मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

विधान परिषद् सदस्य चुनाव का फैसला बेनी बाबू के रहमो करम पर

बाराबंकी। आगामी 7 जनवरी को होने वाले स्थानीय निकाय की विधान परिषद् सदस्य सीट के चुनाव में जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा ? इसका फैसला एक आदमी के आशीर्वाद पर आ कर ठहर गया है और वह शख्स कोई और नहीं प्रदेश के दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा हैं। जिसे स्नेह व श्रद्धा से लोग बाबूजी कहना पसंद करते हैं।
सियासत की बिसात पर अपनी शतरंजी चालों के लिए प्रसिद्ध बेनी बाबू की चौखट पर लगभग सभी दलों के प्रत्याशी मदद की गुहार लगाते दिन के उजाले से लेकर रात के अँधेरे में देखे जा रहे हैं। कुछ फ़ोन पर ही पाँव लागी कर रहे हैं। परन्तु बाबू जी की गर्दन में अभी कोई लोच दिखलाई नहीं पड़ रहा है । इससे कयास आराइयों का दौर दौरा चल रहा है ।

खुद कांग्रेसी सांसद पी.एल पुनिया व दूसरे कांग्रेसी लीडर परेशान हैं कि बाबू जी का रूख विधान परिषद् चुनाव में किस ओर रहेगा ? खबर थी कि बेनी बाबू की पसंद राजा रत्नाकर सिंह थे जो प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह के दामाद भी हैं। बेनी बाबू रत्नाकर सिंह को ऍम.एल.सी बना कर या उन्हें हरा कर अपने पुत्र राकेश वर्मा की राह का कांटा विधान सभा चुनाव से निकालना चाहते थे परन्तु बाबू जी की राह से रत्नाकर सिंह बच निकले । उधर जिले के सांसद पुनिया, बाबू जी व किदवई परिवार के बीच से तीसरा मोर्चा बना कर अपना स्वतन्त्र अस्तित्व कायम रखने की जुगत में थे डॉक्टर सी.पी चौधरी को कांग्रेस से लड़ाना चाहते थे जिस पर बाबू जी ने हाथ नहीं रखा । जवाब में पुनिया ने पलटवार करते हुए बेनी बाबू को शह देने के प्रयास में राकेश वर्मा को प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव पार्टी हाईकमान के सामने रखा जिसे बेनी बाबू ने एक झटके में झिटक दिया ।

अब फिलहाल कांग्रेस का कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं है इसी लिए बेनी बाबू की एहमियत इस चुनाव में महाभारत के भीष्म पितामह की सी हो गयी है जिसके पास हर प्रत्याशी आशीर्वाद लेने आ रहा है । वैसे इस चुनाव को प्रमुख राजनीतिक दल 2012 के आम विधान सभा चुनाव के सेमी फाईनल के तौर पर देख रहे हैं। सो बेनी बाबू भला पीछे कैसे रहेंगे ? उन्हें अपनी पार्टी के दिल्ली में बैठे महारथियों को अपनी अहमियत का एहसास भी करना है और स्थानीय विरोधियों के अरमानो को धराशाई भी करना है। देखिये बाबू जी की शफ़कत किस खुश नसीब के हिस्से में आती है ?

तारिक खान

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