बाराबंकी। एक नही दो नही बल्कि सात बीबियाॅ रखने वाला कड़ियलजवान जो होम गार्ड के पद पर तैनात है को पुलिस कप्तान ने बजाए ईनाम देने के जेल की हवा खिला दी।
पुलिस अधीक्षक के सामने एक महिला शशि प्रभा पुत्री स्व0 नन्हे लाल विश्वकर्मा नि0मोहल्ला तम्बोली थाना कुर्सी अपने डेढ वर्षीय पुत्र को गोद में लेकर बिलखती हुई आयी और उनके सामने गिड़गिड़ाकर अपनी सुरक्षा की भीख माॅगने लगी। पुलिस अधीक्षक के पूछने पर उसने अपने पति जो एक वकील का पुत्र है और स्वयं होमगार्ड में कार्यरत है द्वारा जलाकर मार डालने व उसके गोद के बच्चे को छीन लेने की बात बतायी। पुलिस अधीक्षक ने परिवार परामर्श केन्द्र में उसके पति को आज बुलाया।
सुरेन्द्र कुमार पुत्र राम विलास एड0 निवासी आवास विकास थाना कोतवाली नगर तथा उसकी पत्नी शशि प्रभा आज पुलिस परामर्श केन्द्र में उपस्थित हुए। शशि प्रभा ने अपनी रुदाद सुनाते हुए कहा कि उसका विवाह सुरेन्द्र के साथ 03.08.2003 हुआ था। परन्तु विवाह के थोड़े समय बाद ही उसका पति उसके साथ उग्र व्यवहार करते हुए मारने पीटने लगा। मंजू जायसवाल नि0मोहल्ला पीरबटावन नगर कोतवाली के साथ अपने पति का असामान्य व्यवहार देखकर उसे दोनो के रिश्तो पर शक हुआ तो मंजू ने अवैध सम्बन्धो से इंकार किया। परन्तु मित्रता की बात कबूली। परन्तु आगे चलकर उसका शक सही निकला और सुरेन्द्र ने स्वयं कबूला कि मंजू से उसका विवाह उसके विवाह से पहले हो चुका था। इस बात को लेकर बराबर दोनो पति पत्नी में तकरार बढती रही और तंग आकर उसने यह सारी बाते अपने घरवालो को बता दी तथा स्वयं जाकर वह अपने मायके बैठ गयी। नवम्बर 2003 में उसके पति सुरेन्द्र द्वारा उसके घर वालो के विरुद्ध रुखसती का दावा दायर किया गया। इसके जवाब में शशि प्रभा की ओर से दहेज उत्पीड़न का मुकदमा उसके पति एवं ससुर के विरुद्ध लिखा गया। दहेज उत्पीड़न में कार्यवायी के डर से शशि प्रभा के ससुरालजनो व पति ने यूॅ टर्न ले लिया और उसे बहला फुसलाकर दुबारा अपने पास बुला लिया तथा उससे यह लिखाकर मुकदमा वापस करा दिया कि घर वालो के बहकावे पर उसने दहेज उत्पीड़न अपने पति के विरुद्ध कराया था, न सिर्फ इतना बल्कि सुरेन्द्र के पिता जो पेशे से वकील है राम विलास ने शशि प्रभा के भाई संजय कुमार व अन्य के विरुद्ध लूट का फर्जी मुकदमा इत्यादि दर्ज करा दिया। इससे बचने के लिए शशि प्रभा के घर वालो को न सिर्फ झुकना पड़ा बल्कि सुरेन्द्र व उसके पिता ने 70 हजार रुपये की रकम उनसे जुर्माने के तौर पर वसूल ली।
अपने घर वालो से दूरी बना चुकी शशि प्रभा अब बिल्कुल बेसहारा हो चकी थी। एक सोची समझी रणनीति के तहत शादी करने का शौकीन मिजाज सुरेन्द्र ने शशि प्रभा पर पुनः जुल्म ढाना शुरु किया। इस बीच उसके एक पुत्र भी जन्मा जो अब डेढ वर्ष का है तथा छः माह का गर्भ भी उसके पेट में है। शशि प्रभा के मुताबिक कम से कम तीन बार उसके पति द्वारा क्रूर व्यवहार के कारण उसका गर्भपात हो गया। शशि प्रभा जब जुल्म सहते सहते आजिज हो गयी और घर वालो के दरवाजे भी उसके लिए बंद हो गए थे तो अब उसके सामने जान देने के अलावा कोई विकल्प नही था। परन्तु उसने अपने भाई संजय कुमार से पुनः मदद माॅगी और वह एक बार फिर मायके आकर अपने गोद के बच्चे के साथ रहने लगी। शशि प्रभा व उसके भाई संजय ने पुलिस अधीक्षक के सामने अपनी जुबान खोलते हुए बताया कि सुरेन्द्र की एक बीबी मंजू पीरबटावन में तो दूसरी नेहा व आरती हरदोई व सण्डीला में, जुगनू थाना कृष्णा नगर लखनऊ में, तो सीमा अयोध्या में, और संजना बाराबंकी में, है और सुरेन्द्र के पिता राम विलास एड0 के अनुसार सुरेन्द्र एक नही सात बीबियाॅ रखे तो किसी का क्या जाता है। यह कहते नही थकते। पुलिस अधीक्षक ने सुरेन्द्र कुमार व उनके पिता के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न अंतर्गत धारा 498ए तथा बहुविवाह अंतर्गत धारा 494 और मारपीट व जान से मारने की धमकी अंतर्गत धारा 323 व 506 भा0द0वि0अंतर्गत अभियोग स्थानीय नगर कोतवाली में आदेश देकर पंजीकृत करा दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें