बुधवार, 12 अप्रैल 2023

उ प्र है - बच्चे के गूप्तांग में स्टंप डाला गया

उत्तर प्रदेश की बस्ती पुलिस अपने कारनामे को लेकर एक बार फिर से चर्चा में है. बस्ती पुलिस ने एक नाबालिग बच्चे को गैंगस्टर का मुल्जिम बनाते हुए उसका जीवन बर्बाद कर दिया. पिता का आरोप है कि पुलिस ने बेटे के साथ खूब ज्यादती भी की, नाबालिग बच्चे के गुप्तांग में स्टम्प डाला गया, इसके बाद बच्चे ने मानसिक संतुलन खो दिया और पढ़ाई भी छोड़ दी. दरअसल, कोतवाली थाना क्षेत्र के मनहन डीह गांव के रहने वाले और पेशे से चाय व्यवसायी ने मुख्यमंत्री, डीजीपी ,एसपी और मानवाधिकार आयोग को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि उनके नाबालिग बेटे को पुलिस ने चोरी के फर्जी आरोप में गैंगस्टर का मुल्जिम बना दिया और कई मुकदमे भी लाद दिए. पिता बोले- पुलिस ने मेरे बेटे को टॉर्चर किया पिता का आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने मेरे बेटे को इतना टॉर्चर किया कि अब उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है और अजीबोगरीब हरकतें करता है. पिता ने बताया कि पूरा मामला 27 जुलाई 2022 का है, जब अचानक से उनके घर कई पुलिसवाले आ धमके और उनके बेटे को जबरन उठाकर ले गए. उन्होंने बताया कि कोतवाली में तैनात दारोगा अमित सिंह और रिजवान अली ने चोरी के शक में मेरे बेटे को उठाया और उसे कोतवाली ले गई, जहां पर वहां इन पुलिस वालों ने मिलकर मेरे बेटे के साथ बेइंतेहाई की सारी हदें पार कर दी और बर्बर तरीके से मेरे बेटे को जमकर पीटा. 'पुलिसवालों को 20 हजार दिए, फिर भी बेटे को जेल भेज दिया' इसके बाद जब वे भी कोतवाली गए तो वहां पुलिसकर्मियों ने उनसे 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की लेकिन जब वे रिश्वत देने में सक्षम नहीं हुए तो उनके बेटे के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया. पिता का कहना है कि मैंने किसी तरीके से 20 हजार रुपए का इंतजाम करके पुलिस वालो को दे दिया, बावजूद इसके उनके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया. 'उसके गुप्तांग में स्टंप डाला गया' इसके बाद 9 नवंबर 2022 को उनके बेटे के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने गैंगेस्टर भी लगा दिया. पिता ने बताया कि जब उनका बेटा जेल से छूटकर घर आया है तब से उसका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है और वह अजीबोगरीब हरकतें करने लगा, कोतवाली में ले जाकर उसके गुप्तांग में स्टंप डाला गया जिसके बाद वह पुलिस को देखते ही काफी घबरा जाता है. 'पुलिस के डर से छोड़ दी पढ़ाई' पिता का कहना है कि उसने बस्ती पुलिस के बर्बर बर्ताव के चलते अपनी पढ़ाई छोड़ दी है, वह जब घर से बाहर निकलता है तो उसके अंदर एक डर बना रहता है कि कहीं उसे पुलिस फिर से ना पकड़ ले जाए, इतना ही नहीं चौराहे पर जब वह सायरन की आवाज सुनता है तो वह घर के कोने में जाकर दुबक जाता है.

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