रविवार, 22 अक्तूबर 2023

देश की स्थिति को देखते हुए आज आजादी की दूसरी लड़ाई की जरूरत है-शहनाज आलम

बाराबंकी। देश की स्थिति को देखते हुए आज आजादी की दूसरी लड़ाई की जरूरत है, पहले भी स्वतंत्रता पाने के लिए लोगों को जेल, अत्याचार, उत्पीड़न आत्मसर्ग करना पड़ा था, अब भी लोगों को जेल जाने से घबराना नहीं चाहिएI दादा गजेंद्र सिंह जीवन पर्यंत व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते रहें और जेल की यात्राएं बर्दाश्त करते रहे। उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब आज व्यवस्था के खिलाफ नए निर्माण के लिए सरकार के खिलाफ जेल जाने की शुरुआत करेंI यह विचार व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश कमेटी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने कहा कि वर्तमान सरकारे फासिस्ट सरकारे हैं, जो मनुष्यता के खिलाफ है और इनको उखाड़ फेंकने की जरूरत हैI उन्होंने कहा कि 1976 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज की परिस्थितियों का पूर्वानुमान करते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना में 42 वां संशोधन करते हुए समाजवाद, धर्मनिरपेक्ष शब्द को जोड़ा थाI आज इन दोनों शब्दों को भाजपा संघ के इशारे पर हटाने का प्रयास कर रही है इसे रोकना भारत के हर नागरिक का दायित्व है I दादा गजेंद्र सिंह के साथ विधायक रहे पूर्व विधायक परमात्मा सिंह ने कहा कि देश इस संकटकालीन स्थिति से गुजर रहा है आवश्यकता है कि एक नया आंदोलन देश में शुरुआत शुरू किया जाए और देश की, स्वतं: और उनके सामाजिक ढांचे को सुरक्षित करने लिए जन संघर्ष किया जाएI आज का नौजवान व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का छात्र है और झूठा इतिहास पढ रहा हैI कार्यक्रम की शुरुआत दादा गजेंद्र सिंह के चित्र को रणधीर सिंह "सुमन", अजय सिंह व अन्य सभी लोगों ने माल्यार्पण कर प्रारंभ कियाI श्रद्धांजलि सभा को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा, रामनगर डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य वीरेंद्र बहादुर सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता उमाशंकर वर्मा उर्फ मुन्नू भैया, नवीन सेठ, आदि ने संबोधित किया। श्रद्धांजलि सभा में सुप्रसिद्ध पत्रकार आदिल तल्हा की आकस्मिक निधन पर दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोहम्मद कदीर व संचालन मोहम्मद तारिक खान ने कियाI और अंत में कार्यक्रम के आयोजक वीरेंद्र. विक्रम बहादुर सिंह दद्दू ने सभी का आभार व्यक्त कियाI

शनिवार, 21 अक्तूबर 2023

भाजपा हटाने के लिए अतीत की बातें न करें - डी राजा

समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और वामपंथी दल, सभी इडिया गठबंधन के बैनर तले एक साथ हैं। अब अतीत को क्यों खोदना? अब हमें वर्तमान में आना होगा और भविष्य की ओर देखना होगा। हम भाजपा शासन से लड़ रहे हैं, जो पूरे देश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। वामपंथियों सहित सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों के सामने प्राथमिक उद्देश्य भाजपा से लड़ना और उसे हराना है। इसी पर सहमति बनी है. देश और उसके भविष्य को बचाने के लिए एक साथ लड़ना और भाजपा को हराना प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए। ं

मंगलवार, 17 अक्तूबर 2023

हवा में लटके शब्द - अनूप मणि त्रिपाठी

हवा में लटके शब्द ________________________________________________ साधो,एक बड़े से सभागार के मंच पर बहुत सारे कवि सजे-धजे जमे हुए हैं। श्रोता कसमसा रहे हैं। वे रह-रहकर हिलडुल रहे हैं अर्थात जीवित हैं। यह कविता वाचन का द्वितीय सत्र चल रहा है। शब्द पक रहे हैं। सुनने वाले तप रहे हैं। कविता की नई जमीन बन रही है। लेकिन कुछ कवि उत्साह के अतिरेक्त में जमीन से पहले पर्वत ,पठार, कछार बनाने पर तुले हुए हैं। कवि दूर-दूर से आएं हैं और कविता को दूर तक ले जाना चाहते हैं। मगर उनको सुनकर लगता है कि किंचित कविता उनसे दूर जाना चाहती है। मैं कोई कपोल-कल्पित बात नहीं कर रहा हूं। मैं श्रोताओं का हाल देखकर बोल रहा हैं। देखो न! अभी जो कवि पढ़ रहा है,वो निबंध को गा-गाकर पढ़ रहा है। जिसके बारे में संचालक ने बताया था कि हाल ही में उनकी कविता की तेरहवीं किताब आई है। उनको सुनते हुए बगल में बैठा व्यक्ति कह रहा है कि इससे अच्छा तो अखबार ही पढ़ देते! साधो, जरा इस गीतकार की आंखों में तो देखो! सजल हैं। न-न वो हूट नहीं हुआ है। एक श्रोता ने मुखड़ा सुनाने की फरमाइश कर दी है। अब गीतकार क्या जाने! श्रोता का गला भरा हुआ है। कार्यक्रम के मध्यांतर में भोजन को चबाकर नहीं दबाकर खाया है। सुस्वादु भोजन,एसी की ठंडक तिस पर दुपहरिया। आ गई झपकी। निकल गया मुखड़ा । मुंह पर हाथ फेरते हुए श्रोता को कर्तव्यबोध जागा । कर दी फिर मुखड़े की फरमाइश जैसे भोजन के समय की थी रसगुल्ले की ख्वाइश। गीतकार ने श्रोता के मुखड़े पर मोहित होते हुए पुलकित भाव से अपने गीत का मुखड़ा दुबारा सुनाया। मुखड़ा सुनने के बाद श्रोता के मुंह से दाद की जगह डकार निकली। साधो, बड़ा कवि हूट होने से नहीं डरता। महान कवि सूट होने से नहीं डरता। कवि की एक श्रेणी और है। जानो! एक होता है घुटा हुआ कवि । वह अपने निर्धारित समय से डेढ़ा-दुगुना समय लेता है। वह समय का कोटा नहीं देखता है। वह मात्र अपनी कविता की मात्रा देखता है। वह जानता है कि उसके लिखने से कहीं कुछ बदलने वाला नहीं है।(अपनी कविता से वह स्वयं नहीं बदला) इसलिए वह इस जड़ समाज को कविता के रूप में अपनी खरी-खोटी सुना-सुनाकर बदला लेता है। वह अपनी सारी घुटन इस समय ही निकाल देना चाहता है। सुनने वाले का भले ही दम क्यों न घुट जाए! इससे अलग एक होता है सिर्फ कवि। यह कवि निर्धारित समय में ही काव्य पाठकर चुपचाप अपना आसन ग्रहण कर लेता है। हालांकि इस दर्जे का कवि हिंदी साहित्य में मिलना एक दुर्लभ घटना मानी जाती है। साधो,कवि की एक कोटि और है। पहले तो वो जिनकी कविता आकार में इतनी बड़ी होती है कि अंतर्वस्तु दब के मर जाती है। दूसरे वह होते हैं जो आकार में छोटी कविता लिखकर भी बड़ी कविता लिखते हैं। अभी-अभी एक किस्म और याद आई। एक वे कवि जो सिर्फ विचारधारा को जानते हैं। दूसरे वे कवि जो सिर्फ धाराप्रवाह पढ़ना जानते हैं। साधो! कालजयी रचना के बारे में हमें भ्रामक जानकारियां दी गईं हैं। और हद दर्जे तक दी गईं हैं। वस्तुतः कालजयी रचना वो जिसको सुनते हुए साक्षात काल आ जाए और जिसे सुनाते हुए कवि को न लाज आए। कवि से पूछो, 'क्यों साहब कविता के बारे में क्या खयाल है। वह छूटते ही बोलेगा कि कविता लिखना आसान नहीं। कठिन कर्म करने वाले इस कवि ने मगर कविता सुनने को दुनिया का सबसे आसान काम मान बैठा है। अपनी बारी आने पर माइक से वह ऐसे चिपकता है जैसे जूते की तली में लगा च्यूइंगम! नीरज जी की इन पक्तियों को 'आत्मा के सौंदर्य का शब्द रूप है काव्य, मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य' शायद कुछ कवियों ने इसे बहुत सिरयसली ले लिया है और श्रोताओं को अभागा छोड़ रखा है। साधो, अभी जो कवि आया है। वह चीख रहा है। वह भूल गया कि यह कवि सम्मलेन नहीं है। यहां न चीखना चलेगा,न चुटकुला। वह चीख रहा,मगर उसकी कविता खामोश है। ऐसे में रूमी की यह बात याद आती है,'अपने शब्द उठाओ, आवाज नहीं। यह बारिश है जो फूल उगाती है, गरज नहीं। साधो, संचालक महोदय फरमाते हैं कि ऐसे सुधि पाठकों के लिए भी तालियां होनी चाहिए,जो इतनी तन्मयता के साथ कविता सुन रहे हैं। दरअस्ल इस प्रशंसा के मूल में चापलूसी छुपी हुई है। संचालक के मन में खटका बना हुआ है। कहीं बचे खुचे श्रोता भी सभागार से निकल न जाए! जबकि संचालक जानता है और बखूबी जानता है। वह अनुभवी भी है और साथ में कवि भी है। वह जानता है कविता सुनने वाले ये जो बचे खुचे श्रोता हैं, कुर्सी छोड़कर जाना भी चाहें तो नहीं जा सकते। क्योंकि ब्रेक में आयोजको द्वारा उपलब्ध कराया गए भोजन को उन्होंने खींचकर इतना खा लिया है कि उनसे अपनी सांस तक नहीं खींची जा रही! सुधी श्रोताओं ने तो लंच के बाद सीधे अपने घर की राह पकड़ ली। अभी सभागार जो कुछ श्रोता दीख रहे हैं, तो उसके लिए कविता के स्तर से ज्यादा उदरस्थ कीं गईं पूडियों की संख्या जिम्मेदार है। इतना ठेलने के बाद ' सुधी' श्रोता को कुछ सुध ही कहां! साधो, कविता सुनते-सुनते मैंने भी कविता लिख मारी है। कविता की एक और किताब आने से खुश है कवि मगर शब्द कतई खुश नहीं उनको शिकायत है वे चाहते हैं कि कविता से कभी तो कवि भी बड़ा दिखाई दे! सहसा एक प्रसंग याद आया। कविता दिखाने के बाद कवि ने एक आलोचक से पूछा कि सर आपको मेरी यह कविता कैसी लगी! 'अंतिम दो पंक्तियां हटा लो!' आलोचक ने सुझाव दिया। यह सुनते ही कवि का मुंह बन गया। जानते हो क्यों! क्योंकि कुलजमा उसकी कविता चार पक्तियों की ही थी। साधो, सभागार में एक बच्चा भी है। जो बाल सुलभ हरकतें भी कर रहा है। कविता के बीच उसकी निरंतर आवाजाही बनी हुई है । कवि की कविता से ज्यादा वह ध्यान आकृष्ट कर रहा है। बच्चे की गणित अच्छी है। इसका प्रमाण यह कि उसने अपने पापा से जोर से अभी कहा कि पापा-पापा अब बस दो पोएट सुनाने को बचे हैं बस। बच्चे के इस बयान से सुनने वालों के होठों पर देखो मुस्कान तैर गई है। साधो, जब से मोबाइल आया तब से बड़ी राहत है। कार्यक्रम के बीच में बजना शुभ माना जाता है। उधर कवि हाहाकारी समय के द्वंद का वर्णन कर रहा है, तो इधर कई श्रोता फेसबुक पर अपने टाइम लाइन में निर्द्वंद विचरण कर रहे हैं। कवि मंच से कविता सुना रहा है ,तो नीचे एक युवा अपने मित्र को मैसेज कर रहा है। 'ज्यादा वाह वाह न करो! नहीं तो ये रात भर सुनाएंगे!' उसके मित्र ने भी मैसेज का जवाब फौरन रवाना कर दिया ,' मुझे लगा कि शायद ये तब से इसीलिए सुनाए जा रहे हैं कि कोई वाह नहीं कर रहा!' किसी और के मोबाइल पर अभी यह संदेश टपका। 'व्यस्थापक महोदय! चाय की व्यवस्था है न!' जवाब आया,'हां भाई! ऐसी कविता के बाद तो चाय लाजिमी है!' सभागार में ही दो मोबाइल पर सदेशों का आदान-प्रदान कुछ यों हो रहा है,'भाई माफ करना!' 'क्या हुआ!' 'अब तक मैं तुम्हें निम्नकोटी का कवि समझता था!' 'कोटि कोटि आभार( हंसने वाले इमोजी के साथ)' मंच पर कवि भरा हुआ है भावों से और नीचे सबके मोबाइल में अपनी-अपनी रसधार बह रही है... साधो, कविता के बीच एक कहानी सुनो! एक कवि जब ईश्वर के पास पहुंचा तो उसने पूछा,'मैं यहां कैसे आया!' 'तुम्हारा दिल बैठ गया था!' उसे जवाब मिला। 'बैठने से मतलब!' 'सिंक कर गया!' 'मुझसे उम्रदराज एक से बढ़ कर एक खूसठ कवि पड़े हुए हैं, मुझे क्यों उठाया!' 'आते ही निंदा! खैर, तुम्हारे अच्छे और महान विचारों के कारण तुम्हारी यह हालत हुई है कवि महोदय!' उसे बताया गया। 'कैसे!' 'इतने अच्छे और महान विचार छोटे दिल में कैसे समा सकते थे।' कवि को जवाब मिल गया। साधो! कविताएं लिखी जाती रहेंगी।कविता पाठ चलता रहेगा! और आगे भी चलेगा! यहां नही तो कहीं और चलेगा! चलेगा और चलते रहना भी चाहिए! साहित्य,समाज,समय,संवेदना सबके लिए जरूरी है। निसंदेह हमारी वाचिक परंपरा समृद्ध रही है। यहां तक इसे 'ब्रह्म नाद' कहा गया है। वाक्,वाणी का अर्थ ही है बोलना! भारतीय वाचिक परंपरा पर बोला जाए,तो यहां पर अलग से एक लेख लिखना पड़ जाएगा! तो मैं अंतिम बात कहकर अब विराम लेता हूं! साधो,लिखकर डायरी के पन्ने फाड़ते रहो,ताकि नया अध्याय लिख सको! अनूप मणि त्रिपाठी

रविवार, 15 अक्तूबर 2023

सम्राज्यवाद और पूंजीवाद की मृत्यु शान्ति है और युद्ध उसका जीवन-रण धीर सिंह सुमन

बाराबंकी ।सम्राज्यवाद और पूंजीवाद की मृत्यु शान्ति है और युद्ध उसका जीवन है इसीलिए साम्राज्यवादी शक्तियां दुनिया में अनावश्यक विवादों को लेकर नरसंहार कर रही है। जिसमें निर्दोष बच्चों महिलाओं को फास्फोरस छिड़काव कर भयानक नरसंहार किया जा है और मौत के तांडव पर हम खुशी जाहिर कर रहे हैं। युद्ध अविलंब रोका जाना चाहिए। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा साथी शिक्षक रामलखन वर्मा की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि हमें मणिपुर में भी शान्ति स्थापित करने के लिए लिए प्रयास करना चाहिए। वहां डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है। श्रद्धांजलि सभा राम लखन - रामदास कालेज सलेमपुर में आयोजित थी जिसको पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा ने कहा कि रामलखन वर्मा ने विद्यालय की स्थापना के साथ-साथ शिक्षक आंदोलन के बड़े नेताओं में एक थे। कार्यक्रम की शुरूआत उनके चित्र को माल्यार्पण करके हुई। श्रद्धांजलि सभा को पार्टी के राज्य परिषद सदस्य प्रवीण कुमार डाँ कौसर हुसैन मुनेश्वर बक्श रामनरेश वर्मा रमेश कुमार कालेज के प्रचार्य ओमकार प्रबंधक अभिषेक वर्मा सत्य प्रकाश दीपक शर्मा,मोहदम्मद कासिफ,ज्ञानेश्वर वर्मा,रमेश वर्मा, सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता शिवदर्शन वर्मा व संचालन किसान सभा अध्यक्ष-विनय कुमार सिंह ने किया।

बुधवार, 20 सितंबर 2023

संघ और भाजपा की कोई भी भूमिका आजादी की लड़ाई में नहीं थी - डी राजा

हैदराबाद: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम और हैदराबाद के निजाम शासन के खिलाफ वामंपथियों ने साहसिक भूमिका निभाई है। उन्होंने साथ ही दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती जनसंघ, और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है। भाकपा द्वारा आयोजित एक सप्ताह के ‘तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष’ समारोह के समापन के अवसर पर राजा ने कहा कि वामपंथियों द्वारा निभाई गई साहसिक भूमिका का उल्लेख किए बिना कोई आधुनिक भारत और तेलंगाना का इतिहास नहीं लिख सकता। निजाम शासन के अधीन रहे हैदराबाद को ‘ऑपरेशन पोलो’ नामक एक पुलिस अभियान के बाद भारतीय संघ में मिला लिया गया था। ‘ऑपरेशन पोलो’ 17 सितंबर, 1948 को पूरा हुआ था। इसकी 75वीं साल गिरह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का संदर्भ देते हुए राजा ने कहा, ‘‘इतिहास का यह विरोधाभास है कि भाजपा इस दिन को मना रही है, यहां तक भारत राष्ट्र समिति भी यह दिन मना रही है। चाहे किसी भी नाम से इसे मनाया जाए लेकिन भाजपा की क्या भूमिका थी? भाजपा का पूर्ववर्ती जनसंघ है उसका वैचारिक गुरु आरएसएस है। उनकी हमारे देश की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है।’’

रविवार, 10 सितंबर 2023

लाखों लाख रुपये की लूट सत्तारूढ़ दल द्वारा की जा रही है-रणधीर सिंह सुमन

बाराबंकी ।आज देश में मंहगाई बेरोजगारी स्वास्थ्य शिक्षा का संकट पैदा हो गया है ऐसे समय में कामरेड गिरीशचंद्र वर्मा की मृत्यु किसान मजदूर संघर्ष की अपूर्णनीय क्षति है। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा मलूकपुर में पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि लाखों लाख रुपये की लूट सत्तारूढ़ दल द्वारा की जा रही है। वहीं प्रदेश नेता प्रवीण कुमार ने कहा कि मुखिया के दोस्त देश लूट रहे हैं उनके कर्ज माफ किए जा रहे हैं। पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा ने कहा कि मोदी जब तक रहेगें तब सभी समस्याओं का समाधान सम्भव नहीं है। मोदी की लूटेरी सरकार को हटाना ही कामरेड गिरीश को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रद्धांजलि सभा को किसान सभा के जिला अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कवि जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू भैया मुनेश्वर दीपक कुमार शिवदर्शन वर्मा महेंद्र यादव राजकुमार प्रमोद कुमार कामरेड के पुत्रगण सत्य प्रकाश शैलेंद्र कुमार सहित गांव के बहुत सारे लोगों ने अपने विचार रखे व फोटो पर माल्यार्पण किया। अध्यक्षता हनोमान प्रसाद ने की।

रविवार, 3 सितंबर 2023

योगी का विकास और भाजपा विधायक का आंदोलन- ढोल के भीतर पोल

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरे प्रदेश में विकास का ढिंढोरा पीट रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं उनके राज में जो विकास हुआ है, उतना किसी के राज में नहीं हुआ। लेकिन सीएम योगी के राज में हो रहे विकास का पोल खुद उन्हीं की पार्टी बीजेपी के विधायक खोल रहे हैं। राज्य में विकास का आलम यह है कि उन्नाव जिले के भगवंतनगर विधानसभा से बीजेपी विधायक आशुतोष शुक्ला करीब 9 महीने से टूटी पुलिया को ठीक कराने की मांग पर धरने पर बैठ गए हैं। टूटी पुलिया के नहीं बनने से नाराज बीजेपी विधायक आशुतोष शुक्ला ने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, सूचना देने के बाद भी अधिशासी अभियंता ने पुलिया का निर्माण नहीं कराया। उन्होंने कहा कि 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव है, ऐसे में जनता के बीच कैसे जाएंगे और कैसे वोट मांगेंगे। धरने पर बैठे बीजेपी विधायक ने कहा कि यह पुलिया बीते 8-9 महीने से खराब है। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह को टूटी पुलिया के बारे में फोन कर जानकारी दी थी। बीजेपी विधायक आशुतोष शुक्ला ने बताया जब उन्होंने टूटी हुई पुलिया के बारे में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार सिंह को जानकारी दी तो उन्होंने का कहा कि उनके विभाग में यह पुलिया नहीं आती है। विधायक ने बताया कि जब 15 दिन बाद दोबारा इस संबंध में अभियंता को जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि यह हमारे विभाग में आता है। विधायक के मुताबिक, निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर उन्होंने जेई और संबंधित अन्य अधिकारियों से भी जानकारी मांगी थी। बीजेपी विधायक ने कहा कि जब मैं इस रास्ते से आया और अधिशासी अभियंता से बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिया बन रही है। विधायक आशुतोष शुक्ला ने कहा कि मैं पुलिया के रास्ते से गुजर रहा था और देखा कि जमीन पर कोई भी कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस पुलिया पर कई हादसे हो चुके हैं। बाईपास तक नहीं बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत छोटी पुलिया है इसे एक महीने में बनकर तैयार हो जानी चाहिए थी। लेकिन इतने महीने बीत जाने के बाद भी कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मैं दुखी हूं। मुझे कष्ट है कि जनता की समस्या अधिकारी नहीं सुन रहे हैं।

मंगलवार, 29 अगस्त 2023

सरकार का जुल्म मोहित ने की आत्महत्या

बरेली में बस रोककर नमाज पढ़ाने के मामले में बर्खास्त कंडक्टर मोहित यादव ने अपने गृह जनपद मैनपुरी में ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली है. मोहित यादव पर आरोप था कि उन्होंने 3 जून की रात को दो यात्रियों को नमाज अदा करवाने के लिए बस रुकवा दी थी, जिसके बाद किसी यात्री ने इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वीडियो सामने आने के बाद मोहित की संविदा समाप्त कर दी गई थी. जिसके बाद से ही वो काफी परेशान चल रहा था. मोहित यादव की संविदा समाप्त होने के बाद से ही वो काफी परेशान चल रहा था, नौकरी जाने के बाद वो अपने घर वापस मैनपुरी चले गए. तभी से वो काफी परेशान रहते थे. सोमवार को मोहित ने मैनपुरी में ही रेल के आगे कूदकर अपनी जान दे दी. इस घटना के बाद से बरेली रोडवेज कर्मचारियों में भी काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है. नाराज कर्मचारियों ने वर्कशॉप में काम करना बंद कर दिया. जानें क्या था पूरा मामला? दरअसल मोहित यादव संविदा पर यूपी रोडवेज बस में कंडक्टर थे. 3 जून को वो बरेली डिपो की जनरथ बस में सवारियों को लेकर सेटेलाइट बस स्टैंड से कौशांबी की ओर रवाना हुए, इस वक्त बस को केपी सिंह चला रहे थे. बरेली के निकलने के बाद बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने रामपुर आनेसे पहले कुछ समय के लिए रोक दिया. यात्रियों ने जब इसकी वजह पूछी तो पता चला कि बस में सवार दो मुस्लिम यात्रियों को नमाज पढ़नी थी. इस पर यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच बस में सवार सतेंद्र नाम के यात्री ने नमाज पढ़ने की वीडियो बना ली और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उसने यूपी ट्विटर के जरिये परिवहन निगम के एमडी से इसकी शिकायत की भी की, मामला सामने आने के बाद आरएम दीपक चौधरी के निर्देश पर बरेली डिपो के एआरएम संजीव श्रीवास्तव ने बस चालक केपी सिंह और कंडक्टर मोहित यादव की संविदा समाप्त कर दी थी.

गुरुवार, 24 अगस्त 2023

चुनाव है तो ईडी के छापे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर प्रेस के सामने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि मेरे घर में कल डकैती हुई है, लूट हुई है। ईडी ने कल मुझे प्रताड़ित किया है। ईडी ने मेरे घर से जो सोना बरामद किया उसे मैंने 2005 में खरीदा है। मैंने सभी बिल दिए हैं, इसके बाद भी ईडी की टीम सारा गहना जब्त कर ले गई है। विनोद वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में के दौरान कहा कि ईडी ने मुझे कागज दिया, उसमें सारा विवरण है। ईडी ने आईपीसी को नए सिरे से परिभाषित किया है। ईडी की मंशा क्या है, ये उजागर हो गई है। ईडी के छापे के पीछे का आधार जगत विजन पत्रिका में छपी एक कहानी है। उन्होंने आगे कहा कि जगत विजन पत्रिका के संपादक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। चंद्रभूषण वर्मा मेरा रिलेटिव नहीं है। चंद्रभूषण की जो भूमिका सट्टा एप में तो उसकी पूरी जांच कर लेते। बिना किसी तथ्य के मेरे घर ईडी की टीम पहुंची। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तानाशाही चल रही है। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को रौंदने की कोशिश हो रही है। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर कार्रवाई हो रही है। सीएम के आसपास के लोगों को लपेट लिया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस भी महादेव एप पर कार्रवाई कर रही है. भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के भरोसे चुनाव लड़ना चाहती है। विनोद वर्मा ने कहा कि मुझे खुशी होगी, अगर ईडी मेरे खिलाफ सबूत ले आए, मुझे ईडी गलत साबित कर दे। मैं उन चीजों से दूर रहा हूं, जो दलदल है, जो गलत है। मुख्यमंत्री ने मुझे अपना सलाहकार बनाया तो यह मेरा दायित्व है कि उनकी छवि पर दाग न लगने दूं। मैं एआईसीसी का मेंबर हूं, उस नाते भी जिम्मेदारी से कह रहा हूं पार्टी की छवि पर, सरकार की छवि पर दाग नहीं लगने दूंगा।

गुरुवार, 17 अगस्त 2023

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ट्रेन में भारी संख्या में मुसलमानों का कत्लेआम किया - भाजपा विधायक

हरियाणा के एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक ने यह दावा करते हुए विभाजन की भयावहता को उजागर किया कि पाकिस्तान में हिंदुओं की हत्याएं "केवल तभी रुक गईं जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ट्रेन में भारी संख्या में मुसलमानों का कत्लेआम किया"। -चेहरा बाद में. दो बार के जींद विधायक कृष्ण लाल मिड्ढा ने फतेहाबाद में 'विभाजन भयावह स्मृति दिवस' के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। यह कार्यक्रम हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित किया गया था और इसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर थे। मिड्ढा, जिनकी जड़ें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं, ने कार्यक्रम में कहा: “जब देश का विभाजन हुआ, तो हमारे पूर्वजों को उस हिस्से (अब पाकिस्तान में) से देश के इस हिस्से (भारत) में प्रवास करने में कठिन समय का सामना करना पड़ा। उनमें से कई रेलगाड़ियों में मारे गए।'' उन्होंने दावा किया कि भागने से पहले, कई लोगों ने पाकिस्तान में अपने घरों में अपना कीमती सामान यह सोचकर दफना दिया था कि जब वे लौटेंगे तो वे उन्हें वापस ले लेंगे। “ट्रेनों में चढ़ते समय कई लोगों ने देखा कि मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं। यह सोचकर भी रूह कांप जाती है कि कैसे हमारे कुछ बुज़ुर्गों ने अपनी इज्जत बचाने के लिए अपनी महिलाओं को रोटी में जहर मिलाकर मार डाला,'' उन्होंने आगे कहा। “किसी तरह वे मुसलमानों से खुद को बचाकर भारत आये। यह तभी हुआ जब आरएसएस के लोगों ने मुसलमानों की एक ट्रेन का कत्लेआम किया और उसे पाकिस्तान भेज दिया, तभी मुसलमानों ने हिंदुओं को मारना बंद कर दिया।” मीडिया ब्रीफिंग में टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, खट्टर, जो विधायक के भाषण के दौरान मौजूद नहीं थे, ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि मिड्ढा ही "उन्होंने जो कहा उसका जवाब दे सकता है"।

बुधवार, 9 अगस्त 2023

माफी की बात कर राहुल गांधी ने लोकसभा में फोड़ा 'अडानी बम', मचा हंगामा

माफी की बात कर राहुल गांधी ने लोकसभा में फोड़ा 'अडानी बम', मचा हंगामा राहुल गांधी ने आज दोपहर लोकसभा में अपना भाषण दिया। वैसे कल दोपहर में ही उन्हें बोलना था लेकिन कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदली और अविश्वास प्रस्ताव पर असम के सांसद गौरव गोगोई को पहले बोलने दिया। आज राहुल ने आते ही पहले माफी मांगी फिर अडानी का जिक्र छेड़ दिया। इस पर काफी हंगामा हुआ। लोकसभा में भाषण शुरू करते ही अडानी का लिया नाम राहुल ने कहा, मैं माफी मांगता हूं... बस एक दो गोले मारूंगा बीजेपी के मित्रों को आज डरने की जरूरत नहीं है नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज लोकसभा में बोलना शुरू किया तो माफी मांगते हुए 'अडानी बम' फोड़ दिया। इस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया। राहुल ने कहा कि स्पीकर सर, सबसे पहले मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मेरी लोकसभा सदस्यता बहाल की। पिछली बार जब मैं बोला तो शायद मैंने आपको थोड़ा कष्ट भी पहुंचाया। क्योंकि मैंने इतनी जोरों से अदानी जी पर फोकस किया कि जो आपके सीनियर नेता हैं शायद उनको कष्ट हुआ। इस पर सत्तापक्ष हंगामा करने लगा। राहुल ने कहा कि वो जो कष्ट हुआ, उसका असर शायद आप पर भी थोड़ा हुआ। इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं। राहुल ने आगे कहा कि मगर मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी। आज जो मेरे बीजेपी के मित्र हैं आज आपको डरने की जरूरत नहीं है। आज जो मेरा भाषण है... इतना कहते ही शोर-शराबा शुरू हो गया। दोनों तरफ से चीखें सुनाई देने लगीं। बस एक दो गोले मारूंगा... राहुल ने कहा कि आज कोई घबराने की जरूरत नहीं है। आज मैं अपना भाषण अडानी जी पर नहीं बोलने जा रहा हूं। आप रिलैक्स रह सकते हैं क्योंकि मेरा भाषण आज दूसरी डायरेक्शन में जा रहा है। रूमी ने कहा था- जो शब्द दिल से आते हैं वो दिल में जाते हैं, तो आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाह रहा हूं और मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। मुस्कुराते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि एक दो गोले जरूर मारूंगा मगर इतना नहीं मारूंगा। फिर हंगामा शुरू हुआ तो विपक्ष के लोगों ने कहा कि सर, ये हमारा समय खत्म करने की साजिश है। अधीर भी कुछ बोलने के लिए खड़े हुए तो राहुल ने उन्हें शांत कराया। स्पीकर ने सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि ऐसे धमकाने वाले वाक्य यहां मत बोलिए। राहुल ने कहा कि मैं समुंदर के तट से कश्मीर की बर्फीली पहाड़ी तक चला और यात्रा अभी जारी है। किसी ने टोका तो बोले कि जरूर लद्दाख आएंगे घबराइए नहीं। बहुत लोगों ने मुझसे पूछा कि राहुल तुम्हारा लक्ष्य क्या है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बारे में संसद में कहा कि जिस चीज से मुझे प्यार है, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी की जेलों में जाने को तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैंने 10 साल हर रोज गाली खाई उस चीज को मैं समझना चाहता था... सालों से मैं रोज 8-10 किमी दौड़ता हूं। मेरे दिमाग में था कि अगर मैं 10 किमी चल सकता हूं तो 25 किमी चलना कोई बड़ी बात नहीं है। वो भावना को देखूं तो वह अहंकार था। मेरे दिल में उस समय अहंकार था। मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। 2-3 दिन में घुटने में दर्द शुरू हो गया, पुरानी इंजरी थी। 2-3 दिन में अहंकार खत्म हो गया। राहुल गांधी बोले- 'PM मोदी नहीं गए क्योंकि मणिपुर को हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं मानते' केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार (9 अगस्त, 2023) को दूसरे दिन की चर्चा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मणिपुर, नूंह हिंसा और गौतम अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र को घेरा है. लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद बुधवार को राहुल गांधी ने पहला भाषण दिया. पढ़ें उनके भाषण की खास बातें- राहुल गांधी ने कहा, 'मेरा भाषण अडानी पर नहीं होने जा रहा है. रूमी ने कहा था, जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं. आज मैं दिमाग से नहीं दिल से बोलना चाह रहा हूं.' भारत जोड़ो यात्रा की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं मरने को तैयार हूं. जिस के लिए मैंने गाली खाई, उसके लिए मैं जानना चाहता हूं जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे मैं समझना चाहता था.' राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने पूछा बीमा का पैसा मिला और किसान ने हाथ पकड़कर कहा नहीं मिला. हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने वो मुझसे छीन लिया. इस बार बड़ी अजीब सी चीज हुई. जब मैंने किसान को देखा और वो मुझसे बोल रहा था तो जो उसके दिल में जो दर्द था वो मेरे दिल में आया. जो उसकी आंखों में पत्नी से बात करते हुए शर्म थी वो मेरी आंखों में आई, उसकी भूख मुझे समझ आई और फिर यात्रा बदल गई.' कांग्रेस सांसद ने मणिपुर पर बात करते हुए कहा, 'जब हम सपनों को परे करते हैं तब हमें हिंदुस्तान की आवाज सुनाई देती है. भारत एक आवाज है, भारत इस देश के सब लोगों की आवाज है और अगर हमें वो सुननी है तो नफरत को भुलाना पड़ेगा. कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया, लेकिन प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं.' मणिपुर के मुद्दे पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला और कहा, 'हिंदुस्तान को मणिपुर में मारा है, उसका कत्ल किया, मर्डर किया. भारत माता की हत्या मणिपुर में की. मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की, आप देशद्रोही हो आप देशप्रेमी नहीं हो. इसलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जाते. अब आप हरियाणा में कर रहे हो पूरे देश को जलाने में लगे हो.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ दो लोगों की सुनते हैं. राहुल गांधी ने कहा, 'आप भारत माता रखवाले नहीं हो. आप भारत माता के हत्यारे हो. आप देशद्रोही हैं. एक मेरी मां यहां बैठी है. दूसरी मां को मणिपुर में मारा है.' उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सेना चाहे तो मणिपुर में एक दिन में शांति बहाल कर सकती है. सरकार मणिपुर में शांति नहीं चाहती है. पीएम मोदी देश की आवाज नहीं सुनते. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की राजनीति ने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. तुम देशद्रोही हो, राष्ट्रद्रोही हो, आपने भारत माता की हत्या की है. आप भारत माता के रखवाले नहीं हो, भारत माता के हत्यारे हो. 7 अगस्त को 136 दिन बाद राहुल गांधी की लोकसभा में वापसी हुई. मोदी सरनेम मामले में सजा के बाद गई उनकी संसद सदस्यता को लोकसभा अध्यक्ष ने फिर से बहाल कर दिया. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. विपक्ष लगातार मणिपुर हिंसा मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने में लगा है और सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है. इसे लेकर नाराज विपक्ष सरकार को घेरेने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है.

रविवार, 30 जुलाई 2023

शिप्रा मॉल की नीलामी में बड़ा खेल, इंडिया बुल्स ने सरकार को लगाई करोड़ों की चपत-गिरफ्तारी नहीं

शिप्रा मॉल की नीलामी में बड़ा खेल, इंडिया बुल्स ने सरकार को लगाई करोड़ों की चपत गाजियाबाद। शिप्रा मॉल के नीलामी में बड़ा खेल उजागर हुआ है। इसमें इंडिया बुल्स फाइनेंस कंपनी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। इसमें सरकार को भी राजस्व का चूना लगाया है। इस बाबत कविनगर थाने में धोखाधड़ी और साजिश रचने की FIR दर्ज कराई गई। एफआईआर में जिम्मेदारों के नाम नहीं जानकारी के मुताबिक, शिप्रा एस्टेट के मालिक मोहित सिंह ने शिप्रा मॉल को नीलाम करने का जिम्मा इंडिया बुल्स फाइनेंस कंपनी को दिया था। जिस भूमि पर शिप्रा मॉल बना है, उसकी कीमत अनुमानित 2000 करोड़ रुपये आंकी गई थीं, लेकिन नीलामी में उतने रुपये नहीं मिले। आरोप है कि इंडिया बुल्स ने साठगांठ कर हिमरी एस्टेट को सिर्फ 551 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया। इससे सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। बावजूद इसके इंडिया बुल्स की रीना बग्गा, सुमित नरवर का नाम एफआईआर में नहीं है। शिप्रा एस्टेट के मालिक ने की थी सीएम से शिकायत शिप्रा मॉल की नीलामी में बाजार मूल्य के हिसाब से दाम न मिलने पर शिप्रा एस्टेट के मालिक मोहित सिंह भी अचरज में पड़ गए। इस नीलामी में उन्हें तो भारी नुकसान हुआ ही, सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का चूना लगा। बताया जा रहा है कि मोहित सिंह ने इस बात की शिकायत यूपी के सीएम योगी ​आदित्यनाथ से की थी। एफआईआर के बावजूद किसी की गिरफ्तारी नहीं इस मॉल की नीलामी करने वाले इंडिया बुल्स और नीलामी में इस संपत्ति को खरीदने वाले हिमरी एस्टेट के CEO परविंदर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन दिलचस्प है कि FIR में इंडिया बुल्स की रीना बग्गा और सुमित नरवर का नाम नहीं है। बताया जाता है कि इस नीलामी की जिम्मेदारी कंपनी की तरफ से इन्हीं दोनों लोगों को सौंपी गई थी। इस मामले में धोखाधड़ी और साजिश रचने की एफआईआर तो दर्ज हो गई है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है

बुधवार, 26 जुलाई 2023

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी इंडिया की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर फ़ैसला मंगलवार को लिया गया था. बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर के पास 9.20 बजे भेज दिया गया था. अगर अविश्वास प्रस्ताव स्पीकर के पास 10 बजे के पहले चला जाता है तो माना जाता है कि इस पर चर्चा संसद में उसी दिन होगी. हालांकि स्पीकर ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और कहा है कि चर्चा के बाद इसकी तारीख़ तय की जाएगी.

सोमवार, 24 जुलाई 2023

मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करो - रणधीर सिंह सुमन

बाराबंकी- देश के पूर्वोत्तर में मणिपुर प्रदेश जो भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित है, प्रदेश में कानून व्यवस्था लगभग 3 माह से समाप्त हो गई है। 3 मई 2023 से लेकर अब तक 142 से अधिक लोगों की हत्या हो चुकी है ,1000 से अधिक लोग बुरी तरह से जख्मी हो चुके हैं, 70 हजार से अधिक लोग अपना घर द्वार छोड़कर शरणार्थी शिविरों में शरण लिए हैं या निकट के राज्यों में पलायन कर चुके हैं। 19 जुलाई 2023 को दो लड़कियों को बंधक बनाकर नंगा करके जुलूस निकालकर सामूहिक बलात्कार किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उक्त दोनों महिलाओं में से एक ने बताया कि मणिपुर पुलिस ने ही उनको भीड़ के हवाले किया था, मणिपुर में भाजपा के मुख्यमंत्री ने इंडिया टुडे को बातचीत में बताया कि इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं जिनकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज भी है। यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य रणधीर सिंह सुमन ने कही। प्रदेश में हिंसा जारी हैं, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था बनाये रखने में असमर्थ साबित हो गया रहे हैं, गोलियां चल रही हैं जनता के मकान जलाए जा रहे हैं, महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार हो रहे हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में आपका हस्तक्षेप आवश्यक है। यह बात पार्टी सचिव बृजमोहन वर्मा ने कही। राष्ट्रपति से मांग करते हुए पार्टी ने मणि पुर के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री को बर्खास्त करो। राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया है ज्ञापन पर महेंद्र यादव ,जिला आशीष शुक्ला विनय कुमार सिंह (जिला अध्यक्ष उ0प्र0किसान सभा) संदीप तिवारी शिवदर्शन वर्मा कोषाध्यक्ष भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, प्रवीण कुमार सह सचिव भाकपा ,महेंद्र यादव जिला अध्यक्ष एआईएसएफ ,आशीष शुक्ला प्रदेश उपाध्यक्ष ए आई वाई एफ, मुनेश्वर प्रसाद राज्य परिषद सदस्य किसान सभा, गिरीशचंद्र उपाध्यक्ष किसान सभा, रामनरेश महामंत्री किसान सभा, अमर सिंह को उपाध्यक्ष किसान सभा, किसान श्याम सिंह, नैमिष, राजेंद्र बहादुर सिंह एडवोकेट, नीरज वर्मा दीपक शर्मा,आशीष शुक्ला, जितेंद्र श्रीवास्तव जित्तू सच्चिदानंद, शैलेंद्र मिश्रा ,संदीप तिवारी, अभय शर्मा, सर्वेश यादव, कुलदीप यादव , रामनरेश, अमर सिंह गुड्डू ,विनय सिंह, राजकुमार आदि प्रमुख नेताओं ने भी हस्ताक्षर किये हैं।

शनिवार, 22 जुलाई 2023

संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को बनाया दंगा जोन - मुख्यमंत्री

केरल मुख्यमंत्री विजयन बोले- संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को बनाया दंगा जोन केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ परिवार मणिपुर में नफरत के बीज बो रहा है। जिसके शिकार ईसाई हो रहे हैं। मणिपुर हिंसा को लेकर केरल के मुख्यमंत्री ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा। मणिपुर हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। अब इसी बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार मणिपुर की घटना को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक समाज को यह महसूस करना चाहिए कि संघ परिवार के एजेंडे ने मणिपुर को दंगा जोन में बदल दिया। विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि संघ परिवार मणिपुर में नफरत का बीज बो रहा है। उन्होंने कहा कि दंगे की आड़ में जो हो रहा है वह ईसाईयों पर हमला है। उसके शिकार ईसाई हो रहे हैं। ईसाई जनजातीय समूहों के चर्चों पर संगठित तरीके से हमला किया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘देश के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक समाज को संघ परिवार के एजेंडे को समझना चाहिए, जिसने राजनीतिक लाभ के लिए नफरत पैदा कर मणिपुर को दंगा क्षेत्र में बदल दिया है।’ विजयन ने कहा कि मणिपुर से हर दिन चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। मणिपुर से बार-बार इंसान की अंतरात्मा को आहत करने वाली बेहद भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हिंसा के शुरुआती दिनों के दृश्य अब सामने आ गए हैं। कुकी समुदाय की महिलाओं को हिंसक भीड़ ने सबसे घृणित और क्रूर तरीके से शिकार बनाया है।’ पिनराई विजयन ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि जो लोग शांति बहाल करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं, वे हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की आपराधिक चुप्पी और संघ परिवार के एजेंडे पर अब हमला हो रहा है। यह लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ प्रयासों को हराया जाना चाहिए। बता दें, मणिपुर में बीते ढाई महीने से हिंसा की आग सुलग रही है। इस दौरान विचलित करने वाली कई तस्वीरें सामने आईं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा। मंगलवार रात से सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर को लेकर बयान दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मणिपुर के वायरल वीडियो की घटना से मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है। घटना शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, लेकिन इससे देश के 140 करोड़ लोगों की बेइज्जती हो रही है। मैं राज्यों से अपील करता हूं कि वह अपने यहां कानून व्यवस्था और मजबूत करें, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’ मणिपुर के कुकी समुदाय के एक संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम की संयोजक मेरी जोन ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री कर रहे थे कि उन्हें वीडियो के जरिए इस घटना के बारे में पता चला। वो राज्य के मुख्यमंत्री होने के साथ साथ राज्य के गृहमंत्री भी हैं और वो कह रहे हैं कि उन्हें ये नहीं पता कि उनके राज्य में हो क्या रहा है। मेरी जोन ने कहा कि मैंने वीडियो देखा है, मैं उस महिला की मां से भी मिली हूं, जिसके साथ ये सब कुछ हुआ। जबसे मैंने वो वीडियो देखा है मैं सो नहीं पा रही, मैं रात को नींद से उठकर ये देखने लगती हूं कि मेरे बदन पर कपड़े तो हैं। मुझे इस वीडियो ने जितने भीतर तक झकझोरा है वो मैं शब्दों में बता नहीं सकती। राज्य में कितनी है मैतेई और कुकी की आबादी मणिपुर की आबादी करीबन 33 लाख है। जिसमें से 64.6 फीसदी लोग मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। जबकि 35.40 फीसदी आबादी कुकी, नागा और दूसरी जनजातियों की है। राज्‍य में 34 जनजात‍ियां रहती हैं। मैतेई समुदाय की बात करें तो इस समुदाय के लोग मणिपुर के अलावा म्यांमर और आसपास के राज्यों में भी फैले हैं। मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बहुसंख्यक लोग हिंदू धर्म को फॉलो करते हैं। कुछ लोग सनमाही धर्म को भी मानते हैं।