गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

श्री मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 लखनऊ का बयान किया -----------गवाह 5 बयान जारी ----5

(31)
ST 310/08

            Court of spcle/EC Act
            4/5 121a, 353 IPC
            18. 20, 23विधि
            विरूद्ध क्रियाकलाप
            अधि0
            धारा 4/5 विस्फो0
            पदार्थ अधि0
            थाना कोतवाली 
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जिरह जारी Page ext 31
श्री मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक
एस0टी0एफ0 लखनऊ ने सशपथ
बयान किया कि:-
पुनः शपथ दिलाई गई।
जब हमारे आफिस से किसी की रवानगी
होती है तो उसकी इन्ट्री रजिस्टर पर होती है
खुद कहा यह नियम अराज पत्रित
अधिकारियों के लिए है। वापसी में
अधिकारियों की वापसी इन्द्राज जी0डी0
में नही होता है और खुद कहा कि
रवानगी व वापसी की जी0डी0 में इन्द्राज
केवल अराजपत्रित कर्मचारियों की
होती है। जो वाहन सरकारी कार्य से
जाते हैं उनकी लाक बुक भरी जाती है।
गैर सरकारी कार्य के लिए वाहन नहीं
जाते हैं। जब हम लोग किसी अभियान
में जाते हैं तो अपने से एक ऊपर अपर
अधिकारी को सूचना देते हैं। अभियान
से वापस आने के बाद प्रेस कान्शफ्रेस
करना न करना वरिष्ठ अधिकारियों के
ऊपर निर्भर करता है।
प्रश्न-    कचेहरी बम विस्फोट लखनऊ, फैजाबाद
एवं वाराणसी के बाद अति0 पुलिस
महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री बृजलाल
का स्टेटमेंट प्रकाशित हुआ था कि इन
बम विस्फोटों की कार्यशैली, इस्तेमाल किए
गए कैमिकल व उससे सम्बंधित अन्य पदार्थ   (32)
मक्का मस्जिद हैदराबाद बम विस्फोट, गोकुल
चाट हाउस से मिलती जुलती है?
उत्तर-इसके सम्बंध में मुझे कोई जानकारी
नही है।
    इस आपरेशन के बाद हमारे वरिष्ठ
अधिकारियों के द्वारा प्रेस कान्फ्रेंस की
गई थी। मुझे यह ध्यान नही है कि उक्त
प्रेस कांफ्रेंस ।ADG श्री बृजलाल ने किया
था या एस0एस0टी0 (एस0टी0एफ0) श्री अमिताथ यश
ने किया था। उन्होंने FIR हमारी
जानकारी के अनुसार प्रेस कांफ्रेंस की थी।
इस मुकदमें में गिरफ्तारी के बाद ये
अभियुक्तगण एस0टी0एफ0 हेड क्वार्टर पर
रखे गये थे किन्तु मेरी इनसे कोई मुलाकात
नहीं हुई थी।
    यह कहना गलत है कि ये गिरफ्तारियां
फर्जी हैं। यह भी कहना गलत है कि
गिरफ्तारियां फर्जी और सोची समझी रणनीति
के तहत की गयी है।
for decuse tarig razimi XXXX
Mr. Mohd. Suaib Adv.    मैं 6 दिसम्बर 2006 से एस0टी0एफ0
में तैनात हूँ। इस घटना से पूर्व आतंकवादी
संगठन हूजी के कुछ आतंकवादी एस0टी0एफ0
द्वारा पकड़े गए वो उनमें से किसी मुल्जिम
से मैंने कोई पूछतांछ नही की थी। ये हूजी
के आतंकवादी है इस बात की सूचना मुझे
मेरे मातहतों ने दी थी।
    केन्द्रीय जांच एजेंसियों के सीधे सम्पर्क
में हम लोग नही रहते हैं हमारे उच्चाधिकारी
रहते हैं। केन्द्रीय जांच एजेंसियों से कोई भी
सूचना मुझे सीधे प्राप्त नही हुई। हमारे
   (33)
    स0 ब0 खालिद मुजाहिद आदि 
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18-2-11जिरह जारी 33
सवार्डीनेट कर्मचारियों ने मुखबिर की
तैनाती की थी। उन मुखबिरों से हमारी
कभी कोई बात नही हुई इस अभियान
में चलने से पूर्व।
    दिनांक 23 नवम्बर 2007 से 22 दिसम्बर
2010 तक कितने वाहन एस0टी0एफ0 हेड
क्र्वाटर या अन्य स्ािान पर थे, मैं नही
जानता हूं। जितनी भी सरकारी गाडि़या
होती है उनका रनिंग रजिस्टर होता है।
प्रश्न-    ये कब लगा लखनऊ, फैजाबाद एवं
वाराणसी बम विस्फोट के बाद अभि0
तारिक काजमी का नाम आप की जानकारी
में कब आया?
उत्तर-     लखनऊ कचेहरी में हुए
बम विस्फोट के बाद की विवेचना
तत्कालीन सी0ओ0 चैक श्री चिरंजीव नाथ
सिन्हा थे उन्ही से मुझे इस बात की जानकारी
हुई की कि उनकी गिरफ्तारी से कई
दिन पूर्व इसमें तारिक काजमी एवं खालिद
मुजाहिद का हाथ था।
    चिरंजीव सिन्हा उक्त घटना के बाद
लगातार एस0टी0एफ0 के सम्पर्क में रहते
थे। मुझे इन लोगों के नाम की जानकारी
श्री चिरंजीव सिन्हा से ही मिली थी किसी
अन्य से नही।
    उक्त अभियुक्तगण के गिरफ्तारी से
पूर्व जो STF द्वारा पकड़े गए थे उनमें
से सब का नाम याद नही है एक अभियुक्त
का नाम याद है उसका नाम बाबू भाई था।
मैंने बाबू भाई से कोई पूछतांछ नही की थी।   (34)
इन अभियुक्तों के पकड़े जाने से पूर्व पकड़े
गए अभि0 गण किस स्थान से पकड़े
गए थे मुझे इस सम्बंध में कोई जानकारी
नही है क्योंकि मैंने सीधे कोई पूछतांछ
नही की थी। लेकिन इम्टलीजेंस सूत्र से
सूचना मिली थी कि आजमगढ़ एवं जौनपुर
जनपदों एवं उ0प्र0 के अन्य कई जनपदों में
हूजी अपना जाल बिछाए हुए है।
मुझे यह याद नही है कि दि0 22/12/07
को पहले श्री चिरंजीव सिन्हा से कितनी बार
मुलाकात हुई थी।
    दिनांक 22.12.07 को मेरी मुलाकात
एस0टी0एफ0 आफिस में श्री चिरंजीव सिन्हा
से 2.30 एएम पर हुई थी। इस समय
श्री सिन्हा मुझसे औपचारिक रूप से मिले थे।
फिर अन्य अधिकारी के पास चले गये थे।
उस समय श्री सिन्हा जब मुझसे मिले थे तो
इस घटना के अनावरण के सम्बंध सामान्य
चर्चा की थी। इसके बाद श्री सिन्हा नीचे
अधिकारियों के पास एस0टी0एफ0
आफिस से प्रस्थान करने तक बैठे थे।
    हम लोग आफिस से 4.30 एएम पर चले थे
मुझे 2.30 एएम एवं 3.00 एएम के माध्य यह सूचना
मिली थी कि अभियान पर चलना है।
मुझे वरिष्ठ अधिकारियों ने चलने के लिए
अपने नेतृतव में टीमें बनाकर अभियान
पर प्रस्थान हेतु निर्देशित किया था।
वरिष्ठ अधिकारियों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
एस0टी0एफ0 श्री अमिताभ यश थे। वरिष्ठ
पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 ने 2.30 एएम
से 3.00 एएम के मध्य है निर्देशित किया था।
    चलने वाली टीम के कुछ सदस्य वहां
पर उस समय मौजूद थे और कुछ लोगों को
बुलाया गया था। वहां पर उस समय डिप्टी
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               ST No. 310/8
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जिरह जारी 35
एस0पी0 एस0 आनन्द एसटी0एफ0 के
उप निरीक्षक धनंजय मिश्रा, उप निरीक्षक
ओ0पी0 पाण्डे, उप निरीक्षक वी0के0 सिंह
CO चैक चिरंजीव नाथ सिन्हा, मेरे हमराही
कर्मचारीगण तथा एस0 आनन्द के हमराही
कर्मचारीगण इसके अलावा कुछ और भी
कर्मचारी मौजूद थे जिनके नाम इस समय
याद नही हैं। जिन लोगों को बुलाया
गया था वे लोग सुबह 3.00 से 4.00 के मध्य
अलग-अलग समय पर आ गए थे।
    टीमों का गठन समस्त कर्मचारी के
आने के बाद किया गया था। टीम में
जाने के लिए जैसे-जैसे अराजपत्रित
कर्मचारी आते गए वैसे वैसे जी0डी0 में
उनकी आमद नही करायी गई थी जाने
से पूर्व करायी गयी थी।
    चारो टीमों के गाडि़यों के ड्राइवरों
का नाम इस समय मुझे याद नही है।
एक दो का बता सकता हूँ। चारो टीम
के टीम लीडरों का नाम मैं बता सकता हूँ।
पहली टीम मेरी नेतृत्व में थी, दूसरी टीम
के इंचार्ज सब इंसपेक्टर सत्य प्रकाश सिंह थे।
तृतीय टीम के इंचार्ज सब इंसपेक्टर श्री धर्मेश
साही थे तथा चतुर्थ टीम के इंचार्ज सब इन्सपेक्टर
श्री संदीप मिश्रा थे। सभी टीमों में कितने
कितने सदस्य थे इस समय मुझे याद नही है।
मेरी टीम में ड्राइवर मिलाकर 10 (दस)
सदस्य थे जिनमें से कुछ के नाम बता
सकता हूँ। टीमों के गठन में मुझे लगभग
15-20 मिनट समय लगा होगा।  (36)
चारो गाडि़यों के नाम इस समय मुझे
याद नही है अपनी गाड़ी का याद है।
चलने से पहले मैंने चारो गाडि़यों का
मुआयना नही किया था। चलते समय
हम लोगों की गाडि़यों में टीम के सदस्य
व उनसे सम्बंधित सरकारी असलहे थे
और कुछ नही था।
दिनांक 22.12.07 से पूर्व वर्ष 2004 में
10 पी0ए0सी0 बटालियन बाराबंकी में चार
महीने पोस्टेड था इस दरमियान में सिर्फ
एक बार बाराबंकी शहर आया था।
    दिनांक 22.12.07 को मुझे बाराबंकी
शहर के भूगोल का कोई विशेष ज्ञान
नही था।
       Continue

                उक्त बयान सुनकर
                तस्दीक किया
उक्त बयान मेरे बोलने
पर मेरे पेशकार
ने अंकित किया।
   Spduge / EC act.
    BBK
    18-2-11

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