रविवार, 22 अक्तूबर 2023

देश की स्थिति को देखते हुए आज आजादी की दूसरी लड़ाई की जरूरत है-शहनाज आलम

बाराबंकी। देश की स्थिति को देखते हुए आज आजादी की दूसरी लड़ाई की जरूरत है, पहले भी स्वतंत्रता पाने के लिए लोगों को जेल, अत्याचार, उत्पीड़न आत्मसर्ग करना पड़ा था, अब भी लोगों को जेल जाने से घबराना नहीं चाहिएI दादा गजेंद्र सिंह जीवन पर्यंत व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते रहें और जेल की यात्राएं बर्दाश्त करते रहे। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब आज व्यवस्था के खिलाफ नए निर्माण के लिए सरकार के खिलाफ जेल जाने की शुरुआत करेंI यह विचार व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश कमेटी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि वर्तमान सरकारे फासिस्ट सरकारे हैं, जो मनुष्यता के खिलाफ है और इनको उखाड़ फेंकने की जरूरत हैI उन्होंने कहा कि 1976 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज की परिस्थितियों का पूर्वानुमान करते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना में 42 वां संशोधन करते हुए समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा थाI आज इन दोनों शब्दों को भाजपा संघ के इशारे पर हटाने का प्रयास कर रही है इसे रोकना भारत के हर नागरिक का दायित्व है I दादा गजेंद्र सिंह के साथ विधायक रहे पूर्व विधायक परमात्मा सिंह ने कहा कि देश इस संकटकालीन स्थिति से गुजर रहा है आवश्यकता है कि एक नया आंदोलन देश में शुरुआत शुरू किया जाए और देश की, स्वतं: और उनके सामाजिक ढांचे को सुरक्षित करने लिए जन संघर्ष किया जाएI आज का नौजवान व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का छात्र है और झूठा इतिहास पढ रहा हैI कार्यक्रम की शुरुआत दादा गजेंद्र सिंह के चित्र को रणधीर सिंह "सुमन", अजय सिंह व अन्य सभी लोगों ने माल्यार्पण कर प्रारंभ कियाI श्रद्धांजलि सभा को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा, रामनगर डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य वीरेंद्र बहादुर सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता उमाशंकर वर्मा उर्फ मुन्नू भैया, नवीन सेठ, आदि ने संबोधित किया। श्रद्धांजलि सभा में सुप्रसिद्ध पत्रकार आदिल तल्हा की आकस्मिक निधन पर दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहम्मद कदीर व संचालन मोहम्मद तारिक खान ने कियाI और अंत में कार्यक्रम के आयोजक वीरेंद्र. विक्रम बहादुर सिंह दद्दू ने सभी का आभार व्यक्त कियाI

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