रविवार, 18 जुलाई 2010

प्रधान जुनैद अहमद की हत्या उनके उत्पीड़न का शिकार व्यक्तियों ने की थी,

बाराबंकी।तहसील हैदरगढ़ की ग्राम सभा सिधियावां के प्रधान जुनैद अहमद के हत्यारों को घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल सहित सुबेहा पुलिस ने आला ए कत्ल के साथ दो हत्यारों को गिरफ्तार कर हत्या का खुलासा करने का दावा पेश किया है। पुलिस के अनुसार कातिलों ने यह हत्या एक वर्ष पुरानी रंजिश के चलते की थी। एक हत्यारे की अभी पुलिस को तलाश है।
 अपर पुुलिस अधीक्षक दक्षिणी श्रीपर्णा गांगुली ने आज शाम पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि विगत 13 जुलाई 2010 को ग्राम प्रधान सिधियावां की हत्या कुल वाले बाबा की मजार के पास गोली मार कर दी गयी थी।मृतक की पत्नी द्वारा हत्या अंजाम देने का शक रेहान अहमद नि0गणेशी का पुरवा थाना शुक्ल बाजार जनपद छत्रपति शाहू जी महराज व दो अन्य  पर करते हुए थाना सुबेहा में अभियोग पंजीकृत कराया था।
 प्रारम्भ में पुलिस को रेहान अहमद पर इतना संदेह नही था क्योंकि उसके साथ एक वर्ष पूर्व शुरु हुई रंजिश के पीछे कोई बड़ी वजह नजर नही आ रही थी।पुलिस को शक एक सम्पत्ति विवाद पर था,परन्तु ज्यों ज्यों विवेचना आगे बढ़ी रेहान अहमद पर पुलिस का शक गहराता गया।पुलिस ने रेहान अहमद व उसके अन्य साथियों मौसम अली पुत्र हसन अली नि0 पठान का पुरवा मजरे रोहना मीरापुर थाना सुबेहा व शकील अहमद पता अज्ञात के विरुद्ध साक्ष्य जुटाना शुरु किया और जब पुलिस पूर्णतया संतुष्ट हो गयी तो रेहान अहमद व मौसम अली को आज प्रातः 5 बजे ग्राम वादीपुर तिहारे से गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने प्रयुक्त मोटरसाइकिल हीरो हाण्डा स्प्लेण्डर यू0पी014ए एम 9320 व हत्या में प्रयुक्त 315 बोर तमंचा मय एक अदद खोखा व एक जिन्दा कारतूस बरामद कर लिया।
 घटना का मुख्य आरोपी रेहान अहमद ने पत्रकारों के सामने अपना इकबाले जुर्म करते हुए कहा  कि जुनैद अहमद खाॅ एक दबंग सिफत व्यक्ति था, जिसके आतंक से न केवल वह बल्कि सुबेहा के कई गांव तथा सीमा पार शुक्ल बाजार थाना क्षेत्र में भी उसका दबदबा था।जरा सी बात पर वह या तो स्वयं हाथ उठा लेता था या पुलिस में अपने रसूख का प्रयोग करके पुलिसिया कहर बरपा निवासियों पर कराता था।उनके साथ भी जुनैद खाॅ ने एक मामूली सी बात में उन्हे हवालात में बंद कराके पुलिसिया लट्ठ चलवाया था। बावजूद उसके जुनैद खाॅ उन लोगों केा अपने गांव सिधियावां में प्रवेश करने की भी इजाजत नही दे रहा था,तंग आकर उन्होने फैसला किया कि अब यदि सम्मान पूर्वक अपना जीवन बिताना है,तो जुनैद खाॅ केा पहले रास्ते से हटाना है। अपनी योजना पर अमल करने के लिए रेहान व मौसम अली ने एक लकड़ी के ठेकेदार शकील का भी साथ पकड़ा और देशी तमंचा उसी से उन्हे प्र्राप्त हुआ। घटना की तिथि 13.07.10 से दो दिन पूर्व 11 जुलाई को भी उन लोगो ने जुनैद अहमद की हत्या करने की मंसूबाबंदी की थी परन्तु किसी कारण वह ऐसा न कर सके।हत्या का पूरा व्यौरा देते हुए रेहान अहमद व मौसम अली ने बताया कि प्रातः 9 बजे के बाद एक मोटर साइकिल हीरो हाण्डा स्प्लेण्डर पर सवार होकर तीनो जुनैद अहमद के प्लाट पर पहुचे। जुनैद कुछ कागज लिए लिखा पढ़ी कर रहे थे, अपनी योजना के अनुसार रेहान जुनैद अहमद से वार्तालाप करने लगा और दोनो में गर्मा गर्मी शुरु हुई, इसी बीच मौसम अली ने,जो जुनैद अहमद के पीछे खड़ा था, ने सिर के पास सटाकर 315 बोर के देशी पिस्टल से फायर झोंक दिया।जुनैद अहमद आगे की ओर लुढ़क गया और रेहान व मौसम अली योजना के मुताबिक गाड़ी स्टार्ट किए कुछ फासले पर खड़े शकील की मोटर साइकिल पर बैठ कर फरार हो गये।
 परन्तु  अपर पुलिस अधीक्षिका श्रीपर्णा गांगुली ने बताया कि रेहान अहमद व मौसम अली ग्राम सिधियावां में एक लड़की चक्कर में आते थे और जुनैद अहमद को जब इसका इल्म हुआ तेा उसने दोनो पर सख्ती करते हुए अपने पुलिसिया रसूख का इस्तेमाल कर के  उन्हे थाना शुक्लबाजार जनपद छत्रपति शाहू जी महराज में न केवल हवालात में बंद करा दिया बल्कि तमाम तरह के पुलिसिया जुल्म उन पर तुड़वा दिए।थोड़े दिन पश्चात 151 द0प्र0सं0 से छुट कर जब दोनो जेल से बाहर  आये तो फिर जुनैद ने उनके साथ अपना रवैया वही रखा और समय समय पर वह उन्हे डपटता व थपड़ियाता रहता था। इसी से तंग आकर रेहान व मौसम अली ने शकील की सहायता से घटना को अंजाम दे डाला। थानाध्यक्ष सुबेहा एस0एन0सिंह के नेतृत्व में पुलिस द्वारा कम समय में घटना का खुलासा करने से प्रसन्न होकर अपर पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली ने पुलिस अधीक्षक नवनीत कुमार राणा से इनाम देने की सिफारिश की है।

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