रविवार, 8 अगस्त 2010

पुलिस की शिथिलता का लाभ उठाकर दबंगो ने नवयुवक को जिन्दा जलाया

बाराबंकी।भूमि विवाद के चलते एक नवयुवक को उसी के पट्टीदार ने मिट्टी का तेल छिड़क कर उसे जला दिया। जिला अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।पुलिस ने इस घटना के सम्बन्ध में दी गयी तहरीर पर नामजद तीन व्यक्तियों केा गिरफ्तार कर लिया।
यह घटना आज प्रातः आठ बजे की है,जब थाना टिकैतनगर के ग्राम अरुवा निवासी ज्वाला प्रसाद के पुत्र राजेन्द्र प्रसाद उर्फ शम्भू (30)जो कि पंजाब प्रांत में नौकरी करता था और कल ही वहाॅ से अपने घर आया था, को उसके पड़ोसी पट्टीदार प्रेम नारायण उर्फ दामोदर पुत्र राम दुलारे ने मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा कर जिन्दा जला दिया। गम्भीर स्थिति में उसे लेकर उसके परिजन जिला अस्पताल पहुॅचे जहाॅ डाक्टरों ने मुर्दा करार दे दिया।
 घटना का विवरण यूॅ है कि मृतक राजेन्द्र प्रसाद के पिता ज्वाला प्रसाद अपने परिवार में सबसे अधिक धनी है।गांव में उनके जैसा सुन्दर मकान किसी और का नही है।उनके पड़ोसी प्रेम नारायण उर्फ दामोदर द्वारा उनके घर के सामने पड़े सहन की जमीन पर दीवार खड़ी की जा रही थी।जिससे दोनो पक्षो के बीच तनाव उत्पन्न हो गया।इससे पूर्व दोनो पक्षो के बीच पैतृक सम्पत्ति केा लेकर एक विवाद दीवानी में भी चल रहा था।उधर मृतक राजेन्द्र प्रसाद के ससुर अमरेश कुमार नि0ग्राम पूरे घिसियावन मजरे बहरेलाडीह थाना रा0स0घाट ने विगत 6 अगस्त 2010 केा उप जिलाधिकारी रा0स0घाट केा एक शिकायती पत्र प्रषित किया जिसमें प्रेम नारायण द्वारा अपनी सरहंगी की बिनापर बनायी जा रही दीवार का जिक्र करते हुए शांति भंग की सम्भावना व्यक्त की थी।उपजिलाधिकारी ने प्रार्थना पत्र पर अपना नोट लगाते हुए टिकैतनगर थाना प्रभारी केा निर्देशित किया था कि वह दोनो पक्षो को बुलाकर मामले को निस्तारित कराएं।परन्तु पुलिस इस मामले में उदासीन बनी रही।परिणाम यह हुआ कि शम्भू की जान चली गयी।
 यद्यपि पुलिस ने मृतक के परिजनो द्वारा दी गयी तहरीर पर प्रेम नारायण उर्फ दामोदर सहित चार अभियुक्तो के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर लिया और तीन केा गिरफ्तार भी कर लिया है। परन्तु पुलिस अधीक्षक नवनीत कुमार राणा ने मौका मुआयना करने के पश्चात यह कहा है कि प्रथम दृष्टया आहत पक्ष द्वारा की गयी शिकायत संदिग्ध लग रही है और इस बात के प्रमाण मिल रहे है कि मृतक शम्भू केा मिट्टी के तेल का  कनस्तर लेकर जाते हुए देखा गया था।यानि पुलिस केा यह शक है कि भूमि विवाद से त्रस्त मृतक शम्भू ने अपने पट्टीदारों को फॅसाने की नीयत से आत्मदाह करने का नाटक किया हो और यह नाटक हकीकत में बदल गया।

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