बाराबंकी। आमतौर पर पुलिस की भूमिका यह मानी जाती है और इसका कानूनी दायित्व भी बनता है कि यदि कहीं भी कोई घटना या दुर्घटना हो जाए तो वह पुलिस कर्मी चाहे उस क्षेत्र में ड्यूटी पर हो या न हो उसे अपने दायित्वों का निर्वाह करना चाहिए। परन्तु मौजूदा पुलिस का रवैया यह चल रहा है कि वह सड़क पर दुर्घटना का शिकार व्यक्ति को जिला अस्पताल की चैखट पर छोड़ कर अपने दायित्वों से बचने के लिए उल्टे पावं लौट आते है।
बीते 24 घण्टों के दौरान विभिन्न दुर्घटनाओं में दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी और दोनो ही मामलों में हल्के की पुलिस ने गम्भीर रुप से घायल तथा दूसरा मृतक अवस्था में जिला अस्पताल के आपात कक्ष के दरवाजे बाहर से छोड़कर चले आए।
पहला मामला थाना सफदरगंज अंतर्गत ग्राम रसौली का है जहाॅ बीती रात साढे 9 बजे के करीब फैजाबाद बाराबंकी राजमार्ग पर किसी अज्ञात वाहन द्वारा मोटर साइकिल सवार एक नवयुवक को टक्कर मार दी। सड़क पर अचेत अवस्था में पड़े इस व्यक्ति को बताते है कि एक बावर्दी पुलिस के सिपाही द्वारा उठाकर जिला अस्पताल के आपात कक्ष तो पहुचायाॅ गया, जहाॅ लगभग दो घण्टे पश्चात उसकी मृत्यु हो गयी, परन्तु सिपाही ने आपात कक्ष के रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने से किन्ही कारणो से परहेज किया। केवल एक इंसानी दायित्व उसने निभाया कि मृतक युवक के पास से मिले मोबाइल से उसने उसके भाई विजय बहादुर जो कि संजय गांधी पो0ग्रे0संस्थान लखनऊ मंे कार्यरत है को उसके हताहत होने की सूचना दे दी।
इस सूचना पर विजय बहादुर ने जिला अस्पताल के मुर्दा घर में रखे अज्ञात नवयुवक के शव को देखकर उसकी तस्दीक अपने छोटे भाई राकेश (30) पुत्र रामदीन नि0 सलेमपुर परसावां थाना कोतवाली टाण्डा अम्बेडकर नगर के तौर पर की। विजय बहादुर के अनुसार उसका भाई राकेश उसी से मिलने अपने आवास अम्बेडकर नगर से मोटर साइकिल द्वारा आ रहा था कि दुर्घटना का शिकार हो गया।
दूसरी घटना थाना सफदरगंज के क्षेत्र में आज प्रातः रेलवे लाइन पर घटी जिसमें जनपद फैजाबाद के थाना मवई अंतर्गत ग्राम लोहराज पुरवा के निवासी नूरेन (18) पुत्र सगीर की मृत्यु उस समय हो गयी जब वह फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से रुदौली जा रहा था। बताते है कि मृतक अपने चचेरे भाई शहजाद (20) पुत्र वारिस नि0 पता उपरोक्त के साथ जनपद गाजियाबाद से वापस अपने घर आ रहे थे और भीड़ के कारण ट्रेन के डिब्बे में दरवाजे पर बैठे हुए सफर कर रहे थे। इसी बीच धक्का मुक्की नूरेन जब नीचे गिरने लगा तो शहजाद द्वारा उसे थामने का प्रयास किया गया परिणाम स्वरुप दोनो नीचे चले गए।
गम्भीर रुप से घायल शहजाद व मृतक नूरेन का शव लेकर जी0आर0पी0सिपाही जिला अस्पताल की चैखट तक आया और अपना एक मोबादल नं0 (जो गलत था) उन्हे देकर चला गया। नजीजा यह हुआ कि नगर कोतवाली पुलिस को अस्पताल के चिकित्सक द्वारा सूचना भेजी गयी जिसने आगे की कार्यवायी की।
शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010
गम्भीर मामलोें में भी मित्र पुलिस अपने फर्ज से मुॅह चुराती है
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