मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010

मुफलिसी की जिन्दगी से परेशान कृषक ने फाॅसी लगायी

बाराबंकी। गरीबी की जिन्दगी से तंग आकर थाना जैदपुर के इचैलिया गांव के मजरे छुलिहा पुरवा में एक मजदूर पेशा व्यक्ति ने फॅासी का फन्दा अपने गले में डालकर बेरहम जमाने से मुक्ति प्राप्त कर ली।
 यह दर्दनाक घटना मृतक के गांव व उसके आस पास के गांव मे आज दिनभर चर्चा का विषय बनी रही, शाम को पोस्टमार्टम के बाद उसकी मिट्टी में काफी लोगो ने शिरकत की। प्राप्त सूचना के अनुसार मोहम्मद शमीम (28)पुत्र स्व0रमजान नाम का यह व्यक्ति काफी गरीबी में अपने दिन काट रहा था। चन्द विसवे जमीन के अतिरिक्त बटाई व मजदूरी उसकी जीविका का सहारा था। अल्पसंख्यक समुदाय से मतलब रखने वाले को सरकारी कोई सुविधा मयस्सर न थी, न उसके पास बी0पी0एल0कार्ड न अंत्योदय कार्ड, हाॅ अमीरों वाला कार्ड अवश्य था। मनरेगा के अंतर्गत दिए जाने वाला जाबकार्ड भी उसका नही बना था। छोटे छोटे दो बच्चों पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के जीविकोपार्जन का बोझ उसके ऊपर था जिसे चाहकर भी उठा नही पा रहा था। उसके भाई अजीज के अनुसार गांव मंे अधिकांश मुस्लिम वर्ग के लोगो का बी0पी0एल0कार्ड व जाब कार्ड नही बना है।
 मो0शमीम की लाश आज प्रातः 5 बजे गांव के पूरब रामलाल के आम के बाग में एक वृक्ष से उसकी तहमद के सहारे फाॅसी के फन्दे पर झूलती पायी गयी। जिसकेा सर्वप्रथम शौच के लिए गए गांव वालों ने देखा। घटना की सूचना पाकर पहुॅची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।

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