सोमवार, 25 जनवरी 2010

माया के नऐ मैनेजर हो सकते है अमर सिंह?

मायावती के संभावित मैनेजर
सपा से नाराज ठाकुर नेता अमर सिंह आजकल अंदर ही अंदर बहिन जी के करीब आने का मार्ग प्रशस्त कर रहे है। खबर है कि बहिन जी भी अमर सिंह की मुलायम दुश्मनी का भरपूर लाभ उठा कर अपने सबसे मजबूत प्रतिद्वन्दी को चारों खाने चित करने पर विचार कर रही हैं क्योंकि पिहले लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण वोटो ने जिस प्रकार उनको प्रधानमंत्री बनने की अभिलाषाओं पर ग्रहण लगाया उससे खिन्न होकर ठाकुर वोटों पर अब वह अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहती है जो भाजपा व सपा दोनो से फिलहाल नाराज चल रहा है।

तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार का नारा देने वाली मायावती आजकल चूँकि बहुजन हिताय सर्वजन सुखाए का नारा चला रही है तो उन्हें अब किसी जाति बिरादरी से हाथ मिलाने में कोई परहेज़ नही। वैसे भी राजनीति में सदा के लिए ना कोई बैरी रहता है और ना मित्र। वह ब्राहमण कौन जिसने सदा दलितो के संग हूतहात का व्यहार कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से अलग-थलग कर रख था और जिसने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को तमान योग्यताओं के बावजुद सदैव राजनीत में दबा कर रखा वही ब्राहमण मायावती को अचानक अच्छा लगने लगा और उसकी पार्टी में आमद से पूर्व ही मायावती का तिलक तराजू का नारा बदल गया। उत्तर प्रदेश में सत्ता पर अपना वर्चस्व कायम करने के बाद मायावती की अभिलाषाओं के और पर लग गये और उन्होंने दिल्ली की गद्दी पर बैठने का सपना देखना प्रारम्भ कर दिया परन्तु जिस ब्राह्मण ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था उसी ब्राह्मण ने उसे दगा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया।
अब मायावती ने ब्राह्मणों की प्रबल विरोधी ठाकुर कौम से दोस्ती का इरादा बनाया है इसके लिए उन्हें एक बड़े ठाकुर नेता की तलाश भी थी सो अमर सिंह के रूप में उन्हें अपना राइट च्वाईस लगता है मिल गया है। उधर अमर सिंह मायावती से एताब से भी अपने व अपने आम ठाकुर नेता जैसे राजा भैय्या लोगों को भी सुरक्षा कवच प्रदान कर सकेंगे इसलिए अंदर ही अंदर अमर प्रेम का नशा माया पर सवार हो गया है। माया को यह समझाने में अमर सिंह के लोग लगे हैं कि अमर सिंह का प्रयोग आप वैसे ही कर सकती है जैसे कांग्रेस ने बेनी का किया। शायद इसीलिए अमर सिंह आजकल माया की बोली बोल रहे हैं और उत्तर प्रदेश को विखण्डित करने के पक्ष में पूर्वांचल की मांग उन्होंने भी की है। खबर यह भी है कि अजीत सिंह के भी सम्पर्क में अमर सिंह हैं और अजीत, अमर व माया मिलकर मुलायम सिंह की कब्र खोदने में जुट गये हैं। मायावती को अमर समर्थक यह भी बता रहे हैं कि सतीश मिश्रा से कई गुना अच्छे पार्टी मैनेजर अमर सिंह साबित हो सकते हैं।

मो0 तारिक खान

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