बाराबंकी।मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सूर्य प्रकाश शर्मा ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के आदेश के अनुपालन मेें जनपद के पूर्व पुलिस अधीक्षक एस0बी0शिरोडकर सहित 11 पुलिस कर्मियोें के विरुद्ध भुक्तभोगी/याची महेन्द्र कुमार शुक्ला की शिकायत पर बगैर किसी अपराध के उसे शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न देने के आरोप में अभियोग पंजीकृत करने के आदेश नगर कोतवाली पुलिस को दिए है।
यह कार्यवायी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध 01 जनवरी 2007 में हुई एल0आई0सी0मुख्यालय स्थित आवास विकास में 50 लाख रुपये की लूट काण्ड के दौरान महेन्द्र कुमार शुक्ला को गैरकानूनी हिरासत में रखकर उसका शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करने के मामले में की गयी है। सर्वप्रथम भुक्त भोगी महेन्द्र कुमार शुक्ला ने उक्त पुलिस कर्मियों के विरुद्ध धारा 156(3)द0प्र0संहिता अंतर्गत तत्कालीन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी अनुपमा गोपाल निगम की अदालत में शिकायत दर्ज करायी थी,परन्तु अदालत द्वारा उसे खारिज कर दिया गया था।इसके विराध में भुक्त भोगी द्वारा एक याचिका मा0उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ में दायर की गयी थी।जिस पर न्यायालय द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी को आदेशित किया गया था कि वह तत्कालीन एस0पी0,एस0बी0शिरोडकर,अपर पुलिस अधीक्षक आर0पी0सिंह,जैदपुर थाना इंचार्ज गिरजा शंकर त्रिपाठी, एस0ओ0 कुर्सी देवेन्द्र दूबे,एस0ओ0सी0पी0द्विवेदी,सी0ओ0राम सनेही धाट राजेश कुमार सिंह व आरक्षी राम गोपाल,विपिन,राजेश ,राजेश पाण्डे व शीतला सिंह के विरुद्ध गैरकानूनी हिरासत में याची को रखकर उसकेा शारीरिक व मानसिक यातना देने का अभियोग पंजीकृत करने का आदेश कोतवाली पुलिस को दे।
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