गुरुवार, 2 अक्तूबर 2014

चिरंजीव नाथ सिन्हा पुलिस उपाधीक्षक लखनऊ का सशपथ बयान--------गवाह -----------4----------जारी---------2

(25)
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष सं0 5 बाराबंकी

ST 310/08
स वि0 खालिद मुजाहिद
व 1 अन्य
थाना कोतवाली
PW - 4
21.11.09
    चिरंजीव नाथ सिन्हा पुलिस उपाधीक्षक
STF उत्तर प्रदेश मुख्यालय लखनऊ ने सशपथ
बयान किया-
    Cross contunwel from last dated 9-10-09
    यह बैग बहुरंगी है। यह
बैग खालिद मुजाहिद से बरामद हुआ था। इस
बैग की सिलन थोड़ी खुली हुई है। इस बैग
पर लोगो लगा हुआ है जोwills  का है। मैं नही बता
सकता कि लोगो अलग से चिपका होता है या
प्रिन्टेड होता है। लोगो किसी कमपनी का
टेªड मार्क होता है। मैं नही बता सकता कि
यह wills  कम्पनी का बना बैग है या अन्य
किसी कम्पनी का। यह सही है कि इस प्रकार
के हैण्ड बैग सामान्यतया दुकानों पर बिकते हैं
यह हो सकता है कि इसे सामान्य नागरिक खरीदते
है तथा सामान्य नागरिक के पास भी यह
बैग होता है यह सामान्य बाजार में मिलने
वाला बैग है। 
    यह 350/- रूपये सामान्य प्रचालन में
भारत सरकार द्वारा जारी नोट है। इन रूपयों
के नम्बरी या उल्लेख मैंने नही किया है।
(26)

कुर्ते के ऊपर कोई टेªडमार्क नही है। इस कुर्ते
को देखकर यह नही कहा जा सकता है कि यह
किस कम्पनी का है। यह सामान्य कुर्ता है
कुर्ते का कालर उधड़ा हुआ है। वह थोड़ी
कुहनी पर कटी हुई है। दूसरी बांह में एक
छोटा सा छेद है। प्रथम दृष्टया कुर्ते के ऊपर
धोबी का या अन्य कोई चिन्ह अंकित नही है।
यह कुर्ता बाजार में भी मिल सकता है व
सिलाया भी जा सकता है पैजामे पर भी कोई
टेªड मार्क या धोबी का कोई चिन्ह अंकित नही है।
माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत उपरोक्त चीजों के
अलावा अन्य वस्तुए बरामद हुई थी जिनमें विस्फोटक
सामग्री, मोबाइल फोन सिम आदि थे।
मोबाइल फोन नोकिया कम्पनी का था।
नोकिया कम्पनी का माडल इस समय याद नही
है। मुझे इस समय याद नही कि सिम किस
कम्पनी के थे। स्वयं कहा कि उसका उपरोक्त
फर्द में किया है। सिम से सम्बंधित फोन नम्बर
इस समय याद नहीं है।
    मैं ठीक से नही बता सकता कि मैंने बयान
के दौरान कितनी बार याद नही शब्द का इस्तेमाल
किया है।
    यह कहना गलत है कि मेरी याददाश्त कमजोर
है। यह कहना गलत है कि मैं अदालत में सही बात
नहीं बताना चाहता हूँ इसलिए याद नही शब्द का
इस्तेमाल किया है।
    मैं उर्दू भाषा पढ़ना नही जानता हूँ।
मैं अरबी भाषा भी पढ़ना नही जानता हूँ।
मैं संस्कृत जानता हूँ। जेहाद का अभिप्राय  (27)

वर्तमान आतंकवादी घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में
यह है कि भारत राष्ट्र के विरूद्ध विदेशी
ताकतों द्वारा मुख्य तौर से भारत भूमि में
बाहर से भारतीय मूल के नौजवानों को गुमराह
कर अनुचित तरीकों से भारत में इस्लामिक
राज्य की स्थापना करना है जिसके लिए
आतंकवादी गतिविधियों को अपनाते हैं।
जेहाद शब्द का उपरोक्त अभिप्राय गलत नही है।

प्रश्न-    राजधानी लखनऊ तथा जनपद फैजाबाद
    जनपद वाराणसी में आतंकवादियों द्वारा
    किए गये बम धमाकों से उत्तर प्रदेश ही नही
    अपितु दिल्ली, मुम्बई हैदराबाद आदि प्रांतों
    में भी आतंकी साया है भय व आतंक के रूप
    में मंड़राने लगा था यह बात मुल्जिमानों ने
    आपको बताई भी या नही?
उत्तर-     लखनऊ फैजाबाद एवं वाराणसी कचहरियों
    में बम विस्फोट की बात मुझे मुल्जिमानों
    ने पूछताछ के दौरान बताया था। मुम्बई में
    भी बम विस्फोट की योजना उनकी थी यह
    भी उन्होंने बताया थी। सब बाते बताई
    थी कि नही मुझे इस समय याद नही।
फर्द बरामदगी में यह बात फर्द में
कि मुम्बई जाकर हम सब लोग विस्फोट करने
हेतु रेकी किया था। रेकी का अर्थ है कि
किसी स्थान पर जाकर उसकी भौगोलिक
संरचना एवं अन्य महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी
करना। रेकी शब्द किस भाषा का शब्द है
मैं नही बता सकता किन्तु उसका भाव मुझे पता है।
   (28)


फर्द बरामदगी में मैने विधि विरूद्ध क्रिया कलाप
की धारा 2 ;ैनइ ब्संेेद्ध ;डद्ध तथा 35 लिखा
है। इसकी परिभाषा नही लिखी है।
    यह कहना गलत है कि फर्द बरामदगी
में मैंने गंभीरता को बढ़ाने हेतु अपने मन से
शब्दों का प्रयोग किया है। फर्द बरामदगी प्रदर्श
क-4 तथ्यों के आधार पर वर्णित है।
    यह कहना गलत है कि मैंने
फर्द बरामदगी में अनावश्यक व वाद की गंभीरता
को बढ़ाने वाले शब्दों का इस्तेमाल किया है।  
(Sub Class) (M)
सुनकर तस्दीक किया
प्रमाणित किया जाता
है कि यह बयान मेरे
बोलने पर रीडर द्वारा
लिखा गया।
               

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