चंडीगढ़, 19 अक्तूबर। एक लाख रुपये की
रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एसपी सिटी देशराज सिंह को सीबीआई
की विशेष अदालत ने दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। शुक्रवार को अदालत
में एसपी सिटी को जिस समय पेश किया गया, वहां मीडिया का भारी हुजूम था।
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने देशराज सिंह को वीरवार रात उनके सेक्टर 23
स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने अदालत में पेश किए गए वर्ष
2008 बैच के यूटी कैडर के आईपीएस अधिकारी देशराज की तीन दिन की रिमांड की
मांग की, लेकिन अदालत ने बचाव और सरकारी पक्ष की तमाम दलील सुनने के बाद दो
दिन की रिमांड की मंजूरी प्रदान की।
अदालत में सीबीआई ने देशराज सिंह और मामले में शिकायतकर्ता सेक्टर 26 थाना के एसएचओ अनोख सिंह के बीच हुई बात की रिकार्डिंग की स्क्रिप्ट को भी पढ़कर सुनाया सीबीआई ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में अन्य के शामिल होने के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। रिश्वत की रकम की पहली किश्त के और कौन-कौन हिस्सेदार थे, इस पर भी आरोपी खुलासा करने को तैयार नहीं। जांच एजेंसी टीम ने एसपी को प्रभावी व्यक्ति भी बताया। जांच एजेंसी की दलील थी कि मामले की जांच प्रारंभिक चरण पर है। वहीं स्क्रिप्ट के आधार पर सीबीआई अदालत को अपनी दलील में पैसे के लेने देने की सीधी मांग की बात को साफ नहीं कर पाई। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि बातचीत में देशराज शिकायतकर्ता को उसके खिलाफ जांच में मदद करने का आश्वासन दे रहे हैं। बल्कि वह जांच पूरी होने और हर तरह के अरेंजमेंट का जिक्र भी अपनी बातचीत में कर रहे हैं। सीबीआई ने कहा कि ये अरेंजमेंट क्या थे? यह भी साफ नहीं हो सका। आरोपी को यह भी कहते सुना गया कि उन्हें बस बयान बदलना है। आरोपों के अनुसार देशराज पर शिकायतकर्ता के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में मदद करने के एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत मांगे जाने का आरोप है। अदालत में बचाव और सरकारी पक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई। बचाव पक्ष ने सीबीआई द्वारा मांगे गए रिमांड का विरोध किया। वकील ने कहा कि मौके पर कोई शेडो गवाह नहीं था। बचाव पक्ष की यह भी दलील थी कि अनोख सिंह की एक जांच में आरोपी खुद ही शिकायतकर्ता थे, इसलिए जांच में मदद करना का सवाल ही नहीं उठता है। इस दौरान देशराज ने अदालत को बताया कि जांच अधिकारियों ने जिस समय रुपये बाबत उनके हाथ धुलवाये तब उनके हाथों में रंग नहीं था।-आदित्य शर्मा
अदालत में सीबीआई ने देशराज सिंह और मामले में शिकायतकर्ता सेक्टर 26 थाना के एसएचओ अनोख सिंह के बीच हुई बात की रिकार्डिंग की स्क्रिप्ट को भी पढ़कर सुनाया सीबीआई ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में अन्य के शामिल होने के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। रिश्वत की रकम की पहली किश्त के और कौन-कौन हिस्सेदार थे, इस पर भी आरोपी खुलासा करने को तैयार नहीं। जांच एजेंसी टीम ने एसपी को प्रभावी व्यक्ति भी बताया। जांच एजेंसी की दलील थी कि मामले की जांच प्रारंभिक चरण पर है। वहीं स्क्रिप्ट के आधार पर सीबीआई अदालत को अपनी दलील में पैसे के लेने देने की सीधी मांग की बात को साफ नहीं कर पाई। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि बातचीत में देशराज शिकायतकर्ता को उसके खिलाफ जांच में मदद करने का आश्वासन दे रहे हैं। बल्कि वह जांच पूरी होने और हर तरह के अरेंजमेंट का जिक्र भी अपनी बातचीत में कर रहे हैं। सीबीआई ने कहा कि ये अरेंजमेंट क्या थे? यह भी साफ नहीं हो सका। आरोपी को यह भी कहते सुना गया कि उन्हें बस बयान बदलना है। आरोपों के अनुसार देशराज पर शिकायतकर्ता के खिलाफ चल रही विभागीय जांच में मदद करने के एवज में पांच लाख रुपये रिश्वत मांगे जाने का आरोप है। अदालत में बचाव और सरकारी पक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई। बचाव पक्ष ने सीबीआई द्वारा मांगे गए रिमांड का विरोध किया। वकील ने कहा कि मौके पर कोई शेडो गवाह नहीं था। बचाव पक्ष की यह भी दलील थी कि अनोख सिंह की एक जांच में आरोपी खुद ही शिकायतकर्ता थे, इसलिए जांच में मदद करना का सवाल ही नहीं उठता है। इस दौरान देशराज ने अदालत को बताया कि जांच अधिकारियों ने जिस समय रुपये बाबत उनके हाथ धुलवाये तब उनके हाथों में रंग नहीं था।-आदित्य शर्मा
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