शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

सरकारी जमीन पर अतिक्रमणकारियों की हठधर्मिता से शांति व्यवस्था संकट में

बाराबंकी।त्योहारों के मौसम के करीब आते ही जिला प्रशासन शांति व्यवस्था केा सुदृढ करने की ओर संजीदा हो जाता है।उधर शरारती तत्व भी सक्रिय हो जाते है और कभी कभार राजनीतिज्ञ बदनीयत इसका लाभ उठाकर हालात केा गम्भीर बना देते है।
 इसी प्रकार की एक कवायद नगर के धार्मिक सौहार्द्रता के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्र पीरबटावन में इस समय चल रही है।यदि ेिजला प्रशासन ने समझदारी व सतर्कता में जरा सी भी चूक की तो स्थिति किसी समय भी गम्भीर हो सकती है।
 विवाद की जड़ फजलउर्रहमान पार्क के उत्तर दिशा में बीच सड़क पर नाजायज तौर पर बसे दूध के व्यवसाय से जुड़े यादव समाज के लोगो के कारण पैदा हो चली है जो सरेआम भैसे व गायें बीच सड़क पर बाॅधते हैं और नान्द व झोपड़ियां अतिक्रमण के रुप में कई वर्षो से यहाॅ कायम है। इसी स्थान के बगल मुस्लिम समुदाय की एक मस्जिद है। जिसे कारखाने वाली मस्जिद के रुप में जाना जाता है।आज जुमें के दिन जब क्षेत्र में सट्टी बाजार भी लगती हैं।यादव समाज के द्वारा साइकिल रिक्शा से गोबर लादकर मस्जिद के सामने मार्ग से ले जाया जा रहा था और सड़क पर गोबर गिरने से गन्दगी फैल रही थी,जिसका विरोध मुस्लिम समुदाय की तरफ से जब किया गया तो यादव समुदाय ने हठधर्मिता दिखाते हुए उलझना शुरु किया मामला गम्भीर रुख लेता इससे पूर्व क्षेत्र के सभासद व अन्य सम्भ्रान्त नागरिक मौके पर आ गये और स्थिति को नियन्त्रण में कर लिया।
 उधर जिला प्रशासन ने भी तत्परता दिखाते हुए तुरन्त त्वरित कार्यवायी करके मार्ग पर अतिक्रमण किए हुए लोगो का नाजायज कब्जा जे0सी0बी0 मशीन से हटवा दिया।क्ष्ेात्रीय लोगो के अनुसार अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कई बार ऐसी कार्यवायी की जा चुकी है।परन्तु यह लोग कब्जा अपने राजनीतिक संरक्षण के कारण पुनः सरकारी जमीन पर कर लेते है और समाचार प्रेषित करते समय सूचना प्राप्त हुई कि अवैध कब्जाधारियों ने   शाम में पुनः अपना कब्जा उसी स्थान पर मय भैंसो के कर लिया जहाॅ से वह हटाए गए थे।

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