बुधवार, 22 सितंबर 2010

एण्टी रैबीज वैक्सीन के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है मरीज,

बाराबंकी।उ0प्र0 विधान सभा में प्रश्न काल के दौरान भले ही बाराबंकी में एण्टी रैबीज वैक्सीन की सरकारी अस्पताल में अनुपलब्धता का प्रश्न उठाया गया हो परन्तु यहाॅ जनपद में आज भी एण्टी रैबीज वैक्सीन की जबरदस्त मारामारी चल रही है।ग्रामीण अंचलों में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो तथा सामुदायिक केन्द्रो में एण्टी रैबीज वैक्सीन अरसे से नही है,जिला अस्पताल की भी हालत कोई अच्छी नही है।यहाॅ गरीब मरीजों के लिए यह वैक्सीन उपलब्ध नही है,हाॅ रसूखदारों के लिए यह हर समय उपलब्ध रहती है या फिर फार्मासिस्ट की मुट्ठी गरम करके यह मयस्सर हो जाती है।
 कुत्ता,बंदर,बिल्ली ,घोड़ा सहित अन्य मवेशियों द्वारा इंसान को काटने पर रैबीज रोग के संक्रमण का खतरा रहता है,इसके निरोध केे लिए एण्टी रैबीज वैक्सीन लगायी जाती है।जिसकी एक वायल की कीमत बाजार में लगभग 350 रुपये की होती है।इस एक वायल से 4 डोज उस व्यक्ति को लगाए जाते है जिसको उक्त किसी मवेशी ने काट खाया हो।यूॅ तो साल भर सरकारी अस्पतालों में इस रोग की सम्भावना के रोगी आते रहते है परन्तु मवेशियों के सहवास के सीजन में इस प्रकार के रोगियों की संख्या बढ जाती है।चूॅकि इस समय कार्तिक माह दस्तक देने के करीब है।अतः मवेशियों के द्वारा काटने के मरीजो की संख्या में दिन प्रति दिन इजाफा हो रहा है।
 ऐसे में गरीब लोग ही अधिकांशतः इन मवेशियों के काटने के शिकार होकर सरकारी अस्पतालों में इस उम्मीद से पहुॅचते है कि शायद उन्हे रैबीज वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध हो जाए।परन्तु ग्रामीण अंचलों में मौजूद सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रो पर न तो डाक्टर उन्हे मिलता है और न वैक्सीन।मारे खरेदे बेचारे मरीज जब जिला अस्पताल की चैखट पर आते है,तो यहाॅ भी उन्हे निराशा हाथ लगती है और जिला अस्पताल के ओ0पी0डी0 के एक कमरे में लगाए जा रही इन वैक्सीन की उपलब्धता आम मरीजो के लिए नही रहती है,उन्हे कोरा जवाब फार्मासिस्ट द्वारा दे दिया जाता है  और बाजार से वैक्सीन लाने का फरमान जारी कर दिया जाता है।जो मरीज थोडा बहुत सक्षम होते है वह तो बाजार से यह वैक्सीन ले आते है परन्तु जो मरीज अस्पताल के हालात से परिचित होते है वह फार्मासिस्ट को उसकी मुॅह मांगी रकम यह वैक्सीन आसानी से प्राप्त कर लेते है।
 अभी चन्द दिन पूर्व अवधनामा के पत्र विक्रेता जब जिला अस्पताल अपने एक नातेदार को यह वैक्सीन लगवाने जिला अस्पताल के ओ0पी0डी0 पहॅुचे तो उन्होने देखा कि 50-50 रुपये फार्मासिस्ट को देकर यह वैक्सीन लोग लगवा रहे है।चूॅकि उसको भी अपने एक नातेदार को यह वैक्सीन लगवानी थी अतएव उसमें भी फार्मासिस्ट की मुट्ठी गरम करके यह वैक्सीन लगवा ली।जिन लोगो ने उस दिन यह वैक्सीन 50-50 रुपये देकर लगवायी उनके नाम इस प्रकार है-चन्द्र बिहारी लाल सैनी बरियारपुर थाना रामनगर,समशेर पता अज्ञात,दिव्यांशु नि0लोहारनपुरवा,थाना रामनगर,शुभम नि0 लोहारनपुरवा थाना रामनगर और जगतनारायण नि0ग्राम अमौलीेकलाॅ थाना रामनगर।
 इस बाबत जब जिला अस्पताल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0बी0एस0शुक्ला से एण्टी रैबीज वैक्सीन पैसे से अवैध बिक्री करने की शिकायत अवधनामा संवाददाता द्वारा की गयी तो उन्होने इसे निराधार बताया परन्तु यह स्वीकारा कि जिला अस्पताल में कन्ट्रोल के साथ यह वैक्सीन रोगियों को लगायी जाती है एक सिरे से इसे लगाना सम्भव ही नही है।

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