बुधवार, 7 जुलाई 2010

कृत्रिम तरीकों से केला पकाने पर रोक लगने से परेशान

बाराबंकी।उ0प्र0जमीयत उर राईन के प्रदेश अध्यक्ष मो0वसीम राईन के नेतृत्व में  जनपद के केला व्यवसाईयों ने आज जिलाधिकारी विकास गोठलवाल से भेंटकर हाल में खाद्य विभाग द्वारा केले के गोदामों पर की गयी छापामार कार्यवाई के उपरान्त व्यवसाईयों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं से उन्हे अवगत कराया। जिलाधिकारी ने केला व्यवसाईयों को आगाह किया कि वह किसी भी  प्रकार के रसायन सामग्री का प्रयोग करके कृत्रिम तरीकों से केले को न पकायें वरना उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाई की जाएगी।
 विगत दिनों केले को गोदामों में पका कर उसका व्यवसाय करने वाले ताजिरों  के विरुद्ध शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों पर छापामार कार्यवाई खाद्य विभाग द्वारा की गयी थी।यद्यपि कार्यवाई मात्र खाना पूरी तक ही सीमित रही और किसी भी व्यवसायी के विरुद्ध कोई दण्डनात्मक कार्यवाई नही की गयी थी।इसमें प्रशासन व खाद्य विभाग का बहुमूल्य योगदान था।बावजूद इसके केला व्यवसाईयों में दहशत का माहौल उस दिन से व्याप्त हो गया है,जिस दिन उनके गोदामों पर खाद्य विभाग के निरीक्षकों ने जाकर केले का सैम्पुल भरा था जो कि उस रसायन से पकाया जा रहा था जो पौध विकास नियन्त्रक कहलाता है और बाजार में ईथेफान के नाम से बिक्री किया जाता है।
 इस रसायन का सीधा प्रयोग खाद्य सामग्री में मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और शरीर के प्रमुख अंगो को यह प्रभावित करता है।इसी कारण प्रदेश में नवगठित खाद्य एवं औषधि अभिकरण विभाग द्वारा इसके प्रयोग करने वाले के विरुद्ध व्यापक स्तर पर पूरे प्रदेश में कार्यवाई की जा रही है।
 उ0प्र0जमीयत उर राईन के प्रदेश अध्यक्ष मो0वसीम राईन ने जिलाधिकारी को बताया कि केले के व्यवसायी जानकारी के अभाव में रसायन द्वारा केला देखा देखी पका रहे थे,उन्हे यह कदापि ज्ञान नही था कि इसके क्या दुष्परिणाम मानव स्वास्थ्य पर पड़ते हैं।उन्होने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि वह नवीन मण्डी स्थल में केले के गोदाम केला व्यवसाईयों को आधुनिकतम वैज्ञानिक तकनीक से सुसज्जित कर यदि उपलब्ध करायें तो केला व्यवसाई उसे अपनाने में कोई संकोच या विलम्ब नही करेंगे।जिलाधिकारी ने इस निवेदन पर गम्भीरता से विचार करने का अश्वासन केला व्यवसाईयों को दिया, परन्तु इसके लिए उन्होने शासन स्तर पर विचार विमर्श करके स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से जो हानिकारक न हो उस विधि से केला पकाने का प्रबन्ध मण्डी में विशेष गोदाम निर्मित करा कर उपलब्ध कराने की बात कही।तब तक पुरानी पद्धति जिसमें केले को भट्टी द्वारा पकाया जाता था उसे प्रयोग में लाने पर उन्होने अपनी अनापत्ति जाहिर की।जिलाधिकारी के इस निर्णय का स्वागत करते हुए केला व्यवसाईयों ने उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

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