बाराबंकी। इण्डियन नेशनल कांग्रेस के महामंत्री व कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी ने भाजपा शासित प्रदेश मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के ऊपर तीखा प्रहार करते हुए उसकी तुलना प्रतिबन्धित संगठन स्टूडेण्ट इस्लामिक मूवमेन्ट आफ इण्डिया(सिमी) से करके जहाॅ एक ओर अयोध्या फैसले से आहत मुस्लिम समुदाय को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सम्प्रदायिक ताकतो से कांगे्रस अब खुल कर दो दो हाथ करने के मूड में है तो वही दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को एक अवसर कांग्रेस पार्टी को घेरने का दे दिया है।
राहुल के वक्तव्य के ऊपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संघ के प्रवक्ता राम माधव ने उन्हे एक अनुभव हीन राजनेता बताते हुए कहा है कि उन्हे इस बात का अंतर नही मालूम कि संघ देश प्रेमी संगठन है या सिमी की तरह देश द्रोही ?
जहाॅ तक संघ के राष्ट्र प्रेम की बात है तो इसका आधार वहीं डगमगा जाता है जब वह बहु संस्कृति व बहु धर्मी इस राष्ट्र के ऊपर अपनी कट्टर पंथी हिन्दुत्व वादी विचार धारा थोपने का प्रयास करता है और इसी के चलते इस संस्था के एक चहेते जननायक सावरकर की पार्टी हिन्दु महा सभा के एक सिरफिरे सदस्य द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करते हुए अपना आतंकवादी चेहरा वर्षो पहले दर्शा दिया था। यह कैसा दोहरा मापदण्ड है कि इस्लामी राष्ट्र यदि इस्लाम के कानून या शरियत की बात करे तो वह कट्टरपंथी और हिन्दुत्व की बात करने वाले राष्ट्रवादी ? देश के राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले, देश में हजारों की संख्या में दंगा कराने वाले मुम्बई व गोधरा में मुसलमानों का नरसंहार कराने वाले तथा आस्था की दुहाई देकर कानून की धज्जियां उड़ाकर बाबरी मस्जिद की ईंट से ईंट बजाने वालो को यदि कट्टरपंथी या आतंकवादी कह दिया जाए या भगवा आतंकवाद की बात की जाए तो यह देश द्रोहिता और इस्लामी आतंकवाद या जमाते इस्लामी सिमी व पापुलर फ्रण्ट आफ इण्डिया नामक संगठनों पर देश द्रोहिता की मोहर लगाने वाले देश प्रेमी ? जबकि एक भी मामले में सिमी, जमाते इस्लामी तथा पापुलर फ्रण्ट आफ इण्डिया की भूमिका किसी देश द्रोही कृत्य या आतंकवादी कृत्य में अभी तक स्थापित या सिद्ध नही हो पायी है। फिर भी इन संगठनों पर प्रश्नवाचक चिन्ह तथा प्रतिबन्ध और खुले आम समाज में एक समुदाय विशेष के विरुद्ध विष घोलने देश के कोने कोने मेें शाखा लगाकर शस्त्र प्रशिक्षण शिविर चलाने वाले आजाद ?
राहुल गांधी अपने वक्तव्य में इस बात पर जरुर घिर सकते है कि सिमी के साथ संघ को यदि वह और उनकी पार्टी बराबर खड़ा पाती है तो फिर एक पर प्रतिबन्ध और दूसरो को निरंकुश क्यों कांग्रेस ने छोड़ रखा है।
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