यह बाते किसान जनजागरण यात्रा के उपलब्ध में किसान सभा द्वारा माती चौराहे पर आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अतुल कुमार अंजान ने कहा कि किसान अपने दलहन तिलहन, गेहूँ-धान गन्ना का दाम नहीं तय कर सकता है अब स्टाक मार्केट के अरबपति-खरबपति दलाल और बाजार के मुनाफाखोर खिलाड़ी इसका दाम तय कर रहे है। यहीं पूंजी का कमाल खेती किसानी का दुर्दिन है कारण साफ है किसान संगठित नहीं है।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के प्रदेश महासचिव राजेन्द्र यादव पूर्व विधायक ने कहा कि भारतीय किसान एक निर्मम षड़यन्त्र के तहत लूटे जा रहे है किसान विरोधी देशी-परदेशी सरकारी नीतियां तो उसे लूट ही रही है साथ में असमय वर्षा, बाढ़ सूखा, ओला वृष्टि और कीट हमलें से प्रकृति भी लूट रही है मौसम विज्ञान इसे जलवायु परिवर्तन का परिणाम बता रहे है किन्तु सबसे बड़ा सवाल है कि किसान कहा जाये? आज इस देश में सबकी आवाज सुनी जाती है किसान संगठित नहीं है। इसलिए सरकारी नीतियां उसे पीट-पीट कर अधमरा करती जा रही है। अधमरे लोगों में कमजोर दिल वाले आत्म हत्या कर रहे है। स्वयं सरकारी आकड़ों के अनुसार पिछले 15 वर्षों में आठ लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज बेग किसानों से अपील की कि 20 मई सन् 2016 को विधान सभा पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर आन्दोलन को सफल बनाओं।
जनसभा को पूर्व विधायक जयराम सिंह, जय शंकर सिंह, अर्चना उपाध्याय, राम कुमार भारती, शास्त्री प्रसाद त्रिपाठी, बृज मोहन वर्मा, डा0 कौसर हुसैन आदि ने सम्बोधित किया संचालन रणधीर सिंह सुमन ने किया।
सभा में विनय कुमार सिंह, मुनेश्वर वर्मा, गिरीश चन्द्र, कर्मवीर सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह, गनेश कुमार सिंह, राम नरेश वर्मा, वीरेन्द्र कुमार, नीरज वर्मा, अशोक मौर्य, सहदेव वर्मा, राम विलास वर्मा, अप्रेश वर्मा आदि प्रमुख किसान नेतागण मौजूद थे।
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