क्रम संख्या 511 पुस्तक नम्बर /
UPA-R11100
प्रथम सूचना रिपोर्ट
(दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 154 के अन्तर्गत)
जिला: BARABANKI थाना KOTWALI वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
2. अधिनियम धारा (धाराएं)
;पद्ध भारतीय दण्ड संहिता 121/121ए/122/124ए/332
;पपद्ध विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 4/5
;पपपद्ध अनलाफुल एक्टीविटीज एक्ट (प्रीवेंशन) 16/18/2023
;पपपद्ध
3. अपराध की घटना
(क) दिन: शनिवार दिनांक से: 22.12.2007 दिनांक तक 22.12.2007
(ख) समय अवधि समय से: 00.15 ह0 समय तक: 06.20 ह0
(ग) पुलिस थाने पर प्राप्त सूचना दिनांक 22.12.2007 समय: 09.15 ह0
(घ) रोजनामचा संदर्भ: प्रविष्टि संख्या: 1 समय: 09.15 ह0
4. सूचना का प्रकार: लिखित
5. घटना स्थल:
(क) पुलिस थाने से दिशा व दूरी: उत्तर पूर्व/ 0.5 किमी0 बीट नं0: 8
(ख) पताः रेलवे स्टेशन बाराबंकी, निकट विश्वनाथ होटल बाफासला 1 किमी उ0प्र0 कोतवा0
(ग) यदि इस थाने की सीमा से बाहर हो, उस
पुलिस थाने का नाम: जिला:
6. परिवादी/सूचना देने वाला:
(क) नाम: श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा (क्षे0 अ0 चैक, लखनऊ)
(ख) जन्म दिनांक / वर्ष: राष्ट्रीयता: भारत
(ग) पासपोर्ट नम्बर: जारी करने का दिनांक: जारी करने का स्थान:
(घ) व्यवसाय:
(ड.) पताः क्षे0अ0चैक, लखनऊ
7. जात/संदिग्ध/अज्ञात अभियुक्तों का पूर्ण विवरण (यदि आवश्यक हो तो पृष्ठ नत्थी करे):2
(प) मो0 खालिद मुजाहिद पुत्र स्व0 जमीर मुजाहिद
नि0 म0नं0 37 महतवाना मुहल्ला मडि़याहूं थाना मडि़याहू जनपद जौनपुर
(पप) मो0 तारिक काजमी पुत्र रियाज अहमद
नि0 ग्राम सामोपुर थाना रानी की सरायं, जिला आजमगढ़
8. शिकायत/सूचना देने वाले द्वारा सूचना देने में देरी का कारण:
9. चुराई हुई/संलिप्त सम्पत्ति का विवरण (यदि आवश्यक हो तो अलग पृष्ठ नत्थी करें)
क्रम संख्या सम्पत्ति का प्रकार (विवरण) अनुमानित मूल्य (रूपये) वस्तु स्थिति
(प)
(पप)
(पपप)
10. चुराई हुई सम्पत्ति का कुल मूल्य:
11. मार्ग सूचना/अप्राकृतिक मृत्यु केस नम्बर यदि कोई हो तो:जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
प्रथम सूचना रिपोर्ट की विषयवस्तु (मजमून) (यदि आवश्यक हो तो अलग पृष्ठ नत्थी करें)
फर्द बरामदगी विस्फोटक पदार्थ आर0डी0एक्स0 अमोनियम नाइट्रेट डेटोनेजर मोबाइल फोन व सिम आदि व गिरफ्तारी अभियुक्त दो नफर
दिनांक 23.11.2007 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा जनपद फैजाबाद व जनपद वाराणसी में आतंकवादियों द्वारा किये गये सीरियल बम धमाकों से उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद आदि प्रांतों में भी आतंकी साया भय व आतंक के रूप में मंडराने लगा था। उस सीरियल बम प्लास्ट की जांच हेतु पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा एस0टी0एफ0 को विशिष्ट निर्देश दिये गये केन्द्रीय जांच एजेंसियों व एस0ट0ीएफ0 को स्वयं के स्रोतों से यह विदित हुआ कि भारत के सीमावर्ती विदेशी राष्ट्रों की भूमि से संचालित आतंकवादी संगठन हरकत उल जेहाद अल इस्लामी जो विधि विरूद्ध क्रिया-कलाप निरोधक अधिनियम ;न्दसंूनिस ।बजपअपजपमे च्तमअमदजपवद ।बजद्ध की धारा 2 (1) ;उद्ध तथा 35 के अनुसार आतंकवादियों को अस्त्रों एवं विस्फोटकों के साथ भारत में घुसपैठ कराना एवं भारतीय मूल के युवकों को अवैध रूप से बाहर भेजकर विदेशी भूमि पर आतंकवादी गतिविधियों को ट्रेनिंग दिलाकर प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा भारत में आतंकवादी एवं विध्वंसक कार्यवाही कर रहा है। यह भी सूचना प्राप्त हुई है कि इस आतंकवादी संगठन के कुछ सक्रिय सदस्य उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर आजमगढ़ वाराणसी, सहारनपुर आदि में सक्रिय हैं। इन प्राप्त अभिसूचनाओं को विकसित करने हेतु एसटीएफ को लगाया गया था। इसी क्रम में पूर्व के कुख्यात हरकत उल जेहाद अल इस्लामी आतंकवादी बाबू भाई जलालुद्दीन, नौशाद आदि के संगठन के दावे एवं संजाल के अध्ययन तथा मामूरा मुखबिरान के सूचना से यह तथ्य प्रकाश में आया कि जनपद जौनपुर के मडि़याहूं व जनपद आजमगढ़ के रानी की सराय क्षेत्र में पिछले कुछ माह से बांग्लादेशी व काश्मीरी नागरिकों का काफी आना जाना रहा है। उन सूचनाओं को और विकसित करने हेतु एस0टी0एफ0 टीम व मुखबिरान लगातार काम कर रहे थे। मैं चिरंजीव नाथ सिन्हा क्षेत्राधिकारी चैक, लखनऊ जो दिनांक 23.11.07 को लखनऊ कचेहरी में हुए बम विस्फोट की घटना के विवेचना के संदर्भ में लगातार एसटीएफ से सम्पर्क बनाये हुए था तथा इस संदर्भ में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा रहा था, आज दिनांक 22.12.07 को मैं एसटीएफ कार्यालय पर एसटीएफ टीम से विचार विमर्श कर रहा था कि तभी समय करीब प्रातः 2.30 बजे द्वारा मुखबिर एसटीएफ टीम के पुलिस उपाधीक्षक एस आनन्द, निरीक्षक अविनाश मिश्रा, उ0नि0 विनय कुमार सिंह, उ0नि0 धनंजय मिश्रा, उ0नि0 ओ0पी0 पाण्डेय को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास समय करीब प्रातः 6.00 बजे आने वाले हैं, जिनके सम्बंध आतंकवादीजिला: BARABANKI थाना KOTWALI ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
संगठन से है, इनके पास घातक शस्त्र व विस्फोटक पदार्थ भी हैं जो किसी संगीन घटना को अंजाम देने की नियत से लेकर आ रहे हैं। इस सूचना पर यकीन कर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर अपर पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 मनोज झा के पर्यवेक्षण में चार टीमों का गठन किया गया। प्रथम टीम में मैं पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा, पुलिस उपाधीक्षक एस0 आनन्द, एसआई विनय कुमार सिंह, धनंजय मिश्रा, ओ0पी0 पाण्डेय, का0 ओम रामाणन सिंह, का0 जय प्रकाश गुप्ता, पीएसी का0 नीरज पाण्डेय, चालक शिव प्रकाश सिंह, वाहन संख्या यू0पी0 32 बी0जी0 2054, द्वितीय टीम में उ0नि0 सत्य प्रकाश सिंह, अजय चतुर्वेदी, एस0सी0 पंकज द्विवेदी, एस0सी0 राजकुमार सिंह, का0 राजेश मिश्रा, का0 अमित सिंह, का0 उस्मान खा, का0 सत्य प्रकाश सिंह, का0 कृष्ण कान्त त्रिपाठी, पीएसी चालक शिव प्रकाश सिंह, वाहन संख्या यू0पी0 32 बी0जी0 2017, द्वितीय टीम में उ0नि0 धर्मेश शाही, एसएसआई चैक लखनऊ, गुलाब शंकर पाण्डेय, एस0आई0 इन्द्रजीत चैहान थाना वजीरगंज, का0 ए0पी0 977 आलोक उमराव एस0सी0 सुभाष सिंह, का0 नीरज पी0ए0सी0 का0 भूपेन्द्र पीएसी का0 ओमवीर पीएसी चालक यशवंत कुमार वाहन संख्या यू0पी0 32 बी0जी0 0424 चतुर्थ टीम में एस0आई0 संदीप मिश्र, एच0सी0 वीरेन्द्र यादव का0 सम्भावी प्रसाद शर्मा, का0 रवि चन्द्र पीएसी, का0 वकील अहमद, का0 अरविंद अवस्थी का0 अंगद यादव, का0 के0के0 सिंह चालक कालीचरण वाहन संख्या यू0पी0 32-एजेड 4798 नियुक्त किया गया। टीमों को मुखबिर की सूचना व मकसद से अवगत कराकर एसटीएफ कार्यालय समय 4.30 एएम बजे रवाना होकर बाराबंकी बस स्टैण्ड के पास पहुंचे जनता के गवाह फराहम लिये गये व मकसद बताया गया तो डर व दहशत के कारण कोई तैयार नही हुआ और बगैर नाम पता बताए चले गये जनता का गवाह उपलबध न होने पर पुलिस बल ने स्वयं को गवाह मानकर आपस में एक दूसरे की जामा तलाशी ले देकर इतमीनान किया कि किसी के पास कोई नाजायज वस्तु नहीं है तथी मुखबिर भी आ गया उसे हमराह लिया गया तथा बस स्टेशन से रवाना होकर रेलवे स्टेशन बाराबंकी के पास पहुंचकर में क्षेत्राधिकारी चैक अपनी टीम के साथ मय मुखबिर के रेलवे स्टेशन के बाहर नियुक्त हुआ, द्वितीय टीम के उ0नि0 सत्य प्रकाश सिंह अपनी टीम के साथ माल रोड तिराहे पर तृतीय टीम के उ0नि0 धर्मेश शाही अपनी टीम के साथ बंकी रोड एवं चतुर्थ के उ0नि0 संदीप मिश्रा अपनी टीम के साथ पुलिस लाइन तिराहे पर लगाये गये। सभी सरकारी गाडि़यों को दूर खड़ा करवाकर संदिग्ध आतंकवादियों के आने का इंतजार करने लगे। तभी समय करीब 6.15 एएम बजे दो व्यक्ति रिक्शे से आकर रेलवे स्टेशन के बाहर उतर कर किसी का इंतजार करने लगे। जिनके पास एक एक हैण्डबैग था मुखबिर ने इशारे से बताया कि ये ही वे व्यक्ति हैं और चला गया संदिग्ध दोनों व्यक्ति किसी का इंतजार करते हुए प्रतीत हुए कि तभी अचानक दोनों अपना-अपना बैंग उठाकर स्टेशन से मुख्य सड़क की ओर चलने लगे कि मुझ सी0ओ0 चैक द्वारा आगे बढ़कर अपना परिचय देते हुए रूकने के लिए कहा तो सकपका कर और तेजी से चलने लगे कि हमराही जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
अधिकारी कर्मचारीगणों की मदद से गिरफ्तार करना चाहा तो दोनों अपना बैग खोलने जैसी हरकत करने लगे कि यह जानते हुए कि यह आतंकवादी है और सूचना अनुसार, इनके पास विस्फोटक सामग्री है फिर भी अपनी जान जोखिम में डालकर कर्तव्यनिष्ठा की पराकष्ठा का परिचय देते हुए अदम्य शौर्य व साहस का प्रदर्शन कर उ0नि0 विनय कुमार सिंह, उ0नि0 धनंजय मिश्रा, का0 नीरज पाण्डेय, का0 ओम नरायन सिंह, का0 कमाण्डो जय प्रकाश गुप्ता ने पकड़ लिया। तो दोनों द्वारा लपटा झपटी करते हुए मुजाहमत करने लगे तथा जान से मारने की धमकी देते हुए आतंकी परिणामों से भुगतने की चेतावनी देने लगे कि बामुश्किल आवश्यक बल प्रयोग कर टीम के अन्य सदस्यों की मदद से समय करीब 6.20 एएम बजे पकड़ लिये तभी अन्य टीमें भी शोर शराबा व सूचना पर आ गयी। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो क्रमशः एक ने अपना नाम खालिद मुजाहिद पुत्र स्व0 जमीर मुजाहिद निवासी म0नं0 37 महतवाना मोहल्ला मडि़याहूं थाना मडि़याहूं जनपद जौनपुर बताया। जामा तलाशी पर उसे दाहिने हाथ से पकड़े पुराने नीले रंग के एयर बैग जिसके एक पाकेट पर अंग्रेजी में ॅप्स्स्ै लिखा हुआ है जिसका खोलकर देखा तो कुछ आवश्यक दैनिक इस्तेमाली चीजों के अलावा एक सफेद लाल पोलीथीन में नौ अदद जिलेटिन राड पैक शुदा जिसमें प्रत्येक पर अंग्रेजी में ैनचमत च्वूमत 90 आदि लिखा हुआ है, व तीन अदद स्टील कलर के डेटोनेजर जिन पर लाल वायर लगा हुआ है बरामद हुआ व पहने कुर्ते की दाहिनी जेब से एक अमदद पीली छोटी पोलीथीन जिसमें एक अदद नोकिया मोबाइल फोन आईएमईआई नं. 355655007210646 मय सिम कार्ड नं. 8991890110011026004-4 आइडिया तथा पोलीथीन में ही सिम कार्ड नं. 899189011 0011026005-1 आइडिया व सिम कार्ड नं. अपठनीय म्गबमस एक अदद व नकद तीन सौ पचास रूपये बरामद हुए। दूसरे ने अपना नाम मो0तारिक काजमी पुत्र रियाज अहमद निवासी ग्राम सम्मोपुर थाना रानी की सराय, जिला आजमगढ़ बताया जामा तलाशी लेने पर दाहिने हाथ में लिए एयर बैग बारंग काला जिस पर अंग्रेजी ैंउेवदपजम लिखा है को खोलकर देख तो जरूरी इस्तेमाली चीजों के अलावा एक अदद सफेद पोलीथीन में एक पैकेट खाकी प्लास्टिक टेप में लिपटा हुआ मिला जिसका टेप खोलकर देखा तो तीन अमदद डेटोनेटर स्टील कलर जिन पर लाल रंग के वायर लगे हैं व एक पोलीथीन में लिपटा हुआ काले रंग का भ्पही म्गचसवेपअम विस्फोटक पदार्थ जिसका वजन सुविधा अनुसार कराया गया तो लगभग सवा किलो बरामद हुआ। जो देखने में आर0डी0एक्स0 प्रतीत होता है बरामद हुआ। इसके पहने कुर्ते के दाहिने जेब से एक अदद मोबाइल फोन नोकिया 1110 आईएमईआई नं. 353632015901419 जिसमें सिम नं0 8991554111111353003 म्गबमस लगा हुआ है वे एक अदद काले रंग की पाकेट डायरी जिस पर अंग्रेजी में ड।क्।छप् क्प्।त्ल् 2007 जिसके अन्दर उर्दू में कुछ लिखा है इसी डायरी के अन्दर एक अदद सिम नं0 89918911000114894814 आइडिया व रोडवेज बस का टिकट नं0 4799009 व उत्तर रेलवे साइकिल स्टैण्ड कैण्ट वाराणसी की पर्ची स्पेलेण्डर नं0 जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
010719 16 दिसम्बर 2007 व जेब से ही एक चाभी के गुच्छे में दो छोटी-छोटी चाभी व 300 रूपये नगद बरामद हुये पकड़े गये उपरोक्त खालिद व तारिक शूदा विस्फोटक सामग्री आदि के विषय में पूछा गया तो कोई संतोष जबाब न देकर अपनी गलती की माफी मांगने लगे। बरामद नाजायज विस्फोटक आदि को कब्जा पुलिस में लिया गया व उनके जुर्म धारा बरामदगी अनुसार अवगत कराया गया। बातसल्ली पूछताछ पर उपरोक्त खालिद ने बताया कि मैं 2001 में अमरोहा से आलिम तथा मुफ्ती की पढ़ाई कर रहा था वही मुझसे अब्दुल रकीब से मुलाकात हुई जो आसाम का रहने वाला था उसने मुझे जेहाद के बारे में काफी समझाया और 2003 में मुझे टेªनिंग के लिए जम्मू कश्मीर में किस्तवाड़ ले गया जहंा मैं हूजी के कैम्प पर पन्द्रह दिन का प्रशिक्षण लिया जिसमें मुझे हथियार चलाने की व हथियार छीनने व विस्फोटक करने की टेªनिंग दी गयी। वहीं पर मेरी मुलाकात वशीर उर्फ हेजाजी से हुई थी, टेªनिंग के कुछ दिनों बाद हेजाजी ने फोन पर बताया कि रकीब मुठभेड़ में शहीद हो गया है और आगे भी हमारी बातचीत होती रही सन 2006 में मेरी छैछस् मोबाइल पर हेजाजी ने बताया कि खालिद कश्मीरी तुमसे मिलने मडि़याहूं आ रहा है। खालिद कश्मीरी मेरे पास आया मेंने उसकी मुलाकात रानी की सरायं के तारिक से करायी जो मेरे साथ पकड़ा गया है। हम लोगों को जेहादी तंजीमी बाते हुई खालिद ने एक मोबाइल व एक एयरटेल का सिम तारिक को दिया और इसी नं. से वही पाकिस्तान हूजी तंजीम मुखिया तौकीर शेख उर्फ हजरत से बात कराया व हवाला से पैसा लेना व तंजीम के लोगों से बन्दोबस्त का इंतजाम तारिक के जिम्मे किया गया। 2007 फरवरी मार्च में कश्मीर हूजी का कमाण्डर दानिश सरवर आया जिसका इलाज मैंने व तारिक ने मिलकर कराया। में तंजीम का फौजी दस्ते का कमाण्डर है। सन 2007 में हेजाजी के कहने पर देवबंद गया वहां सज्जाद कश्मीरी से मुलाकात हुई तथा मैंने अपने मोबाइल से तारिक के मोबाइल पर सज्जाद से बात करायी और दोनों के मुलाकात का सिलसिला तय हुआ इस बीच मेरी हेजाजी व सज्जाद से लगातार बात होती रही इसी बीच यह तय हुआ कि कश्मीर से इमरान उर्फ गुरू उर्फ उमर, तारिक कश्मीरी अब्दुल कदीर को लेकर सज्जाद मेरे पास रमजान में आयेंगे और वहां से सभी लोग मुंबई जायेंगे। मैं हर साल रमजान में मुम्बई जाता हूं, मुम्बई जाकर हम लोगों ने गई स्थानों पर रेकी की क्योंकि हेजाजी के निर्देशानुसार भविष्य में मुम्बई में विस्फोट करना था। मुम्बई से लौटकर सज्जाद सनी को लेकर मालदा पश्चिम बंगाल राजू उर्फ मुख्तार से मिलने चला गया। वहां से लौटकर सभी मेरे पास आए और बताया कि बनारस फैजाबाद लखनऊ में विस्फोट करने की तैयारी हो गई है सारा सामान राजू उर्फ मुख्तार मुगलसराय पहुंचेगा वहां से सभी अपना अपना सामान लेकर विस्फोट करने के लिए निकलंेगे और सभी 18. 19 नवम्बर 2007 के करीब मुगलसराय जाने के लिए कहकर चले गये तथा बताये कि तारिक से मिलते हुए जायेंगे। 22 नवम्बर 2007 को शाम को सज्जाद ने मुझे बताया कि तुम लखनऊ निकलो सुबह दिनांक 23.11.07 को रेलवे स्टेशन जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
चारबाग के प्लेटफार्म नं0 1 के गेट पर कादिर मिलेगा तुम्हें लखनऊ कचेहरी में विस्फोट का इंतजाम तुम्हें करना है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर मुझे अब्दुल कादिर मिला जिससे मैं पूर्व परिचित था। हम दोनों स्टेशन से टीले वाली मस्जिद के पास काफी देर बैठे तथा कुछ देर बाद समय करीब 11 बजे दिन जाहिद नाम व्यक्ति आया जिसे अब्दुल कादिर जानता था। जिसके हाथ में एक बैग था जिसमें कुछ सामान था वहां हम तीनों नीबू पार्क आये और वहां से रिक्शे द्वारा कचहरी के मेन गेट पर पहुंचे जाहिद कही गया और थोड़ी देर में एक साइकिल लेकर आया और बैग के साथ कचहरी के अंदर चला गया, थोड़ी देर में जाहिद एक साइकिल और लेकर आया और एक छोटा बैग साइकिल पर टांग कर चला गया। हम उसका इंतजार करते रहे परन्तु वह नहीं आया। जाहिद द्वारा साइकिल रखने के दौरान हम लोगों ने निगरानी के मकसद से गेट से सटे दुकान से समोसे भी खाए थे। तभी कादिर ने कहा मुझे दिल्ली निकलना है तुम घर निकल जाओ। जाहिद पहुंच जाएगा उसे पता है कहां जाना है। मंै टेªन पकड़ कर घर आ गया। घर आकर मालूम पड़ा कि लखनऊ, फैजाबाद, वाराणसी कचहरी में विस्फोट हो गया। सज्जाद ने बताया था कि फैजाबाद तारिक, इमरान उर्फ गुरू व तारिक कश्मीरी को लेकर कचहरी में विस्फोट कराएगा और खुद सज्जाद, राजू उर्फ मुख्तार व उनके आदमियों को लेकर वाराणसी कचहरी में विस्फोट करायेगा। इन विस्फोटों के एवज में हेजाजी हम लोगों को हवाला से दस लाख रूपये देने वाला था जो अभी डिलीवर नहीं हो पाया। आज हम लोग ये विस्फोट पदार्थ हेजाजी के निर्देश पर यहां लेकर आए थे जिसे गुरू लेकर जाने वाला था जो पूरा तैयार कर हमें सूचित करता तब बताये स्थान पर लेने पहुंचते। हेजाजी के निर्देश पर ये विस्फोट सामग्री मुख्तार उर्फ राजू ने हम लोगों को अलग अलग उपलब्घ कराया था। पकड़े गये तारिक उपरोक्त ने पूछताछ पर बताया कि खालिद मडि़याहूं द्वारा बतायी गयी मेरे बारे में सभी बातें सत्य हैं। मैं हूजी के उत्तर प्रदेश का इंतजामिया अमीर हूं। उपरोक्त बातों के अलावा सज्जाद, तारिक कश्मीरी, अब्दुल कादिर, इमरान उर्फ गुरू, हेजाजी से तय प्रोग्राम के अनुसार मेरे घर नवम्बर, 2007 में विस्फोट से कुछ दिन पहले आये थे और वाराणसी, फैजाबाद लखनऊ में एक साथ विस्फोट की योजना बनी थी। दिनांक 22.11.2007 की शाम सज्जाद के कहने पर अपना मोबाइल फोन घर पर छोड़कर शाहगंज में मिलने के लिए कहा था। वहां सज्जाद ने मेरे साथ तारिक कश्मीरी व इमरान गुरू को फैजाबाद भेजा था। हम तीनों वहां से बस द्वारा सुल्तानपुर आये व भोर में फैजाबाद पहुंचने की नीयत से देर रात को बस से सुबह ............ फैजाबाद पहुंचे।
तारिक व इमरान के पास एक एक बैग था, वहां बस स्टैण्ड पर समय गुजारते हुए करीब 9.30एम बजे कचहरी से मुख्य गेट पर पहुंचे, मुझे निगरानी के लिए छोड़कर तारिक कश्मीरी व इमरान कहीं चले गये करीब पौन घण्टे बाद दोनों एक साइकिल लेकर लौटे और अपने बैगों के साथ कचहरी के अन्दर चले गये। थोड़ी देर बाद में इमरान वापस आया और बोला मैं अभी आ रहा हूँ यही इंतजार जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
करना। करीब पौने घण्टे बाद फिर इमरान एक साइकिल लेकर आया और कचेहरी के अंदर चला गया। थोड़ी देर बाद इमरान फिर वापस आया और बताया कि सारी सेटिंग हो गयी है। तुम वापस निकल जाओ, मैं भी निकलूंगा। तारिक अपनी जगह पर पहुंच जायेगा, मैं वापस घर आ गया। 25 या 26 नवम्बर, 2007 को सज्जाद ने देवबंद फोन करके बताया कि लखनऊ से हम सभी लोग नवचंदी एक्सप्रेस से देवबंद आ गये थे। बाकी लोग कश्मीर चले गये। मैं एडमीशन के लिए रूका हूं, इससे पहले मैंने हेजाजी के कहने पर राजू उर्फ मुख्तार के साथ गोरखपुर बम ब्लास्ट की योजना बनायी थी और स्वयं गोलघर के आस पास रैकी पर मुख्तार उर्फ राजू व छोटू को लेकर हिदायत के अनुसार विस्फोटक कराया था। इसके अलावा दिसम्बर 2006 में हेजाजी व खालिद कश्मीरी के निर्देश पर पांच किलो आर0डी0एक्स0 वाराणसी रेलवे स्टेशन पर मुख्तार उर्फ राजू व एहतेशाम माले गांव देने आये थे जिसे ले जाकर मैंने दिल्ली जामा मस्जिद पर खालिद कश्मीरी व हेजाजी को दिया था इसके करीब एक सप्ताह बाद हवाला से प्राप्त पांच लाख रूपया खालिद कश्मीरी को दिल्ली ले जाकर दिया था। आज हम लोग हेजाजी के निर्देश पर मुख्तार द्वारा दिया गया। विस्फोटक लेकर यहां आए थे जिसे गुरू ले जाकर तैयार करता, गुरू आने वाला था हो सकता है आप लोगों को देखकर हम लोगों के पास नही आया। खालिद मडि़याहूं ने पुनः माफी मांगते हुए बताया कि 24 नवम्बर को हमने अपने मदरसे में जाकर बच्चों की किताब व कापियां 23 तारीख में ही चेक कर ली थी तथा 23 नवम्बर की हाहिरी भी 24 में बना दी थी। सज्जाद के कहने पर मैंने मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था। अभियुक्त तारिक व खालिद मडि़याहूं उपरोक्त को उनके जुर्म धारा 115/ 332/120बी/121/121ए/122/ 124ए/307/302 भा0द0वि0 व 16/18/20/23 अनलाफुल एक्टीविटीज एक्ट व 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम से अवगत कराकर हिरासत पुलिस में लिया गया। दौरान गिरफ्तारी व पूछताछ मा0 उच्चतम न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया गया। बरामद विस्फोटक पदार्थ बरामदगी अनुसार अन्य बरामदगी के क्रम में मौके पर ही एयर बैग में ही रखकर एक एक सफेद कपड़े में रखकर सर्व मुहर कर नमूना मुहर तैयार किया गया। अभियुक्तगण द्वारा बताये गये पते पर गिरफ्तारी की सूचना थाना स्तर से त्वरित की जायेगी। फर्द मौके मुझ क्ल ैच् चिरंजीव नाथ सिन्हा, क्षेत्राधिकारी चैक लखनऊ द्वारा एसआई धनंजय मिश्रा एसटीएफ द्वारा बोल बोलकर लिखाई गयी। फर्द पढ़कर सुनाकर अधिकारीगण कर्मचारी गण हस्ताक्षर बनवाये जाते हैं। ह0 अंग्रेजी अपठनीय 22.12.2007 सी0ओ0 चैक लखनऊ ह0 अंग्रेजी धनंजय मिश्रा एसआई 22.12.2007। ह0 अंग्रेजी मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 लखनऊ। एच0सी0 पंकज कुमार ह0 ओ0पी0 पाण्डेय अंग्रेजी में एस0आनन्द एस0पी0 ह0 अभियुक्त अंग्रेजी में तारिक। ह0 अभियुक्त हिन्दी में खालिद। ह0 अंग्रेजी ओमवार सिंह एसआई 20.12.07 ह0 संजीव कुमार, ह0 नीरज कुमार। ह0 अपठनीय अंग्रेजी में कामाण्डों जय प्रकाश जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
गुप्ता, कृष्ण कुमार तिवारी, ह0 सी0पी0 के0के0 सिंह, ह0 कमाण्डो भूपेन्द्र सिंह, ह0 एच0सी0 वीरेन्द्र कुमार यादव, ह0 का0 अमित सिंह ह0 का0 सत्य प्रकाश सिंह, ह0 एच0सी0 राजकुमार सिंह हे0 का0 राकेश मिश्रा, हे0 का0 नीरज मिश्रा, हे0 का0 अरविन्द अवस्थी, ह0 वकील खां, ह0 अंग्रेजी एस0सी0 सिंह। नोट- नकल फर्द अभियुक्तगण को दी गयी। ह0 अंग्रेजी अपठनीय 22.12.07 सी0ओ0 चैक, लखनऊ। ह0 अभियुक्त अंग्रेजी तारिक। ह0 अभियुक्त हिन्दी खालिद। ह0 अंग्रेजी अपठनीय 22.12.2007
नोट -तहरीर की नकल मुझ हे0हा0 कन्हैया लाल द्वारा बोल बोलकर कम्प्यूटर में फीड कराया गया, जो अक्षरशः फीड है।
13. की गयी कार्यवाही चूंकि उक्त सूचना द्वारा मद संख्या -2 पर उल्लिखित धाराओं के अन्तर्गत अपराध होने का पता चलता है।
1. मामला रजिस्टर्ड किया गया व अनुसंधान आरम्भ किया गया।
या
2. श्री/श्रीमती/कुमारी अनुसंधन अधिकारी का नाम: दया राम सरोज पदः सी0ओ0
नम्बर: 16629014 को अनुसंधान आरम्भ करने के निर्देश दिये
गये या
3. जिन कारणों से अनुसंधान आरम्भ करने से इनकार किया गया।
4. थाने को केस स्थानान्तरिक किया गया नाम या
क्षेत्राधिकार की दृष्टि से जिलाः
प्रथम सूचना रिपोर्ट परिवादी/सूचना देने वाले को पढ़कर सुनायी गयी जिसने सही लेखन की पुष्टि की और परिवादी/सूचना देने वाले को एक प्रति निःशुल्क प्रदान की गयीः
14. हस्ताक्षर/अंग्रूठे का निशान थाना प्रभारी के हस्ताक्षर
परिवादी/सूचना देने वाला काः नाम: वेदनाथ दुबे
पद एसएसआई नं. 16629014
15. न्यायालय में भेजने की दिनांक एवं समय:
सील थाना कोतवाली नगर
जनपद बाराबंकी
UPA-R11100
प्रथम सूचना रिपोर्ट
(दण्ड प्रक्रिया संहिता धारा 154 के अन्तर्गत)
जिला: BARABANKI थाना KOTWALI वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
2. अधिनियम धारा (धाराएं)
;पद्ध भारतीय दण्ड संहिता 121/121ए/122/124ए/332
;पपद्ध विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 4/5
;पपपद्ध अनलाफुल एक्टीविटीज एक्ट (प्रीवेंशन) 16/18/2023
;पपपद्ध
3. अपराध की घटना
(क) दिन: शनिवार दिनांक से: 22.12.2007 दिनांक तक 22.12.2007
(ख) समय अवधि समय से: 00.15 ह0 समय तक: 06.20 ह0
(ग) पुलिस थाने पर प्राप्त सूचना दिनांक 22.12.2007 समय: 09.15 ह0
(घ) रोजनामचा संदर्भ: प्रविष्टि संख्या: 1 समय: 09.15 ह0
4. सूचना का प्रकार: लिखित
5. घटना स्थल:
(क) पुलिस थाने से दिशा व दूरी: उत्तर पूर्व/ 0.5 किमी0 बीट नं0: 8
(ख) पताः रेलवे स्टेशन बाराबंकी, निकट विश्वनाथ होटल बाफासला 1 किमी उ0प्र0 कोतवा0
(ग) यदि इस थाने की सीमा से बाहर हो, उस
पुलिस थाने का नाम: जिला:
6. परिवादी/सूचना देने वाला:
(क) नाम: श्री चिरंजीव नाथ सिन्हा (क्षे0 अ0 चैक, लखनऊ)
(ख) जन्म दिनांक / वर्ष: राष्ट्रीयता: भारत
(ग) पासपोर्ट नम्बर: जारी करने का दिनांक: जारी करने का स्थान:
(घ) व्यवसाय:
(ड.) पताः क्षे0अ0चैक, लखनऊ
7. जात/संदिग्ध/अज्ञात अभियुक्तों का पूर्ण विवरण (यदि आवश्यक हो तो पृष्ठ नत्थी करे):2
(प) मो0 खालिद मुजाहिद पुत्र स्व0 जमीर मुजाहिद
नि0 म0नं0 37 महतवाना मुहल्ला मडि़याहूं थाना मडि़याहू जनपद जौनपुर
(पप) मो0 तारिक काजमी पुत्र रियाज अहमद
नि0 ग्राम सामोपुर थाना रानी की सरायं, जिला आजमगढ़
8. शिकायत/सूचना देने वाले द्वारा सूचना देने में देरी का कारण:
9. चुराई हुई/संलिप्त सम्पत्ति का विवरण (यदि आवश्यक हो तो अलग पृष्ठ नत्थी करें)
क्रम संख्या सम्पत्ति का प्रकार (विवरण) अनुमानित मूल्य (रूपये) वस्तु स्थिति
(प)
(पप)
(पपप)
10. चुराई हुई सम्पत्ति का कुल मूल्य:
11. मार्ग सूचना/अप्राकृतिक मृत्यु केस नम्बर यदि कोई हो तो:जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
प्रथम सूचना रिपोर्ट की विषयवस्तु (मजमून) (यदि आवश्यक हो तो अलग पृष्ठ नत्थी करें)
फर्द बरामदगी विस्फोटक पदार्थ आर0डी0एक्स0 अमोनियम नाइट्रेट डेटोनेजर मोबाइल फोन व सिम आदि व गिरफ्तारी अभियुक्त दो नफर
दिनांक 23.11.2007 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा जनपद फैजाबाद व जनपद वाराणसी में आतंकवादियों द्वारा किये गये सीरियल बम धमाकों से उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद आदि प्रांतों में भी आतंकी साया भय व आतंक के रूप में मंडराने लगा था। उस सीरियल बम प्लास्ट की जांच हेतु पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा एस0टी0एफ0 को विशिष्ट निर्देश दिये गये केन्द्रीय जांच एजेंसियों व एस0ट0ीएफ0 को स्वयं के स्रोतों से यह विदित हुआ कि भारत के सीमावर्ती विदेशी राष्ट्रों की भूमि से संचालित आतंकवादी संगठन हरकत उल जेहाद अल इस्लामी जो विधि विरूद्ध क्रिया-कलाप निरोधक अधिनियम ;न्दसंूनिस ।बजपअपजपमे च्तमअमदजपवद ।बजद्ध की धारा 2 (1) ;उद्ध तथा 35 के अनुसार आतंकवादियों को अस्त्रों एवं विस्फोटकों के साथ भारत में घुसपैठ कराना एवं भारतीय मूल के युवकों को अवैध रूप से बाहर भेजकर विदेशी भूमि पर आतंकवादी गतिविधियों को ट्रेनिंग दिलाकर प्रशिक्षित आतंकवादियों द्वारा भारत में आतंकवादी एवं विध्वंसक कार्यवाही कर रहा है। यह भी सूचना प्राप्त हुई है कि इस आतंकवादी संगठन के कुछ सक्रिय सदस्य उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर आजमगढ़ वाराणसी, सहारनपुर आदि में सक्रिय हैं। इन प्राप्त अभिसूचनाओं को विकसित करने हेतु एसटीएफ को लगाया गया था। इसी क्रम में पूर्व के कुख्यात हरकत उल जेहाद अल इस्लामी आतंकवादी बाबू भाई जलालुद्दीन, नौशाद आदि के संगठन के दावे एवं संजाल के अध्ययन तथा मामूरा मुखबिरान के सूचना से यह तथ्य प्रकाश में आया कि जनपद जौनपुर के मडि़याहूं व जनपद आजमगढ़ के रानी की सराय क्षेत्र में पिछले कुछ माह से बांग्लादेशी व काश्मीरी नागरिकों का काफी आना जाना रहा है। उन सूचनाओं को और विकसित करने हेतु एस0टी0एफ0 टीम व मुखबिरान लगातार काम कर रहे थे। मैं चिरंजीव नाथ सिन्हा क्षेत्राधिकारी चैक, लखनऊ जो दिनांक 23.11.07 को लखनऊ कचेहरी में हुए बम विस्फोट की घटना के विवेचना के संदर्भ में लगातार एसटीएफ से सम्पर्क बनाये हुए था तथा इस संदर्भ में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा रहा था, आज दिनांक 22.12.07 को मैं एसटीएफ कार्यालय पर एसटीएफ टीम से विचार विमर्श कर रहा था कि तभी समय करीब प्रातः 2.30 बजे द्वारा मुखबिर एसटीएफ टीम के पुलिस उपाधीक्षक एस आनन्द, निरीक्षक अविनाश मिश्रा, उ0नि0 विनय कुमार सिंह, उ0नि0 धनंजय मिश्रा, उ0नि0 ओ0पी0 पाण्डेय को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास समय करीब प्रातः 6.00 बजे आने वाले हैं, जिनके सम्बंध आतंकवादीजिला: BARABANKI थाना KOTWALI ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
संगठन से है, इनके पास घातक शस्त्र व विस्फोटक पदार्थ भी हैं जो किसी संगीन घटना को अंजाम देने की नियत से लेकर आ रहे हैं। इस सूचना पर यकीन कर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर अपर पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 मनोज झा के पर्यवेक्षण में चार टीमों का गठन किया गया। प्रथम टीम में मैं पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा, पुलिस उपाधीक्षक एस0 आनन्द, एसआई विनय कुमार सिंह, धनंजय मिश्रा, ओ0पी0 पाण्डेय, का0 ओम रामाणन सिंह, का0 जय प्रकाश गुप्ता, पीएसी का0 नीरज पाण्डेय, चालक शिव प्रकाश सिंह, वाहन संख्या यू0पी0 32 बी0जी0 2054, द्वितीय टीम में उ0नि0 सत्य प्रकाश सिंह, अजय चतुर्वेदी, एस0सी0 पंकज द्विवेदी, एस0सी0 राजकुमार सिंह, का0 राजेश मिश्रा, का0 अमित सिंह, का0 उस्मान खा, का0 सत्य प्रकाश सिंह, का0 कृष्ण कान्त त्रिपाठी, पीएसी चालक शिव प्रकाश सिंह, वाहन संख्या यू0पी0 32 बी0जी0 2017, द्वितीय टीम में उ0नि0 धर्मेश शाही, एसएसआई चैक लखनऊ, गुलाब शंकर पाण्डेय, एस0आई0 इन्द्रजीत चैहान थाना वजीरगंज, का0 ए0पी0 977 आलोक उमराव एस0सी0 सुभाष सिंह, का0 नीरज पी0ए0सी0 का0 भूपेन्द्र पीएसी का0 ओमवीर पीएसी चालक यशवंत कुमार वाहन संख्या यू0पी0 32 बी0जी0 0424 चतुर्थ टीम में एस0आई0 संदीप मिश्र, एच0सी0 वीरेन्द्र यादव का0 सम्भावी प्रसाद शर्मा, का0 रवि चन्द्र पीएसी, का0 वकील अहमद, का0 अरविंद अवस्थी का0 अंगद यादव, का0 के0के0 सिंह चालक कालीचरण वाहन संख्या यू0पी0 32-एजेड 4798 नियुक्त किया गया। टीमों को मुखबिर की सूचना व मकसद से अवगत कराकर एसटीएफ कार्यालय समय 4.30 एएम बजे रवाना होकर बाराबंकी बस स्टैण्ड के पास पहुंचे जनता के गवाह फराहम लिये गये व मकसद बताया गया तो डर व दहशत के कारण कोई तैयार नही हुआ और बगैर नाम पता बताए चले गये जनता का गवाह उपलबध न होने पर पुलिस बल ने स्वयं को गवाह मानकर आपस में एक दूसरे की जामा तलाशी ले देकर इतमीनान किया कि किसी के पास कोई नाजायज वस्तु नहीं है तथी मुखबिर भी आ गया उसे हमराह लिया गया तथा बस स्टेशन से रवाना होकर रेलवे स्टेशन बाराबंकी के पास पहुंचकर में क्षेत्राधिकारी चैक अपनी टीम के साथ मय मुखबिर के रेलवे स्टेशन के बाहर नियुक्त हुआ, द्वितीय टीम के उ0नि0 सत्य प्रकाश सिंह अपनी टीम के साथ माल रोड तिराहे पर तृतीय टीम के उ0नि0 धर्मेश शाही अपनी टीम के साथ बंकी रोड एवं चतुर्थ के उ0नि0 संदीप मिश्रा अपनी टीम के साथ पुलिस लाइन तिराहे पर लगाये गये। सभी सरकारी गाडि़यों को दूर खड़ा करवाकर संदिग्ध आतंकवादियों के आने का इंतजार करने लगे। तभी समय करीब 6.15 एएम बजे दो व्यक्ति रिक्शे से आकर रेलवे स्टेशन के बाहर उतर कर किसी का इंतजार करने लगे। जिनके पास एक एक हैण्डबैग था मुखबिर ने इशारे से बताया कि ये ही वे व्यक्ति हैं और चला गया संदिग्ध दोनों व्यक्ति किसी का इंतजार करते हुए प्रतीत हुए कि तभी अचानक दोनों अपना-अपना बैंग उठाकर स्टेशन से मुख्य सड़क की ओर चलने लगे कि मुझ सी0ओ0 चैक द्वारा आगे बढ़कर अपना परिचय देते हुए रूकने के लिए कहा तो सकपका कर और तेजी से चलने लगे कि हमराही जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
अधिकारी कर्मचारीगणों की मदद से गिरफ्तार करना चाहा तो दोनों अपना बैग खोलने जैसी हरकत करने लगे कि यह जानते हुए कि यह आतंकवादी है और सूचना अनुसार, इनके पास विस्फोटक सामग्री है फिर भी अपनी जान जोखिम में डालकर कर्तव्यनिष्ठा की पराकष्ठा का परिचय देते हुए अदम्य शौर्य व साहस का प्रदर्शन कर उ0नि0 विनय कुमार सिंह, उ0नि0 धनंजय मिश्रा, का0 नीरज पाण्डेय, का0 ओम नरायन सिंह, का0 कमाण्डो जय प्रकाश गुप्ता ने पकड़ लिया। तो दोनों द्वारा लपटा झपटी करते हुए मुजाहमत करने लगे तथा जान से मारने की धमकी देते हुए आतंकी परिणामों से भुगतने की चेतावनी देने लगे कि बामुश्किल आवश्यक बल प्रयोग कर टीम के अन्य सदस्यों की मदद से समय करीब 6.20 एएम बजे पकड़ लिये तभी अन्य टीमें भी शोर शराबा व सूचना पर आ गयी। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो क्रमशः एक ने अपना नाम खालिद मुजाहिद पुत्र स्व0 जमीर मुजाहिद निवासी म0नं0 37 महतवाना मोहल्ला मडि़याहूं थाना मडि़याहूं जनपद जौनपुर बताया। जामा तलाशी पर उसे दाहिने हाथ से पकड़े पुराने नीले रंग के एयर बैग जिसके एक पाकेट पर अंग्रेजी में ॅप्स्स्ै लिखा हुआ है जिसका खोलकर देखा तो कुछ आवश्यक दैनिक इस्तेमाली चीजों के अलावा एक सफेद लाल पोलीथीन में नौ अदद जिलेटिन राड पैक शुदा जिसमें प्रत्येक पर अंग्रेजी में ैनचमत च्वूमत 90 आदि लिखा हुआ है, व तीन अदद स्टील कलर के डेटोनेजर जिन पर लाल वायर लगा हुआ है बरामद हुआ व पहने कुर्ते की दाहिनी जेब से एक अमदद पीली छोटी पोलीथीन जिसमें एक अदद नोकिया मोबाइल फोन आईएमईआई नं. 355655007210646 मय सिम कार्ड नं. 8991890110011026004-4 आइडिया तथा पोलीथीन में ही सिम कार्ड नं. 899189011 0011026005-1 आइडिया व सिम कार्ड नं. अपठनीय म्गबमस एक अदद व नकद तीन सौ पचास रूपये बरामद हुए। दूसरे ने अपना नाम मो0तारिक काजमी पुत्र रियाज अहमद निवासी ग्राम सम्मोपुर थाना रानी की सराय, जिला आजमगढ़ बताया जामा तलाशी लेने पर दाहिने हाथ में लिए एयर बैग बारंग काला जिस पर अंग्रेजी ैंउेवदपजम लिखा है को खोलकर देख तो जरूरी इस्तेमाली चीजों के अलावा एक अदद सफेद पोलीथीन में एक पैकेट खाकी प्लास्टिक टेप में लिपटा हुआ मिला जिसका टेप खोलकर देखा तो तीन अमदद डेटोनेटर स्टील कलर जिन पर लाल रंग के वायर लगे हैं व एक पोलीथीन में लिपटा हुआ काले रंग का भ्पही म्गचसवेपअम विस्फोटक पदार्थ जिसका वजन सुविधा अनुसार कराया गया तो लगभग सवा किलो बरामद हुआ। जो देखने में आर0डी0एक्स0 प्रतीत होता है बरामद हुआ। इसके पहने कुर्ते के दाहिने जेब से एक अदद मोबाइल फोन नोकिया 1110 आईएमईआई नं. 353632015901419 जिसमें सिम नं0 8991554111111353003 म्गबमस लगा हुआ है वे एक अदद काले रंग की पाकेट डायरी जिस पर अंग्रेजी में ड।क्।छप् क्प्।त्ल् 2007 जिसके अन्दर उर्दू में कुछ लिखा है इसी डायरी के अन्दर एक अदद सिम नं0 89918911000114894814 आइडिया व रोडवेज बस का टिकट नं0 4799009 व उत्तर रेलवे साइकिल स्टैण्ड कैण्ट वाराणसी की पर्ची स्पेलेण्डर नं0 जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
010719 16 दिसम्बर 2007 व जेब से ही एक चाभी के गुच्छे में दो छोटी-छोटी चाभी व 300 रूपये नगद बरामद हुये पकड़े गये उपरोक्त खालिद व तारिक शूदा विस्फोटक सामग्री आदि के विषय में पूछा गया तो कोई संतोष जबाब न देकर अपनी गलती की माफी मांगने लगे। बरामद नाजायज विस्फोटक आदि को कब्जा पुलिस में लिया गया व उनके जुर्म धारा बरामदगी अनुसार अवगत कराया गया। बातसल्ली पूछताछ पर उपरोक्त खालिद ने बताया कि मैं 2001 में अमरोहा से आलिम तथा मुफ्ती की पढ़ाई कर रहा था वही मुझसे अब्दुल रकीब से मुलाकात हुई जो आसाम का रहने वाला था उसने मुझे जेहाद के बारे में काफी समझाया और 2003 में मुझे टेªनिंग के लिए जम्मू कश्मीर में किस्तवाड़ ले गया जहंा मैं हूजी के कैम्प पर पन्द्रह दिन का प्रशिक्षण लिया जिसमें मुझे हथियार चलाने की व हथियार छीनने व विस्फोटक करने की टेªनिंग दी गयी। वहीं पर मेरी मुलाकात वशीर उर्फ हेजाजी से हुई थी, टेªनिंग के कुछ दिनों बाद हेजाजी ने फोन पर बताया कि रकीब मुठभेड़ में शहीद हो गया है और आगे भी हमारी बातचीत होती रही सन 2006 में मेरी छैछस् मोबाइल पर हेजाजी ने बताया कि खालिद कश्मीरी तुमसे मिलने मडि़याहूं आ रहा है। खालिद कश्मीरी मेरे पास आया मेंने उसकी मुलाकात रानी की सरायं के तारिक से करायी जो मेरे साथ पकड़ा गया है। हम लोगों को जेहादी तंजीमी बाते हुई खालिद ने एक मोबाइल व एक एयरटेल का सिम तारिक को दिया और इसी नं. से वही पाकिस्तान हूजी तंजीम मुखिया तौकीर शेख उर्फ हजरत से बात कराया व हवाला से पैसा लेना व तंजीम के लोगों से बन्दोबस्त का इंतजाम तारिक के जिम्मे किया गया। 2007 फरवरी मार्च में कश्मीर हूजी का कमाण्डर दानिश सरवर आया जिसका इलाज मैंने व तारिक ने मिलकर कराया। में तंजीम का फौजी दस्ते का कमाण्डर है। सन 2007 में हेजाजी के कहने पर देवबंद गया वहां सज्जाद कश्मीरी से मुलाकात हुई तथा मैंने अपने मोबाइल से तारिक के मोबाइल पर सज्जाद से बात करायी और दोनों के मुलाकात का सिलसिला तय हुआ इस बीच मेरी हेजाजी व सज्जाद से लगातार बात होती रही इसी बीच यह तय हुआ कि कश्मीर से इमरान उर्फ गुरू उर्फ उमर, तारिक कश्मीरी अब्दुल कदीर को लेकर सज्जाद मेरे पास रमजान में आयेंगे और वहां से सभी लोग मुंबई जायेंगे। मैं हर साल रमजान में मुम्बई जाता हूं, मुम्बई जाकर हम लोगों ने गई स्थानों पर रेकी की क्योंकि हेजाजी के निर्देशानुसार भविष्य में मुम्बई में विस्फोट करना था। मुम्बई से लौटकर सज्जाद सनी को लेकर मालदा पश्चिम बंगाल राजू उर्फ मुख्तार से मिलने चला गया। वहां से लौटकर सभी मेरे पास आए और बताया कि बनारस फैजाबाद लखनऊ में विस्फोट करने की तैयारी हो गई है सारा सामान राजू उर्फ मुख्तार मुगलसराय पहुंचेगा वहां से सभी अपना अपना सामान लेकर विस्फोट करने के लिए निकलंेगे और सभी 18. 19 नवम्बर 2007 के करीब मुगलसराय जाने के लिए कहकर चले गये तथा बताये कि तारिक से मिलते हुए जायेंगे। 22 नवम्बर 2007 को शाम को सज्जाद ने मुझे बताया कि तुम लखनऊ निकलो सुबह दिनांक 23.11.07 को रेलवे स्टेशन जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
चारबाग के प्लेटफार्म नं0 1 के गेट पर कादिर मिलेगा तुम्हें लखनऊ कचेहरी में विस्फोट का इंतजाम तुम्हें करना है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर मुझे अब्दुल कादिर मिला जिससे मैं पूर्व परिचित था। हम दोनों स्टेशन से टीले वाली मस्जिद के पास काफी देर बैठे तथा कुछ देर बाद समय करीब 11 बजे दिन जाहिद नाम व्यक्ति आया जिसे अब्दुल कादिर जानता था। जिसके हाथ में एक बैग था जिसमें कुछ सामान था वहां हम तीनों नीबू पार्क आये और वहां से रिक्शे द्वारा कचहरी के मेन गेट पर पहुंचे जाहिद कही गया और थोड़ी देर में एक साइकिल लेकर आया और बैग के साथ कचहरी के अंदर चला गया, थोड़ी देर में जाहिद एक साइकिल और लेकर आया और एक छोटा बैग साइकिल पर टांग कर चला गया। हम उसका इंतजार करते रहे परन्तु वह नहीं आया। जाहिद द्वारा साइकिल रखने के दौरान हम लोगों ने निगरानी के मकसद से गेट से सटे दुकान से समोसे भी खाए थे। तभी कादिर ने कहा मुझे दिल्ली निकलना है तुम घर निकल जाओ। जाहिद पहुंच जाएगा उसे पता है कहां जाना है। मंै टेªन पकड़ कर घर आ गया। घर आकर मालूम पड़ा कि लखनऊ, फैजाबाद, वाराणसी कचहरी में विस्फोट हो गया। सज्जाद ने बताया था कि फैजाबाद तारिक, इमरान उर्फ गुरू व तारिक कश्मीरी को लेकर कचहरी में विस्फोट कराएगा और खुद सज्जाद, राजू उर्फ मुख्तार व उनके आदमियों को लेकर वाराणसी कचहरी में विस्फोट करायेगा। इन विस्फोटों के एवज में हेजाजी हम लोगों को हवाला से दस लाख रूपये देने वाला था जो अभी डिलीवर नहीं हो पाया। आज हम लोग ये विस्फोट पदार्थ हेजाजी के निर्देश पर यहां लेकर आए थे जिसे गुरू लेकर जाने वाला था जो पूरा तैयार कर हमें सूचित करता तब बताये स्थान पर लेने पहुंचते। हेजाजी के निर्देश पर ये विस्फोट सामग्री मुख्तार उर्फ राजू ने हम लोगों को अलग अलग उपलब्घ कराया था। पकड़े गये तारिक उपरोक्त ने पूछताछ पर बताया कि खालिद मडि़याहूं द्वारा बतायी गयी मेरे बारे में सभी बातें सत्य हैं। मैं हूजी के उत्तर प्रदेश का इंतजामिया अमीर हूं। उपरोक्त बातों के अलावा सज्जाद, तारिक कश्मीरी, अब्दुल कादिर, इमरान उर्फ गुरू, हेजाजी से तय प्रोग्राम के अनुसार मेरे घर नवम्बर, 2007 में विस्फोट से कुछ दिन पहले आये थे और वाराणसी, फैजाबाद लखनऊ में एक साथ विस्फोट की योजना बनी थी। दिनांक 22.11.2007 की शाम सज्जाद के कहने पर अपना मोबाइल फोन घर पर छोड़कर शाहगंज में मिलने के लिए कहा था। वहां सज्जाद ने मेरे साथ तारिक कश्मीरी व इमरान गुरू को फैजाबाद भेजा था। हम तीनों वहां से बस द्वारा सुल्तानपुर आये व भोर में फैजाबाद पहुंचने की नीयत से देर रात को बस से सुबह ............ फैजाबाद पहुंचे।
तारिक व इमरान के पास एक एक बैग था, वहां बस स्टैण्ड पर समय गुजारते हुए करीब 9.30एम बजे कचहरी से मुख्य गेट पर पहुंचे, मुझे निगरानी के लिए छोड़कर तारिक कश्मीरी व इमरान कहीं चले गये करीब पौन घण्टे बाद दोनों एक साइकिल लेकर लौटे और अपने बैगों के साथ कचहरी के अन्दर चले गये। थोड़ी देर बाद में इमरान वापस आया और बोला मैं अभी आ रहा हूँ यही इंतजार जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
करना। करीब पौने घण्टे बाद फिर इमरान एक साइकिल लेकर आया और कचेहरी के अंदर चला गया। थोड़ी देर बाद इमरान फिर वापस आया और बताया कि सारी सेटिंग हो गयी है। तुम वापस निकल जाओ, मैं भी निकलूंगा। तारिक अपनी जगह पर पहुंच जायेगा, मैं वापस घर आ गया। 25 या 26 नवम्बर, 2007 को सज्जाद ने देवबंद फोन करके बताया कि लखनऊ से हम सभी लोग नवचंदी एक्सप्रेस से देवबंद आ गये थे। बाकी लोग कश्मीर चले गये। मैं एडमीशन के लिए रूका हूं, इससे पहले मैंने हेजाजी के कहने पर राजू उर्फ मुख्तार के साथ गोरखपुर बम ब्लास्ट की योजना बनायी थी और स्वयं गोलघर के आस पास रैकी पर मुख्तार उर्फ राजू व छोटू को लेकर हिदायत के अनुसार विस्फोटक कराया था। इसके अलावा दिसम्बर 2006 में हेजाजी व खालिद कश्मीरी के निर्देश पर पांच किलो आर0डी0एक्स0 वाराणसी रेलवे स्टेशन पर मुख्तार उर्फ राजू व एहतेशाम माले गांव देने आये थे जिसे ले जाकर मैंने दिल्ली जामा मस्जिद पर खालिद कश्मीरी व हेजाजी को दिया था इसके करीब एक सप्ताह बाद हवाला से प्राप्त पांच लाख रूपया खालिद कश्मीरी को दिल्ली ले जाकर दिया था। आज हम लोग हेजाजी के निर्देश पर मुख्तार द्वारा दिया गया। विस्फोटक लेकर यहां आए थे जिसे गुरू ले जाकर तैयार करता, गुरू आने वाला था हो सकता है आप लोगों को देखकर हम लोगों के पास नही आया। खालिद मडि़याहूं ने पुनः माफी मांगते हुए बताया कि 24 नवम्बर को हमने अपने मदरसे में जाकर बच्चों की किताब व कापियां 23 तारीख में ही चेक कर ली थी तथा 23 नवम्बर की हाहिरी भी 24 में बना दी थी। सज्जाद के कहने पर मैंने मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था। अभियुक्त तारिक व खालिद मडि़याहूं उपरोक्त को उनके जुर्म धारा 115/ 332/120बी/121/121ए/122/ 124ए/307/302 भा0द0वि0 व 16/18/20/23 अनलाफुल एक्टीविटीज एक्ट व 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम से अवगत कराकर हिरासत पुलिस में लिया गया। दौरान गिरफ्तारी व पूछताछ मा0 उच्चतम न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया गया। बरामद विस्फोटक पदार्थ बरामदगी अनुसार अन्य बरामदगी के क्रम में मौके पर ही एयर बैग में ही रखकर एक एक सफेद कपड़े में रखकर सर्व मुहर कर नमूना मुहर तैयार किया गया। अभियुक्तगण द्वारा बताये गये पते पर गिरफ्तारी की सूचना थाना स्तर से त्वरित की जायेगी। फर्द मौके मुझ क्ल ैच् चिरंजीव नाथ सिन्हा, क्षेत्राधिकारी चैक लखनऊ द्वारा एसआई धनंजय मिश्रा एसटीएफ द्वारा बोल बोलकर लिखाई गयी। फर्द पढ़कर सुनाकर अधिकारीगण कर्मचारी गण हस्ताक्षर बनवाये जाते हैं। ह0 अंग्रेजी अपठनीय 22.12.2007 सी0ओ0 चैक लखनऊ ह0 अंग्रेजी धनंजय मिश्रा एसआई 22.12.2007। ह0 अंग्रेजी मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 लखनऊ। एच0सी0 पंकज कुमार ह0 ओ0पी0 पाण्डेय अंग्रेजी में एस0आनन्द एस0पी0 ह0 अभियुक्त अंग्रेजी में तारिक। ह0 अभियुक्त हिन्दी में खालिद। ह0 अंग्रेजी ओमवार सिंह एसआई 20.12.07 ह0 संजीव कुमार, ह0 नीरज कुमार। ह0 अपठनीय अंग्रेजी में कामाण्डों जय प्रकाश जिला: ठ।त्।ठ।छज्ञप् थाना ज्ञव्ज्ॅ।स्प् वर्ष 2007 प्र.सू.रि.सं.: 1891 दिनांक 22.12.2007
गुप्ता, कृष्ण कुमार तिवारी, ह0 सी0पी0 के0के0 सिंह, ह0 कमाण्डो भूपेन्द्र सिंह, ह0 एच0सी0 वीरेन्द्र कुमार यादव, ह0 का0 अमित सिंह ह0 का0 सत्य प्रकाश सिंह, ह0 एच0सी0 राजकुमार सिंह हे0 का0 राकेश मिश्रा, हे0 का0 नीरज मिश्रा, हे0 का0 अरविन्द अवस्थी, ह0 वकील खां, ह0 अंग्रेजी एस0सी0 सिंह। नोट- नकल फर्द अभियुक्तगण को दी गयी। ह0 अंग्रेजी अपठनीय 22.12.07 सी0ओ0 चैक, लखनऊ। ह0 अभियुक्त अंग्रेजी तारिक। ह0 अभियुक्त हिन्दी खालिद। ह0 अंग्रेजी अपठनीय 22.12.2007
नोट -तहरीर की नकल मुझ हे0हा0 कन्हैया लाल द्वारा बोल बोलकर कम्प्यूटर में फीड कराया गया, जो अक्षरशः फीड है।
13. की गयी कार्यवाही चूंकि उक्त सूचना द्वारा मद संख्या -2 पर उल्लिखित धाराओं के अन्तर्गत अपराध होने का पता चलता है।
1. मामला रजिस्टर्ड किया गया व अनुसंधान आरम्भ किया गया।
या
2. श्री/श्रीमती/कुमारी अनुसंधन अधिकारी का नाम: दया राम सरोज पदः सी0ओ0
नम्बर: 16629014 को अनुसंधान आरम्भ करने के निर्देश दिये
गये या
3. जिन कारणों से अनुसंधान आरम्भ करने से इनकार किया गया।
4. थाने को केस स्थानान्तरिक किया गया नाम या
क्षेत्राधिकार की दृष्टि से जिलाः
प्रथम सूचना रिपोर्ट परिवादी/सूचना देने वाले को पढ़कर सुनायी गयी जिसने सही लेखन की पुष्टि की और परिवादी/सूचना देने वाले को एक प्रति निःशुल्क प्रदान की गयीः
14. हस्ताक्षर/अंग्रूठे का निशान थाना प्रभारी के हस्ताक्षर
परिवादी/सूचना देने वाला काः नाम: वेदनाथ दुबे
पद एसएसआई नं. 16629014
15. न्यायालय में भेजने की दिनांक एवं समय:
सील थाना कोतवाली नगर
जनपद बाराबंकी
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