गुरुवार, 30 सितंबर 2010

शांतिमय माहौल मंे लोगो ने अयोध्या के एतिहासिक फैसले का स्वागत किया

बाराबंकी। अयोध्या विवाद का फैसला आज शाम सख्त प्रशासनिक व्यवस्था व उससे उत्पन्न खौफ के माहौल में न्यूज चैनलों के माध्यम से जनपदवासियों तक पहॅुचा, परन्तु न कहीं खुशी का इजहार और न कहीं गम का मातम। सभी पक्षो ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ की खण्डपीठ द्वारा 60 साल से लम्बित इस एतिहासिक मुकदमें में दिए गए फैसले का यह कहते हुए स्वागत किया कि न कोई जीता और न कोई हारा।
 30 सितम्बर को क्या होगा? क्या कफ्र्यू लगेगा? दंगा तो नही हो जाएगा? मुकदमे का फैसला हिन्दु पक्ष में होगा या मुस्लिम पक्ष में ? क्या पुलिस फोर्स जनता की भावनाओं को प्रतिक्रिया देने से रोक सकेगी? यह वह प्रश्न है जो आमजनमानस के दिमाग में अयोध्या विवाद पर आने वाले अदालत के फैसले  की बाबत घूम रहे थे।
  जिला प्रशासन तथा पुलिस द्वारा पहले 17 सितम्बर फिर 24 सितम्बर व बाद में 30 सितम्बर की तिथियो को दृष्टिगत रखते हुए काफी बड़े पैमाने पर जनपद की शांति व्यवस्था बनाने के उददेश्य से तैयारियां की गयी थी। जनपद में पहली बार विशेष पुलिस अधिकारी (एस0पी0ओ0) की तैनाती की गयी। समाज के सम्भ्रांत नागरिकेां सभासदो, प्रधानो, इत्यादि को उनके अच्छे चाल चलन को दृष्टिगत रखकर इस पद के लिए चयनित किया गया। कुछ व्यापारी नेताओं को भी एस0पी0ओ0 बनाया गया। समाज में अच्छी छवि वाले लोगो की फेहरिस्त बनायी गयी ताकि विषम परिस्थितियों में उनका सहयोग प्रशासन ले सके। साम्प्रदायिक दुर्भावना फैलाने वाले तथा उधमी लोगो की फेहरिस्त बनायी गयी, 10 हजार से अधिक लोगो को पाबन्द किया गया। अपराधियों के विरुद्ध निरोधक कार्यवायी करते हुए उन्हे जेल भेजा गया। फ्लैग मार्च के माध्यम से लोगो केा यह एहसास दिलाया गया कि प्रशासन बुरे लोगो से निपटने के लिए पूरी तौर से मुस्तैद है तथा अच्छे लोगो की सुरक्षा के लिए तैयार है।
 आज प्रातः 9 बजे व्यवसायिक प्रतिष्ठान रोजमर्रा की तरह खुले लोगो ने अपने बच्चो को जिला प्रशासन के अश्वासन पर स्कूल भी भेजा, दोपहर 2 बजे तक सबकुछ पूरे जिले में सामान्य सा दिखा परन्तु 2 बजे के बाद अदालत के फैसले की दहशत पूरे वातावरण में छा गयी। लोगो ने अपने घर की ओर लौटने का सिलसिला प्रारम्भ कर दिया। कचहरी जिसे 4 बजे शाम समाप्त कर देने के आदेश रजिस्ट्रार उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए थे वह ढाई बजे से ही खाली होने लगी। बाजार की दुकानो के शटर ढाई बजे से बंद होना जो शुरु हुए तो 3 बजे पूरा बाजार सायं सायं करने लगा। पुलिस गश्त बढ गया। प्रशासन के निवेदन के बावजूद दुकानदार दुकाने खोलने पर राजी न हुए क्योंकि ग्राहक तो मार्केट से भाग चुका था।
 सभी लोग बेसब्री के साथ फैसले के इंतजार में अपने अपने टेलीविजन से चिपक गये, घण्टाघर धनोखर बेगमगंज रेलवे स्टेशन छाया चैराहा सतरिख नाका सभी गुंजान चैराहे वीरान से हो गये। इक्का दुक्का लोग चलते सड़को पर दिख्ेा। परन्तु 4 बजे के बाद लोगो की उत्सुकता आपे से बाहर हो गयी और घण्टाघर मैनपुरी वाली गली धनोखर चैराहा इत्यादि पर झुण्ड के झुण्ड लोगो के जमा होने लगे। इसकी सूचना पाकर मुस्तैद पुलिस ने उन्हे खदेड़ना शुरु किया इसी बीच साढे 4 बजे के करीब अदालत का फैसला टी0वी0 के खबरिया चैनलो पर ब्रेकिंग न्यूज के फ्लैश के साथ चमकने लगा अब लोगो के धैर्य तथा प्रशासनिक व्यवस्था के इम्तिहान की घड़ी आन पहुॅची थी परन्तु प्रशासन व पुलिस तथा उसके सहयोग में खड़े एस0पी0ओ0 ने जबरदस्त टीम वर्क का प्रदर्शन करते हुए शांतिमय माहौल को कायम रखा। किसी ने फैसले पर न तो नारे लगाये न ठहाके मारे न गोले छुड़ाये न मिठाईयां बाॅटी और न ही किसी ने गम या क्रोध का इजहार किया।
 रेलवे स्टेशन पर गुजरने वाली ट्रेनो में सन्नाटा दिखा लगभग 60 प्रतिशत बाराबंकी बुंकिंग प्रभावित हुई। इसीप्रकार जिला अस्पताल मंे 50 प्रतिशत मरीजो की संख्या प्रभावित हुई। बस स्टैण्ड पर लोकल बसे कतार बाॅधे खड़ी रही क्योकि यात्री ही नदारद थे।
 कमोबेश इसी तरह के हालात कस्बा बंकी देवां जैदपुर सतरिख में  भी रहे, जैदपुर के संवाददाता के अनुसार पुलिस प्रशासन पूरी तरह चुस्त दुरुस्त रहा। प्रातः 9 बजे पब्लिक एडरेस सिस्टम से पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी ने कस्बे के सम्भ्रांत नागरिकेां तथा पत्रकारों को थाने के पास आमंत्रित करके उनसे क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध किया तथा शरारती तत्वो की सूचना देने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त धारा 144 के प्राविधानो की व्याख्या करके उसे जनता केा समझाया और उसके अनुपालन का निवेदन किया और न करने पर कठोर दण्ड देने की आगाही भी दी।
 जिला प्रशासन, पुलिस तथा जनता के आपसी सहयोग व तालमेल से आज का दिन तो शांतिमय माहौल में कट गया अब आगे कल पुलिस तथा जिला प्रशासन के इम्तिहान की एक और घडी आने वाली है क्योंकि कल शुक्रवार का  दिन है मुसलमान हजारो की संख्या में मस्जिदों में जमा होंगे फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करेंगे। इसका लाभ कोई भी शरारती उठा सकते हंैै। प्रशासन को सावधान रहना होगा।

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