गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

श्री मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 लखनऊ का बयान किया -----------गवाह 5

न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट सं0 7 बाराबंकी

S.T.No. 310/2008
सरकार बनाम मो0 खालिद मुजाहिद आदि
U/S 121, 121A, 122, 124, 124A, 332 IPC
4/5 Exp. Act 16/18/20/23
Prevention of unlawful Activities Act
P.S. कोतवाली
PW 5
22.05.2010
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श्री मनोज कुमार झा, अपर पुलिस
अधीक्षक, एस0टी0एफ0 लखनऊ
ने सशपथ बयान किया किः- 
    मैं दिसम्बर 2006 से अपर पुलिस अधीक्षक
एस0टी0एफ0 के पद पर नियुक्त रहा लखनऊ
में।
    दि0 23.11.2007 में जनपद लखनऊ फैजाबाद
व वाराणसी में कचहरी परिसर में सीरियल
बम ब्लास्ट हुए थे। जिसमें जान व माल की
हानि हुई थी। उक्त घटनाओं के अनावरण
के लिए पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा
एस0टी0एफ0 द्वारा यह घटना किस
आतंकवादी संगठन द्वारा किया गया है
इस सम्बंध में केन्द्रीय एजेंसी के
माध्यम से भी सूचना प्राप्त की जा रही
थी एवं एस0टी0एफ0 द्वारा स्वयं ही
मुखबिरों के माध्यम से सूचना प्राप्त
करने की कार्यवाही की जा रही थी।
केन्द्रीय एजेंसिंयों एवं एस0टी0एफ0
को स्वयं अपने मुखबिरों के माध्यम से (2)
यह ज्ञात हुआ कि भारत के सीमावर्ती राष्ट्रों
संचालित हो रहे आतंकवादी संगठन हूजी
(HUJI) Harqat-ul-Jahade-Islami
भारत के नवयुवकों को गुमराह कर टेªनिंग
दिलाकर उन्हें देश में विस्फोट कर आतंक
व भय जनमानस में व्याप्त करना चाहता है एवं
इस कार्य के लिए वह विदेशों से भी आतंक
वादियों को भेजता है। हूजी Unlawful
activities Act ।बज के अन्तर्गत आतंकवादी
संगठनों में Caterised  है एवं भारत सरकार
द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अभिसूचना से यह भी ज्ञात हुआ कि इस
संगठन के सक्रिय सदस्य आजमगढ़, जौनपुर
वाराणसी, सहारनपुर में कार्यरत हैं। पूर्व में
एस0टी0एफ0 द्वारा हूजी के सक्रिय सदस्य
बाबू उर्फ जलालुद्दीन, नौशाद आदि अन्य लोगों
को गिरफ्तार किया गया था। हूजी के
सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उनके संजाल के
बारे में जानकारी प्राप्त होने पर यह भी
ज्ञात हुआ कि जनपद जौनपुर के मडि़याहूं
एवं जनपद आजमगढ़ के रानी की सराय थाना
क्षेत्र में भी कुछ संदिग्ध बांग्लादेशीय एवं
कश्मीरी युवकों का आना जाना है। इन
सूचनाओं को एस0टी0एफ0 द्वारा अपने
स्वयं के सूत्रों एवं मुखबिरों के माध्यम
से विकसित किया जा रहा था।  

(3)
श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा तत्कालीन क्षेत्राधिकारी
चैक, लखनऊ जो कि लखनऊ कचेहरी में
हुए विस्फोट के विवेचक थे, उक्त घटना
के अनावरण के सम्बंध में एस0टी0एफ0
से बराबर सम्पर्क में थे और एस0टी0एफ0
एवं उनके बीच में सूचनाओं का आदान
प्रदान होता रहता था। दिनांक 22.12.2007
को श्री चिंरजीव नाथ सिन्हा उपरोक्त घटना
23.12.2007 को लखनऊ कचहरी में हुए
बम ब्लास्ट के सम्बंध में एस0टी0एफ0
के पुलिस उपाधीक्षक श्री एस0 आनन्द,
निरीक्षक श्री अविनाश मिश्रा, उप निरीक्षक
धनंजय मिश्रा, उप निरीक्षक वी0के0 सिंह
व उपनिरीक्षक ओ0पी0 पाण्डे के साथ
विचार विमर्श कर रहे थे कि रात में करीब
2.30 बजे मुखबिर के माध्यम से एस0टी0
एफ0 के पुलिस उपाधीक्षक एस0 आनन्द
निरीक्षक श्री अविनाश मिश्रा व उपस्थित
एस0टी0एफ0 के उप निरीक्षकों को सूचना
प्राप्त हुई कि प्रातः छः बजे बाराबंकी
रेलवे स्टेशन पर दो संदिग्ध व्यक्ति
जिनके सम्बंध आतंकवादी संगठनों से
हैं तथा जिनके पास घातक अस्त्र व
विस्फोट मौजूद है, किसी संगीन घटना
को अंजाम देने के उद्देश्य से आने
वाले हैं उपरोक्त विचार विमर्श  (4)
एस0टी0एफ0 हेड क्वार्टर, बी-3, विज्ञान
पुरी महानगर लखनऊ में चल रहा था।
उक्त सूचना से उच्चाधिकारियों को
अवगत कराया गया, उच्चाधिकारियों द्वारा
मुझे निर्देशित किया गया कि मैं उपरोक्त
सूचना के सम्बंध में उचित कार्यवाही
करूं। मेरे द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार
संदिग्ध आतंकवादी संगठनों के दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी
हेतु चार टीमों का गठन किया गया।
प्रथम टीम में मैंने अपने नेतृत्व में
श्री चिंरजीव नाथ सिन्हा सी0ओ0, पुलिस
उपाधीक्षक एस0 आनन्द को मिलाकर
मय ड्राइवर के दस लोगों को रखा
गया।
दूसरी टीम उपनिरीक्षक श्री सत्य प्रकाश
सिंह के नेतृत्व में गठित की गयी जिसमें
कुल दस सदस्य मय कांस्टेबिल ड्राइवर
के थे।
तीसरी टीम उपनिरीक्षक श्री धर्मेश शाही
के नेतृत्व में गठित की गई थी जिसमें
मय कांस्टेबिल ड्राइवर के नौ सदस्य थे।
चैथी टीम उप निरीक्षक श्री संदीप मिश्रा
के नेतृत्व में गठित की गई जिसमें
मय कांस्टेबिल ड्राइवर के नौ सदस्य
थे। उक्त चारो टीमों को एस0टी0एफ0
हेड क्वार्टर से प्रस्थान करने के पूर्व
(5)
मेरे द्वारा प्रापर्ली ब्रीफ किया गया और जो
सूचना मुखबिर से दो आतंकवादियों के
बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर आने की
प्राप्त हुई थी उसके सम्बंध में अवगत
कराया गया। उचित ब्रीफिंग के उपरांत 5
उक्त चारों टीमें अलग अलग चार वाहनों
से एस0टी0एफ0 हेड क्वार्टर से
प्रस्थान का समय करीब 4.30 बजे प्रातः
बाराबंकी रोडवेज बस स्टेशन पर आया।
उक्त साढ़े चार बजे का समय लखनऊ
एस0टी0एफ0 के हेड क्वार्टर से प्रस्थान
करने का समय हैं
बाराबंकी रोडवेज बस स्टैण्ड पर स्वतंत्र
गवाहों को प्राप्त करने हेतु एवं गवाह
बनने हेतु जनता के लोगों को तलाश
किया गया लेकिन आतंकवादियों का नाम
सुनते ही भय व दहशत के कारण किसी
भी व्यक्ति ने गवाह बनना स्वीकार नहीं
किया एवं अपना नाम पता बताये बगैर
चले गये। कोई स्वतंत्र गवाह न मिलने
की दशा में चारों टीमों के लोगों ने
एक दूसरे की तलाशी ली व यह सुनि-
श्चित किया कि किसी के पास कोई
अवैध व अवांछनीय वस्तु नही है।
रोडवेज बस स्टैण्ड पर ही जिस मुखबिर
ने एस0टी0एफ0 को संदिग्ध आतंक-
वादियों के बाराबंकी रेलवे स्टेशन आने
की सूचना दी थी वह भी आ गया
 (6)
इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि मुखबिर
के पास कोई अवैध अथवा अवांछनीय वस्तु
तो नही है, उसकी भी तलाशी पुलिस टीम
एस0टी0एफ0 द्वारा ली गई।
इसके बाद मैं चारों टीमों को लेकर
मय मुखबिर के साथ बाराबंकी रेलवे स्टेशन के
बाहर आया। उक्त चारों टीमें वाहनों
से वहां तक आयी थी। मेरे द्वारा अपनी
प्रथम टीम को रेलवे स्टेशन के बाहर
साइकिल स्टैण्ड कार्यालय के पास लगाया
गया। दूसरी टीम को माल रोड तिराहे पर
व तीसरी टीम को बंकी रोड पर लगाया
गया। माल रोड तिराहा से मेरा तात्पर्य
है ‘‘माल गोदाम रोड तिराहा’’ से है।
चैथी टीम को मेरे द्वारा पुलिस लाइन
तिराहा पर लगाया गया। मुखबिर मेरी
टीम के साथ मौजूद था। सभी चारों
वाहनों के ड्राइवर गाडि़यों को दूर
खड़ा करने के लिए निर्देशित किया गया।
प्रातः करीब सवा छः बजे एक रिक्शे
से दो व्यक्ति रेलवे स्टेशन के बाहर
उतरे। दोनों व्यक्तियों के हाथों में
एक-एक एअर बैग था। वहां पर उतरकर
दोनों व्यक्ति किसी का इन्तजार कर
रहे थे ऐसा प्रतीत हो रहा था। मुखबिर
ने उन दोनों व्यक्तियों को देखकर
इशारे से बताया कि यही दोनों संदिग्ध
 (7)
आतंकवादी है। इतना बताकर मुखबिर वहां
से चला गया। उन दोनों व्यक्तियों को
गिरफ्तार करने के लिए सी0ओ0 श्री चिरंजीव
नाथ सिन्हा, उपनिरीक्षक धनंजय मिश्रा
उपनिरीक्षक वी0के0 सिंह (विनय कुमार सिंह)
अन्य कर्मचारियों के साथ आगे बढ़े
इसी दौरान संदिग्ध दोनों व्यक्ति आगे
की तरफ चलने लगे। श्री चिरंजीव नाथ
सिन्हा ने आगे बढ़कर अपना परिचय
देते हुए उन्हें रोकने का प्रयास किया
तो वे और तेजी से आगे की तरफ बढ़ने
लगे। इसी दौरान अन्य हमराही कर्मचारी
भी आ गये तो दोनों संदिग्ध आतंकवादी
पुलिस से महाहेमत करने लगे व जान से
मारने की धमकी देते हुए आतंकवादी
परिणामों से भुगतने की चेतावनी देने
लगे। इसी दौरान अपने बैग को खोलकर
भी उसके अन्दर से कोई चीज निकालने
का प्रयास किया। सीओ0 चिंरजीव नाथ
सिन्हा द्वारा अपनी हमराही कर्मचारियों 
के साथ दोनों संदिग्ध आतंकवादियों
को पकड़ लिया। इस दौरान लपटा
झपटी में दोनों संदिग्ध आतंकवादी
व्यक्ति कुछ और कदम आगे बढ़ गये।
समय लगभग छः बजकर बीस मिनट
प्रातः दोनों संदिग्ध आतंकवादियों
को पकड़ लिया। (8)
इस दौरान हल्ला-गुल्ला सुनकर शेष
तीन टीमें भी उक्त स्थान पर आ गयी।
    इस स्तर पर न्यायालय का समय
शेष नही रहा। साक्ष्य अगली
तिथि दि0 25.05.2010 के लिए स्थगित
की जा रही है। .......(लगातार)
सुनकर तस्दीक किया।

                  
                    ASJ C.No.7
                    22-05-2010
प्रमाणित किया जाता है कि
उक्त बयान मेरी .........
....................... में पेशकार
द्वारा लिखा गया।

                    ASJ C.No.7
                    22-05-2010 

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