रविवार, 28 मई 2023

आधी रात महिला को थाने बुलाने पर पुलिस पर जुर्माना

आधी रात महिला को थाने बुलाने पर पुलिस पर जुर्माना:कहीं इंस्पेक्टर को हुई 3 साल जेल तो किसी को भरने पड़े 5 लाख रुपए हाल ही में मुंबई की एक महिला को पुलिस थाने से 2 लाख रुपए के मुआवजे का चेक मिला है। भांडुप थाना के एक असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर ने महिला को आधी रात थाने चलने का दबाव बनाया था। इस पर महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MHRC) ने संज्ञान लिया और पुलिस थाने पर 2 लाख का जुर्माना लगाया। आयुर्वेदिक महिला डॉक्टर ज्योति पानसारे के साथ यह घटना 3 मार्च 2021 को हुई थी। प्रॉपर्टी विवाद के एक केस में API संजय ठाकुर अपनी टीम के साथ आधी रात को पानसारे चॉल (किराए के लिए बने कमारों की बिल्डिंग) पहुंचे और महिला को पुलिस थाने चलने को कहा। महिला ने गेट बंद कर लिया। पुलिस कई घंटों तक महिला के दरवाजे पर खड़ी रही। बाद में महिला ने पुलिस की शिकायत एमएचआरसी में की। मामले की सुनवाई करते हुए एमएचआरसी ने जनवरी 2023 को भांडुप पुलिस थाने को 2 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। खबर से जुड़े इस पोल में अपनी राय दें नियमों को ताख पर रखकर पुलिस द्वारा हर्जाना भरने का यह अकेला मामला नहीं है। आइए, बताते हैं कुछ ऐसे ही और केस के बारे में- महिला पुलिस ने किया निर्दोष को अरेस्ट, हुआ 5 लाख फाइन पिछले साल दिसंबर में दो महिला पुलिस ऑफिसर ने आरोपी के बजाए उसी के नाम वाले किसी और शख्स को गिरफ्तार कर लिया था और नाबालिग के साथ रेप के मामले में एक साल तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा। पोस्को कोर्ट ने दो महिला पुलिस ऑफिसर को दोषी करार दिया। पोस्को कोर्ट ने दो महिला पुलिस ऑफिसर को दोषी करार दिया। मामला जब पोस्को कोर्ट के सामने आया तो 47 साल के व्यक्ति को निर्दोष करार देते हुए दोनों महिला पुलिस कर्मियों पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया। दरअसल, एक नाबालिग लड़की के साथ रेप के मामले में नवीन के खिलाफ मंगलुरु ग्रामीण पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ। पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद सब-इंस्पेक्टर रोसम्मा पी.पी. ने नवीन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। मामला पुलिस इंस्पेक्टर रेवती को सौंपा गया। जांच के दौरान, एएसआई ने 25 साल के नवीन की बजाय 47 साल के नवीन सेक्वेरा को गिरफ्तार कर लिया और उसे 1 साल तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रखा गया। इंस्पेक्टर को 3 साल की जेल और 1.2 लाख का जुर्माना चार साल पहले दिल्ली पुलिस के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को 3 साल की जेल और 1.2 लाख का जुर्माना लगा। कोर्ट ने यह सजा एएसआई सूबे सिंह को एक परिवार की मदद करने की बजाय झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का दोषी मानते हुए दी थी। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि भ्रष्टाचार और सत्ता का दुरुपयोग दो ऐसी वजह हैं जिनके कारण लोग पुलिस से बचते हैं। फर्जी ड्रग्स केस में फंसाने पर पुलिस को मिला 2 लाख का दंड बीते 25 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बैरकपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता को फर्जी ड्रग्स केस में फंसाकर गिरफ्तार करने के मामले में टीटागढ़ पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इस मामले में टीटागढ़ थाने में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस अधिकारी या कई पुलिस कर्मियों को दोषी पाया। ऐसे में कोर्ट ने अभी तक किसी व्यक्ति विशेष पर जुर्माना नहीं लगाया। असली दोषी का पता लगाने के लिए बैरकपुर पुलिस आयुक्त को जांच सौंपने की जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल, 9 मार्च 2022 को विशाल शुक्ला को उसकी दुकान से टीटागढ़ थाने की पुलिस उठा ले गई। इलाके में उनकी पहचान कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में है। अगले दिन उन्हें ड्रग तस्करी का दोषी मानते हुए पुलिस हिरासत में रखा गया। विशाल शुक्ला ने जमानत अर्जी के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जयमाल्या बागची की बेंच ने विशाल को जमानत दे दी और दोषी पुलिस कर्मियों पर 2 लाख का जुर्माना लगाया। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर राजस्थान में पुलिसवालों पर डबल जुर्माना बीते 11 अप्रैल को राजस्‍थान पुलिस विभाग ने पुलिसवालों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर सख्‍त कदम उठाया है। अब अगर कोई पुलिसवाला ट्रैफिक रूल्‍स को तोड़ता हुआ पकड़ा जाएगा तो उनसे सामान्‍य से दोगुना दंड वसूला जाएगा। साथ ही ऐसा करने वालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इस आदेश को तत्‍काल प्रभाव यानी 11 अप्रैल से पूरे राजस्‍थान में लागू कर दिया गया।

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