शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2014

राजेश कुमार श्रीवास्तव पुलिस उपाधीक्षक -------------गवाह ------------8------जारी---5

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एसटी नं0 310/2008
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सरकार बनाम मो0 खालिद मुजाहिद + 1 अन्य
थाना कोतवाली नगर जिला बाराबंकी

गवाह राजेश कुमार श्रीवास्तव ने सशपथ बयान
आज दिनांक 9.11.2012 को किया कि
जिरह जारी-
विवेचना मिलने के उपरांत मेरे द्वारा पुलिस
अधीक्षण टेªनिंग एवं सुरक्षा जो सुरक्षा
मुख्यालय में नियुक्त है एवं बी0डी0एस0 यूनिट
के प्रभारी अधिकारी भी हैं उनको पत्र विस्फोटक
को निष्क्रीय कराने हेतु भेजा गया था। उस
पत्र का कोई जवाब, कि किस दिन डिस्पोजल
किया जायेगा, नहीं मिला। बम डिस्पोजल
स्कैवड के आने की सूचना क्षेत्राधिकारी
नगर बाराबंकी द्वारा 1 बजे दिन में दी गई
थी। मैं लगभग 2 1/2 बजे उस दिन बाराबंकी
पहुंचा। मैं थाना कोतवाली सीधे गया था।
मैंने विस्फोटक सामग्री इत्यादि थाना कोतवाली
के मालखाना प्रभारी श्री भगवती प्रसाद मिश्र
से कोतवाली पहुंचने के 10-15 मिनट बाद
प्राप्त की। प्राप्त करने के बाद उक्त माल
को हैदरगढ़ बाईपास स्थित सतरिख
चैराहे के समीपस्थ खुले स्थान
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पर विस्फोटक पदार्थों के निष्क्रीय कराने
की कार्यवाही कराई गई। मैं नही बता सकता
कि विस्फोटक पदार्थ में क्या-क्या
अवयव थे। कोतवाली से मैंने अभियुक्तों
के पास से बरामद किये गये सम्पूर्ण प्रदर्शों
को प्राप्त किया था जिनको निष्क्रीय स्थल
पर लाकर उन प्रदर्शो से विस्फोटक
पदार्थ अलग किये गये थे तथा शेस
वस्तुओं को पुनः सील कर मौके पर ही
सील मोहर बनाई थी। कोतवाली में दो
बण्डल मिले थे दोनों सील्ड थे। मुझे याद
नहीं है, कि उन बण्डलों पर न्यायालय
की सील थी या नही। पैकेट कपड़े से
सील्ड था। कपड़े के पैकेट के ऊपर
मु0अ0सं0 धारा, अभियुक्त का नाम तथा
सील करने वलो अधिकारी के हस्ताक्षर
अंकित थे। मुझे याद नही इसके अतिरिक्त
कुछ लिखा हो तो सामानों की सूची
भी इसके अंदर थी। कपड़ा सफेद रंग
का लाइन क्लाथ था। मैं नही कह सकता
कि वह मारकीन था या नही। विस्फोटक
पदार्थों के साथ में, क्षेत्राधिकारी नगर
बाराबंकी थाना प्रभारी बाराबंकी एवं
उनके अधीनस्थ नियुक्त पुलिस बल,
बी0डी0एस0 टीम, माल खाना मोहर्रिर के
साथ लगभग साढ़े तीन बजे हैदरगढ़
बाईपास पहुंच गया था।
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वहां से लगभग साढ़े पांच बजे लौटे थे।
सबसे पहले मेरे द्वारा खालिद मुजाहिद
के पास से बरामद किये गये प्रदर्श
के नमूना सील मोहर का मिलान किया
गया था। पैकेट मेरे सामने अधीनस्थ
पुलिस अधिकारियों द्वारा खोले गये थे।
खोलने वाले अधिकारी का नाम नहीं
बता सकता। यह कहना असत्य है कि अधी
नस्थ अधिकारियों द्वारा उक्त पैकेटों को
नष्ट कर दिया गया हो। उन विस्फोटक
पदार्थों को निष्क्रीय कराने के उपरांत
उनसे प्राप्त अंश जो बी0डी0एस0 टीम द्वारा
प्रदत्त किये गये उनको सील मोहर करके
थाना कोतवाली लाकर मालखाना जमा
कराया गया। घटना स्थल पर निष्क्रीय
पदार्थों को मेरे द्वारा सील मोहर किया
गया था। मैं उसकी फर्द बनाई थी।
फर्द पर मालखाना प्रभारी तथा बीडीएस
टीम के प्रभारी अधिकारी के हस्ताक्षर
कराये थे। मुझे बी0डी0एस0 टीम के प्रभारी
अधिकारी का नाम याद नहीं है। बीडीएस
टीम में एक प्रभारी अधिकारी होता है उनके
अधीनस्थ कितने कर्मचारी आये थे, मुझे
याद नही है। थाना कोतवाली जिला
बाराबंकी में आई हुई बीडीएस टीम से
मेरा पूर्व में सम्पर्क नही था।
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बीडीएस टीम से मेरा सम्पर्क थाना कोतवाली
जिला बाराबंकी में हुआ था। मेरे द्वारा
विस्फोटक पदार्थ निष्क्रीय कराये जाने के
सम्बंध में दो व्यक्तियों के कथन अंकित
किये गये थे। ये कथन मैंने थाना कोत
वाली में अंकित किये थे। हैदरगढ़ बाई
पास सारे लोग अलग अलग वाहनों
से गये थे। पैकेट मैं स्वयं लेकर गया था।
थाना कोतवाली से हैदरगढ़ बाईपास
पहुंचने में 15 मिनट लगे थे कितने किलोमीटर
है वह नहीं बता सकता। मैंने गवाह का
हस्ताक्षर केवल फर्द पर कराया था। मैंने
गवाह पीडब्लू 3 को फर्द के बारे में पूरी जानकारी
दी थी। अगर गवाह ने कहा है कि
हस्ताक्षर फर्द पर कराये थे या किसी
अन्य कागज पर मुझे नही मालूम इस
पर मैं कोई टिप्पणी नही कर सकता।
पीडब्लू3 गवाह ने कहा है, ‘‘उसे सील
कोतवाली में किया गया था’’ यह गलत
है माल मौके पर सील हुआ था।
मैं नही बता सकता कि पीडब्लू 3 राजेश कुमार
गलत बयानी कर रहा है या सही। गवाह
पीडब्लू 3 राजेश कुमार ने कहा कि ‘‘सम्पूर्ण
बम विस्फोटक की कार्यवाही 4 बजे समाप्त
कर दी।’’ सम्पूर्ण बम निष्क्रीय करने की
कार्यवाही 4 बजे समाप्त कर दी गई थी
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लिखा पढ़ी की कार्यवाही बाद में की गई थी।
यह कहना गलत है, कि प्रदर्श क 10 फोटो स्टेट
प्रति है। प्रदर्शक 10 पर सीए आईजीएस
टी एक पेन से लिखी है प्रिंट नही है।
प्रदर्शक 10 जिनके हस्ताक्षर से जारी है वह
जीवित हैं। प्रदर्श क 10 पर उनके हस्ताक्षर
मूल हैं। हस्ताक्षरकर्ता का बयान मैंने
दौरान विवेचना दर्ज नही किया था विवेचना
के अन्तर्गत सभी साक्षियों का बयान अंकित
करना अनिवार्य नही है। इस हस्ताक्षरकर्ता
को मैंने आरोप पत्र में गवाह नही
बनायाथा। प्रदर्श क 10 के मार्जिन पर
नीचे (left ) में किसके हस्ताक्षर हैं नही बता
सकता। इस हस्ताक्षरकर्ता से मेरी मुलाकात
नही हुई, न मैंने इन्हें लिखते पढ़ते देखा
है। प्रदर्श क 10 मेरे सामने नही लिखा
गया था। तथा न ही, किसी अधिकारी
ने मेरे सामने हस्ताक्षर बनाये थे।
इस पर बने हस्ताक्षरों में से मैं केवल
अपर पुलिस अधीक्षक अपराध एवं
कानून व्यवस्था श्री बृजलाल के हस्ताक्षर
मैं पहचानता हूं अन्य किसी के
नहीं। यह कहना गलत है कि ब्रजलाल
नाम लिखा है इसलिए कह रहा होंउ।
मैं ब्रजलाल के साथ नियुक्त रहा हूं
लिखते पढ़ते देखा है।
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यह कहना सही है, कि प्रदर्शक 10 प्रिंटेड
मैटर है परन्तु इस पर ब्रजलाल के
हस्ताक्षर प्रिंटेड नही हैं वह असली हैं।
यह कहना गलत है कि प्रदर्श क-11 पर
जारीकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर प्रिंटेड
है। निर्गतकर्ता अधिकारी श्री राजीव
सब्बरवाल जीवित हैं तथा वर्तमान में डी0आई0
जी0 एटीएस के पद पर कार्यरत हैं। मैंने
इनका भी कोई बयान नहीं लिया है। बयान
न लेने का कोई कारण नहीं बता
सकता। मैंने इनको आरोप पत्र में गवाह
भी नहीं बनाया है। इसका कोई कारण
नही है। यह पत्र प्रदर्श क-11 मुझे 22.2.08
को प्राप्त हुआ था। यह पत्र प्रदर्शक-11 मुझे
कार्यालय में डाक के माध्यम से मिला
था। डाक का तात्पर्य आन्तरिक विभाग में
शाखाओं के मध्य आन्तरिक डाक व्यवस्था
से है। रजिस्टर पर चढ़कर एक विभाग
से दूसरे विभाग जाना आन्तरिक डाक
व्यवस्था है। यह पत्र 17.2.08 से चलकर
22.2.08 को मेरे पास आन्तरिक डाक
व्यवस्था से पहुंचा था। पत्र पहुंचने में
लगभग 5 दिन लगे क्योंकि मैं 17.2.08
से 21.02.08 तक बाहर था।
पत्र प्रदर्श क-11 मिलने के बाद मेरे द्वारा
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एस0पी0 बाराबंकी को पत्र लिखा था।
मैं नही बता सकता कि वह पत्र किस
डाक व्यवस्था के तहत भेजा गया।
उस पत्र पर मैंने अगले दिन
हस्ताक्षर किये थे। उक्त पत्र की ?
प्रति पत्रावली पर नही है। एस0
पी0 बाराबंकी द्वारा ए0टी0एस0 मुख्यालय
पर उक्त अभियोग से सम्बंधित
पूर्व किता की गई केस डायरी भेजी
थी। एटीएस मुख्यालय पर उक्त
केस डायरी प्राप्त होने के उपरांत पुलिस
उप महानिरीक्षक एटीएस द्वारा समस्त
केस डायरी दे दी गई। केस डायरी
मिलने के बाद मैंने पूर्व विवेचनाधिकारी
का कोई बयान नही लिया। केस डायरी
मिलने के पूर्व एवं उसके उपरांत मेरी
मुलाकात पूर्व विवेचक से मुलाकात
25.02.08 को हुई थी। मेरे द्वारा
अभियुक्तों का कोई बयान दर्ज नही
किया गया और न ही कोई
पूछताछ की गई।
            to be continued
        सु0त0कि0

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