शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

देवां मेला का शुभारम्भ जिलाधिकारी की धर्म पत्नी के द्वारा आज शाम हो गया

बाराबंकी। यह पल मेरी जिन्दगी का बहुत महत्वपूर्ण पल है जब मैं पूरे संसार में प्रेम व आपसी सद्भाव का पैगाम बाॅटने वाले सूफी संत के दरबार में हाजिरी दे रही हॅू। मैं इसे अपनी खुशनसीबी भी समझती हूॅ और रब की मेहरबानी भी। आज के वातावरण में हाजी साहब के जो रब है वही राम की प्रासंगिकता और भी बढ गयी है।
 देवां मेला प्रदर्शनी समिति के अध्यक्ष व जनपद बाराबंकी के जिलाधिकारी विकास गोठलवाल की धर्म पत्नी श्रीमती अमृता सोनी आज शाम अपने उक्त विचार देवां मेला के औपचारिक उद्घाटन के उपरान्त पत्रकारों से रुबरु होते हुए व्यक्त कर रही थी।
 सरजमीने अवध में कौमी यकजहती के अलम्बरदार विश्व विख्यात देवां मेला का उद्घाटन आज सायं 5ः20 बजे जिलाधिकारी/अध्यक्ष देवा मेला प्रदर्शनी समिति विकास गोठलवाल की धर्म पत्नी/जिलाधिकारी रायबरेली श्रीमती अमृता सोनी के दस्ते मुबारक से देवां मेला परिसर में स्थित एतिहासिक शेख मोहम्मद हसन गेट पर बैण्ड बाजों की मधुर धुन के बीच अपने रवायती अंदाज में कर दिया गया।
 19 वीं सदी के प्रारम्भ में उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ से लगभग 40 कि0मी0 दूर एक छोटे से कस्बे देवा में शुरु हुए इस मेले को एक सदी से ऊपर का समय बीत चुका है। यह मेला ईरान से आकर भारत में बसे सै0कुर्बान अली शाह उर्फ दादा मियां के देहान्त के पश्चात उनके सुपुत्र व मोहब्बत के पैगाम को इंसानो में बाॅटने वाला सूफी दरवेश हाजी वारिस अली शाह के द्वारा एक छोटे से गांव बड़ेला में शुरु किया गया था, जिसे बाद में कस्बा देवा में स्थानान्तरित कर दिया गया।
 दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में धार्मिक गतिविधियों के साथ साथ व्यवसायिक गतिविधियां तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेल कूद इत्यादि का अपना एक इतिहास है और न केवल देश के कोने कोने से श्रद्धालु यहाॅ आते है, बल्कि विदेशों से भी हाजी साहब के परिस्तार अपनी मुरादें लेकर व जिनकी मुरादे पूरी हो चुकी हो वह अपना वादा निभाने आते है।
 देवां मेला प्रदर्शनी समिति की देखरेख में इस मेले में इस बार बड़े अच्छे ढंग से मेले के मुख्य पण्डाल को सजाया गया है, जिसमें मेले के दौरान प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले की रौनक मे चार चाॅद लगाएंगे। इस पण्डाल में पक्का फर्श बनाकर ऊपर टीनशेड की छत निर्मित करायी गयी है ताकि मौसम के खराब होने पर भी कार्यक्रम मे कोई बाधा उत्पन्न न हो और प्रतिवर्ष लाखों रुपये पण्डाल के तम्बू कनात व अन्य साज सज्जा पर व्यय होने वाले खर्चे से भी निजात मिल सके। पण्डाल के निर्माण का श्रेय देवा मेला प्रदर्शनी  समिति के अध्यक्ष/जिलाधिकारी विकास गोठलवाल को जाता है। जिन्हे मेले मे आने वाले जायरीन हमेशा याद रखेंगे।
 आज सायं काल शेख मोहम्मद हसन गेट पर परम्परा ढंग से मेले के उदघाटन के पश्चात शांति का प्रतीक कबूतर जिलाधिकारी विकास गोठलवाल की पत्नी श्रीमती अमृता सोनी, जिलाधिकारी विकास गोठलवाल व उपजिलाधिकारी सदर तथा देवां मेला प्रदर्शनी समिति के सचिव अनिल कुमार सिंह के द्वारा उड़ाए गए। उसके बाद  परम्परा के मुताबिक बैण्ड बाजो के हमराह मुख्य अतिथि श्रीमती सोनी व देवां मेला प्रदर्शनी समिति तथा अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा पूरे मेला परिसर का विचरण करके देवां मेला प्रदर्शनी समिति के कार्यालय पर जाकर सूक्ष्म जलपान किया।
 

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