बाराबंकी। नगर कोतवाली के मोहल्ला कटरा में आज दिन के 12 बजे के करीब नगर पालिका के एक पुराने सूखे कुएॅ में एक जवान लड़की की लाश पड़ी होने की सूचना प्राप्त हुई। मोहल्ले के लोगो ने लाश को जब निकाला तो वह नगर पालिका से सेवानिवृत्त भिश्ती स्व0 मो0शफीक की पुत्री यासमीन (17) की है। उसे लेकर लोग भागे हुए जिला अस्पताल इस उम्मीद से गए शायद वह बेहोश हो गयी हो, परन्तु अस्पताल के डाक्टरों ने उसका परीक्षण करके उसे मुर्दा घोषित कर दिया।
अस्पताल के डाक्टरों ने लड़की के परिजनों को लाश देने से इंकार कर दिया कि यह पुलिस केस है इसका पोस्टमार्टम होगा और लाश को मुर्दा घर में रखवाते हुए आपात कक्ष में तैनात चिकित्सक ने पुलिस को सूचना इस संदिग्ध मृत्यु की दे दी।
लड़की के भाई को जब यह सूचना मिली कि उसकी बहन की मृत्यु हो गयी है तो उसने नगर पालिका के चेयरमैन हफीज भारती व स्थानीय सभासदो से मदद लेकर पुलिस पर यह दबाव बनाया कि लाश का पोस्टमार्टम न करके उसका पंचनामा करते हुए लाश उसके हवाले कर दी जाए। प्रारम्भ में पुलिस ने कुछ हीलाहवाली इस पर की परन्तु सत्तारुढ़ दल के नेताआंे के हस्तक्षेप से पुलिस के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होने पंचनामा भरके यासमीन की लाश उसके परिजनों के हवाले कर दी।
यासमीन ने आत्म हत्या की या उसे कुएॅ में फेंक दिया गया, इस सवाल का जवाब अब पुलिस के पास भी नही है क्योंकि उसकी मौत का कारण जानने के लिए विधिक रुप से अनिवार्य पोस्टमार्टम नही किया गया। बताते चले कि जिस कुएॅ में से यासमीन की लाश निकाली गयी वह फजलुर्रहमान पार्क के उत्तर दिशा में पुराने सिटी स्कूल के समीप एक जर्जर हालत के सूखे नगर पालिका का कुआॅ है और कुएॅ के किनारे एक जोड़ चप्पल भी पड़ी पायी गयी। अब प्रश्न यह है कि यदि यासमीन ने कुॅए में छलांग लगाकर आत्म हत्या की तो उसके शरीर पर चोटो के निशान क्यो नही पाए गए। मोहल्ले में इस बात की भी चर्चा है कि उसने घर वालो की डाॅट से नाराज होकर जहर खा लिया था और उसकी मृत्यु जहर खाने से हुई है।
उधर नगर कोतवाल जितेन्द्र गिरि के मुताबिक यासमीन ने कुॅए में कूदकर आत्म हत्या की है और कुॅए पर्याप्त मात्रा मे पानी था। अब यह बात और है कि पुलिस का चश्मा उसकी मजबूरी पर बदल जाता है।
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