जो लोग शांति बहाल करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं, वे हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आपराधिक चुप्पी और संघ परिवार के एजेंडे पर अब हमला हो रहा है। यह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ प्रयासों को हराया जाना चाहिए।
बता दें, मणिपुर में बीते ढाई महीने से हिंसा की आग सुलग रही है। इस दौरान विचलित करने वाली कई तस्वीरें सामने आईं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा। मंगलवार रात से सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को लेकर बयान दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मणिपुर के वायरल वीडियो की घटना से मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। घटना शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, लेकिन इससे देश के 140 करोड़ लोगों की बेइज्जती हो रही है। मैं राज्यों से अपील करता हूं कि वह अपने यहां कानून व्यवस्था और मजबूत करें, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’
मणिपुर के कुकी समुदाय के एक संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम की संयोजक मेरी जोन ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री कर रहे थे कि उन्हें वीडियो के जरिए इस घटना के बारे में पता चला। वो राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ साथ राज्य के गृहमंत्री भी हैं और वो कह रहे हैं कि उन्हें ये नहीं पता कि उनके राज्य में हो क्या रहा है। मेरी जोन ने कहा कि मैंने वीडियो देखा है, मैं उस महिला की मां से भी मिली हूं, जिसके साथ ये सब कुछ हुआ। जबसे मैंने वो वीडियो देखा है मैं सो नहीं पा रही, मैं रात को नींद से उठकर ये देखने लगती हूं कि मेरे बदन पर कपड़े तो हैं। मुझे इस वीडियो ने जितने भीतर तक झकझोरा है वो मैं शब्दों में बता नहीं सकती।
राज्य में कितनी है मैतेई और कुकी की आबादी
मणिपुर की आबादी करीबन 33 लाख है। जिसमें से 64.6 फीसदी लोग मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जबकि 35.40 फीसदी आबादी कुकी, नागा और दूसरी जनजातियों की है। राज्य में 34 जनजातियां रहती हैं। मैतेई समुदाय की बात करें तो इस समुदाय के लोग मणिपुर के अलावा म्यांमर और आसपास के राज्यों में भी फैले हैं। मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बहुसंख्यक लोग हिंदू धर्म को फॉलो करते हैं। कुछ लोग सनमाही धर्म को भी मानते हैं।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-30080570147277703282023-07-20T20:05:00.006+05:302023-07-20T20:05:38.458+05:30भाजपा सरकार मणिपुर - शर्मनाक <iframe allowfullscreen='allowfullscreen' webkitallowfullscreen='webkitallowfullscreen' mozallowfullscreen='mozallowfullscreen' width='200' height='166' src='https://www.blogger.com/video.g?token=AD6v5dz7c7aFJdRRQmozvXEGbDLl_m-CUu7T0NXxMMnhPR18a4dnUY295Issi5dTXLXkC1IKkkLoLGriowG3m3DjbA' class='b-hbp-video b-uploaded' frameborder='0'></iframe>
देश की राजधानी दिल्ली से 2500 किलोमीटर दूर हमारे ही एक राज्य मणिपुर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर पूरा देश शर्मसार है. ये वीडियो है 79 दिन से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर का. ये हिंसा और उपद्रव का ऐसा वीडियो है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर ले जाती हुई भीड़ दिख रही है. इन महिलाओं पर जुल्म का ये दृश्य मणिपुर से लेकर दिल्ली तक समूचे भारत को शर्मसार कर रहा है.
ये घटना 4 मई की है, लेकिन इसका वीडियो कल यानी 19 जुलाई को सामने आया है. इस जुल्म का मुख्य आरोपी अब जाकर गिरफ्तार हुआ है. ये वीडियो महिलाओं की स्थिति, समाज की सुरक्षा और हिंसा पर कंट्रोल को लेकर कई सवाल खड़े करता है. महिलाओं के साथ ऐसी शर्मनाक हरकत को लेकर विपक्ष ने राज्य और केंद्र सरकार को घेर लिया है. कांग्रेस ने पीएम की चुप्पी और सीएम एन बीरेन सिंह पर भी सवाल खड़े किए हैं. वहीं सियासी बवाल के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस घटना पर दुख जताते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. इधर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकारों से जवाब मांगा है.
महिलाओं से दरिंदगी का क्या है मामला
कूकी महिलाओं से दरिंदगी के मामले में पुलिस ने 21 जून को FIR दर्ज की थी. जो शिकायत दर्ज की गई है, उसके मुताबिक 4 मई की दोपहर करीब 3 बजे 800-1000 लोग बी. फेनोम गांव में घुस आए थे. उन्होंने गांव में तोड़फोड़ करने, संपत्तियां लूटने के बाद घरों को आग लगा दी थी. इस दौरान पांच लोग खुद को बचाने के लिए जंगल में भाग गए थे. इनमें दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं. उनमें 56 वर्षीय एक व्यक्ति, उसका 19 वर्षीय बेटा और 21 वर्षीय बेटी के अलावा 42 वर्षीय और 52 वर्षीय महिलाएं भी शामिल थीं. बाद में पुलिस ने उन्हें जंगल से रेस्क्यू
पुलिस जब उन्हें अपने साथ लेकर आ रही थी, तभी नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन से दो किमी दूर टूबू के पास भीड़ ने उन्हें रोक लिया था और लोगों को अपने साथ खींच ले गए थे. इस दौरान भीड़ ने 56 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इसके बाद तीनों महिलाओं के कपड़े उतरवा दिए थे. इसके बाद भीड़ में से ही कुछ लोगों ने 21 वर्षीय युवती का गैंगरेप कर दिया था.युवती के छोटे भाई ने जब इसका विरोध किया तो भीड़ ने उसकी भी हत्या कर दी थी. इस बीच एक महिला भाग निकली. हालांकि भीड़ ने बची दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र की सड़क पर घुमाया और एक खेत में ले जाकर छोड़ दिया.
मणिपुर की घटना पर देश शर्मसार
4 मई की घटना, 49 दिन बाद FIR, 78वें दिन गिरफ्तारी... मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी केस में सवाल ही सवाल
मणिपुर मामले में SC सख्त; सरकार से रिपोर्ट तलब, अगले शुक्रवार को सुनवाई
विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप
पीएम की चुप्पी ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है. जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है, तो भारत चुप नहीं रहेगा. हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं. शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.
मणिपुर में मानवता मर गई: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है. मोदी सरकार और बीजेपी ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा. अगर आपकी सरकार में जरा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और केंद्र और राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना, देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ. आपने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी छोड़ दी है. संकट की इस घड़ी में हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं.
जयराम रमेश ने बोला हमला
इंटरनेट बैन के कारण घटी घटना: जयराम
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं. उस भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और कथित तौर पर बलात्कार किया गया. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी भी फरार हैं.
शेष भारत को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि मणिपुर में जारी इंटरनेट बैन के कारण इतनी भयानक घटना घटी, लेकिन यह बिल्कुल अक्षम्य है कि महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर के सीएम से बात करने या बयान जारी करने के लिए 76 दिनों तक इंतजार किया.
क्या केंद्र सरकार, गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी? मोदी सरकार 'सब कुछ ठीक है' जैसी बातें करना कब बंद करेगी? कब बदला जाएगा मणिपुर का सीएम? ऐसी और कितनी घटनाओं को दबाया गया है? जैसे ही आज से मॉनसून सत्र शुरू होगा, भारत जवाब मांगेगा. चुप्पी तोडिये प्रधानमंत्री जी!
केजरीवाल ने किया ट्वीट
ऐसी घिनौनी हरकत बर्दाशत नहीं की जा सकती: केजरीवाल
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- मणिपुर की वारदात बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. भारतीय समाज में इस तरह की घिनौनी हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती. मणिपुर के हालात बेहद चिंताजनक बनते जा रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि वे मणिपुर के हालातों पर ध्यान दें. इस वारदात की वीडियो में दिख रहे दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें. भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
एक क्रूर शासक के रूप में सामने आए पीएम: संजय सिंह
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि मणिपुर की हिंसा 4 महीनो से चल रही है, प्रधानमंत्री जी खामोश है, एक क्रूर और संवेदनहीन शासक के रूप में प्रधानमंत्री सामने आए है, मणिपुर की सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा- 'मोदी जी आप कितने संवेदनहीन हो? मणिपुर में दरिंदगी की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं. महिला को नंगा करके घुमाया जा रहा है, बच्चों बुजुर्गों और नौजवानों की हत्या हो रही है. मोदी जी आप कुछ बोलते क्यों नहीं? मणिपुर जल रहा है मोदी सो रहा है.'
उन्होंने कहा कि मणिपुर की तस्वीरें मन को विचलित करने वाली हैं. आखिर एक देश का शासक इतना क्रूर और संवेदनहीन कैसे हो सकता है? मोदी जी नींद से कब जागेंगे? सदन में सरकार मणिपुर पर जवाब दे. मैंने 267 का नोटिस दिया है. सीएम का तुरंत इस्तीफा लेकर सरकार को बर्खास्त करें.
स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे देना चाहिए: प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) ने मणिपुर मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इस्तीफे की मांग की. शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एएनआई से कहा, "संसद में आज सबसे प्रमुख मुद्दा मणिपुर संकट होगा. दो महीने पहले हुए यौन उत्पीड़न के जघन्य अपराध ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है और बेहद परेशान करने वाला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के माध्यम से देश को जवाब देना चाहिए कि संघर्षग्रस्त राज्य पर शून्य जवाबदेही क्यों है, जहां 3 मई को जातीय झड़पें हुईं. पहले एक नाटक था कि सीएम बीरेन सिंह इस्तीफा दे देंगे. महिला कल्याण की जिम्मेदारी संभाल रहीं स्मृति ईरानी ने आज तक कोई बयान जारी नहीं किया है. कल उन्हें वीडियो पर आक्रोश के कारण भारी जन दबाव का हवाला देते हुए ट्वीट करने के लिए मजबूर होना पड़ा. आज तक ईरानी ने मणिपुर में महिलाओं की दुर्दशा का जायजा लेने की जहमत नहीं उठाई. मैं चाहूंगी कि ऐसे अक्षम मंत्री... देश के सबसे अक्षम मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए."
मणिपुर के हालात के लिए RSS और बीजेपी जिम्मेदार
यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मणिपुर के हालात के लिए आरएसएस की नफरत की नीति और भाजपा की वोट की राजनीति जिम्मेदार है. बहन-बेटियों के परिवारवाले अब तो भाजपा की ओर देखने तक से पहले एक बार ज़रूर सोचेंगे.
पीएम को दो महीने बाद नरसंहार का आया ख्याल
AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 महीने के बाद ख्याल आया कि वहां कूकी समुदाय के लोगों का नरसंहार हो रहा है. उन्होंने मजबूरी में प्रतिक्रिया दी है, क्योंकि वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है कि किस प्रकार से वहां महिलाओं को पुलिस की गिरफ्त से निकाल कर उनके साथ बर्बरता की गई.
अबतक नहीं हुई गिरफ्तारी: स्वाति मालिवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी वायरल वीडियो पर कहा कि मणिपुर से एक बहुत की खतरनाक वीडियो सामने आया है, जिसको देखकर मैं सहम गई और पूरी रात मुझे नींद नहीं आई. वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह से दो लड़कियों को आदमियों का झुंड घेर लेता है और उनके साथ सबसे बड़ी अभद्र हरकत करते हैं. लड़कियों को निर्वस्त्र करके परेड कराया जाता है. इस दौरान उन्हें नोंच जाता है. उनके साथ घटना ढाई महीने पहले की है लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मुझे शर्म आती है कि किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. केंद्र सरकार चुप है. पीएम ने एक भी बयान नहीं दिया है. मैं आज मणिपुर के सीएम और पीएम मोदी को मणिपुर में हिंसा खत्म करने और आरोपियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिख रही हूं."
हिंसा में महिलाओं का टूल की तरह इस्तेमाल करना गलत: सीजेआई
सुप्रीम कोर्ट ने भी महिलाओं से दरिंदगी की घटना को स्वत: संज्ञान ले लिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कल जो वीडियो सामने आया है, उसे देखकर वह स्तब्ध हैं. ऐसी घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. हिंसा में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है. हम सरकार को इस पर कार्रवाई के लिए कुछ समय दे रहे हैं, नहीं तो फिर हम कार्रवाई करेंगे. यह बहुत ही परेशान करने वाली घटना है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने क्या कदम उठाए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं. हम सरकार को कठोर कदम उठाने का निर्देश देते हैं. सीजेआई ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को अदालत को अवगत कराया जाना चाहिए, ताकि अपराधियों पर ऐसी हिंसा के लिए मामला दर्ज किया जा सके. मीडिया में जो दिखाया गया है और वीडियो सामने आए हैं, वे घोर संवैधानिक उल्लंघन को दिखाते हैं. हम इस मामले में 28 जुलाई को सुनवाई करेंगे.
ससंद के हंगामेदार होने के पूरे आसार
मणिपुर हिंसा और कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बात के पूरे आसार है कि संसद के मॉनसून सत्र में इस मुद्दे पर विपक्ष जमकर हंगामा करेगा. विपक्ष की मांग है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बिना देरी के मणिपुर भेजा जाए.Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-57999510692828665262023-07-18T17:11:00.004+05:302023-07-18T17:11:44.964+05:30राज्यसभा सांसद ने असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज कराया मामला, मुस्लिमों पर की थी टिप्पणी<div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiOza_8IJH0g34ASnInW7qEwQdG35Pm4t4qb1yvlvwcEh9PpYJDjrTc5Y3Sdb5zPoSh1VHu-5NZuUFLw7GWcd8ujLzBf8vFOBWNYXJ7ZYukszmchKeAI-CUGlkirVrkUYKyTdiFXMgdRRhEjREkQX07OQgIbNOc4-17EmMHECe-XNC12UB5xJmTMoDbxe36/s414/rajya-sabha-mp-ajit-kumar-bhuyan_1689602311.jpeg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="232" data-original-width="414" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiOza_8IJH0g34ASnInW7qEwQdG35Pm4t4qb1yvlvwcEh9PpYJDjrTc5Y3Sdb5zPoSh1VHu-5NZuUFLw7GWcd8ujLzBf8vFOBWNYXJ7ZYukszmchKeAI-CUGlkirVrkUYKyTdiFXMgdRRhEjREkQX07OQgIbNOc4-17EmMHECe-XNC12UB5xJmTMoDbxe36/s200/rajya-sabha-mp-ajit-kumar-bhuyan_1689602311.jpeg"/></a></div>
राज्यसभा सांसद ने असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज कराया मामला, मुस्लिमों पर की थी टिप्पणी
राज्यसभा सदस्य अजीत भूइयां ने पत्रकारों से कहा, हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट का साफ जजमेंट है। लेकिन असम के मुख्यमंत्री लगातार असम में समुदायों में नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सार्वजनिक रूप से एक समुदाय पर हमला कर रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सीधा-सीधा उल्लंघन है...
राज्यसभा सांसद अजीत कुमार भुइयां ने मिया समुदाय (मुस्लिम) पर की गई टिप्पणी को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। भूइयां ने कहा, पहले देखेंगे कि पुलिस क्या करती है, फिर उसके बाद आगे की कार्रवाई पर सोचेंगे।
भूइयां की ओर से दिसपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ऊपरी असम क्षेत्र के लोगों को गुवाहाटी आने के लिए कहा और उस स्थिति में वह गुवाहाटी को मियाओं से खाली करा देंगे। प्रत्यक्ष तौर पर इस तरह के बयान राज्य में विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने और राष्ट्रीय एकता के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिकूल हैं।
राज्यसभा सदस्य अजीत भूइयां ने अमर उजाला से कहा, हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट का साफ जजमेंट है। लेकिन असम के मुख्यमंत्री लगातार असम में समुदायों में नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सार्वजनिक रूप से एक समुदाय पर हमला कर रहे हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा, मैंने आज उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। देखते हैं पुलिस क्या एक्शन लेती है। उसके बाद सोचेंगे कि क्या करना है।
उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को संज्ञान में लाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी और धारा 295ए के तहत मामला दर्ज करने और मामले की जांच करने और कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-13612912981056560652023-07-16T14:05:00.001+05:302023-07-16T14:05:08.392+05:30देश में एक डर का माहौल बन गया है-वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgucD4qmG7u77ngobehxgwyfqM1rRTrxSAesQ-tn5lnv3B7U8m5oXqaxCRbWp9VT30ijoO5BTAfRwO0SOUMyFGb5o_2nr922_Swk6-YlW0YRFkP6zEpFPURnHx_mOqezuppmuwAAsq1lWM1uTp4QQq5uS_ZbetWZcBgEIY90NjGpchA8qQqubkAM_0FXFQm/s380/dushyant-dave-101780840.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="285" data-original-width="380" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgucD4qmG7u77ngobehxgwyfqM1rRTrxSAesQ-tn5lnv3B7U8m5oXqaxCRbWp9VT30ijoO5BTAfRwO0SOUMyFGb5o_2nr922_Swk6-YlW0YRFkP6zEpFPURnHx_mOqezuppmuwAAsq1lWM1uTp4QQq5uS_ZbetWZcBgEIY90NjGpchA8qQqubkAM_0FXFQm/s200/dushyant-dave-101780840.jpg"/></a></div>
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे का इंटरव्यू
बोले, देश में एक डर का माहौल बन गया है
जजों के फैसले पर बोले, आलोचना करना अधिकार
नई दिल्ली: जब नेताओं से सवाल पूछा जाता है तो वे जवाब देने से यह कहकर बच जाते हैं कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। जब यही बात सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे के सामने रखी गई तो उन्होंने कहा कि हमारी कानून व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि ये सब लोग उसका फायदा लेकर सत्ता में बने रहते हैं, जो देश के लिए अच्छी बात नहीं है। 'लल्लनटॉप' को दिए इंटरव्यू में जब दवे से लोगों के आलोचना के अधिकार की बात की गई तो उन्होंने कहा कि देश में एक डर का मौहाल बन गया है। ये दुख की बात है कि आज लोग अपने विचार व्यक्त नहीं कर पाते हैं। आपने देखा कि बहुत सारे लोगों को एक ट्वीट पर जेल में डाल दिया जाता है, ये सब होना नहीं चाहिए लेकिन हो रहा है और जूडिशरी देख रही है इसको खुली आंख से।
जज के फैसले की आलोचना क्यों नहीं कर सकते?
दवे से जब कहा गया कि जूडिशरी पर तो कोई कॉमेंट ही नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील ने जवाब दिया, 'आलोचना करना हमारे यहां एक फंडामेंटल राइट है तो जजों के फैसलों को आप जरूर क्रिटिसाइज कर सकते हैं, हां जज की निजी तौर पर आलोचना नहीं कर सकते हैं।'
'मन की बात' का क्या मतलब है
दवे से जब पूछा गया कि रविवार को मन की बात सुनते हैं या नहीं रेडियो पर? दवे ने जवाब दिया, 'हर संडे को मन की बात का क्या मतलब है, भक्ति की भी लिमिट है। भक्ति गलत बात नहीं है। प्रधानमंत्री सही रास्ते पर देश को नहीं ले जा रहे हैं और जो पीएम की शक्तियां हैं इस देश को आगे ले जाने के लिए, उसका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है।'
सवाल नहीं पूछ सकते तो भक्ति कैसी
दुष्यंत दवे ने आगे कहा कि जो भी भाजपा या कांग्रेस की विचारधारा को मानता है उसको शक्ति होनी चाहिए कि वह कांग्रेस या बीजेपी के लीडर्स से सवाल पूछ सके। जब तक वो न हो तब तक भक्ति का क्या फायदा है।
हिंदुस्तान में शरिया तो नहीं आया
उन्होंने कहा, 'आज अल्पसंख्यकों पर अटैक हो रहे हैं, कितने सारे केस क्रिश्चियन समुदाय के ऊपर हैं, मैं जानता हूं। आप मुसलमानों के खिलाफ हैं। 800 साल मुसलमान रहा सत्ता में, हिंदुस्तान इस्लामिक तो नहीं बना। हिंदुस्तान में शरिया लॉ तो नहीं आया!'
'लल्लनटॉप' को दिए इंटरव्यू में हंसी के पल भी आए। जब फीस की बात की गई तो दवे ने कहा कि हर साल करीब 100 गरीबों के फ्री में केस लड़ता हूं और जो अफॉर्ड कर सकता है उससे कोई रहम नहीं दिखाता हूं। काम करने के तरीके के बारे में पूछने पर दवे ने कहा कि हम वकील लोग बिना कारण केस में 100, 200-500 पेज ऐसे ही डाल देते हैं। वजह पूछने पर बोले, 'हो सकता है क्लाइंट को खुश करने के लिए, हो सकता है अपनी फीस को जस्टिफाई करने के लिए'।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-32588786494934832642023-07-13T17:00:00.001+05:302023-07-13T17:00:09.651+05:30 मणिपुर में हिंसा पीडितों का हाल जानने पर महिला नेताओं पर राजद्रोह का मुकदमा <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEht4n5OBQpkSMi0lW-9-h6YNmVfbuT9ySzHb9tTvGansJ3rUPRPkV4Z5Xl93nVLvYLylFQf_TyuS7yrt9yRXkOK634K0wwbyr_npF-A1gmcgTGs9Vya2xnenbuvSqe6IPp3IV0b4CGQSfzxetv_8iyazVUneHuEwaR8vbokz62EC1Yz2nbfURykc7Cb0IE2/s1500/1500x900_3148741-95.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="900" data-original-width="1500" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEht4n5OBQpkSMi0lW-9-h6YNmVfbuT9ySzHb9tTvGansJ3rUPRPkV4Z5Xl93nVLvYLylFQf_TyuS7yrt9yRXkOK634K0wwbyr_npF-A1gmcgTGs9Vya2xnenbuvSqe6IPp3IV0b4CGQSfzxetv_8iyazVUneHuEwaR8vbokz62EC1Yz2nbfURykc7Cb0IE2/s200/1500x900_3148741-95.jpg"/></a></div>
मणिपुर में हिंसा पीडितों का हाल जानने पर महिला नेताओं पर राजद्रोह का मुकदमा
मणिपुर में सांप्रदायिक हिंसा की जांच करने गए भारतीय महिला महासंघ (NFIW) के दल पर हुआ एफ.आई. आर. गैर ज़िम्मेदार कृत्य है और इस तुरन्त वापस ले सरकार
भारतीय महिला महासंघ की तरफ से मणिपुर हिंसा की जांच करने गई टीम पर की गई प्राथमिकी गैर ज़िम्मेदार कृत्य है और वस्तुस्थिति जानने के नागरिक अधिकारों का हनन है। भारतीय महिला महासंघ की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा, राष्ट्रीय सचिव निशा सिद्धु और एडवोकेट दीक्षा पर मणिपुर दौरे में नागरिकों विशेषकर महिलाओं पर हो रहे हिंसा की फैक्ट फाइंडिंग करने कारण एफ.आई .आर दर्ज किया गया है।
हमारे देश का कानून और संविधान अपने नागरिकों को अधिकार देता है कि वह स्वयं वस्तुस्थिति का आकलन करें और ज़मीनी हकीकत से देश, आवाम को अवगत कराएं। सिविल लिबर्टी पर सरकार की ये तानाशाही अत्यंत ही खेद जनक है।
इप्टा की राष्ट्रीय समिति भारतीय महिला महासंघ के साथियों पर की गई प्राथमिकी तुरंत वापस लेने और दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करती है।
ये हास्यास्पद है कि ये प्राथमिकी उस समय दर्ज किया गया जब भारतीय महिला महासंघ के साथी मणिपुर में हो रहे लगातार हिंसा के खिलाफ शांति बहाल की अपील करने गई थी और वहां के लोगों की हालत का जायज़ा लेने गई थीं।
मणिपुर हमारे देश का अटूट हिस्सा है, वहाँ लंबे समय से हिंसा और तनाव का माहौल है। 55 दिनों तक मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सरकार और प्रशासन ने कुछ नहीं किया। जब उनकी नाकामियों पर सवाल उठ रहे हैं तो सवाल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज किया जा रहा है। भारतीय महिला महासंघ की अन्य राज्यों की तरह मणिपुर में भी इकाई है। अपने साथियों का हाल- चाल जानने और सरकार और प्रशासन से इस मामले की जानकारी लेने महासंघ की टीम मणिपुर गई थी।
यह इस बात का संकेत है कि सरकार अपनी असफलताओं को उजागर होने से डर रही है। और जो लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं उन्हें सलाखों के पीछे भेजना चाहती है। मणिपुर की जनता सरकार के मंसूबे को पूरा नहीं होने देगी। हम भारत के लोग एकजुट हैं। इस देश के नागरिक है और उनके बीच अमन और भाईचारा के लिए प्रयत्नशील है।
ये जिम्मेदारी राज्य और केन्द्र की सरकार की बनती है कि अपने राज्य की जनता के बीच अमन कायम करे। ऐसी बर्बर हिंसा पर रोक लगाए।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-44447832441067026972023-07-11T22:51:00.001+05:302023-07-11T22:51:03.260+05:30पाकिस्तानी जासूस नवीन गिरफ्तार <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhcBZCzvEtYIE-ECdNju94o5AZcL_Yq0Dh9CGDN4Q_n8XZxo3csV7fO-aeo74aEsSANEz_lMKwPW8ZKR2hOZDTbRkNf11gjBN5Nm_GIvWsz9MBEsgUUz-PHiWCYDHbb4Haa-euHXbt-hUmpPXPIyCz5PnCY6jxZUciE6PooVa_Jphqd0Toy3ZINfLpu1QW6/s1200/101652127.jpeg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="900" data-original-width="1200" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhcBZCzvEtYIE-ECdNju94o5AZcL_Yq0Dh9CGDN4Q_n8XZxo3csV7fO-aeo74aEsSANEz_lMKwPW8ZKR2hOZDTbRkNf11gjBN5Nm_GIvWsz9MBEsgUUz-PHiWCYDHbb4Haa-euHXbt-hUmpPXPIyCz5PnCY6jxZUciE6PooVa_Jphqd0Toy3ZINfLpu1QW6/s200/101652127.jpeg"/></a></div>।
लगातार फंसाकर गोपनीय जानकारी ली जा रही है। ऐसा ही कुछ मामला गाजियाबाद से सामने आया है। यहां गृह मंत्रालय में तैनात कर्मचारी से महिला उससे सारी जानकारी ले रही थी।
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक हनीट्रैप का मामला सामने आया है। गृह मंत्रालय में तैनात नवीन पाल को हनीट्रैप में एक महिला जाल में फंसाकर उससे गोपनीय दस्तावेज मंगा लिए। नवीन जिस महिला को कोलकाता का अंजलि समझकर उसको दस्तावेज भेज रहा था, दरअसल वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी बताई जा रही है। ये भी कहा जा रहा है कि वह आईएसआई की कोई अधिकारी या कर्मचारी हो सकती है। यही नहीं उसने नवीन पटेल से जानकारी लेने के लिए 85 हजार रुपये भी दिए। पुलिस ने नवीन को गिरफ्तार कर लिया है।
क्रॉसिंग रिपब्लिक कॉलोनी के भीमनगर का रहने वाला नवीन 12वीं पास है और वह गृह मंत्रालय में संविदा पर तैनात है। देश की खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली कि दो महीने से तमाम गोपनीय दस्तावेज नवीन महिला को भेज रहा है। वॉट्सऐप पर अंजलि नाम की महिला से चैट कर रहा है। पहले अंजलि उसको अपने जाल में फंसाया और फिर अपनी मीठी-मीठी बातों में फंसाकर सारी जानकारी लेना शुरू कर दिया। अंजलि जो भी मांगती थी, नवीन दे देता था। इन सबके बदले वह नवीन को पेटीएम से रुपये भी भेजती थी।
पकड़े गए युवक के मोबाइल डाटा से ये जानकारी मिली है कि उसने जी-20 से जुड़े दस्तावेज महिला को भेजे हैं। एक दस्तावेज भेजने पर पांच से दस हजार रुपये मिलते थे। नवीन ने महिला को कई नक्शे भी भेजे हैं। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसको नहीं मालूम था कि दस्तावेज पाकिस्तान जा रहे हैं। पुलिस उसकी बातों पर भरोसा नहीं कर रही है और शक है, ये किसी गिरोह से जुड़ा हो सकता है। वहीं, डीसीपी देहात शुभम पटेल ने बताया कि नवीन के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। बैंक खातों की डिटेल निकलवाई जा रही है।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-62433385637389212342023-07-11T18:05:00.004+05:302023-07-11T18:05:43.361+05:30उच्चतम न्यायालय ने ईडी डायरेक्टर की नियुक्ति अवैध ठहराई - सरकार को बड़ा झटका <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhpYA3RiWodoMzuy1Q2_TDiVOLzKfwzYIRsBI6QcLseGGFOiAPILaPWcMMZFLglx3GLhIPy00WpXQEpymdSac0ahtUch0dNqScsQUerm-oNtyYCKW4UTXQDbwxmEtpjrxYNZMm_YRkBZrBn2rmBDPXMj5e5E87tdRHBBJobRh4Kv6SPNBEMeI5GhaS3OUKE/s1500/1500x900_428415-enforcement-directorate.png" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="900" data-original-width="1500" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhpYA3RiWodoMzuy1Q2_TDiVOLzKfwzYIRsBI6QcLseGGFOiAPILaPWcMMZFLglx3GLhIPy00WpXQEpymdSac0ahtUch0dNqScsQUerm-oNtyYCKW4UTXQDbwxmEtpjrxYNZMm_YRkBZrBn2rmBDPXMj5e5E87tdRHBBJobRh4Kv6SPNBEMeI5GhaS3OUKE/s200/1500x900_428415-enforcement-directorate.png"/></a></div>
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया, 31 जुलाई तक काम की इजाजत दी
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया, 31 जुलाई तक काम की इजाजत दी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कॉमन कॉज मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2021 के फैसले के आदेश का उल्लंघन करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख एसके मिश्रा के कार्यकाल को दिए गए विस्तार को अवैध ठहराया और कहा कि उन्हें और विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, न्यायालय ने अंतरराष्ट्रीय निकाय एफएटीएफ की समीक्षा और कामकाज के सुचारू हस्तांतरण के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें 31 जुलाई, 2023 तक अपने पद पर बने रहने की अनुमति दी।
न्यायालय ने केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में किए गए संशोधनों को भी बरकरार रखा, जो केंद्र को ईडी और सीबीआई के प्रमुखों का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने की अनुमति देता है।
यह कहते हुए कि कानून पर न्यायिक समीक्षा का दायरा बहुत सीमित है और इन अधिकारियों की नियुक्तियां एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा की जाती हैं, न्यायालय ने यह देखते हुएइन संशोधनों को बरकरार रखा कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं। कोर्ट ने कहा कि जनहित में और लिखित कारण के साथ उच्च स्तरीय अधिकारियों को विस्तार दिया जा सकता है।
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने मिश्रा की नियुक्ति के साथ-साथ केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम में हालिया संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले शामिल हैं। पीठ ने मई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पीठ ने मोटे तौर पर दो मुद्दों पर विचार किया - पहला, संशोधनों की वैधता के संबंध में; दूसरा, मिश्रा के कार्यकाल के लिए दिए गए विस्तार की वैधता।
पहले मुद्दे में संघ के पक्ष में फैसला सुनाते हुए, दूसरे मुद्दे के संबंध में, न्यायालय ने माना कि विस्तार स्पष्ट रूप से सामान्य कारण के फैसले के अनुरूप है ।
जस्टिस गवई ने फैसले के ऑपरेटिव भागों की घोषणा करते हुए कहा, "हालांकि किसी फैसले का आधार हटाया जा सकता है, विधायिका उस विशिष्ट परमादेश को रद्द नहीं कर सकती है जो आगे के विस्तार पर रोक लगाता है...यह न्यायिक अधिनियम पर अपील में बैठने के समान होगा।" इसलिए, एसके मिश्रा को एक-एक वर्ष की अवधि के लिए विस्तार देने के 17 नवंबर, 2021 और 17 नवंबर, 2022 के आदेशों को अवैध माना गया।
केंद्र सरकार ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने के अपने फैसले पर लंबे समय तक राजनीतिक विवाद में उलझी रही है, जिन्हें पहली बार नवंबर 2018 में नियुक्त किया गया था। नियुक्ति आदेश के अनुसार, वह दो साल बाद 60 साल की उम्र तक पहुंचने पर सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, नवंबर 2020 में सरकार ने आदेश को पूर्वव्यापी रूप से संशोधित करते हुए उनका कार्यकाल दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया। कॉमन कॉज़ बनाम भारत संघ मामले में इस पूर्वव्यापी संशोधन की वैधता और मिश्रा के कार्यकाल को एक अतिरिक्त वर्ष के विस्तार की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विस्तार केवल 'दुर्लभ और असाधारण मामलों' में थोड़े समय के लिए दिया जा सकता है। मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने के कदम की पुष्टि करते हुए, शीर्ष अदालत ने आगाह किया कि निदेशालय के प्रमुख को कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
नवंबर 2021 में, मिश्रा के सेवानिवृत्त होने से तीन दिन पहले, भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 और केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, संसद द्वारा दिसंबर 2003 में संशोधन करते हुए दो अध्यादेश पारित किए गए थे। इन संशोधनों के बल पर, अब सीबीआई और ईडी दोनों निदेशकों का कार्यकाल प्रारंभिक नियुक्ति से पांच साल पूरा होने तक एक बार में एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। पिछले साल नवंबर में मिश्रा को एक साल का विस्तार और दिया गया था, जिसे अब चुनौती दी गई थी
केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम में हालिया संशोधन को भी कम से कम आठ अलग-अलग जनहित याचिकाओं में शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले शामिल हैं। कॉमन कॉज़ में शीर्ष अदालत द्वारा जारी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के लिए आलोचना के अलावा, सीबीआई और ईडी के निदेशकों की नियुक्ति और कार्यकाल पर केंद्र को "अनियंत्रित विवेक" प्रदान करने और इसलिए, कथित तौर पर जांच निकायों की स्वतंत्रता से समझौता करने के लिए अध्यादेशों को चुनौती दी गई थी।
एक जवाबी हलफनामे में, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिकाएं परोक्ष राजनीतिक हितों से प्रेरित हैं क्योंकि वे उन राजनीतिक दलों से संबंधित याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर की गई हैं जिनके नेताओं के खिलाफ वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जांच चल रही है। केंद्र सरकार का आरोप है कि याचिकाएं "यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की गई हैं कि प्रवर्तन निदेशालय अपने कर्तव्यों का निडर होकर निर्वहन नहीं कर सकता है।" हलफनामे में कहा गया है, “याचिकाकर्ता को केवल यह विश्वास होगा कि ये एजेंसियां स्वतंत्र हैं यदि ये एजेंसियां उनके राजनीतिक दल के राजनीतिक नेताओं द्वारा किए गए अपराधों के प्रति आंखें मूंद लें।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, फरवरी में, एमिक्स क्यूरी केवी विश्वनाथन (जिन्हें न्यायाधीश के रूप में शीर्ष अदालत में पदोन्नत किया गया) ने जस्टिस गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ को बताया कि न केवल प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख को तीसरा विस्तार बल्कि केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम में संशोधन , जिसमें केंद्र सरकार को कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष तक, कुल पांच वर्ष तक बढ़ाने की अनुमति दी गई थी, अवैध था। विश्वनाथन ने पीठ को बताया, “विनीत नारायण, प्रकाश सिंह I, प्रकाश सिंह II, कॉमन कॉज़ I और कॉमन कॉज़ II के निर्णयों की लंबी कतार को ध्यान में रखते हुए विस्तार आदेश और वैधानिक संशोधन अवैध हैं ”
कई घंटों के दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील ने जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता के बारे में चिंता जताई और बताया कि सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने उक्त एजेंसियों के प्रमुखों को एक समय में टुकड़ों में केवल एक साल का विस्तार देने को 'गाजर और छड़ी की नीति' के रूप में वर्णित किया है ।
शंकरनारायणन ने समझाया:
"पदस्थों पर विस्तार की तलवार लटकाने और उनके प्रदर्शन पर आगे के विस्तार के अनुदान को आकस्मिक बनाने की गाजर-और-छड़ी नीति की समस्या, निदेशक की निगरानी वाली जांच स्वतंत्र नहीं हो सकती है।"
विश्वनाथन ने प्रवर्तन निदेशालय जैसे संस्थानों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के महत्व के बारे में भी बात की, और दृढ़ता से तर्क दिया कि लोकतंत्र के व्यापक हित में ऐसे संस्थानों को कार्यपालिका प्रभाव से अलग रखा जाना चाहिए। विशेष रूप से, उन्होंने पीठ से कहा, "ये एजेंसियां महत्वपूर्ण काम करती हैं और इन्हें न केवल स्वतंत्रता बल्कि स्वतंत्रता की धारणा की आवश्यकता है।"
दूसरी ओर, सॉलिसिटर-जनरल ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को बढ़ाने के सरकार के फैसले का इस आधार पर बचाव करने की मांग की कि नेतृत्व में निरंतरता सुनिश्चित करना अनिवार्य था, खासकर आगामी वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की सहकर्मी समीक्षा के मद्देनजर जो 2023 में होने वाला है। वॉचडॉग के मानदंडों के अनुसार भारत के प्रदर्शन का मूल्यांकन एक दशक के बाद इस वर्ष किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस मूल्यांकन के आधार पर, देशों को उनके प्रदर्शन के स्तर को इंगित करने वाली सूचियों में वर्गीकृत किया गया है, जो अंततः उन्हें विश्व बैंक और एशियाई विकास जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से न केवल वित्तीय सहायता प्राप्त करने, बल्कि विदेशी बैंकों से उधार लेने और कई अन्य लाभ का भी हकदार (या, वंचित) करेगा।
अन्य बातों के अलावा, यह तर्क देने के अलावा कि विवादित संशोधन राष्ट्रीय हित में आवश्यक था, सॉलिसिटर-जनरल ने याचिकाकर्ताओं के इस तर्क का भी सख्ती से खंडन किया कि एक-एक वर्ष की समय-समय पर विस्तार देने की नीति गाजर छड़ी के समान होगी
कानून अधिकारी ने कहा,
"यह तर्क दोधारी तलवार है।"
उन्होंने बताया,
"एक बार में एक साल का विस्तार देने की नीति वास्तव में यह सुनिश्चित करेगी कि अधिकारी खुद के लिए कानून न बनें, और दूसरा, ताकि वे गैर-निष्पादक न बनें।"
सभी वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने 8 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
मामले का विवरण- जया ठाकुर बनाम भारत संघ एवं अन्य। | 2022 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 1106 और संबंधित मामले।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-73636341910753796312023-07-10T09:11:00.002+05:302023-07-10T09:11:21.626+05:30टमाटर को मिले Z श्रेणी की सुरक्षा...अखिलेश यादव <div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1GPhuvCB2QIji8oD6L2KWjJwaGM4y1hGtJzgoZ1LIziHML2dPTK9LIOq1eyIzJs8-9DoAi3geXQlWjg-LJxgYIvs7uEtHmqq-mPhOMsFxo5KKwi1q9_r2G48nSUzsQsF04kciKHXnzMVMgzTGc11Dv-3eWCf-N7SBCRfBduQCe8tpa_9A5rJxl7qdkoNg/s380/101615690.jpg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="285" data-original-width="380" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1GPhuvCB2QIji8oD6L2KWjJwaGM4y1hGtJzgoZ1LIziHML2dPTK9LIOq1eyIzJs8-9DoAi3geXQlWjg-LJxgYIvs7uEtHmqq-mPhOMsFxo5KKwi1q9_r2G48nSUzsQsF04kciKHXnzMVMgzTGc11Dv-3eWCf-N7SBCRfBduQCe8tpa_9A5rJxl7qdkoNg/s200/101615690.jpg"/></a></div>
टमाटर को मिले Z श्रेणी की सुरक्षा... सब्जी विक्रेता ने सिक्योरिटी : वाराणसी में एक सब्जी विक्रेता ने टमाटर की सुरक्षा में बाउंसर लगाए हैं। विक्रेता ने कहा कि टमाटर काफी महंग बिक रहा है और इसके लिए मारपीट हो जाती है। ऐसे में उसकी सुरक्षा के लिए बाउंसर रखे गए हैं।
टमाटर की सुरक्षा में लगे बाउंसर
टमाटर की सुरक्षा में लगे बाउंसर
वाराणसीः कभी किसी ने सोचा था कि टमाटर ऐसा कीमती हो जाएगा कि उसकी सुरक्षा के लिए बाउंसर लगाने पड़ेंगे। नहीं सोचा होगा लेकिन यह आज का सच है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक सब्जी बेचने वाले ने दो बाउंसर सिर्फ इसलिए हायर किए हैं कि वो उन ग्राहकों को महंगे टमाटर से दूर रखें, जो इसकी कीमत को लेकर दुकानदार से बहस करते हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी शेयर किया है। उन्होंने इसके जरिए बीजेपी सरकार से मांग की है कि वह टमाटर को जेड श्रेणी की सुरक्षा दे।
बता दें कि बीते दिनों से टमाटर की कीमत में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। लोगों के रोज के भोजन का अहम हिस्सा टमाटर 160 रुपये प्रति किलो से भी ज्यादा पैसों में बिक रहा है। इसी बीच वाराणसी में सब्जी बेचने वाले अजय फौजी ने अपनी दुकान पर टमाटरों की सुरक्षा के लिए दो बाउंसर हायर किए हैं। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उनकी दुकान के सामने दो बाउंसर देखे जा सकते हैं। ये बाउंसर दुकान की ओर बढ़ रहे एक ग्राहक को रोक देते हैं और उसे हिदायत देते हैं कि वह टमाटर को दूर से देखे। छूने की कोशिश न करे।
अजय फौजी से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, 'बाउंसर हमने इसलिए लगाए हैं क्योंकि टमाटर की महंगाई आप लोग देख रहे हैं। आप लोगों को पता चल रहा होगा कि टमाटर के लिए मारपीट, लूट, मारा-पीटा जा रहा है। कई जगह ये घटना हुई है। हमने टमाटर मंगाया हुआ था, इसलिए यहां पर वाद-विवाद न हो, इसलिए हमने बाउंसर लगा रखे हैं।' उन्होंने कहा कि महंगाई से इतने त्रस्त हैं मोदी जी के राज में। अब इस महंगाई के समय में आपको 160 रुपये किलो टमाटर बिक रहा है। कोई 50 ग्राम कोई 100 ग्राम ले रहा है।
अजय फौजी की दुकान पर दो पोस्टर भी लगे दिखाई दे रहे हैं। इन पोस्टरों पर 'पहले पैसा बाद में टमाटर' और 'कृपया टमाटर और मिर्च को नहीं छुएं' लिखा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने भी बीजेपी सरकार पर चुटकी ली है। उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि बीजेपी सरकार टमाटर को जेड श्रेणी की सुरक्षा दे।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-8334791182747426962023-07-08T14:27:00.003+05:302023-07-08T14:27:29.986+05:30राहुल गांधी का नया रुप - धान की रोपाई करते हुए <iframe allowfullscreen='allowfullscreen' webkitallowfullscreen='webkitallowfullscreen' mozallowfullscreen='mozallowfullscreen' width='400' height='322' src='https://www.blogger.com/video.g?token=AD6v5dxFwDDJ7W8LGHsqYbm5qxy1oG2UcbL0w_r_jkwCZ3FFRM1dYKrZOoxF4w94kNAfmLg521si1Vkkp4qWMW8mQw' class='b-hbp-video b-uploaded' frameborder='0'></iframe>
खेतों में किसानों के बीच पहुंचकर राहुल गांधी एक किसान की तरह ही काम करते दिखे तो ग्रामीण भी चौंक गए।
खेतों में किसानों के बीच पहुंचकर राहुल गांधी एक किसान की तरह ही काम करते दिखे तो ग्रामीण भी चौंक गए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार सुबह अचानक हरियाणा के सोनीपत में रुके। यहां उन्होंने किसानों के साथ खेतों में धान की रोपाई की। उन्होंने ट्रैक्टर चलाकर खेत की जुताई भी की। इस दौरान किसानों और खेत मजदूरों के साथ खेती-किसानी पर बातचीत भी की। राहुल ने किसानों के साथ ही बैठकर नाश्ता भी किया।
राहुल गांधी दिल्ली से शिमला जा रहे थे। वे जीटी रोड पर कुंडली बॉर्डर पहुंचे तो किसानों के बीच जाने का प्रोग्राम बना लिया और सोनीपत के ग्रामीण इलाके का रुख कर लिया। राहुल गांधी NH 48 से मुरथल होते हुए कुराड़ रोड से बाइपास के रास्ते गोहाना की तरफ रवाना हुए। इसके बाद वे अपने रूट से हट कर करीब 50 किलोमीटर दूर बरोदा विधानसभा क्षेत्र के गांव मदीना में सुबह करीब 6:40 बजे पहुंचे गए। वे भैंसवान-मदीना रोड पर संजय के खेत में जा पहुंचे।
मदीना गांव में करीब 2 घंटे बाद राहुल गांधी 8.40 बजे पर रवाना हो गए। लौटते समय उन्होंने गोहाना PWD रेस्ट हाउस में ड्रेस चेंज की। फिर सोनीपत से आगे रवाना हो गए।
राहुल सुबह 6:40 बजे मदीना गांव में किसान संजय के खेत पहुंचे।
महिला किसानों के साथ धान की रोपाई करते राहुल गांधी।
खेत में ट्रैक्टर से जुताई करते राहुल गांधी।
महिला किसानों के साथ नाश्ते के दौरान बात करते राहुल गांधी।
किसी को नहीं थी राहुल गांधी के रुकने की सूचना
राहुल के सोनीपत खेत में रुकने का पता चलते ही बरोदा से कांग्रेस विधायक इंदूराज नरवाल और गोहाना के विधायक जगबीर मलिक भी वहां पहुंचे। नरवाल ने कहा कि उनके पास राहुल के आने की सूचना नहीं थी, लेकिन जैसे ही ग्रामीणों से उनको इस बारे में पता चला तो वे मिलने पहुंच गए।।
गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि इलाके का सौभाग्य है कि राहुल गांधी यहां पहुंचे हैं। वह यह देख रहे हैं कि एक गांवों में खेती का क्या तरीका है। किसान किस तरीके से धान लगाता है। इसमें उन्हें क्या परेशानियां आ रही हैं।
राहुल को देखने के लिए काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी पहुंचे। राहुल ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।
किसान संजय के खेतों में पहुंचे राहुल गांधी
गांव मदीना में राहुल किसान संजय के खेत में पहुंचे थे। जिस वक्त राहुल आए, किसान और मजदूर मिलकर धान की रोपाई कर रहे थे। जब सिक्योरिटी के साथ राहुल खेत की तरफ आए तो दूर से उन्हें कोई पहचान नहीं पाया। हालांकि, करीब आते ही उन्होंने राहुल को पहचान लिया।
धान की रोपाई के लिए राहुल गांधी के आने पर मजदूर भी खुश दिखे।
सोनीपत का बरोदा कांग्रेस का गढ़
गांव मदीना सोनीपत के ग्रामीण हलके बरोदा का हिस्सा है। बरोदा हलके से वर्तमान में कांग्रेस के इंदूराज नरवाल उर्फ भालू विधायक हैं। उन्होंने उप चुनाव में भाजपा के योगेश्वर दत्त को हराया था। पूरा बरोदा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ है और पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृह क्षेत्र रोहतक से सटा हुआ है।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-16184209400400563332023-07-08T10:09:00.001+05:302023-07-08T10:09:07.426+05:30भोपाल में भोजपुरी सिंगर पर FIR; सोशल मीडिया पर लिखा-'MP में का बा...?' कमिंग सून<div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZcGEFYGOVEd-M4B1DzuKs07vifmElAKrtzPPvQUXt9RGGcukc3rcuO55RNs4Vc7X-naa8G7ZQjwV6x60Vg1K2uHAHphaUf_bGe1m35wwTzP9Qv3N_v4pwmhOS3qAbTplwS1rTA9hiKVyPaS86HKx47ye9aa83ay0haU8dqPqKjbWJ5w1rQuW2KyROL2kn/s360/bhopal-1_1688727096.jpeg" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="270" data-original-width="360" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZcGEFYGOVEd-M4B1DzuKs07vifmElAKrtzPPvQUXt9RGGcukc3rcuO55RNs4Vc7X-naa8G7ZQjwV6x60Vg1K2uHAHphaUf_bGe1m35wwTzP9Qv3N_v4pwmhOS3qAbTplwS1rTA9hiKVyPaS86HKx47ye9aa83ay0haU8dqPqKjbWJ5w1rQuW2KyROL2kn/s200/bhopal-1_1688727096.jpeg"/></a></div>
पेशाब कांड के आरोपी को संघ की यूनिफॉर्म में दिखाया:भोपाल में भोजपुरी सिंगर पर FIR; सोशल मीडिया पर लिखा-'MP में का बा...?' कमिंग सून
'यूपी में का बा' और 'बिहार में का बा' गाने वाली भोजपुरी सिंगर नेहा सिंह राठौर के खिलाफ भोपाल के हबीबगंज थाने में FIR दर्ज की गई है। वहीं, इंदौर में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। नेहा राठौर ने सीधी के पेशाब कांड पर 'एमपी में का बा कमिंग सून' टाइटल से सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी। इसमें आरोपी प्रवेश शुक्ला को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यूनिफॉर्म पहने दिखाया।
भाजपा ने इस पर आपत्ति जताई है। बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी सूरज खरे ने थाने में शिकायत की है। बता दें कि नेहा ने यह पोस्ट ट्विटर पर गुरुवार (6 जुलाई) को की है। इधर, नेहा ने भी ट्वीट कर लिखा कि गजब है इनका आदिवासी प्रेम।
भाजपा ने कहा- नेहा के पति से करेंगे बात, अन्य पर भी होगी प्रथम सूचना रिपोर्ट
भोजपुरी सिंगर नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर ये पोस्ट की थी।
सूरज खरे ने कहा- अगर वह संघ का इतिहास नहीं जानतीं, तो हम उन्हें इसके बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि नेहा 15 महीने में कांग्रेस की सरकार में हुए सागर में अहिरवार समाज के शख्स के साथ हुए हादसे को लेकर ट्वीट क्यों नहीं करती हैं? इसके अलावा, अन्य लोगों ने भी इस ट्वीट को री-ट्वीट या फिर इस पोस्टर को पोस्ट किया है। सूरज खरे ने कहा कि उन लोगों पर भी एफआईआर होगी। क्योंकि मैंने पहले नेहा राठौर का ट्वीट देखा, तो उन पर एफआईआर करवाई।
सूरज ने शिकायत में लिखा है कि सीधी कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला को आरएसएस की यूनिफॉर्म में दिखाया है, जबकि इस मामले से आरएसएस का लेना-देना नहीं है। इसे लेकर नेहा सिंह राठौर पर धारा 153 (क) के तहत केस दर्ज कराया है।
भाजपा की ओर से यह शिकायत की गई है।
नेहा बोलीं- मैंने विरोध किया तो भाजपा ने FIR करवा दी
इस मामले में नेहा ने भी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा कि "मध्य प्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी के सिर पर पेशाब करने का विरोध किया, तो भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी ने मेरे ऊपर एफआईआर करवा दी। गज़ब है इनका आदिवासी प्रेम।
क्या सिर्फ आरएसएस के लोग ही हाफ पैंट पहनते हैं?
मामले में नेहा सिंह राठौर का कहना है कि यह जो पोस्टर है, यह मुझे सोशल मीडिया पर ही मिला था, जिसे मैंने पोस्ट किया है। यह मैंने खुद डिजाइन नहीं किया था। आपको इसमें आरएसएस का गणवेश कहां दिखाई दे रहा है? क्या आरएसएस के लोग सिगरेट पीते हैं? मुझे नहीं लगता कि RSS के लोग ऐसे हैं। क्या हाफ पैंट सिर्फ आरएसएस के लोग ही पहनते हैं? यहां तो गर्मी में सभी हाफ पैंट पहनते हैं।
वहीं, सिर्फ बीजेपी पर ही गाने लिखने वाले सवाल पर नेहा ने कहा कि यह मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है कि मैं किस मुद्दे पर गाना लिखना चाहती हूं। जहां तक सवाल पूछने की बात है, तो केंद्र में जिसकी सरकार है, सवाल उसी से पूछा जाएगा, न कि राहुल गांधी से।
हबीबगंज थाना प्रभारी मनीष राठौर ने बताया कि नेहा सिंह राठौर के नाम से ट्विटर अकाउंट है। उस अकाउंट यूजर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 के तहतस दर्ज किया गया है। इसमें ट्वीट में आरएसएस के गणवेश पहने एक व्यक्ति पर पेशाब करते दिखाया गया है जो कि सीधी की घटना को चिन्हित करता है। शिकायतकर्ता ने बताया कि इसका आरएसएस से लेना देना नहीं है। केस दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
Randhir Singh Sumanhttp://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-2215702043526616281.post-31235425913842712662023-07-05T12:51:00.001+05:302023-07-05T12:51:15.699+05:30उ प्र पुलिस ..थानेदार बेल्ट मारता रहा': चोट पर चोट के निशान...किसी का आधा पैर काला पड़ गया<div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEghaE74I3VsSYZFryujRyNKAX9HbPKrhF7v0R3UM8xGFpB65yJl7wcJt4bfdJvyWhvQQ8sE9_5qVtrkBEWOazp1jSliFx5hAaO0PwMSVpVwuTAqgPiYQc5yMiicyyyvQGaoU82jZVQG4RaoSb99g9RGWQpS-Aa7-P5MvuDSJKd9M4KEabTCKIxy4YfSzpYc/s360/comp-1-2_1688472511.webp" style="display: block; padding: 1em 0; text-align: center; "><img alt="" border="0" width="200" data-original-height="270" data-original-width="360" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEghaE74I3VsSYZFryujRyNKAX9HbPKrhF7v0R3UM8xGFpB65yJl7wcJt4bfdJvyWhvQQ8sE9_5qVtrkBEWOazp1jSliFx5hAaO0PwMSVpVwuTAqgPiYQc5yMiicyyyvQGaoU82jZVQG4RaoSb99g9RGWQpS-Aa7-P5MvuDSJKd9M4KEabTCKIxy4YfSzpYc/s200/comp-1-2_1688472511.webp"/></a></div>
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सीतापुर उ प्र पुलिस ..थानेदार बेल्ट मारता रहा': चोट पर चोट के निशान...किसी का आधा पैर काला पड़ गया, अब धमकियां मिल रही- केस वापस ले लो।
“दोपहर के एक बजे थे. रुक-रुक कर बारिश हो रही थी. सुबह घर में झगड़ा करने के बाद पति और देवर थाने गए, लेकिन दोपहर तक नहीं लौटे। उनकी चिंता में दिल डूबा जा रहा था. इंतजार करते-करते आधा दिन बीत गया तो मैं अपनी भाभी और पड़ोस की 3 महिलाओं के साथ थाने पहुंची। वहां मैंने देखा कि मुख्य सिपाही उसके और जीजाजी के साथ कुर्सी के पास बैठा था. दोनों डर गये, मानो उन्हें मार डाला गया हो।
“जब हमने SHO से पति को हिरासत में लेने का कारण पूछा तो वह गुस्सा हो गए। कुर्सी छोड़कर खड़े हो गये और हमें गालियां देने लगे. वह यहीं नहीं रुके. उन्होंने सिपाही और मुंशी को बुलाया। महिलाओं को कमरे में बंद कर दो। 10 मिनट बाद SHO फिर हमारे सामने आए... उन्होंने कहा कि आप लोग बहुत ज्यादा गरम हो गए हैं. तुम्हें सब कुछ उतारना होगा. यह कह कर उसने मुंशी से एक मोटी बेल्ट मंगवाई। फिर बारी-बारी से हमें उसी बेल्ट से पीटा।”
“महिला कांस्टेबल ने हमें पकड़ लिया था। पुलिस कांस्टेबल हमें 1 घंटे तक पीटता रहा. उन दोनों ने मेरी पड़ोसन अन्नपूर्णा और राजकुमारी को इतना पीटा कि वह बेहोश हो गयी. जब उसे होश आया तो उसके चेहरे पर पानी फेंका गया। शाम तक शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं बचा था जिस पर बेल्ट के निशान न हों।”
ये शब्द 28 साल की लक्ष्मी के हैं, जिनकी 16 दिन पहले 4 अन्य महिलाओं के साथ थाने में पिटाई की गई थी. पिटाई के बाद परिजन उसे किसी तरह घर ले गये और इलाज कराया. 16 दिन बाद महिला का दर्द तो कम हुआ है, लेकिन बेल्ट की पिटाई से लगे घाव अभी भी ठीक नहीं हुए हैं. महिलाओं की पिटाई के बाद इसकी शिकायत डीएम और एसपी से की गयी, तब कार्रवाई हुई. SHO समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन अब पीड़ित परिवार को शिकायत वापस लेने के लिए धमकियां मिल रही हैं.
सीतापुर में पीड़ित परिवार के पास पहुंचा। हमने उन महिलाओं से बात की जिन्हें पीटा गया. आइए शुरू से जानते हैं सबकुछ...
बेल्ट की पिटाई से लगा ये घाव अन्नपूर्णा के पैर का है. ऐसे ही निशान अन्य महिलाओं के शरीर पर भी हैं।
बेल्ट की पिटाई से लगा ये घाव अन्नपूर्णा के पैर का है. ऐसे ही निशान अन्य महिलाओं के शरीर पर भी हैं।
नल से शुरू हुई लड़ाई में बच गई जान
18 जून 2023... सुबह के 8 बजे थे. सीतापुर के रामपुर मथुरा गांव निवासी निरंकार और ओमकार शर्मा के बीच नल को लेकर विवाद था। झगड़ा नल की जमीन को लेकर था. देखते ही देखते भाइयों के बीच हुई नोकझोंक मारपीट में बदल गई। विवाद बढ़ने पर दोनों भाई पास के पुलिस स्टेशन पहुंचे.
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