गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

श्री मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 लखनऊ का बयान किया -----------गवाह 5 बयान जारी ----6

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स0 व खालिद मुजाहिद आदि
PW 5
31-03-11जिरह जारी पेज नं0 37
    श्री मनोज कुमार झा, अपर पुलिस अधीक्षक
एस0टी0एफ0 लखनऊ में आज सशपथ
बयान किया कि:-
जिरह मो0 शुऐब एडवोकेट के द्वारा-
रेलवे स्टेशन बाराबंकी के बाहर
सड़कों की जानकारी मुझे नही थी
बल्कि मेरे साथ जो कर्मचारी थे
उन्हें सड़कों की पूर्ण जानकारी थी।
चारों टीमों की गाडि़यां अलग अलग
खड़ी की गयी थी। मेरी गाड़ी नाम के
पेड़ के पास पीछे छिपाकर खड़ी की गयी थी।
नीम के पेड़ के पूरब क्या था इसकी मुझे
कोई जानकारी नही है। नीम के पेड़
के पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण क्या था
मुझे ज्ञात नही है क्योंकि उस समय
मुझे दिशाओ का ज्ञान नही था।
    जहां पर मेरी गाड़ी खड़ी थी वहां से
रेलवे स्टेशन की बाहरी बिल्डिंग दिखाई
दे रही थी। इसके अलावा कोई और
बिल्डिंग थी या नहीं मुझे ध्यान नही है।
आसपास कोई अन्य पेड़ थे या नही
मुझे ध्यान नही है। जहां पर मेरी टीम
खड़ी थी वहां पर कोई पेड़ का या नहीं
ध्यान नही है।
    जहां पर मेरी टीम खड़ी थी वहां पर
एक छोटा सा दफ्तर/छोटी सी बिल्डिंग बनी
हुई थी। जहां पर अभियुक्त
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रिक्शे से उतर रहे थे वहां पर पीछे कुछ
दुकाने बनी थी और एक तरफ रेलवे स्टेशन
की बिल्डिंग थी। इसके अलावा कोई और
बिल्डिंग थी या नही मुझे ध्यान नही है।
उस जगह पर कोई लाल, पीला, काला, हरा, नीला
झण्डा आदि फहरा रहा था या नही यह
भी मुझे ध्यान नही है।
    दौरान तलाशी मुल्जिमान प्रारम्भ में सारी दुकाने
बंद थी। थाना बाराबंकी के लिए घटना
स्थल से सुबह करीब 9.00 बजे रवाना हुए
थे। 9.00 बजे तक घटनास्थल के करीब
कोई दुकाने खुली थी या नहीं मुझे ध्यान
नही है। जामा तलाशी के दौरान मुल्जिमान
खड़े थे। अभि0 तारिक एवं खालिद की जामा
तलाशी किन किन पुलिस कर्मियों द्वारा ली
गयी थी यह मुझे याद नही है।
दौरान गिरफ्तारी मुल्जिमान मेरी गाड़ी
का ड्राइवर अपनी गाड़ी के पास था। दौरान
तलाशी मुल्जिमान के पूर्व ही मेरी गाड़ी का
ड्राइवर वहां आ गया था। ड्राइवर कोई
सामान लेकर नही आया था। दौरान तलाशी
अभि0 खालिद एवं तारिक के पास से जो
मोबाइल मिले थे और सिम मिले थे उनका
उल्लेख फर्द में किया गया था इस
समय याद नही है। यह कहना गलत है
कि बरामद मोबाइल एवं सिम से बरामदगी
के बाद कोई बात की गई थी।
जहां तक मुझे जानकारी है एजाजी
पुलिस इनकाउंटर में, इन मुल्जिमानों के
गिरफ्तारी के बाद जम्मू कश्मीर में कही
मारा गया था डिटेल IO सकते हैं
    अब्दुल रकीब के बारे में मुझे कोई
विस्तृत जानकारी नही है।
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ST No. 310/08
स0 व खालिद मुजाहिद आदि
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31-03-11जिरह जारी पेज नं0 39
दानिश सरवर एवं तौकीर खालिद
कश्मीरी ये लोग हूजी से जुड़े
प्रतिबंधित संगठन के आतंकवादी
है। इनसे सम्बंधित जानकारी विवेचक
को होगी।
अभियुक्त ने राजू उर्फ मुख्तार निवासी
पश्चिम बंगाल का नाम पूछतांछ के
दौरान बताया था इसके सम्बंध में
जानकारी विवेचक द्वारा की गयी होगी।
अभियुक्त गण ने पूछतांछ के दौरान
यह बताया था कि यह विस्फोटक
पदार्थ जो मेरे पास से बरामद हुआ
है उसे इमरान गुरू को देना था।
उस समय इमरान गुरू के सम्बंध में हम
लोगों ने कोई जानकारी नहीं की थी
क्योंकि हम लोगों को इमरान गुरू
का न तो पता बताया गया था और
न ही हुलिया।
दि0 23.11.07 को कौन सा दिन था
इस समय याद नही है। मैं यह नही
बता पाउंगा कि मुस्लिम मदरसों में साप्ताहिक
अवकाश किस दिन होता है।
दौरान पूछतांछ खालिद ने यह भी बताया
था ............ 23.11.07 की हाजिरी
दर्ज कर दी। इस बयान के बाद हाजिरी
रजिस्टर व कापियों को मैंने नही देखा था
यह प्रक्रिया विवेचक से सम्बंधित है। (40)
मेरे द्वारा मुख्य परीक्षण में बताया गया
मुल्जिमान का बयान हमारी
अभिरक्षा (पुलिस कस्टडी) में लिया
गया बयान है।
    यह कहना गलत है कि अभियुक्त
खालिद मुजाहिद एवं तारिक काजमी को
रेवले स्टेशन बाराबंकी के पास नही
गिरफ्तारी किया था।
    यह भी कहना गलत है कि मैं उक्त
दोनों अभियुक्तों को अपनी गाड़ी में
बिठाकर एस0टी0एफ0 कार्यालय लखनऊ
से बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास
आए। और यह भी कहना गलत है
कि बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास
शोर एवं दहशत फैलाकर हम लोगों
ने उक्त मुल्जिमानों की फर्जी गिरफ्तारी
दिखाई है।
    यह भी कहना गलत है कि मुल्जिमान
रिक्शे से नही आए थे इसीलिए रिक्शे
वाले को मैंने गवाह नही बनाया और
न उसके बयान लिए।
    यह कहना गलत है कि चारो टीमें
लखनऊ कार्यालय से सीधे रेलवे स्टेशन
बाराबंकी आयी थीं
    यह भी कहना गलत है कि हमारे
साथ आयी टीमों में से एक टीम का एक जवान
जाकर रिक्शे पर बैठा जिसे दूसरे जवानों ने
उठाकर अपनी गाड़ी में डाल लिया।
    यह भी कहना गलत है कि अभि0
खालिद मुजाहिद दि0 16.12.07 से तथा मो0
तारिक कासिमी दि0 12.12.07 से एस0टी0एफ0
के अभिरक्षा में थे। (41)
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स0 व खालिद मुजाहिद आदि
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31-03-11जिरह जारी पेज नं0 41
यह भी कहना गलत है कि 12.12.07
से मो0 तारिक कासिमी को और दि0 16.12.07
से मो0 खालिद मुजाहिद को दि0 22.12.07
तक एस0टी0एफ0 की अभिरक्षा में रखकर
उन्हें प्रताडि़त किया गया।
    यह भी कहना गलत है कि एस0टी0
एफ0 अभिरक्षा के दौरान अभि0 गण को
नाक से पानी पिलाया गया हो। बर्फ
की सिल्ली पर लिटाया गया हो, उल्टा करके
सिर पर पानी डाला गया है, पैर के तलुओं
पर चोट पहुंचायी गयी हो, जगाए रखने
के लिए सिर के ऊपर बल्ब जला
दिया गया हो, पेशाब एवं शराब
पिलाई गई हो।
    यह भी कहना गलत है कि अभि0 खालिद
मुजाहिद के पेशाब की नली में तागा
बांधा गया और उसके दूसरे छोर पर
ईंट बांधा गया हो।
    यह भी गलत है कि अभि0
खालिद मुजाहिद की दोनों टांगे फैलाकर
सिपाहियों को टांगों पर खड़ा कर पेशाब
नली चुसवाई गई हो। यह भी कहना
गलत है कि पेशाब नली व पाखाने के
मुकाम पर नमक एवं पेट्रोल डाला गया हो
    यह भी कहना गलत है कि दोनों
अभियुक्तगण की दोनों आंखों में पट्टी
बांधकर तरह तरह की चीजे हाथ में
पकड़वाई गई हो। (42)
यह भी कहना गलत है कि दोनों अभि0
गण को यातना देते हुए बयान रटाकर
उसकी वीडियाग्राफी करायी गई हो।
    यह भी कहना गलत है कि एस0
टी0एफ0 कार्यालय में पुलिस महानिदेशक
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था
आए और कहा कि इन्हें बयान रटाकर
वीडियो ग्राफी करायी जाए।
                उक्त बयान सुनकर
                तस्दीक किया।
उक्त बयान मेरे
बोलने पर मेरे
पेशकार ने
अंकित किया।
   Spduge / EC act.
        BBK
    31-3-11



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