शनिवार, 12 जून 2010

एैन्टीरैबिज इन्जेक्शन की मारामारी चल रही है जिला अस्पताल मे

बाराबंकी।कुत्ता बंदर इत्यादि पशुओं के काटने पर फैलने वाली बिमारी रैबीज़ से बचाने के लिए प्रयुक्त होने वाली एण्टी रैबीज़ सुई की इन दिनों जिला अस्पताल में खूब मारा मारी चल रही र्है। न केवल जनपद के दूरस्थ के ग्रामीण क्षेत्रों से पीड़ित रोगी जिला अस्पताल पहुॅच रहे है बल्कि फैजाबाद व आस पास के जनपदो से भी मरीज़ो का ताता लगा हुआ हैं।

जिला अस्पताल के कमरे न0 5 मे प्रातः 8 बजे से ही मरीजो की लाइन लग जाती है। और फामेसिस्ट की पतीक्षा मे द्यटो लोग खडे रहते है क्योंकि बिजली अमूमन 11 बजे के बाद आती है। इसलिए फार्मसिस्ट साहब भी उसी के आस पास अपनी सीट पर तशरीफ लाते है।यदि बिजली जल्दी आ गई तो मरीजेा के प्रतीक्ष का समय कम हो गया वरना खडे खडे उनके पैर दुख जाते हैै। इस बाबत् फार्मसिस्ट साहब का यह कहना है कि चूंकि एैन्टीरैबिज इन्जेक्शन इन्ट्र्ाडर्मल लगना होतो हैं जिसके लिए अधिक प्रकाश की आवश्यकता हेाती हैं, और कमरा न0 5 मे इन्वरटर की व्यवस्था नही हैं इस कारण बिजली के सहारे उन्हे राह तकनी होती है। मजे की बात यह है कि इसी कक्ष के बगल मे मुख्य चिकित्सा का कमरा है। जेा आराम से 9 से 10 के बीच आते है और इन्वर्टर से बिजली का आनन्द लेते है उन्हे इस बात की कधापि परवाह नही क रोगी भीषण गर्मी मे सैकडो की तादाद मे लाइन लगाये खडा है इस बारे मे जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 वी0 एस0 शुक्ला से बात की तो उनका कहना था कि एैन्टीरैबिज इन्जेक्शन वह लगवा रहे है वह ही बडी बात है क्योंकि पूरे प्रदेश मे दवाइयो की खरीदारी पर शासन द्वारा रोक लगाई जा चुकी है यह जिला अस्पताल का भाग्य है कि यहां ये इन्जेक्शन थोडी मात्रा मे अभी उपलब्ध है उनका कहना था कि जनपद की प्रा0 स्वा0 केन्द्र एवं समुदायिक स्वा0 केन्द्रो पर एैन्टीरैबिज इन्जेक्शन वएन्टी स्नेक वैक्सीन मौजूद है परन्तु वहां से मरीज यहा भागे चले आते हैं। जब कि मुख्य चिकित्साधिकारी डा0ए0के0चैधरी का कहना था कि एण्टी रैबीज़ इंजेक्शन उनके स्टाक में समाप्त हो चुका है।इन परिस्थितयों में लगता यह है कि कुत्ता बंदर के काटे का मरीज इस खौफ से पहले ही मर जायगा कि सुई अस्पताल में नही है।

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