मंगलवार, 21 मार्च 2023

15 वां राष्ट्रीय महाधिवेशन इप्टा :ऐसा माहौल बनाया जाए, नफरत की आग बुझाई जाए

15 वां राष्ट्रीय महाधिवेशन इप्टा :ऐसा माहौल बनाया जाए, नफरत की आग बुझाई जाए अब कोई ऐसा माहौल बनाया जाए, नफरत की आग को बुझाया जाए......गीत से देश के प्रख्यात सूफी गायक मुख्यितार अली ने नफरत के खिलाफ प्रेम की आवाज को बुलंद किया। मौका इप्टा का 15 वां राष्ट्रीय महाधिवेशन पर शुक्रवार की रात शिवाजी मैदान आयोजित सांस्कृतिक संध्या का था। उन्होंने पद्मश्री गोपालदास नीरज की कविता- अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए, जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए.. की प्रस्तुति कर वाहवाही लूटी। उन्होंने नफरत के खिलाफ प्रेम की अलख जलाते हुए अमीर खुसरो, कबीर, गुलाम फरीद, बुल्लेशाह जैसे प्रेम और सद्भाव को तरजीह देने वाले सूफियों के कलाम को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ इप्टा के साथियों ने मणिमय मुखर्जी के नेतृत्व में सलिल चौधरी की धुन पर जनगीतों की प्रस्तुति दी। सोनाहातू, रांची के कलाकारों ने सुचांत महतो के नेतृत्व में पाइका लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। भागलपुर इप्टा के कलाकारों ने श्वेता भरती के नृत्य संयोजन में झिंझिया लोकनृत्य की मनभावन प्रस्तुति दी। ओडिशा इप्टा के कलाकारों ने भगवती स्त्रोत ‘जय भगवती देवी नमो वर दे’ पर ओडिशी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। पद्मश्री मधु मंसूरी ने ‘गाव छोडब नही, जंगल छोडब नही,माय माटी छोडब नही लडाय छोडब नही’गीत की प्रस्तुति दी। बीहट इप्टा के कलाकारों ने लक्ष्मी प्रसाद यादव के नेतृत्व ‘अइले नगाड़ा लैके इप्टा मैदान में’ जनगीत प्रस्तुत किया गया। इसके पहले सांस्कृतिक संध्या का आगाज झारखंड के आदिवासी कलाकारों द्वारा नगाड़ा वादन के साथ किया। कार्यक्रम का संचालन इप्टा के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र कुमार ने किया।

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