मंगलवार, 28 मार्च 2023

क्या देश की राजधानी दिल्ली में कानून व्यवस्था नहीं है

एक साल में 6100 बार... राजधानी नहीं धारा-144 सिटी है दिल्ली दिल्ली में एक साल (2021-22) में 6100 बार धारा-144 लागू की गई है. पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने इस रिपोर्ट को "आंखें खोलने वाला" बताया है. उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल में मैंने कभी भी ऐसी रिपोर्ट नहीं देखी है. वहीं सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन ने कहा कि मैंने अपने 35 साल के करियर में पहली बार ऐसी रिपोर्ट नहीं देखी है. इस रिपोर्ट को चार वकीलों ने तैयार किया है. देश की राजधानी दिल्ली में एक साल (2021-22) में 6100 बार धारा-144 लागू की गई है. ये जानकारी चार एडवोकेट वृंदा भंडारी, अभिनव सेखरी, नताशा माहेश्वरी और माधव अग्रवाल की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में सामने आई है. इसमें कहा गया है कि 6100 बार धारा-144 लागू करने के आदेश पारित किए गए थे. इसमें से सिर्फ1.5% बार धारा-144 गैरकानूनी सभा को प्रतिबंधित करने के लिए लगाई गई थी. इसके अलावा धारा 144 दूसरे मामलों में लगाई गई है. जारी किए गए 6100 आदेशों में से रिपोर्ट में 5400 आदेशों का अध्ययन किया गया है. शेष 700 आदेश "राष्ट्रीय हित" को देखते हुए वकीलों को प्रदान नहीं किए गए. इस रिपोर्ट को 4 हिस्सों में बांटा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक CCTV कैमरों को स्थापित करने के लिए सबसे ज्यादा आदेश पारित किए गए हैं. यह कुल आदेशों का 25 फीसदी है. एक कार्यक्रम में पूर्व CJI यूयू ललित ने इस रिपोर्ट को "आंखें खोलने वाला" कहा. उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों में मुझे कभी भी ऐसी रिपोर्ट नहीं मिली है कि कूरियर सेवा और सीसीटीवी कैमरे लगाना, आयोडेक्स/कोरेक्स की बिक्री को विनियमित करना, कर्मचारियों/ग्राहकों के रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए भी धारा 144 के ऑर्डर हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पहली बार धारा-144 का इस तरह के साधारण कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल होते देखा है.

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