शनिवार, 21 अगस्त 2010

वन विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर दलित युवक ने अपनी कमसिन बच्ची सहित की आत्म हत्या वनाधिकारियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत

बाराबंकी।थाना सतरिख के अंतर्गत पोस्ट नानमऊ के ग्राम बड़ापुरा के एक दलित अभिमन्यु कुमार गौतम (35) ने अपने आवास में बीती रात अपनी डेढ वर्ष की पुत्री सपना की गला दबाकर हत्या करने के पश्चात फाॅसी लगाकर स्वयं भी आत्महत्या कर ली।मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार वन विभाग हरख रेंज के रेंजर के अरविन्द कुमार सिंह व डिप्टी रेंजर के जवाहर लाल मौर्या व उनके एक सहयोगी संजय कुमार वर्मा को ठहराया हैं पुलिस ने तीनों नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध भा0दि0वि0 की धारा 306 व एस0सी0/एस0टी0एक्ट के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत करके उनकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए है।मौके पर जिलाधिकारी विकास गोठलवाल,पुलिस अधीक्षक नवनीत कुमार राणा,उप जिलाधिकारी सदर अनिल कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी सदर दयाराम सरोज व अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी श्रीपर्णा गांगुली ने पहुॅचकर आहत परिवार को संात्वना दी और दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवायी किए जाने का आश्वासन दिया।
 अभिमन्यु कुमार गौतम की वेदना की कहानी विगत वर्ष उस समय प्रारम्भ हुई जब उसका बेटा पंकज चैधरी अवैध कटान के कारण पेड़ के नीचे दबकर मर गया था।यह कटान हरख रोड पर वन विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से चल रहा था और पंकज चैधरी बाल कटवाकर काजी बाग होता हुआ लौट रहा था कि अचानक उसके सिर पर कटान हो रहे शीशम के वृक्ष का एक बडा भाग गिर पड़ा।अभिमन्यु ने इसकी रिपोर्ट थाने में की,जिसके बाद अभिमन्यु को क्षेत्र के रेंजर अरविन्द कुमार सिंह ने राजी खुश रखने के लिए हरख नर्सरी पर दैनिक वेतनमान पर रख लिया।अभिमन्यु के अनुसार उसने अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद जम कर मेहनत की और उसको टुकड़ो टुकड़ो में वनाधिकारियों द्वारा पैसा दिया जाता रहा।जो बढकर कुल 26हजार 800 रुपये बकाये के रुप में उसका वन विभाग पर बना।अभिमन्यु ने अपने इस बकाया धनराशि के लिए अनेक बार प्रार्थना पत्र वनाधिकारियों जिसमें वन संरक्षक सरजू फैजाबाद मण्डल भी शामिल है को दिया तथा जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से भी इस बाबत पत्राचार किया और मुख्यमंत्री मायावती से भी पत्र द्वारा गुहार लगायी।परन्तु बकौल अभिमन्यु के सुसाइड नोट में लिखी इबारत के वन रेंज अफसर अरविन्द सिंह व डिप्टी रंेजर जवाहर मौर्या उसे बराबर धमकाते रहे और यहाॅ तक कहा कि अवैध कटान व डकैती के मामले में उसे जेल भिजवाकर उसकी जिन्दगी वह लोग खराब कर देंगे।उनके इस काम में उन्हे सहयोग ग्राम भगवानपुर थाना सतरिख के संजय वर्मा ने भी दिया।
 अंत में तंग आकर उसने अपनी जीवन लीला को समाप्त करने का निर्णय ले लिया तथा अपनी मौत से पहले उसने सुसाइड नोट के तौर पर जिलाधिकारी को पत्र लिखा,जिसमें कहा गया कि मेरी लाश को तब फाॅसी के नीचे उतारना जब मेरा बकाया हरख रेंजर से 26 हजार 8सौ रुपये दिला देना वरना मुझे घर में सड़ने देना।दूसरा पत्र अपने छोटे भाई हरिनाम को लिखा,जिसमें उसने उसकी आदत को सुधारने का उपदेश दिया और अपनी बकाया राशि अपनी बेटी ज्योति की शादी के लिए सुरक्षित रखने को कहा।तीसरा पत्र अपने छोटे बहनोई प्यारे लाल व बहन माता देवी को लिखा कि उसके मरणोपरान्त उसके पुत्र बबलू 16 वर्ष का पालन पोषण वह करेंगे और उसकी जमीन भी वह बोएंगे।जिलाधिकारी को लिखे गए एक अन्य पत्र में कहा कि उसके मरणोपरान्त जमीन का मालिक उत्तम चैधरी उर्फ बबलू होगा और पंकज चैधरी के नाम से मिलने वाला अनुदान भी उसी को मिले।यदि उसका पुत्र मर जाए तो सारी सम्पत्ति की मालिक उसकी बीबी होगीं।यदि उसके पुत्र की शादी नही होती है और उसके पुत्र को कुछ हो जाता है तो उसकी सम्पत्ति सरकार को दे दी जाए।
 इस सम्बन्ध में प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी बाराबंकी ए0पी0त्रिपाठी का कहना है कि उन्होने अभिमन्यु कुमार द्वारा अपने मातहतो पर लगाये गये जाॅच हेतु एक पाॅच सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है।जिसका नेतृत्व उप प्रभारी वनाधिकारी एम0पी0सिंह करेंगे।जिसमें वन रेंज अधिकारी एम0पी0गौतम,वन क्षेत्राधिकारी फतेहपुर डी0के0सिंह,वन कर्मचारी अध्यक्ष इसरत अली खाॅ दैनिक वेतन मान संध के अध्यक्ष राजेन्द्र वर्मा शामिल है। यह समिति एक सप्ताह के अन्दर अपनी रिपोर्ट उन्हे प्रेषित करेगी।उन्होने यह भी बताया कि मृतक अभिमन्युं कुमार अकसर शराब के नशे में धुत होकर हरख रेंज में वन कर्मचारियों से बदसलूकी करता था जिसे लोग यह सोच कर नजर अंदाज करते थे कि उसका बच्चा मरा है वह गमगीन है और इसी हमदर्दी के चलते उसे हरख रेंज में बावजूद उसकी कामचोरी के काम पर लगाया जाता रहा कि उसकी आर्थिक मददद होती रहे।उन्होने यह भी बताया कि जुलाई माह में उसके बकाया धनराशि का हिसाब एस0डी0वन विभाग की उपस्थिति में उसे संतुष्ट करते हुए 31 जुलाई 2010 को उसे सम्पूर्ण बकाया धनराशि दस हजार एक सौ रुपया उसे अदा करके उससे रिसीविंग ले ली गयी थी।जो विभाग के पास अभी सुरक्षित है।

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