सोमवार, 13 सितंबर 2010

सलमान की हत्या आशनायी में नही वसूली व दबंगई में की गयी थी

बाराबंकी।नगर कोतवाली अंतर्गत कस्बा बंकी में बडे़मियन की मजार के पास ईद से मात्र दो दिन पूर्व हुई एक मुस्लिम नवयुवक मो0सलमान की हत्या न तो जुए की फड़ पर हुई थी और न ही किसी लड़की के अपहरण के कारण हुई थी बल्कि यह मामला वसूली का था जिसे पुलिस ने बहुत ही समझदारी से दूसरी ओर मोड़ दिया।
 ज्ञातव है कि कस्बा बंकी में विगत 8 सितम्बर की अपरान्ह दक्षिण टोला के सै0अहमद उर्फ मुन्ना अंग्रेज के पुत्र मो0सलमान की हत्या गर्दन में तमंचा सटाकर फायर करके कर दी गयी।पुलिस की ओर से यह बताया गया कि बड़े मियन की मजार के पास मतनिया तालाब के किनारे जुएं की फड़ पर यह हत्या हुई है।उसके दूसरे दिन एक हिन्दी समाचार पत्र ने यह खुलासा किया कि मृतक की हत्या एक लड़की के अपहरण में उसकी संलिप्तता के कारण हुई है।परन्तु अब जो समाचार सूत्रों से प्राप्त हो रहे है उसके अनुसार मो0सलमान को अपने प्राणो की आहूति दबंगो की वसूली की मांग पूरी न होने के कारण देनी पड़ी है।
 हत्या काण्ड का मुख्य अभियुक्त सोनू उर्फ सतीश यादव पुत्र छोटेलाल यादव निवासी दक्षिण टोला बंकी एक गिरोह बंद बदमाश है जिसे पुलिस ने अब गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे पहुॅचा दिया है,दरअसल मो0सलमान जो कि फेरी लगाकर कपड़े का छोटा मोटा व्यवसाय करता था और बाजार बाजार दुकान लगाकर फुटपाथ पर तिजारत करता था,से बराबर सोनू मुॅहमांगी वसूली किया करता था।घटना वाले दिन भी सोनू यादव ने सलमान पर दबाव डाला कि उसने 5 हजार रुपये कमाए है इसमें उसका हिस्सा मिलना चाहिए।बताते है कि सलमान राजी ख्ुाशी से सौ रुपये दे रहा था इस पर सोनू ने उसे धमकाते हुए पैन्ट से तमंचा निकाल कर उसकी गर्दन पर रख कर कहा कि पैसा देते हो या गोली मार दे।सलमान से यहीं चूक हो गयी वह समझा कि यह केवल धमका रहा है गोली नही चलाएगा,परन्तु यह उसका गुमान साबित हुआ और एक धमाके के बाद सलमान जमीन पर गिर कर खून में लथपथ तड़पने लगा।
 यह भी पता चला है कि सोनू यादव का पिता छोटेलाल यादव ने दक्षिण टोला में एक विधवा से अवैध सम्बंध स्थापित कर उसे अपने घर बिठा लिया था और विधवा के सुसराल वालों पर जोर जबरदस्ती करके पैतृक सम्पत्ति के मकान के एक हिस्से पर अपना कब्जा जमा रखा है।बाप के ही पदचिहनों पर चलकर सोनू ने भी अपने हाथ पैर दिखाने शुरु कर दिये थे और बताते है कि स्थानीय चैकी पुलिस से उसके मधुर सम्बंध थे।कस्बावासियों में इस बात को लेकर असंतोष है कि  यदि बंकी चैकी पुलिस अपने कर्तव्यों का निर्वाह ठीक ढंग से कर रही होती तो शायद सोनू यादव इतना दबंग न हुआ होता और यदि उसके हौसले बुलन्द न होते तो शायद सलमान की हत्या भी न हुई होती।बंकी में जुॅए की फड़ का यही आलम है कि यह मोहल्ले के घरो से लेकर बाग बगीचो व कब्रिस्तान इत्यादि में जुआरियों टोलियों के द्वारा बराबर बिछायी जाती है।प्रतिदिन हजारों रुपये का व्यारा न्यारा होता है और पुलिस इसमें सहभागी रहती है।
 

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