बारबंकी। प्रदेश में कुर्मी बिरादरी के कद्दावर नेता एवं गोण्डा से कांगे्रसी सांसद बेनी प्रसाद वर्मा केा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में शामिल किए जाने पर यहाॅ उनके गृह जनपद में जबरदस्त हर्षोल्लास का प्रदर्शन किया गया। जैसे ही टी0वी0चैनल पर प्रसारित होने वाली ब्रेकिंग न्यूज में उनका नाम उभर कर सामने आया लोग दीवानावार घरो से निकल कर एक दूसरे को बधाईंया देने लगे। सभी नागरिको के मुॅह से यही बात निकल रही थी कि एक बार फिर बाराबंकी में विकास का रथ का दौड़ेगा। शायद इसी लिए बड़े आदर व स्नेह के साथ लोग बेनी बाबू को विकास पुरुष कहते है।
जिस बात का इन्तेजार विगत एक वर्ष से किया जा रहा था आखिर वह घड़ी आन पहॅुची और बेनी प्रसाद वर्मा को उनका जायज मुकाम बिलाखिर सोनिया गांधी की कृपा दृष्टि से तमाम उनके विरोधियों के बावजूद मिल ही गया और उन्हे यह सौगात उनके जन्म दिन 11 फरवरी से पहले ही सोनिया गांधी ने भेंट कर दी।
अमर सिंह से नाराज होकर पहले अपने हाथो से बुनियाद रखने वाली अपनी पार्टी समाजवादी से किनारा कशी करके लगभग दो वर्षाे तक वह खामोश बैठे रहे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह उन्हे मनाने उनके घर सिरौलीगौसपुर तक गए।ऐसा लगा कि सारे गिले शिकवे उनके दूर हो गए। परन्तु समाजवादी पार्टी में अमर सिंह का बढता ग्लैमर और बेनी प्रसाद वर्मा , ज्ञानेश्वर मिश्र, शफीकुर्रहमान बर्क व सलीमशेरवानी तथा मोहन सिंह इत्यादि का हाशिए पर चला जाना और किसी के लिए हो न हो जीवन भर सिर उठा कर अकड़ कर चलने वाले कुर्मी समुदाय के अग्रज नेता बेनी प्रसाद के लिए बर्दाश्त के बाहर था। कुछ दिन तो उन्होने मुलायम ंिसह से अपनी पुरानी दोस्ती की लाज रखी और वह सपा सांसद रहते हुए अपनी शरीकेहयात (पत्नी) की अध्यक्षता वाली एक नयी राजनीतिक पार्टी समाजवादी क्रान्तिदल के झण्डे तले अपनी डेढ ईंट की मस्जिद अलग बनाकर चले और उसमें उन्होने दस्यु सुन्दरी सीमा परिहार व इण्डियन जस्टिस पार्टी के मुखिया उदित राज को शामिल करके वर्ष 2007 के आम विधान सभा चुनाव में अपने पुराने दोस्त व अपनी पुरानी पार्टी के मुकाबले खड़े हो गए। उनके इस प्रयास ने उन्हे भले ही सफलता न दिलायी हो परन्तु वह मुलायम सिंह को सत्ता से दूर फेंकने में सफल अवश्य हुए।
वर्ष 2007 असम्बेली चुनाव में शिकस्त खाने के बाद भी बेनी प्रसाद ने हार नही मानी और वह नए जोश के साथ उस पार्टी में शामिल हो गए जिसके विरुद्ध उन्होने अपने राजनीतिक जीवन की आधार शिला रखी थी और जिसकी तेज तर्रार नेत्री इंदिरा गांधी के आपात काल के समय में उन्हे जेल भी जाना पड़ा था।कांगे्रस में शामिल होने से पहले रायबरेली संसदीय उपचुनाव में सोनिया गांधी के विरुद्ध समाजवादी पार्टी के टिकट पर उनके भतिज दामाद के चुनाव लड़ने पर उन्होने सोनिया गांधी के विरुद्ध आक्रमण में कोई कोर कसर उठा नही रखी थी और उनका एक बयान काफी दिनो तक चर्चा में रहा था कि मुसलमान कांगे्रस को कतई वोट न दे क्यांेकि कुरान मे लिखा है कि इसाई व यहूदी मुसलमानो की दुश्मन कौमे है।
परन्तु वहीं बेनी प्रसाद सपा से नाराज होकर इटली की महारानी के दामन में शरण लेने जा पहॅुचे और वर्ष 2009 के संसदीय आम चुनाव में उन्होने अपनी पुरानी पार्टी को कमजोर करने में कोई कसर उठा नही रखी। कांगे्रस ने यू0पी0में उनसे भरपूर कार्य लिया, पिछड़े वर्ग विशेषकर कुर्मी वोटो को पुनः वर्षो बाद अपने पाले में कांगे्रस ने कर लिया और बाराबंकी में लगभग तीन दशक उपरान्त कांगे्रस को संसदीय चुनाव में सफलता पी0एल0पुनिया के विजयी होने के रुप में यदि मिली तो उसमें बेनी प्रसाद वर्मा के किरदार को नजर अंदाज नही किया जा सकता यह बात और है कि बाद में पुनिया ही मंत्रिमण्डल मेें उनके शामिल होने के रास्ते में काॅटा बनकर हर बार खड़े नजर आए। इस बात का मलाल बेनी समर्थको में सदैव रहा।
अब जबकि बेनी प्रसाद वर्मा को वह सम्मान मिल गया है जिसके वह बजा तौर पर हकदार थे उम्मीद की जा सकती है कि राहुल गांधी का यू0पी0मिशन 2012 अब खूब परवान चढे़गा। बेनी प्रसाद वर्मा की करिश्माती शख्सियत का पूरा लाभ कांगे्रस हाईकमान उठाने के मूड में दिख रहा है। केवल बाराबंकी में कांगे्रस मजबूत नही होगी बल्कि बेनी का असर देवीपाटन मण्डल, पूर्वान्चल, तथा पश्चिमी उ0प्र0 में भी पड़ेगा और कांगे्रस को इसका लाभ मिलना निश्चित है। साफ जाहिर है कि कांगे्रस हाईकमान ने खूब सोच समझकर यह कदम उठाया है जब मंत्रिमण्डल के फेर बदल में यू0पी0को विशेष महत्व देते हुए सलमान खुर्शीद तथा श्री प्रकाश जायसवाल को पदोन्नति देकर केबिनेट मंत्री बना दिया गया है और बेनी प्रसाद वर्मा को उनके कद के अनुसार केबिनेट स्तर का राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार इस्पात दिया गया है। पुनिया को पहले ही केबिनेट दर्जे का सम्मान राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग का अध्यक्ष बनाकर दिया जा चुका है और उन्हे उनका लक्ष्य भी पार्टी द्वारा निर्धारित किया जा चुका है। अब बेनी का लक्ष्य पार्टी ने क्या रखा है यह आने वाले समय में स्पष्ट हो जाएगा।
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