गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

चिरंजीव नाथ सिन्हा पुलिस उपाधीक्षक लखनऊ का सशपथ बयान--------गवाह -----------4----------जारी-------6

(49)

चिरंजीव नाथ सिन्हा, पुलिस उपाधीक्षक
एस0टी0एफ0 लखनऊ ने सशपथ बयान दिया
कि- दिनांक 9.3.2010 से आगे
    घटना के समय मैं अपने
यूनीफार्म में था उस बाबत खडे़
की यूनीफार्म क्या थी। घटना के
समय दिनांक 24.12.07 को बहुत
हल्का सा कोहरा था। घटना के
समय अभि0 तारिक कासिमी को पहने
कपड़े ऊपर से मुझे कुर्ता पैजामा
टोपी पहने दिखा। अन्दर के कपड़े
नही मालूम। घटना के बाद मैं
मौके पर मैं विवेचक श्री दयाराम
सरोज के साथ गया था। दिनांक
23.12.07 थी। निश्चित समय
याद नही है अब खुद कहा कि
फस्र्ट हाफ में गया था मैंने
विवेचना को रेलवे स्टेशन
प्रांगण से बाहर निकलने पर बाहर
तिराहे पर जो मुख्य सड़क पर
मिलती है तिराहे के बाये तरफ
मैंने घटनास्थल विवेचक को दिखाया
था। स्टेशन से निकलते
ही खड़ण्जा रोड शुरू होती है माल
गोदाम वाली रोड की चैड़ाई पार करके
बीच पहुंचने से पहले घटना स्थल बताया
है माल गोदाम वाली रोड की चैड़ाई से
2 कदम पहले।  (50)

विवेचनाधिकारी को यह भी बताया
था कि अभियुक्तों के आने के पहले
जहंा खड़ा हुआ था बताया था। वहां
स्टेशन प्रांगण में एक साइकिल स्टैण्ड
हुआ करता था उसी के पास खड़े होना
बताया था। मैंने अभियुक्तों को आते
हुये नही देखा था। जब रिक्शे से उतरे
तब मुखबिर ने उन्हें दिखाया था
मैंने अभियुक्तों से पूछा था
कि वे घटना स्थल पर किस रास्ते
से पहुंचे है। मैंने रिक्शे वाले से भी
नहीं पूछा था कि कहां से लेकर
आया है क्योंकि तब तक वह जा
चुका था चूंकि रिक्शा वाला
जा चुका था इसीलिए उसका नाम
पता भी नही पूछ सका। मैंने
अभियुक्तों से यह भी नही पूछा
था कि वे बाराबंकी कहा से आये
थे। मैंने विवेचना अधिकारी पुलिस
गवाहों के अलावा पब्लिक के
किसी गवाह का नाम नहीं
बताया था। कोई पब्लिक का
गवाह था ही नही तो उसका
नाम किसी उच्च अधिकारी  को
बताने के अवसर नही था।
मुल्जिमानों की गिरफ्तारी के कितने
समय बाद सभी गाडि़या मौके
पर आयी थी। सही समय इस
समय याद नही हैं।  (51)

सभी गाडि़यां मौके पर कार्यवाही सम्पूर्ण
होने के उपरांत लग गयी थी। मौके पर
गाडि़या कितने समय रूकी थी।
    लिखा पढ़ी की कार्यवाही जब चल
रही थी तो मौके पर कोई पब्लिक का
गवाह नही था। इस बारे में नही बता
सकता कि जितनी देर कार्यवाही होती
रही कोई ट्रेन आयी या नही।
मैंने विवेचक को यह बताया था
कि अभियुक्तों का रिक्शा
माल गोदाम रोड से आया था।
प्रश्न-         पी0डब्लू 4 पेज नं0 51
        अपठनीय है।       (52)

मैंने अदालत में जो बताया दिया है
घटना स्थल के बाबत मेरा बयान
है विवेचक द्वारा नक्शा नजरी में
क्या अंकित किया गया है इस
सम्बंध में कुछ नही कह सकता।
    तब समय याद नही था। इसलिए
साईकिल स्टैण्ड की बात नही बतायी
थी आज साइकिल स्टैण्ड की बात
मैंने बताई है। आज हमें याद है।
    घटना के समय मट्टी, भोजनालय
नक्शा नजरी देख कर बताया कि
मौजूद थे। आज दिन मैंने जो बयान
दिया है वह सही है उस दिन क्या
बयान दिया जानकारी नही। आज खुद
कहा जा सकता मट्टी भोजनालय
बाहर थे। घटना स्थल पर मेरे
खड़े होने के बाबत मेरे द्वारा आज
दिया गया बयान तथा पेज सं0 32
पर दिया गया बयान दोनों सही
हैं क्योंकि पोर्टिको तथा साइकिल
स्टैण्ड पास पास ही थे।
    1.30 से 2.00 बजे भोजनाकाश
पुनः 2 बजे पुनः शपथ दिलायी गयी।
विवेचक श्री दयाराम सरोज के
अलावा मैंने श्री राजेश कुमार
श्रीवास्तव को भी बयान दिया था।
यह बयान मैंने कब दिया तिथि
मुझे इस समय याद नही। मैंने बयान
दिया था ठीक ठीक नही बता
(53)

सकता कि आज से कितने दिन
पहले बयान दिया था।
    यह कहना गलत है कि मैंने
विवेचक श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव
को बयान दिया ही न हो इस कारण
समय व तिथि नहीं बता रहा हूं।
यह वही मुखबिर था जिसने एस0टी0एफ0
कार्यालय में अभियुक्तों के बाराबंकी
रेलवे स्टेशन पर आने की सूचना
दी थी। एस0टी0एफ0 कार्यालय के बाद
यह मुखबिर मुझे बाराबंकी बस स्टैण्ड
पर मिला था। जब हम लोग बाराबंकी
बस स्टैण्ड पहुंचे तो तभी मुखबिर
आ गया था। प्रातः 2.30 बजे सूचना
STF  कार्यालय में सूचना प्राप्त
हुई थी।STF  कार्यालय में मैं एक
डिप्टीSTF  श्री एस0 आनन्द निरीक्षक
श्री अविनाश मिश्र आदि के साथ
विचार विमर्श चल रहा था तभी
मुखबिर ने आकर सूचना दी थी।
मुखबिर को 22.12.07 से पहले
भी मैंने देखा था। 22.12.07
से पूर्व भी मुखबिर ने मुल्जिमान
हाजिर अदालत की सन्देहास्पद
गतिविधियों के बाबत बताया था
22.12.07 से पहले मुखबिर ने हाजिर
अदालत मुल्जिमान के बारे में
सूचना कब दी थी इस समय तारीख
याद नही है।
     (54)
22.12.07 के पूर्व मुखबिर द्वारा दी
गयी सूचना के आधार पर मैं
18.12.07 को खालिद मुजाहिद के
जौनपुर स्थित मडि़याहूं स्थित
आवास पर दबिश देने गया था।
    मैंने कार्यवाही की तिथि बतायी
है मुखबिर के सूचना की तिथि नहीं
बतायी है मेरे दोनों बयान सही हैं।
    18.12.07 को जो कार्यवाही की
उसकी सूचना कब मिली तिथि याद नही
मैंSTF  का पुलिस उपाधीक्षक
हूँ, मेरा कार्यालयSTF  कार्यालय
में ही है।
प्रश्न-   STF  कार्यालय में रोजनामचा
    आम मूममेंट रजिस्टर या
    विजिटर रजिस्टर होता है
    या नहीं?
उत्तर-    चूंकि STF office अत्यन्त
High Security risk office
    है अतः इस वििपबम के
    विषय में उपरोक्त तथ्यों
    के बाबत बताया जाना उचित
    नही है। यह हमारे विशेषा
    धिकार में आता है। मैं इसे
    संसूचित नही कर सकता हूं।
प्रश्न-   STF  कार्यालय में ऐसा कोई
    रजिस्टर है जिसमें वहां पर
    तैनात इन्सपेक्टर, सब इन्सपेक्टर
    और कान्सटेबुल की आमद
    और रवानगी दर्ज होती हो?
उत्तर-    जैसा कि मैंने ऊपर बताया
    है उत्तर दिया है मेरा विशेषा-
    धिकार है मैं संसूचित नही
    कर सकता हूँ।   
 (55)

STF office  से प्रस्थान करने के
वक्त गाड़ी में विवेचना किट आदि वस्तुओं
को चेक किया था।
 STF office  से रवाना होने के वक्त
आपस में जामा तलाशी नही ली दी
गयी थी। यह कहना गलत है कि
मैंने अपनी गाड़ी के अलावा
अन्य गाडि़यों में बैठे लोगों को
नहीं देखा था। घटनास्थल पर
पहुंचने के पहले सभी लोगों ने
आपस में एक दूसरे की तलाशी
ली तथा दी थी। टीम के सभी
सदस्यों ने एक दूसरे की तलाशी
ली दी थी।
प्रश्न-    आपने किन किन लोगों की
    तलाशी ली थी?
उत्तर-    उस समय टीम के सभी
    सदस्यों ने एक दूसरे
    की तलाशी ली व दी थी।
प्रश्न-    आपकी तलाशी किन-किन
    लोगों ने ली थी?
उत्तर-    टीम के सभी सदस्यों ने
    आपस में एक दूसरे की
    तलाशी ली एवं दी थी।
    यह कहना गलत है कि मैं इन
दोनों सवालों के जवाब देने से बच
रहा हूं कि किसी न किसी की
तलाशी ली एवं दी नही थी.   (56)

बस स्टेशन पर लगभग 15-20
मिनट कार्यवाही की थी।
    बस स्टेशन पर चारो टीम में मिला
कर चालक को लेकर 38 लोग
थे। चारो टीमों के सदस्य निर्देशानुसार
अपनी अपनी गाड़ी में बैठने चले
गये। चारो टीमों की चार गाडि़यों
के अलावा पांचवी कोई गाड़ी
नही थी। सवारियों को उतारने के
बाद मैंने गाडि़यों को अन्दर से
देखा था। गिरफ्तारी के बाद मैंने मौके
पर लोकल पुलिस को सूचित नही
किया था। मुखबिर ने ऐसी इत्तला
नही दी थी कि अभियुक्त रेल से
या बस से आयेंगे। 18.12.07 से
पहले मैंने मुखबिर की सूचना मिलने पर
तथा 18.12.07 तक जौनपुर की स्थानीय
पुलिस को सूचित नही किया
18.12.07 को कार्यवाही किये जाने
के समयोपरान्त जौनपुर पुलिस
सूचित हो ही गयी क्योंकि कार्यवाही
में थानाध्यक्ष मडि़याहू जौनपुर
मेरे साथ थे। कार्यवाही में प्रभारी
निरीक्षक मडियांहू जौनपुर साथ थे
इसके अलावा मैंने उनसे कोई
पूछताछ नही की थी।
    इस तरह की कोई बात प्रभारी
निरीक्षक मडि़याहू ने नही बात
नही बतायी थी कि खालिद
मुजाहिद के उठाये जाने की
कोई रिपोर्ट उनके थाने में
दर्ज है।   (57)

पुलिस महानिरीक्षक के माध्यम
से भी खालिद मुजाहिद के घर वालों
द्वारा दी गयी रिपोर्ट की कोई सूचना
मुझे नही थी।
    मैं अखबार पढ़ता हूं यह मेरी
Hobbi आदत है। जो अखबार मेरे
सामने आ जाता है वह मैं पढ़ लेता
हूं। दैनिक जागरण, अमर उजाला
हिन्दुस्तान अखबार में से जो अखबार
आ जाता है पढ़ लेता हूं।
    कोर्ट द्वारा पूछने पर बताया
गया कि इन अखबारों को नियमित
नही पढ़ता हूॅ।
   Cr. No. 281/07  थाना वजीरगंज
लखनऊ के चिक FIR की
प्रमाणित प्रतिलिपि बचाव पक्ष के
विद्वान अधिवक्ता द्वारा साक्षी
को दिखाते हुये पूछा तो साक्षी
ने बताया कि मैंने इस अपराध
की आंशिक विवेचना की है।
इसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट की शुरूआती
लाईन 11 भारत की सीमावर्ती विदेशी
राष्ट्रो............... विध्वंसक कार्यवाही
कर रहा है’’ की लाइने वर्तमान
मुकदमें ब्तण् छवण् Cr. No. 1891/2007 थाना
कोतवाली बाराबंकी की चिक
प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श क-1
के पेज-2 में भी अंकित है।   (58)

Cr. No. 1891/2007 थाना वजीरगंज लखनऊ
की प्रथम सूचना रिपोर्ट निरीक्षक STF
अविनाश मिश्र ने दर्ज करायी थी।
प्रश्न-    अभियुक्त हाजिर अदालत की गिरफ्तारी
    कार्यवाही टीम के सदस्य अविनाश
    मिश्रा निरीक्षक भी थे?
उत्तर-    जी हां फिर कहा नही थे,
    मैंने यह समझा था कि दिनांक
    22.12.07 को जब STF office
    में इस अभियोग के सम्बंध
    में विचार विमर्श हो रहा था
    और मुखबिर ने अभियुक्तों के
    बाराबंकी रेलवे स्टेशन आने
    की सूचना दिया था उस समय
    श्री अविनाश मिश्रा निरीक्षक
    मौजूद थे किन्तु वह चारो टीमों
    में सदस्य नही थे।
    लगातार----
                सुनकर तस्दीक
                किया।
गवाह का बयान
मेरे द्वारा खुले न्यायालय
में मेरे बोलने पर
रीडर द्वारा अंकित किया गया। 
    29.3.2010                29.3.2010

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