शुक्रवार, 3 अक्तूबर 2014

राजेश कुमार श्रीवास्तव पुलिस उपाधीक्षक -------------गवाह ------------8------जारी--13

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Cr. No. 1891/07
सरकार खालिद मुजाहिद व 1 अन्य
PW 8
04.10.2013
IMEI 355655017210646  की डिटेल
दिनांक 01.08.2012 से 31.12.07 तक की दी गई थी
जिसमें से 16.12.07 समय 17.07.46 बजे काल
होने के कारण उसके बाद से काल दे पाना संभव
नही हो सका यह बयान दि0 03.05.13 को दिन
था परन्तु दिनांक 22.12.07 समय 11.49 बजे तक
का काल डिटेल आरोप पत्र के साथ दाखिल
किया था या नही इस बात को अभिलेख देखकर
ही बता सकता हूँ।

                सुनकर तस्दीक किया
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04-10-2013साक्षी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने सशपथ
बयान किया कि-
    यह कहना सत्य है कि मेरे द्वारा
IEMI No.  35565500721064  से
सम्बंधित सी0डी0आर0 दिनांक 22.12.07 तक
का केस डायरी के साथ दाखिल किया गया
था। यह कहना सही है कि बशीर अहमद कोड
उर्फ शबा उर्फ एजाजी द्वारा खालिद मुजाहिद
तथा तारिक काजमी के साथ उनके मोबाइल
फोन पर बात की गयी थी। बशीर अहमद
कोड उर्फ एजाजी जम्मू कश्मीर पुलिस के
साथ मुठभेड़ में मारा गया था। मुठभेड़ में
मारे जाने के उपरान्त सामानों के लिए
बनायी बनायी गई फर्द जो एस0पी0 किश्तवाड़
द्वारा फैक्स भेजी गयी था। उसका अवलोकन
मेरे द्वारा किया गया था। अभियुक्त बशीर
अहमद कोड उर्फ एजाजी के पास नोकिया फोन
जिसका माडल नं. 1110 था बरामद किया गया था।
उसके IMEI नं0 का उल्लेख नही है। प्रत्येक
मोबाइल फोन का IMEI नं0 अलग अलग
होता है। उक्त मोबाइल नम्बर के सम्बंध में मेरे
द्वारा एस0पी0 किस्तवाड़ को पत्र द्वारा अवगत कराये
जाने की प्रार्थना की थी जिस पर उनके द्वारा
उक्त बरामद शुदा मोबाइल फोन IMEI नम्बर
तथा उसमें सिम नम्बर के बारे में फैक्स से सूचना
दी गयी थी। यह कहना सत्य है कि उसका
सत्यापन मेरे द्वारा व्यक्तिगत रूप से नहीं   
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किया गया। दिनांक 23.11.07 को गिरफ्तारी के
दिन तारिक काजमी के पास से बरामद किये गये
फोन से सम्बंधित सिम को ये थाना सरांय रानी
सरायमीर फूलपुर यू0पी0 ईस्ट था। खालिद मुजाहिद की गिरफ्तारी
के समय बरामद किये मोबाइल फोन व IMEI  नं0
सिम लोकेशन दिनांक 23.11.07 को कोडीफाइड होना
कराया गया नही किया जा सका। यह कहना सत्य है
कि वे लोकेशन जो कोडीफाइड है उसके बारे में
विवरण ज्ञात किया जाता किन्तु कोई भी कम्पनी
किसी भी विशिष्ट तिथि के सम्बंध में व्यक्ति
विशेष प्रश्न विवेचना के द्वारा मांगा गया नम्बर
उसका से विवरण उपलब्ध कराती है। अतः ऐसी
स्थिति में मेरे द्वारा दिनांक 23.11.07 से सम्बंधित
विवरण नही मांगा गया था। अभियुक्तगण द्वारा
एक अवगत कराया था किसी आतंकी घटना
को कारित करते समय इनके द्वारा मोबाइल फोन
प्रयोग नही किया जाना। अतएवं इस कारण से
मैंने दिनांक 23.11.07 को इनके मोबाइल फोन के लो
केशन से सम्बंधित कोई प्रश्न नही पूछा।
    दिनांक 22.12.07 को इन अभियुक्तों
द्वारा मुम्बई में कार्य करने की योजना थी जिसे
उसके बीच में हो ये गिरफ्तार कर लिये गये
दिनांक 22.12.07 को इमरान उर्फ गुरू इनसे
आकर बाराबंकी में मिलने वाला था जिसके बाद
इनके द्वारा प्रयुक्त किये जाने वाला मोबाइल फोन
छोड़ दिया गया था। इमरान गुरू के द्वारा कोई
मोबाइल फोन प्रयुक्त नही किया गया।
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04-10-2013बातचीत होने का कोई प्रश्न नही है। बातचीत
फोन द्वारा न होने से स्पष्ट रूप से नही कहा जा सकता
कि इमरान गुरू अभियुक्तगण के सम्पर्क में नही था।
   विभिन्न आसूचना इकाई से एस0टी0एफ0 को यहसूचना दी
गयी थी कि इमरान उर्फ गुरू
इनके साथ बाराबंकी से मुम्बई जाकर इनके सहयोग
से किसी आतंकी घटना को अंजाम देने वाला है।
आसूचना विभाग व दस्तावेज जो अत्यंत गोपनीय
प्रकृति के होते हैं उन सूचनाओं को मात्र
किया जाता है उनके सम्बंध में कोई प्रपत्र
उपलब्ध नही कराये जाते। मेरे द्वारा इस अभियोग
में अभियुक्त गण से कोई पूछतांछ स्वयं नही की गयी।
    अभियुक्त गण द्वारा अपनी गिरफ्तारी के
सम्बंध में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद
खण्ड पीठ लखनऊ में writ प्रस्तुत किया था। इसकी
जानकारी मुझे है। इस writ मैंने प्रति शपथ पत्र
प्रस्तुत किया था। दिनांक 14.12.2007 अजहर अली
ग्राम सम्मोपुर थाना रानी की सरांय आजमगढ़ से
थाना रानी की सराय मो0 तारिक काजमी
के गुमशुदगी के सम्बंध में दिया था  इसके बारे में
मुझे कोई जानकारी नही है। प्रार्थना पत्र की जानकारी
न होने के कारण मैंने थाना रानी सराय की दिनांक 14.12
2007 को नहीं देखा। 

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