गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

150 साल पहले 38 को हुई थी सामूहिक फांसी


150 साल पहले 38 को हुई थी सामूहिक फांसी


 

 
सेंट पाल (मिनेसोटा). क्रिसमस दुनियाभर में ईसा मसीह के जन्मदिन की खुशियों के रूप में मनाया जाता है, लेकिन अमेरिका के डकोटा प्रांत में रेड इंडियन यह दिन गमभरी यादों में डूब कर मनाते हैं।
 
 
अमेरिका के मूलनिवासी रेड इंडियन परिवारों के लिए क्रिसमस का पर्व अपने पुरखों की गमभरी यादों में डूब जाने का होता है। 150 साल पहले इसी दिन अमेरिका सरकार ने 38 रेड इंडियन लोगों को विद्रोही बताकर फांसी पर लटका दिया था। अमेरिकी इतिहास में सार्वजनिक फांसी दिए जाने की यह सबसे बड़ी घटना थी।
 
 
रेड इंडियन समुदाय के वंशज हर साल इस याद को पुनर्जीवित करते हैं। इस बार भी हड्डियां जमा देने वाली सर्दी के बावजूद उन्होंने घोड़ों पर 300 मील की यात्रा की।
 
 
दक्षिण पश्चिमी मिनेसोटा के सू इंडियन समुदाय के पूर्व अध्यक्ष शेल्डन वोल्फचाइल्ड ने कहा, हमारे पुरखों को जिस भीषण यातना से गुजरना पड़ा हम आज भी हर बीतते दिन के साथ इसके साथ जीते हैं। रेड इंडियनों की 300 मील लंबी यात्रा 10 दिसंबर को शुरू होती है।
 
 
यह मनकाटो में पूरी होती है। 1970 के दशक से यह सिलसिला शुरू हुआ है। इस विद्रोह से रेड इंडियन समुदाय और गोरों की सरकार के बीच तीन दशक तक संघर्ष रहा। सू इंडियन परिवार इस यात्रा के जरिये गोरों के अत्याचारों की याद और अपने समुदाय की एकता बनाए रखना चाहते हैं।
 
 
फांसी के पहले यातना भी दी
 
26 दिसंबर 1862 को सर्द सुबह हजारों लोग मिनेसोटा के सीमावर्ती कस्बे मनकाटो में जमा हुए थे। भीड़ भरे इलाकों से सैनिक 38 रेड इंडियनों को यातना देते हुए वहां लाए। एक खास किस्म के प्लेटफार्म पर लाए जाते समय ये लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े थे और आजादी के तराने गा रहे थे। इन्हें विद्रोही बता कर वहीं फांसी पर लटका दिया गया।
 http://www.bhaskar.com/article/INT-mass-hanging-of-dakota-indians-was-150-years-4127970-NOR.html
 

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