मंगलवार, 24 अगस्त 2010

मा0काॅशीराम आवासीय मकानो का बुरा हाल ठेकेदार हुए मालामाल

जैदपुर(बाराबंकी)-आफताब कुरैशी। प्रदेश की मुखिया का ड्रीम प्राजेक्ट मा0काॅशीराम नगरीय आवास योजना का उद्देश्य गरीबों व बेघरों को सिर छुपाने के लिए छत मुहैया करना था।परन्तु ठेकेदारों तथा निर्माणों की कार्यदायी संस्था के मिली भगत से व्याप्त भ्रष्टाचार व कमीशन खोरी के चलते मुख्यमंत्री का यह सपना चूर चूर होता नजर आ रहा है।
 मा0काॅशीराम आवासीय योजना के अंतर्गत नवनिर्मित भवन अपने निर्माण में हुई कमीशन खोरी व बंदरबाॅट की बोलती तस्वीर नजर आ रहे है।अभी इन भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हुए कुछ महीनों ही बीते है कि इनका प्लास्टर उखड़कर गिरना शुरु हो गया है।दीवारों व छज्जों में दरारें पड़ गयी है। मौसम की पहली बारिश में ही इसकी छतें टपकने लगी है।छतों पर सही ढलान न होने के कारण जल भराव की स्थिति है।
 इस योजना अंतर्गत आवास पाने वाले लाभार्थियों से जब संवाददाता ने भेंट की तो उनका कहना था कि बहन जी ने तो नेक नीयती के साथ गरीबों को सिर छुपाने का साजो सामान मुहैया कराने का सपना देखा था जो कि अति सराहनीय है।हम लोगो केा जब आवास मिले थे तो हमारी खुशी का कोई ठिकाना न था और सभी लाभार्थी एक जुबान हेाकर अपने कर्म फर्मा बहन जी के गुणगान करने लगे थे परन्तु बिचैलियों की बन्दर बाॅट ने जनता के भीतर सरकार की छवि को  खाराब कर डाला है।अब लाभार्थियों की यही मंशा है कि बहन जी अपने इस ड्रीम प्राजेक्ट के सपने को पंचर कर देने वाले अधिकारियों व ठेकेदारों की जाॅच करा कर दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी से कडी कार्यवायी कराए।
 ठेकेदारों ने इन आवासों के निर्माण कार्य में मोटी कमीशनखोरी करके सरकार को तो ठगा ही है,साथ मे गरीबों का आवास बनाने वाले मजदूरो की मजदूरी भी वह मार ले गए है।उदाहरण के तौर पर श्रमिक दिलीप कुमार के 3550 रुपये,दीपक कुमार के 4650 रुपये कपिल कुमार के 1675 रुपये,चाॅद बाबू के 700 रुपये तथा सरवर अहमद के 950 रुपये का भुगतान ठेकेदारों द्वारा अभी तक नही किया गया। यह बेचारे मजदूर अपनी मजदूरी पाने के लिए प्रारम्भ में तो दर दर की ठोकरे खाए परन्तु बाद में दिल मसोस के चुप बैठ गए।उनकी भी यही अभिलाषा है कि उनका परिश्रमिक चाहे न मिले परन्तु दोषी ठेकेदारों को सजा अवश्य मिले।आवासीय कालोनी के चैकीदार वंशी लाल को भी विगत तीन महीनों से पगार नही मिली है।बहरहाल गरीबों के उद्धार के लिए बनी मा0काशीराम योजना अमीरों के मुह का निवाला बन कर रह गयी है।

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