बाराबंकी। क्रूरता की सारी हदे पार करके अपने जिगर के टुकड़ो दो कमसिन बच्चो की हत्या कर आत्म हत्या करने वाली सावित्री की मौत आत्म हत्या से ही हुई थी इस बात की पुष्टि आज अन्त्य परीक्षण की रिपोर्ट में डाक्टर द्वारा कर दी गयी।
नगर कोतवाली अंतर्गत नई बसी मुनेश्वर विहार बस्ती के एक छोटे से कमरे में एक ऐसा खौफनाक नजारा शायद ही इससे पूर्व नगर के किसी स्थान में देखने को मिला हो। जब 30 वर्षीय विवाहिता सावित्री का शव एक तख्त पर मृतक अवस्था में गिरा पड़ा था। पास ही प्लास्टिक की दो कुर्सिया तले उपर रखी थी रोशन दान से एक सूत की रस्सी लटक रही थी जिसे काटकर सावित्री के शव को उतारा गया था तख्त के नीचे चंद फिट के फासले पर सावित्री के दो मासूम बच्चो क्रमशः सत्यम (5) व रितेश (2) के शव पड़े हुए थे सत्यम का शव देखने से लगता था कि उसे धारदार असलहे से कई वार गर्दन पर करके मारा गया था आधी गर्दन उसकी कट चुकी थी पास ही दो वर्ष का छोटा बालक रितेश लेटा था उसकी नरखटी के बीचो बीच एक गहरा छेद स्पष्ट रुप से दिख रहा था। बच्चो के शवो के पास ही एक अदद दरमियानी साइज का बाॅका पड़ा हुआ था जिस पर रक्त का निशान मौजूद था उसी के करीब सब्जी काटने वाला लगभग पाॅच इंच का एक चाकू भी पड़ा हुआ था जिस पर रक्त का कोई निशान नही दिख रहा था।
यह दिल को दहला देने वाला मंजर देखकर मुनेश्वर विहार मोहल्ले के हर आदमी के मुॅह से एक ही आवाज निकलती थी कि बड़ा दर्दनाक हादसा है और एक माॅ क्या इतनी निर्दयी हो सकती है कि अपने खून से बने अपने जिगर के टुकड़ो को एक के बाद एक इतनी बेरहमी से काट कर उन्हे मार सकती है?
पुलिस को इस बात पर शक था कि शायद माॅ ऐसा नही कर सकती इसीलिए उसने सबसे पहले मृतका के पति अम्बर लाल वर्मा को अपनी हिरासत में ले लिया था।जिसने पुलिस को यह बताया कि बीती रात उसका झगड़ा पत्नी से उसके मायके मे रहने वाले इन्दर लोध से मोबाइल द्वारा बराबर बात करने को लेकर हुआ था और बात इतनी बढी कि क्रोध में आकर उसने पत्नी का मोबाइल तोड़कर फेंक दिया। दोनो पति पत्नी ने रात में खाना भी नही खाया और सो गए। प्रातः उठकर अपने काम पर ठेकेदार अमर सिंह वर्मा जिसके पास वह विगत 12 वर्षाे से मेठ के पद पर नौकरी करता था, जाने से पहले अपने दोनो बच्चो को बिस्किट खरीदवाने ले गया और घर पर छोड़ कर काम पर चला गया। ठेकेदार अमर सिंह के अनुसार अम्बर उसके यहाॅ से अपने घर के लिए दिन के 12 बजे रवाना हुआ और पुनः थोड़ी देर बाद उसका फोन उसके मोबाइल पर आया कि उसके दोनो बच्चो की हत्या करके उसकी पत्नी ने आत्म हत्या कर ली है।
उधर मृतका सावित्री की मृत्यु की सूचना पाकर जनपद गोण्डा के थाना करनैल गंज के फत्तेपुरवा ग्राम निवासी हरिनाम वर्मा अपनी माॅ प्रभा देवी व छोटी छोटी तीन बहनो व परिवार के अन्य सदस्यो के साथ बिलखता हुआ आया और आते ही उसने अपने बहनोई पर आरोप लगाया कि इसी के व्यवहार से हादसा हुआ है और उसकी बहन व उसके भाॅजो को अम्बर ने ही मार डाला है। हरिनाम के अनुसार अम्बर अव्वल दर्जेे का जुॅआरी व शराबी था और दीपावली के कुछ पहले उसने बहन के कहने पर अम्बर को 50 हजार रुपये इस लिए दिए थे कि जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय मे सफाई कर्मी के पद पर होने वाली नियुक्ति में रिश्वत देने के लिए अम्बर को जरुरत थी। परन्तु अम्बर ने दिवाली में अपने गांव सिरौलीगौसपुर थाना बदोसरायं मे जुए मे सारी रकम हार डाली। इस बात को लेकर पति पत्नी में इतना तनाव बढा वह मायके आकर बैठ गयी मृत्यु से 8 दिन पहले ही मुनेश्वर विहार क्वार्टर आयी थी हरिनाम के अनुसार मरने से एक रात पहले 6ः44 बजे सावित्री का फोन उसके मोबाइल पर आया और उसके द्वारा बताया गया कि चार दिन के बाद अम्बर आज घर आया है परन्तु कोई बात उससे नही कर रहा है। यह उसकी आखिरी बातचीत अपनी बहन के साथ थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भले ही सावित्री की मौत का कारण आत्म हत्या बताकर पुलिस का काम आसान कर दिया हो क्योंकि पुलिस के अनुसार मुल्जिम भी उसके कब्जे में है परन्तु मुनेश्वर विहार में यह बात किसी के गले के नीचे नही उतर रही है। कारण यह कि अम्बर ने जब अपने कमरे मे कदम रखा तो दरवाजा अन्दर से बंद था तो वह किसने खोला? क्या सावित्री बरामदे में खुलने वाले दरवाजे को खुला छोड़कर हिंसा का नग्न नाच,कर रही थी? यदि नही तो फिर अम्बर के आने पर दरवाजा किसने खोला? दूसरा प्रश्न जो खड़ा होता है वह यह कि अम्बर ने जब अपनी पत्नी को फाॅसी के फन्दे पर झूलता देखा तो उसने पुलिस को सूचित करने के बजाए उसे क्यों उतारा? अम्बर का यह जवाब कि उसका छोटा बेटा रितेश में कुछ जान बाकी थी इसलिए उसे लेकर पहले वह पास के कृष्णा नर्सिंग होम दौड़ता गया जहाॅ डाक्टरो ने जब उसके बच्चे को मृत्यु घोषित कर दिया तो पुनः वह अपने क्वार्टर आया उसके बाद उसने सबसे पहले अपने मालिक ठेकेदार अमर सिंह वर्मा को मोबाइल पर सूचना दी पुलिस को तब भी सूचना न देना एक और सवाल खड़ा करता है। फिर छोटे बेटे को यदि पास रखी सब्जी की छूरी से घोंपकर उसकी हत्या की गयी है तो फिर छूरी में रक्त का निशान क्यों नही था।
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